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शिक्षण परिवेश विकसित करनायह इकाई किस बारे में हैशिक्षक के रूप में आप चाहते हैं कि आपके विद्यार्थी अपनी विज्ञान की शिक्षा से यथासंभव सर्वश्रेष्ठ परिणामों को हासिल करें। इससे उन्हें अपने जीवन में मौकों और अनुभवों को हासिल करने के लिए अंतदृर्ष्टि और अवसर प्राप्त होंगे। हो सकता है कई परिवार के बच्चे पहल बार स्कूल जाते हैं, जो कि उनके लिए रोमांचक और चुनौतीपूर्ण दोनों होता है। कक्षा का वातारण रूचिपूर्ण और रचनात्मक होना चाहिए। इससे बच्चे जाने के लिए और उद्धेश्य पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्सहित होंगे। उनकी रुचि और रचनात्मकता को संवेग प्रदान करता है, उन्हें स्कूल जाते रहने और सार्थक शिक्षा को हासिल करने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होगा। आप और आपके विद्यार्थियों के लिए कक्षा के वातावरण को ज्यादा रचनात्मक तरीके से उपयोग में लाने के लिए बहुत अवसर हैं, जिससे उनकी रुचि को पेररित कर सकते और उनके अनुभव को बढ़ावा दिया जा सकता है। इन विचारों को विज्ञान के किसी विषय पर भी लागू कर सकते है। यह इकाई उदाहरण के रूप में अंकुरण के विषय का उपयोग करती है। पढ़ाई के परिवेश में वृद्धि करने के लिए कुछ संभावनाओं को उभारती है, लेकिन आप विज्ञान के किसी भी विषय पर इन विचारों को लागू कर सकते हैं। आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं
यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण हैकक्षा के भौतिक परिवेश तथा सामाजिक एवं भावनात्मक माहौल का आपके विद्यार्थियों की पढ़ाई पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता है। स्वयं के लिए और अपने विद्यार्थियों के लिए सम्मान पोषित पढ़ाई का सकारात्मक माहौल तैयार करने का काम कई प्रकार से से किया जा सकता है जिसे बहुत कम या शून्य खर्च पर। शिक्षण की गतिविधियां उस समय सर्वाधिक प्रेरणादायक होती हैं, जब वे विद्यार्थियों को या तो समस्या का व्यावहारिक रूप से अन्वेषण करने के लिए जोड़ते है। या समस्या के समाधान के द्वारा चिंतन के कौशलों को विकसित करने के लिए सक्रिय रूप से जोड़ते हैं। शिक्षक के रूप में आपको इस पथ पर अपने विद्यार्थियों को अग्रसर करने के लिए पहल करनी होती है। इसके बाद आपके विद्यार्थियों को घनिष्ठ रूप से संबद्ध किया जा सकता है। इसके अलावा आपको इस बात पर सावधानीपूर्वक विचार करने की ज़रूरत है कि आप कक्षा में किस प्रकार का भौतिक परिवेश चाहते हैं। अगर आप कुछ सामग्रियों के साथ स्कूल में काम करते हैं, तो हो सकता है कि यह आसान न हो, परन्तु उपायकुशल बनकर आप रंगारंग और प्रेरणादायक कक्षा का निर्माण कर सकते हैं। (चित्र 1)। इससे विद्यार्थियों के सुख, प्रेरणा और उपलब्धि पर उल्लेखनीय फर्क आयेगा। चित्र 1 रंगारंग और प्रेरणादायक कक्षा आपके विद्यार्थियों के कल्याण, प्रेरणा और उपलब्धि को बेहतर बनाएगी। 1 समावेशी परिवेश को विकसित करनावीडियो: सभी को शामिल करना सभी को शामिल करने पर वीडियो के चुनिंदा अंशों को देखें और इसके पहले कि आप गतिविधि 1 को करें, संसाधन 1 ‘सभी को शामिल करें’ को पढ़ें। यह उन प्रमुख अवधारणाओं के प्रति आपकी समझ को विस्तारित करेगा, जिन पर कि आपको उस समय विचार करने की ज़रूरत होती है, जब आप अपनी कक्षा को ज्यादा समावेशी बनाने की कोशिश करते हैं। गतिविधि 1: मेरी कक्षा का अंकेक्षणअगले हफ्ते में एक दिन के आखिर में, कक्षाओं का निरीक्षण करने के लिए कुछ मिनट का समय निकालें, जिन्हें आप पढ़ाते हैं। इसके बारे में समस्त अच्छी चीज़ों की सूची बनाएं, उदाहरण के लिए क्या यह गर्म है? अथवा ठंडी? या वहां से ग्रामीण दृश्य दिखते हैं? इसके बाद, अधिकतम ऐसी दस चीज़ों की सूची बनायें, जिन्हें कि आप अपनी कक्षा के लिए शीघ्र जुटाना चाहेंगे, उदाहरण के लिए–
