संयुक्त परिवार में कैसे रहना चाहिए? - sanyukt parivaar mein kaise rahana chaahie?

इस बात में कोई दोराय नहीं कि शादी के बाद हर कपल परिवार से दूर रहकर अपने सपनों के घर को सजाना चाहता है या यूं कहें कि आज के समय में संयुक्त परिवार में रहने का चलन लगभग खत्म सा हो गया है। संयुक्त परिवार का जो मॉडल अभी भी लोगों के दिमाग में फिट है। वह सिर्फ दो चीजों पर आधारित है, पहला तो घर का खूब सारा कामकाज और दूसरा सास-ससुर के नखरे। खैर, आज के समय में चीजें बहुत हद तक बदल गई हैं। अब न संयुक्त परिवार में रहना सौभाग्य की बात है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को संभालने भर की जिम्मेदारी भी न के बराबर है।

हालांकि, इसके बाद भी कुछ लड़कियों के लिए संयुक्त परिवार या जॉइंट फैमिली में रहना सबसे कठिन काम लगता है। उनका अभी भी ऐसा मानना है कि एक बड़े से परिवार में उन्हें अपनी जगह बनाने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जबकि लिमिटेड लोगों के बीच वह आसानी से घुल-मिल जाती हैं। लेकिन जरा सोचिए अचानक आपका रिश्ता ऐसे घर में हो जाए जहां न्यूक्लियर फैमिली का ठिकाना दूर-दूर तक नहीं हो तो ऐसी स्थिति में आप खुद को कैसे संभालेंगी। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं वो बातें, जिनके चलते आप बहुत आसानी से जॉइंट फैमिली की भीड़भाड़ में भी अपनी जगह पक्की कर सकती हैं। (Photos-Istock)

पति के साथ हो इन्वेस्टमेंट

संयुक्त परिवार में कैसे रहना चाहिए? - sanyukt parivaar mein kaise rahana chaahie?

अगर आपका रिश्ता संयुक्त परिवार में होने जा रहा है तो सबसे पहले अपने होने वाले पति से परिवार के हर सदस्य को जानने की कोशिश करें। उन्हें इस बात से समझें कि शादी के बाद आपकी भूमिका क्या रहेगी और क्या नहीं? ऐसा इसलिए भी क्योंकि एक साथ रहकर परिवार में कई तरह के लड़ाई-झगड़े का भी सामना करना पड़ता है, जिसमें पति-पत्नी एक दूसरे को छोड़ किसी दूसरे का साथ देने लगते हैं। ऐसा करने से न केवल परिवार के चार-लोगों के बीच आपका रिश्ता बिगड़ेगा बल्कि आप दोनों के बीच भी मनमुटाव जैसी चीजें पैदा होंगी। लड़कियों की इन 4 चीजों से लड़कों का हो जाता है दिमाग खराब, रिश्ते से भागने का करने लगता है मन

छोटों से हो दोस्ती का रिश्ता

संयुक्त परिवार में कैसे रहना चाहिए? - sanyukt parivaar mein kaise rahana chaahie?

अगर आप शादी के बाद संयुक्त परिवार में जा रही हैं तो अपने हमउम्र या उनसे छोटे लोगों से पहले ही दोस्ती का रिश्ता तय कर लें। इससे न केवल आप घर के बाकी लोगों की पसंद-नापसंद के बारे में जान पाएंगी बल्कि वह हर सुख दुख में आपके साथ भी खड़े होंगे। हालांकि, हम इस बात को मानते हैं कि परिवार का अंदाजा अभी आपको न के बराबर है। लेकिन हमारा यकीन मानिए आप रिश्तों के ऐसे सफर का अनुभव करेंगी जो आपको कभी भी एकल परिवार में देखने को भी नहीं मिलेगा।

जिम्मेदारी होती है आधी

संयुक्त परिवार में कैसे रहना चाहिए? - sanyukt parivaar mein kaise rahana chaahie?

