संधारित्र की प्लेटों के बीच परावैद्युत पदार्थ भरने से उसकी धारिता क्यों बढ़ जाती है? - sandhaaritr kee pleton ke beech paraavaidyut padaarth bharane se usakee dhaarita kyon badh jaatee hai?

कृष्ण दिया हुआ है कि संधारित्र की प्लेटों के बीच परावैद्युत भरने सिद्धारता क्यों बढ़ जाती है हिमालय समांतर प्लेट संधारित्र की प्लेटों बीच में कोई परावैद्युत पदार्थ भरा हुआ है समांतर प्लेट संधारित्र क्या होती है समांतर प्लेट संधारित्र की संधारित्र की धारिता मंत्री की धारिता होती है सी बराबर के एप्स आइलैंड नोट बडे जहां पर कि क्या है जहां पर के हैं जहां पर किए हैं माध्यम का परावैद्युतांक के हैं प्लेटों के बीच भरे हुए माध्यम का परावैद्युतांक अब सलमान क्या है अब साले नोट है निर्वात की विद्युतशीलता

निर्वात निर्वात की निर्वात की विद्युतशीलता ए क्या है प्लेटो का क्षेत्रफल का क्षेत्रफल क्या है स्मार्ट भी है प्लेटों के बीच की दूरी प्लेटों के बीच की दूरी यह समानता होती है सी बराबर के पहले नॉट ए बता दी होता है तुम मान लेते हैं कि प्लेटों के बीच में कोई भी परावैद्युत पदार्थ नहीं है बल्कि वायु है तो प्लेटों के बीच में वायु प्लेटों के बीच वायु और वायु का जो परावैद्युतांक होता है वह होता है कि

तू जब प्लेटों के बीच में परावैद्युतांक की जगह वायु या निर्वात होगा तब समांतर पेट नहीं भरता क्योंकि सी बराबर आप साइलेंट नॉट ए बता दी और जब कोई जब कोई परावैद्युतांक होगा तो जब कोई परावैद्युतांक होगा तो देखिए पराजित आन का मान क्या होता है एक से ज्यादा होता है तो अब डाटा क्या होता है किसी नोट बराबर कि आप साइलेंट नॉट ए बटाटे तो अगर हम सी बटेसी नोट कर देते यह मिल जाएगा मैं अब साले नॉट ए बता दी कुड़ी दी बेटे के अफसाने नॉट ए यहां से हम देख सकते हैं कि जो मारे नहीं रहता है वह क्या है कि टाइम ज्यादा है किससे हमारी दुआ निवास और दूध पी सकते हैं कि माध्यम प्लेटों के बीच में कोई भी परावैद्युतांक रखने पर उसकी धारिता के गुना बढ़ जाती है

लिखना है किधर तक मन क्यों बढ़ जाता है कोई भी परावैद्युतांक रखने से प्लेटों के बीच में कोई भी प्रदान करते हैं तो प्लेटों के बीच में तो कोई भी प्लान रखते परावैद्युत में जो पेड़ आवेश होता है तो प्रेरित आवश्यकता हेतु प्रेरित आवेश उत्पन्न होने कारण होता क्या है जो प्लेटों के बीच में वैद्युत क्षेत्र होता है विद्युत क्षेत्र का मान घट जाता है और वे दर्शकों के बीच प्लेटों के बीच करो विभवांतर प्लेटों के बीच विभवांतर वह भी कम हो जाता है और देखिए पर लिख लेते हैं की प्लेटों के बीच प्लेटों के बीच परावैद्युत भरने से फरार

भाई ने से परावैद्युत में प्रेरित आवेश उत्पन्न हो जाता है आवेश उत्पन्न हो जाने के कारण हो जाने के कारण कारण विद्युत क्षेत्र प्लेटों के बीच में विद्युत क्षेत्र घट जाता है घट जाता है और जिसके फल शुरू होता क्या है जिसके कारण प्लेटों के बीच विभवांतर कमान प्लेटों के बीच विभवांतर विभवांतर का मान मान कम हो जाता है कम हो जाता है और देवता होते क्या है संधारित्र की धारिता होती है सी बराबर होता है आवेश बटे विभवांतर आवेश

तुम देख सकते हो जाता है वह क्या गिफ्ट कम है विभवांतर के मतलब तेरे विभांतर कम होगा सुधार तक मन भर जाएगा यहां पर क्या हो रहा है जैसे हमको भी परावैद्युत भरते हैं प्लेटों के बीच में अंतर कम हो जाने के कारण दोपहर तक बढ़ जाता है कि जैसे प्लेटों के बीच में कोई भी परावैद्युतांक भरते हैं तो उस होता क्या है किधर तक मन भर जाता है क्योंकि विभवांतर कमान कम हो जाता है प्लेटों के बीच में यही मारे प्रश्न का उत्तर है

संधारित्रों में परावैद्युत पदार्थ के उपयोग से धारिता क्यों बढ़ जाती है?

इस कारण नियत डीसी विभवान्तर लगाने पर स्थायी अवस्था में संधारित्र में कोई धारा नहीं बहती। किन्तु संधारित्र के दोनो सिरों के बीच प्रत्यावर्ती विभवान्तर लगाने पर उसके प्लेटों पर संचित आवेश कम या अधिक होता रहता है जिसके कारण वाह्य परिपथ में धारा बहती है। संधारित्र से होकर डीसी धारा नही बह सकती।

संधारित्र का परावैद्युतांक क्या है?

Solution : यदि संधारित्र की प्लेटो के बीच सम्पर्ण रूप से कोई चालक (उदाहरण के लिए धातु की प्लेट) रखा देते है, तो संधारित्र की प्लेटो का आवेश लघुपथित होकर संधारित्र को निरावेशित कर देगा, आता: परावैद्युत के रूप में धातुओं का चालक पदार्थ का उपयोग नहीं किया जा सकता है। धातु का परावैद्युतांक अनंत होता है।

धारिता पर परावैद्युत का क्या प्रभाव पड़ता है?

Solution : परावैद्युत माध्यम की उपस्थिति में धारिता के मान के वृद्धि हो जाती है। लेकिन यह वृद्धि इस बात पर निर्भर करती है कि प्लेटों के मध्य का भाग परावैद्युत पदार्थ से पूर्णतः आंशिक या विभिन्न परतों के रूप में किस प्रकार भरा हुआ है।

संधारित्र की धारिता को कैसे बढ़ाया जा सकता है?

Solution : संधारिता की प्लेटों का क्षेत्र फल बढाकर इनके बीच की दूरी कम करके तथा इनके बीच परावैधुत पदार्थ रखकर संधारित्र की धरिता को बढाया जा सकता है।