Musical Instruments Names in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम यहां पर वाद्य यंत्रो के नाम हिन्दी और अंग्रेजी में जानेंगे। यहां पर हमने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के नाम के साथ ही उनके फोटो भी उपलब्ध किये है, जिससे आपको इनके बारे में और भी ज्यादा जानने में आसानी होगी। Show कई बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षा में भी इन वाद्ययंत्रों के बारे में पूछा जाता है इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को बहुत समस्या आती है, यहां पर उपलब्ध वाद्य यंत्रो के नाम की लिस्ट से विद्यार्थियों को बहुत मदद मिलेगी। वाद्य यंत्रो के नाम – Musical Instruments Names in HindiवीणाHarpशहनाईClarinetढोलकTomTomशंखConchघंटीBellसीटीWhistleबीनाGourd FluteमजीराCymbalघंटाGongमराकासMaracasछोटा ढोलTabसितारSitarपियानोPianoबांसुरीFluteतबलाTaborघंटी, घंटाBellसींगHornअलगोजाBassoonबीन-बाजाMouth-Organसारंगी, बेलाViolinटुबाTubaबिगुलClarionढोल, नगाड़ाDrumमरचंग, यहूदी सारंगीJew’s Harpकीबोर्डkeyboardगिटारGuitarतुरही, करनाईBungleअकॉर्डियनAccordionडुगडुगीDrumetसरोदSarodसैक्सोफोनSaxophoneमशक बाजाBagpipeहारमोनियमHarmoniumबैंजोBanjoचंग, खञ्जरीTambourineवीणाभारत के लोकप्रिय वाद्ययंत्र में वीणा बहुत ही लोकप्रिय वाद्ययंत्र है वीणा का अधिक प्रयोग शास्त्रीय संगीत में होता है वीणा भारतीया सुर ध्वनिओं के लिये प्रयुक्त होने वाले प्राचीनं वाद्ययंत्रों में से एक है। शहनाईशहनाई का प्रयोग हर तरह के संगीत कार्यक्रम में किया जाता है शहनाई भी प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों में से एक है जिसका सबसे प्रसिद्ध वादक स्वर्गीय उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां को समझते हैं। इसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत में भी किया जाता हैं। ढोलकढोल, ढोलक या ढोलकी भारत के प्राचीन ताल वाद्य यंत्रों में सबसे पहले गिने जाते हैं। भारत के उतर भाग में इन वाद्ययंत्रों का अधिक प्रयोग देखने को मिलता हैं। शंखशंख एक सागर के जलचर का बनाया हुआ ढाँचा है, जो कि ज्यादातर पेचदारवामावर्त या दक्षिणावर्त में बना होता है। मंजीराभजनों में मंजीरा महत्वपूर्ण रूप से प्रयोग में लिया जाता है। इस वाद्ययंत्र में दो छोटी और गहरी मिश्रित धातु से बनी कटोरियाँ होती है, जिसका मध्य भाग गहरा होता है। इन दोनों को आपस में डोरी से बांधा जाता हैं। इसे बजाने के लिए दोनों हाथो का प्रयोग होता है। एक हाथ में एक मंजीरा और दूसरे हाथ में दूसरा मंजीरा। सितारइस वाद्ययंत्र को भारत का राष्ट्रीय वाद्ययंत्र भी कहा जाता हैं। इस वाद्ययंत्र द्वारा मन की भावनाओं को व्यक्त किया जा सकता हैं। इस वाद्ययंत्र को बनाने के लिए हिन्दू और मुसलमानों के वाद्ययंत्र प्रयोग में लिए गये है। पियानोपियानो का आविष्कार 10वीं शताब्दी से माना जाता है। इस लोकप्रिय वाद्ययंत्र में कुल 88 स्वर होते हैं जो कि अष्टको में विभाजित होते हैं। इस वाद्ययंत्र को महावाद्य भी कहा जाता है। बांसुरीबांसुरी हमें कहीं पर देखने को मिल जाती है। यह एक बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय वाद्ययंत्र है जो अत्यंत मधुर ध्वनि उत्पन्न करती है। इसे भगवान श्री कृष्ण का वाद्ययंत्र भी कहा जाता है। तबलायह वाद्ययंत्र दो भागों में विभाजित होता है