जॉइंट फैमिली का असली फायदा तब होता है जब आप बच्चे पैदा करने का फैसला करते हैं। आज के समय में पति और पत्नी दोनों ही कमाने वाले हैं। ऐसे में जब उनके परिवार में एक बच्चा आता है, तो किसी को उसकी देखभाल करने के लिए घर रहने की जरूरत होती है। दादा-दादी के पास रहने से आप अच्छे माता-पिता और एक कामकाजी पेशेवर दोनों बन सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपनी आने वाली जिम्मेदारियों के बंधन से मुक्त होना चाहती हैं तो सबसे पहले परिवार के बड़े-बुजुर्गों के लिए खुद को खर्च करें। उनके साथ वक्त बिताने से लेकर अपना महत्व समझाने तक आपकी ही जिम्मेदारी है। अर्जुन कपूर के साथ हमेशा क्वारंटाइन रहना चाहती हैं मलाइका अरोड़ा, वजह हो ऐसी तो रिश्ते में रहता है नयापन

गलतफहमी का न हों शिकार

संयुक्त परिवार में कैसे रहना चाहिए? - sanyukt parivaar mein kaise rahana chaahie?

संयुक्त परिवार की सबसे बड़ी खामी यही है कि अक्सर हम सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास करके किसी दूसरे के प्रति नेगेटिव धारणा को बना लेते हैं , जिसके चलते न केवल परिवार के लोगों के बीच दूरियां आती हैं बल्कि इसका असर हमारे कामकाज पर भी दिखने लगता है। ऐसे में आप इस बात को पहले ही तय कर लें एक ही परिवार में रहते हुए आप किसी भी गलतफहमी का शिकार न हों। ऐसा अगर आपके साथ होता भी है, तो सीधे-सीधे इस मुद्दे पर बात करके रिश्तों को पहले जैसा करने की कोशिश करें।

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How To Adjust In Joint Family: वैसे अब ज्वांट फैमिली का कल्चर(joint family culture) धीरे-धीरे खत्म सा हो रहा है। पुराने रीति रिवाज अब नये जमाने के साथ बल रहे हैं। चाहे मां बाप हों या बच्चे अब ज्यादातर घरों में अकेले-अकेले ही रहते हैं। पैरेंट्स चाहकर भी अपने बच्चे के साथ नहीं रह पाते कोई न कोई समस्या सामने खड़ी हो ही जाती है। ऐसे में संयुक्त परिवार में रहना(Sanyukt Pariwar Me Rahna)थोड़ा टफ टॉस्क है। क्योंकि संयुत परिवार में ज्यादा लोग होते हैं और उन सबके विचार व धारणाएं एक समान नहीं होती हैं। और इसी कारण से परिवार में विवाद पैदा हो जाता है।

हांलाकि संयुक्त परिवार में रहने के अपने अलग ही मजे हैं। 10-12 लोगों का एक ही छत के नीचे रहना, दुख-सुख में एक दूसरे के लिए खड़े हो जाना और मिलकर ज़िम्मेदारियों को निभाना ही संयुक्त परिवार है।

संयुक्त परिवार में रहना pic(social media)

लेकिन बहुत ऐसे परिवार अभी हैं जो एक साथ रहना पसंद करते हैं और बिना किसी मन-मुनाव के रहते हैं। ऐसे में अगर नई बहू की संयुक्त परिवार में एंट्री होती है तो बहू को किस प्रकार ताल मेल बिठाना है आएये इसी विषय पर आज बात करते हैं और कुछ टिप्स भी देंगे नयी नवेली बहूरानी के लिए-

नयी बहू के लिए जरूरी टिप्स(Important tips for new daughter-in-la)

नयी बहू के लिए बड़े परिवार में तालमेल बिठाना बहुत बड़ा काम है, क्योंकि उसी के कंधों पर नई-नई ज़िम्मेदारियां डाल दी जाती हैं। फिर भले ही बहू एक छोटे परिवार या संयुक्त परिवार से ही क्यों न आती हो-

1- घर के सदस्यों का मान-सम्मान जरूरी(Respect)

