सोयाबीन में कौन से तत्व पाए जाते हैं? - soyaabeen mein kaun se tatv pae jaate hain?

Soybean Benefits: जब बात आती है प्रोटीन (Protein) से युक्त खाद्य पदार्थों  की तो सोयाबीन (Soybean) को भूला नहीं जा सकता. सोयाबीन प्रोटीन से भरपूर होते हैं. सोयाबीन में मांस से भी अधिक प्रोटीन पाया जाता है. यह एकमात्र ऐसी शाकाहारी (Vegetarian) चीज है जिसमें हमारे शरीर की जरूरत के सभी एमीनो-एसिड्स पाये जाते हैं. सोयाबीन को वेज-मीट भी कहते हैं क्योंकि और किसी भी शाकाहारी खाद्य पदार्थ में सभी एमीनो-एसिड्स इकठ्ठे नहीं मिलते. इसीलिये शाकाहारी लोगों को उन्हें आपस में मिक्स करके खाने की सलाह दी जाती है. पर सोयाबीन इस मामले में दूसरे सभी शाकाहारी खाद्य पदार्थों से अलग है.

सोयाबीन न केवल प्रोटीन से भरपूर होते हैं बल्कि इसमें विटामिन्स और मिनरल्स भी पाये जाते हैं. सोयाबीन सामान्य तौर पर खाये जाने के अलावा कई रोगों के उपचार में भी काम आता है. तो आइये जानते हैं thehealthsite के अनुसार सोयाबीन के फ़ायदों के बारे में.

प्रोटीन का सबसे बेहतर स्रोत है सोयाबीन

सोयाबीन में 38-40 प्रतिशत प्रोटीन, 22 प्रतिशत तेल, 21 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 12 प्रतिशत नमी और 5 प्रतिशत भस्म होती है.  जबकि इसकी तुलना में मांस में 26 प्रतिशत, अंडे में 13 प्रतिशत, मछली में 15 प्रतिशत, दालों में करीब 20 प्रतिशत और दूध में साढ़े तीन प्रतिशत के आसपास ही प्रोटीन पाया जाता है. साथ ही दूसरी शाकाहारी चीजों से हटकर सोयाबीन में शरीर की जरूरत के सभी एमीनो-एसिड्स भी होते हैं. इसलिये प्रोटीन के एक अच्छे स्रोत के तौर पर यह शाकाहारी लोगों के लिये किसी वरदान से कम नहीं.

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सोयाबीन से हमें प्रोटीन तो अच्छी मात्रा में मिलता ही है इसमें विटामिन्स मिनरल्स और अन्य भी कई तत्व पाये जाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इसे कई तरह के इलाज़ में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. खासतौर पर शारीरिक दुर्बलता और बालों व त्वचा की तमाम समस्याएं दूर करने के लिये सोयाबीन कारगर सिद्ध होता है. सोयाबीन का इस्तेमाल बॉडी-बिल्डिंग के लिये बहुत अच्छा माना जाता है. यह शरीर में नई कोशिकाओं को बनाने के साथ ही क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत का काम भी करता है. सोयाबीन स्त्री-रोगों में भी काम आता है और इसके सेवन से शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन्स निकलते हैं जो हमारे मानसिक संतुलन को बनाये रखने में काफी मददगार साबित होते हैं. इसमें प्रोटीन के साथ ही लगभग बीस फीसदी अच्छा फैट भी होता है, जो हमारे हृदय को स्वस्थ रखता है. यह हमारे मेटाबोलिज़्म को भी दुरुस्त रखता है. सोयाबीन में कैल्शियम की मात्रा भी अच्छी होती है जिससे हमारी हड्डियों को मजबूती मिलती है. साथ ही ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है.

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एक दिन में हम सौ ग्राम सोयाबीन खा सकते हैं. और इससे प्रोटीन की हमारी दिन भर की जरूरत का आधे से अधिक हिस्सा पूरा हो जाता है. सोयाबीन का इस्तेमाल गिरी या इसकी खली के रूप में किया जा सकता है. इसे अमूमन सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है और इसके लिये पहले इसे पानी में भिगो दिया जाता है या फिर इसकी गिरी यानी सोयाबीन के दानों को रात भर पानी में भिगो कर सुबह इसे उबालकर भी खाया  जा सकता है. इससे यह न केवल सुपाच्य हो जाता है बल्कि इसकी कड़वाहट भी जाती रहती है. इसके अलावा आजकल सोया-मिल्क और सोया-कर्ड भी चलन में है.