इनमें से कौन से दूसरों के मुकाबले ज्यादा यथार्थवादी उद्देश्य हैं? क्या किन्हीं तरीकों से आप इन्हें स्थानीय रूप से मुफ्त में हासिल कर सकते हैं? और किस तरह से आप अपनी कक्षा को बदल तथा सुधार सकते हैं? अपने उत्तरों को रिकार्ड कर लें और उन्हें संभाल कर रख लें, क्योंकि बाद में चलकर आपको उन्हें देखने की ज़रूरत पड़ेगी। केस स्टडी 1: कक्षा में सुश्री कविता का अन्वेषणसुश्री कविता कक्षा पांच को पढ़ाती हैं और उनके साथ अंकुरण का अन्वेषण करने वाली हैं। कुछ हफ्ते पहले उन्होंने एक अन्य स्कूल में अतिथि बनकर और एक शिक्षक श्री पाठक से बात करके कुछ समय बिताया। वह उनकी कक्षा, उनके विद्यार्थियों पर उसके प्रभाव तथा शिक्षक के रूप में उनसे प्रभावित थीं। वह बताती हैं कि इसके बाद उन्होंने क्या किया? और क्यों? मैं अन्वेषण की एक गतिविधि, जो कि पाठ्यपुस्तक में दी गयी गतिविधि के समान थी, उस गतिविधि को उपयोग में लाकर अपनी कक्षा के साथ अंकुरण का अन्वेषण करना चाहती थी। लेकिन मैं अपनी कक्षा को ज्यादा आकर्षक और रंगारंग बनाना प्रारम्भिक बिंदु के साथ अन्वेषण का भी उपयोग करना चाहती थी, जिससे मेरे विद्यार्थी उसमें काम कर सकें। इसके अलावा मैं कमरे को फिर से व्यवस्थित करना भी चाहती थी। जब हम समूह में काम करें, जो कि अब प्रायः किया जाता है, तो विद्यार्थियों को कक्षा के चारों ओर बहुत अधिक न घूमना पड़े। कुछ हफ्ते पहले मैं एक ऐसे स्कूल में गई, जो कि मेरे स्कूल से कुछ किमी की दूरी पर था। मैंने सुना शिक्षक श्री पाठक के विषय में सुन रखा था कि ज्यादा रंगारंग और दिलचस्प बना रखा था। मैंने उनकी कक्षा के चारों ओर नजर दौड़ायी और देखा कि उन्होंने दीवारों पर ऐसी चित्र लगा रखी थीं, जिसे कि उन्होंने बनाया था और जिन पर उनके विद्यार्थियों ने काम किया था। उन्होंने काम पर लेबल लिख रखे थे और प्रश्न लिख रखे थे जिन्हें देखते समय विद्यार्थी उनके उत्तर दें। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने इनकी ओर देखना पसंद किया और उनके बारे में और उनकी विषय-वस्तु के बारे में बात करते रहे। इसके अलावा उनके पास पाठों में उपयोग में लाने के लिए पुनः चक्रित करने योग्य और दोबारा इस्तेमाल के योग्य सामग्रियों के साथ संसाधनों की पेटियां थीं। अगले कुछ हफ्तों के दौरान मैंने विभिन्न परिप्रेक्ष्यों से अपनी कक्षा को देखते हुए इस बारे में, कि उन्होंने स्कूल इसे और अधिक रोमांचक बनाने के लिए मैं और क्या कर सकती हूं? सोचते हुए फुर्सत के कई क्षण गुजारे। इसके लिए ढेर सारे प्रश्न दिमाग में आये।