जो अलग-अलग भागों में दायाँ और बायाँ में विभाजित होता है। दाहिने तबले को दाहिने हाथ से और बाएं तबले को बाएं हाथ से बजाया जाता हैं। यह बहुत में बहुत ही लोकप्रिय वाद्ययंत्र हैं। सारंगीसारंगी का प्रयोग शास्त्रीय संगीत में बहुत ही अधिक होता है। इस वाद्ययंत्र को गाने के साथ में बजाया जाता है। यह गायकी प्रधान वाद्य यंत्र है। ढोलढ़ोल वाद्ययंत्र का प्रयोग लोक संगीत या भक्ति संगीत में ताल देने के लिए काम में लिया जाता है जिसे छड़ी या हाथ से बजाये जाते हैं और यह छोटे नगाड़े होते हैं। कीबोर्डइसका इस्तमाल मुख्य रूप से Computer में commands, text, numerical data और दुसरे प्रकार के data को enter करने के लिए किया जाता है। एक user computer के साथ बातचीत करने के लिए input devices जैसे की keyboard और mouse का इस्तमाल करते है। गिटारगिटार का अधिक विकास सितार से हुआ है इनको बनाने के लिए हल्की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। इसमें 6 तार बंधे होते हैं, जिन्हें हाथ की अँगुलियों से छेड़ने पर ध्वनि निकलती है। इस वाद्ययंत्र का प्रयोग एकल गायन के लिए किया जाता है, जो आज के समय में बहुत ही प्रसिद्ध हो रहा है। तुरहीतुरही में कोई छिद्र नहीं होता, केवल हवा फूँककर उसके विभिन्न दवाबों, ऊँचे-नीचे स्वरों की उत्पति की जाती है। इसीलिए इसमें दो-तीन स्वर बहुत तेज आवाज़ से निकलते हैं। हारमोनियमएक संगीत वाद्य यंत्र है जिसमें वायु प्रवाह किया जाता है और भिन्न चपटी स्वर पटलों को दबाने से अलग-अलग सुर की ध्वनियाँ निकलती हैं। इसमें हवा का बहाव पैरों, घुटनों या हाथों के ज़रिये किया जाता है। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर की गई यह जानकारी “वाद्य यंत्रो के नाम (Musical Instruments Names in Hindi)” आपको पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। Read Also
Telegram Rahul Singh Tanwar इनका नाम राहुल सिंह तंवर है। इनकी रूचि नई चीजों के बारे में लिखना और उन्हें आप तक पहुँचाने में अधिक है। इनको 4 वर्ष से अधिक SEO का अनुभव है और 6 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे है। इनके द्वारा लिखा गया कंटेंट आपको कैसा लगा, कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आप इनसे नीचे दिए सोशल मीडिया हैंडल पर जरूर जुड़े। सबसे पुराना वाद्य यंत्र कौन सा है?वीणा सुर ध्वनिओं के लिये भारतीय संगीत में प्रयुक्त सबसे प्राचीन वाद्ययंत्र है। समय के साथ इसके कई प्रकार विकसित हुए हैं (रुद्रवीणा, विचित्रवीणा इत्यादि)। किन्तु इसका प्राचीनतम रूप एक-तन्त्री वीणा है।
वाद्य यंत्र का अर्थ क्या होता है?एक वाद्य यंत्र का निर्माण या प्रयोग, संगीत की ध्वनि निकालने के प्रयोजन के लिए होता है। सिद्धांत रूप से, कोई भी वस्तु जो ध्वनि पैदा करती है, वाद्य यंत्र कही जा सक शैक्षणिक अध्ययन, अंग्रेज़ी में ओर्गेनोलोजी कहलाता है। केवल वाद्य यंत्र के उपयोग से की गई संगीत रचना वाद्य संगीत कहलाती है।
वादन कितने प्रकार के होते हैं?तबला वादन. सितार वादन. मृदंग वादन. एकतारा वादन. बांसुरी वादन. सितार क्या है in Hindi?"सितार लकड़ी, तून की लकड़ी, धातु, तूमड़ी और चिकरी से बना एक तार वाद्य यंत्र है। पूरे उत्तर भारत में शास्त्रीय संगीत समारोहों में एकल वाद्य यंत्र के रूप में मुख्यत: उपयोग किया जाता है।"
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