आज हम आपको सोयाबीन खाने के फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे।

सोयाबीन एक प्रकार की दलहनी फसल है। जिसका उपयोग हम खाने के लिए और तेल निकालने में करते हैं। सोयाबीन में सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। सोयाबीन का सेवन करने से हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है। सोयाबीन को प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। सोयाबीन में प्रोटीन और आइसोफ्लेवोस के गुण पाए जाते हैं। जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने का कार्य करता है।

सोयाबीन के लाभ

डायबिटीज के लिए सोयाबीन के फायदे – शुगर युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करने से मधुमेह जैसी बीमारी से सामना करना पड़ सकता है। सोयाबीन को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड की श्रेणी में आता है। सोयाबीन में कार्बोहाइड्रेट और वसा की कम मात्रा होती है। शुगर होने पर सोयाबीन का सेवन करना बहुत लाभदायक माना जाता है। सोयाबीन में पाए जाने वाला प्रोटीन ग्लूकोज को नियंत्रित करके रखता है। सोयाबीन का सेवन करने से इंसुलिन में आने वाली किसी भी बाधा को कम किया जा सकता है। साथ ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इससे बने पदार्थों का सेवन करना मधुमेह रोगियों के लिए उचित माना गया है।

हड्डियों के लिए – सोयाबीन का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है। एस्ट्रोजन हार्मोन पाया जाता है। जो हड्डियों की सुरक्षा करने में भी सहायता करता है। साथ ही फाइटोएस्ट्रोजेंस पाए जाते हैं। जो हड्डियों को कमजोर होने से बचाया कर रखता है।

ह्रदय के लिए सोयाबीन – सोयाबीन का नियमित सेवन करने से ह्रदय स्वास्थ्य में अच्छा बदलाव और सुधार होता है। क्योंकि सोयाबीन में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। जो सूजन कम करने और हृदय के रोगों को रोकने की प्रमुख भूमिका को निभाता है। सोयाबीन का सेवन करने से रक्त का संचार उचित मात्रा में होता रहता है। जिसके कारण हृदय से संबंधित किसी भी प्रकार की बीमारी दूर रहती है।

वजन कम करने के लिए – सोयाबीन का सेवन करने के साथ-साथ व्यायाम करना भी ज्यादा जरूरी रहता है। रोजाना सोयाबीन का सेवन करने से शरीर के वजन और चर्बी को आसानी से कम किया जा सकता है। क्योंकि सोयाबीन प्रोटीन युक्त पदार्थ जिन्हें पचाने के लिए शरीर को ज्यादा से ज्यादा एनर्जी की जरूरत पड़ती है। जो प्रोटीन युक्त पदार्थों को आसानी से बचाया जा सकता है। सोयाबीन का सेवन करने से शरीर में बनने वाले फैट को भी कम किया जा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में – सोयाबीन का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के लिए भी लाभदायक माना जाता है। सोयाबीन के बीज में पाए जाने वाले आइसोफ्लेवोंस आपके शरीर के कोलेस्ट्रोल को स्थिर रखने में काम करता है। साथ ही सोयाबीन का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम किया जा सकता है। लेकिन अच्छे कोलेस्ट्रोल पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

सोयाबीन के पौष्टिक तत्व

सोयाबीन को पौष्टिक तत्वों का भंडार माना जाता है क्योंकि इसके अंदर कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, सोयाबीन में कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं और उनकी मात्रा कितनी होती है, अब हम आपको नीचे निम्नलिखित तालिका के रूप में बताएंगे, जो इस प्रकार है:-

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 Gपानी                                67.5 gऊर्जा                              147 kcalप्रोटीन                 12.95 gटोटल लिपिड (फैट)6.8 gकार्बोहाइड्रेट     11.05 gफाइबर , टोटल  डाइटरी4.2 g

मिनरल्स

कैल्शियम ,Ca 197 gm आयरन ,Fe  3.55 mg मैग्नीशियम , Mg 65 mg फास्फोरस ,P 194 mg पोटैशियम ,K 620 mg सोडियम ,Na 15  mg जिंक ,Zn 0.99 mg

विटामिन्स

विटामिन सी , टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 29 mg थाइमिन  0.435 mg राइबोफ्लेविन   0. 175 mg नियासिन          1.65 mg विटामिन बी 6         0. 065 mg फोलेट DFE 165 µg विटामिन ए ,RAE 9 µg विटमिन ए ,IU 180 IU