संयुक्त परिवार मान सम्मान और मजबूज रिश्तों की नींव पर टिकी होती है। ऐसे में नई बहू को चाहिए कि वह बड़े व छोटे दोनों को सम्मान दे। बड़ों की बात को सुने और फॉलो भी करे। और छोटों को ढ़ेर सारा प्यार दे। यकीन मानिए ऐसा करने से बहू थोड़े ही दिनों में सबकी लाडली ब जाएगी और उसे भी बदले में मान सम्मान मिलेगा।

2- गॉसिप न करें (Don't gossip)

परिवार संयुक्त है इसलिए स्वाभाविक है कि चटपटी गॉसिप भी बहुत सारी होगी ही। ऐसे में परिवार के नए सदस्य होने के कारण आप इन सबसे दूर ही रहें। साथ ही अगर कोई आप से कोई कुछ कहता भी है तो आप उसे अपने तक ही रखें, इधर उधर की बातों पर ध्यान दें।

नयी बहू का संयुक्त परिवार में एडजस्ट करना pic(social media)

3- सोच समझकर करें बात(Talk Thoughtfully)

संयुक्त परिवार में बातें वही करनी चाहिए जो सटीक और दमदार हों। फालतू का बीच बीच में न ही बोलें और न ही टोका टाकी करें इससे आपके इमेज पर असर पड़ेगा। इसलए कोशिश करें कम और सटीक बोलें।

4- ज़िम्मेदारियों को समझें (Understand The Responsibilities)

बड़े परिवार का मतलब है कि ज़िम्मेदारियां और उन्हें निभाना। परिवार का हिस्सा होने के कारण ये ज़रूरी है कि आप परिवार और परिवार के हर सदस्य को समझें। इसी के साथ बड़े परिवार की जिम्मेदारियों को अपनाएं और ठीक से निभाएं।

5- सबकी हेल्प करें(Help Everyone)

बड़ें परिवार में सबकी जरूरते भी अलग अलग होती हैं। ऐसे में अपनी जिम्मेदारी से जी न चुराएं और सबकी हेल्प करें जितना संभव हो। जब आप किसी की मदद करेंगे ज़रूरत पड़ने पर आपको भी मदद मिलेगी।

परिवार को कैसे संभाले?

आप कुछ टिप्स को अपना कर अपने परिवार को खुश रखने में मदद कर सकते हैं....
परिवार की खुशी को यूं रखें बरकरार.
सब साथ रहें.
बातें करें एक-दूसरों शेयर.
साथ में खाना खाएं.
साथ में खेलें.
परिवार को प्राथमिकता दें.
बच्चों को दूसरे काम सिखाएं.
सभी भाई-बहन रहें प्यार से.

संयुक्त परिवार में कैसे रहे?

परिवार के सदस्यों को जहां एक दूसरे की बुराई करने से बचना चाहिए वहीं उन्हें घर की स्त्रीयों के मायके की बुराई से भी दूर रहना चाहिए। 13. घर के सदस्य यदि एक-दूसरे की तारीफ और सम्मान करेंगे तो निश्चित ही संयुक्त परिवार में एकजुटता आएगी। 14.

संयुक्त परिवार को टूटने से कैसे बचाया जा सकता है?

संयुक्त परिवार की महत्ता को हम भूलते जा रहे हैं।.
धर्म से सदा जुड़े रहने से संयुक्त परिवार में प्रेम पनपता है। ... .
घर के सभी सदस्य मिलकर सप्ताह में एक बार परमेश्वर की प्रार्थना करें या ध्यान करें।.
घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर ही भोजन करें। ... .
घर के सभी सदस्य एक दूसरे से हर तरह के विषयों पर शांतिपूर्ण तरीके से वार्तालाप करें।.

संयुक्त परिवार का महत्व क्या है?

संयुक्त परिवार में दाम्पत्य जीवन मे भी प्यार बढ़ता है। पति पत्नी एक-दूसरे से बात करने के लिए वक्त निकाल पाते हैं। और मनमुटाव होने पर घर के बड़े-बुजुर्ग समझाने के लिए भी होते हैं। नौकरों के भरोसे पलने वाले एकल परिवार के बच्चों के मुकाबले संयुक्त परिवार के बच्चों की परवरिश अच्छी होती है।