कवि परिचय कविता का सारांश यह कविता पंजाबी भाषा से अनूदित है। यह दिनोदिन अधिकाधिक नृशंस और क्रूर होती जा रही दुनिया की विदूपताओं के चित्रण के साथ उस खौफनाक स्थिति की ओर इशारा करती है, जहाँ प्रतिकूलताओं से
जूझने के संकल्प क्षीण पड़ते जा रहे हैं। पथरायी आँखों-सी तटस्थता से कवि की असहमति है। कवि इस प्रतिकूलता की तरफ विशेष संकेत करता है जहाँ आत्म के सवाल बेमानी हो जाते हैं। जड़ स्थितियों को बदलने की प्यास के मर जाने और बेहतर भविष्य के सपनों के गुम हो जाने को कवि सबसे खतरनाक स्थिति मानता है। कवि का मानना है कि मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ की मुट्ठी खतरनाक स्थितियाँ तो हैं, परंतु अन्य बातों से कम खतरनाक हैं। बिना कारण पकड़े जाना, कपट के वातावरण में सच्ची बात गुम होना या विवशतावश समय
गुजार लेना या गरीबी में दिन काटना आदि बुरी दशाएँ हैं, परंतु खतरनाक नहीं। कवि कहता है कि सबसे खतरनाक वह है जब व्यक्ति में मुदों जैसी शांति भर जाती है। ऐसी स्थिढ़ि में व्यक्ति की विरोध-शक्ति समाप्त हो जाती है। व्यक्ति बँधे-बँधाए ढरे पर चलता है तो उसके सपने समाप्त हो जाते हैं। समय की गति रुकना भी खतरनाक दशा है, क्योंकि व्यक्ति समय के अनुसार बदल नहीं पाता। मनुष्य की संवेदनशून्यता भी खतरनाक है। अन्याय के प्रति विद्रोह की भावना समाप्त होना भी गलत है। गीत भी जब मरसिए पढ़कर सुनाने लगे और आतंकित
व्यक्तियों के दरवाजों पर अकड़ दिखाए तो वह भी खतरनाक होता है। उल्लू व गीदड़ों की आवाज युक्त रात भी खतरनाक है। कवि कहता है कि जब मनुष्य आत्मा की आवाज को अनसुना कर देता है तो वह संवेदनशून्य हो जाता है। मेहनत का लुटना, पुलिस की मार, गद्दारी व लोभ की दशा अधिक खतरनाक नहीं है। व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न 1. मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती कपट के शर में शब्दार्थ विशेष- अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न उत्तर – 2. सबसे खतरनाक होता है । सबसे खतरनाक होता हैं शब्दार्थ विशेष-
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
3. सबसे खतरनाक वह आँख होती है जो चीजों से उठती अधेपन की भाप पर दुलक जाती है
शब्दार्थ विशेष-
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
4. सबसे खतरनाक वह चाँद होता है वीरान हुए
आँगनों में चढ़ता है शब्दार्थ विशेष–
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
5. सबसे खतरनाक वह गीत होता है आतांकित लोगों के दरवाज़ों पर शब्दार्थ विशेष-
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
6. सबसे खतरनाक वह दिशा होती है मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती शब्दार्थ विशेष-
अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
उत्तर –
काव्य-सौंदर्य संबंधी प्रश्न 1. कपट के शोर में मुट्टियाँ भींचकर बस वक्त निकाल लेना-बुरा तो है प्रश्न
उत्तर –
2. सबसे खतरनाक वह आँख होती है जो चीजों से उठती अधेपन की भाप पर दुलक जाती है प्रश्न
उत्तर –
3. सबसे खतरनाक वह दिशा होती है प्रश्न
उत्तर –
पादयपुस्तक से हल प्रश्न कविता के साथ प्रश्न
2: प्रश्न 3: प्रश्न 4: प्रश्न 5: प्रश्न 6: कविता के आस-पास प्रश्न 2:
प्रश्न 3:
अन्य हल प्रश्न लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 2: प्रश्न 3:
प्रश्न 4:
NCERT SolutionsHindiEnglishHumanitiesCommerceScience सबसे खतरनाक कविता के रचयिता कौन हैं?निगाह-दृष्टि। प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-1 में संकलित कविता 'सबसे खतरनाक' से उद्धृत है। इसके रचयिता पंजाबी कवि पाश हैं। पंजाबी भाषा से अनूदित इस कविता में, कवि ने दिनोंदिन अधिकाधिक नृशंस और क्रूर होती जा रही स्थितियों को उसकी विदूपताओं के साथ चित्रित किया है।
सबसे खतरनाक कविता का मूल भाव क्या है?कवि चाहता है कि हम अन्याय का डटकर प्रतिरोध करें और तटस्थ भाव को त्यागें। मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना- इनको सबसे खतरनाक माना गया है।
सबसे खतरनाक शब्द के बार बार दोहराए जाने से कविता में क्या क्या असर पैदा हुआ है?सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ? उत्तर: 'सबसे खतरनाक' शब्द के बार-बार दोहराए जाने से खतरनाक बातों के प्रति पाठकों का ध्यान जाता है। यह शब्द उस विभीषिका को बताता है जो समाज को निर्जीव कर रही है।
कवि ने कौन सी रात को सबसे खतरनाक बताएं?Answer. उल्लू व गीदड़ों की आवाज युक्त रात भी खतरनाक है। कवि कहता है कि जब मनुष्य आत्मा की आवाज को अनसुना कर देता है तो वह संवेदनशून्य हो जाता है। मेहनत का लुटना, पुलिस की मार, गद्दारी व लोभ की दशा अधिक खतरनाक नहीं है।
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