लिपिड

 फैटी एसिड्स , टोटल सैचुरेटेड 0. 786 g फैटी एसिड्स टोटल मोनोसैचुरेटेड 1.284 g फैटी एसिड्स , टोटल पोलयूंसैचुरेटेड 3.2 g

सोयाबीन के नुकसान 

जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि सोयाबीन हो या कोई अन्य पदार्थ अगर आवश्यकता से ज्यादा खाया जाए तो वह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक ही होता है।

  • अगर आप सोयाबीन का उपयोग कर रहे हैं तो एलर्जी की समस्या होना आम बात है।
  • सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन पाए जाते हैं।जिससे सोयाबीन का सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता में कमी आ सकती है 
  • सोयाबीन का सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से यौन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है
  • सोयाबीन का सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

सोयाबीन के सेवन के अनेक फायदे भी हैं. इसलिए अगर इनका सेवन सही मात्रा में किया जाए तो सोयाबीन के नुकसान से डरने की जरूरत नहीं होगी.सोयाबीन को अपने डायट फूड चार्ट में शामिल करें. और उसके स्वाद के साथ-साथ आप उसके पोषक तत्व और गुणों का भी लाभ उठा सकते हैं नियमित रूप से और सीमित मात्रा में सोयाबीन खाने से आप स्वस्थ और तंदुरुस्त रहेंगे. क्योंकि इसके अंदर ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. और बहुत सी बीमारियों में डॉक्टर इसको खाने की सलाह देते हैं यह शुगर के रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है.।

खाने में सोयाबीन का उपयोग कैसे करें

सोयाबीन ऐसा दलहन है, जिसे अनेक प्रकार से उपयोग किया जा सकता है। इस लेख में सोयाबीन खाने की विधि की जानकारी के साथ सोयाबीन कैसे बनता है, 

  • सोयाबीन के बीजों की सब्जी बनाई जा सकती है।
  • लैक्टोज इनटॉलेरेंस यानी जिन लोगों को गाय का दूध डाइजेस्ट नहीं होता है, वे सोया मिल्क का उपयोग कर सकते हैं। सोया मिल्क में कम कैलोरी, कम फैट और अधिक प्रोटीन होता है।
  • सोयाबीन के बीज से बड़ी बनाई जाती है और सोया दूध से टोफू बनाया जाता है जिससे इन दोनों के ही सब्जी बनाई जा सकती ह।
  • सोयाबीन का उपयोग सूप के रूप में भी किया जाता है जो स्वास्थ्य खराब होने पर उसके उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है।
  • सोयाबीन के बीज को अंकुरित करके भी खाया जाता है यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
  • सोयाबीन के बीज से तेल निकालकर उस को सब्जी बनाने के उपयोग में भी लाया जाता है
  • आजकल बड़ी-बड़ी कंपनियां सोयाबीन का उपयोग क्रीम बनाने में भी करती हैं।

आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको सोयाबीन खाने के फायदे और नुकसान की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें।

सोयाबीन में कौन कौन से तत्व पाए जाते हैं?

सोयाबीन प्रोटीन, विटामिन बी 6, बी12, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम का प्रमुख स्त्रोत है. साथ ही इसमें इसमें आयरन की भी अच्छी मात्रा होती है, जो बालों को झड़ने से रोकने में सहायता पहुंचता है. सोयाबीन में पाए जाने पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं.

सोयाबीन में सबसे ज्यादा क्या पाया जाता है?

Detailed Solution. सोयाबीन में पौधों पर आधारित प्रोटीन की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसमें विटामिन बी और अन्य खनिजों की भी उच्च मात्रा होती है, लेकिन आमतौर पर इसकी उच्च प्रोटीन सामग्री के लिए जाना जाता है।

सोयाबीन में कौन कौन सा विटामिन होता है?

सोयाबीन में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, यह अंडे, दूध और मांस में पाए जाने वाले प्रोटीन से भी ज्यादा होता है. इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन ई, मिनरल्स और एमीनो एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करने के अलावा कई तरह के रोगों के उपचार में काफी कारगर होता है.

सोयाबीन भिगोकर खाने से क्या फायदे होते हैं?

इससे इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है। शरीर के टिशू, सेल्‍स को बेहतर करने में मदद करता है। अंकुरित सोयाबीन खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, आयरन का बेहतरीन स्त्रोत है, वजन घटाने का बेहतरीन उपाय है और ठंड में हड्डियों को मजबूत करता है।