मैंने अपने विद्यार्थियों से अपनी मदद करने के लिए कहकर अपने परिवर्तनों की शुरुआत करने का निर्णय लिया। मेरे पास ब्लैकबोर्ड के नीचे दो बड़े, भंडारण बॉक्स थे, जिसके बारे में मैंने बहुत अधिक चिंता नहीं की थी। मैं ऊपर की दीवार के साथ-साथ इन्हें हिलाना और प्रदर्शन के लिए उनके ऊपरी हिस्सों का उपयोग करना चाहती थी। एक बॉक्स ऐसी कुछ पुनः चक्रित करने योग्य और दुबारा इस्तेमाल के योग्य सामग्रियों का भंडारण करेगा, जिन्हें कि मैं कुछ महीनों से उस छोटे कस्बे के आसपास से जमा कर रही थी, जहां पर मैं रहती हूं। दुकानों के पास अक्सर कार्डबोर्ड की पुरानी पेटियां होती हैं जिन्हें कि बाहर छोड़ दिया जाता है, मैंने दुकानदार से इन्हें स्कूल के लिए मांग लिया। एक व्यक्ति शुरू-शुरू में अनिच्छा व्यक्त की थी लेकिन जब मैंने कहा कि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में मदद मिलेगी तो वह मान गया। इसके अलावा मैंने स्कूल आफिस में आने वाले लिफाफों को जमा कर रखा था और मुझे ऐसी कुछ बड़ी शीटें मिलीं, जिनका कि पोस्टरों के लिए और प्रदर्शन करने तथा विचार मंथन आदि करने के लिए विद्यार्थियों के कामों के लिए मैं उपयोग कर सकती थी। अन्त में, मैंने निर्णय किया कि मुझे सोचते हुए बहुत समय गुजर गया है। यदि, मुझे कक्षा में फर्क लाना है तो अब काम करने की जरूरत है। विज्ञान के एक पाठ के आखिर में मैंने विद्यार्थियों से कक्षा के बारे में तीन प्रश्न पूछने के लिए दस मिनट का समय लियाः
चूंकि वे समूहों में काम करने के अभ्यस्त थे, इसलिए मैंने एक साथ बात करने के लिए कहा, जिसमें से एक विद्यार्थी ने कागज के एक छोटे टुकड़े पर उनके उत्तरों और विचारों को लिख लिया। प्रत्येक समूह ने मौखिक रूप से अपने तीन उत्तर प्रदान किये और ब्लैकबोर्ड पर मैंने उन्हें सूचीबद्ध कर लिया। मैंने उन्हें बताया कि मैं उनकी सूचियों को पढ़ूंगी और अगले सत्र में हम इस बात पर विचार करेंगे कि हम सबसे पहले क्या करेंगे? और हम इसे कैसे करेंगे जब हमने अंकुरण का अन्वेषण करना शुरू किया। उन्होंने इस बारे में उत्साहपूर्वक बात करते हुए कक्षा को छोड़ दिया कि वे क्या कर सकते हैं? विचार के लिए रुकें
परिवर्तनों के बारे में अपने विद्यार्थियों से पूछकर सुश्री कविता इस बात का अन्वेषण करने में उन सभी को शामिल करने की दिशा में एक निश्चित कदम उठा रही हैं कि वे अपनी कक्षा के साथ क्या करना चाहेंगी? इस तरह से वे न केवल भौतिक परिवेश को बदल रही हैं, परन्तु अपनी कक्षा में आपसी संवाद के प्रकार को भी। इसके माध्यम से विद्यार्थियों से यह कहना है कि एक व्यक्ति के रूप में वे उनकी इज्जत करती हैं और उनके साथ विचारों को साझा करना चाहती हैं। यह दोनों ही तरह से अपने सभी विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है। 2 संज्ञानात्मक स्पेस को विकसित करनाशिक्षक के रूप में, आपको पढ़ाई के प्रभावी परिवेश के लिए आवश्यक संज्ञानात्मक स्पेस पर विचार करने की ज़रूरत पड़ेगी। यह स्पेस इस चीज़ की आपकी प्रत्याशाओं द्वारा निर्धारित किया जाएगा कि कक्षा के भीतर बौद्धिक रूप से आपके विद्यार्थी क्या कर सकते हैं? ऐसा माहौल विकसित करने से जो कि प्रोत्साहित और प्रेरित करने वाला हो तथा आपके विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के लिए ज्यादा जिम्मेदारी का एहसास होगा। अपने विद्यार्थियों की पढ़ाई की विशेष ज़रूरतों से ज्यादा अवगत होने से आपको अपने अध्यापन के स्तर को मिलाने में मदद मिलेगी आप ऐसी गतिविधियाँ भी आयोजित करेंगे जिससे उनकी प्रगति ज्यादा प्रभावी तरीके से होगी। वीडियो: पाठों का नियोजन करना शायद आप बढ़िया नियोजन की महत्ता के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रमुख संसाधन ‘पाठों का नियोजन’ tको पढ़ना चाहें और फिर अन्वेषणों के बारे में संसाधन 2 पढ़ें, जिससे आपको यह सोचने में मदद मिल सके कि अन्वेषणों की योजना बनाने में आप विद्यार्थियों को कैसे? और कब जोड़ सकते हैं? गतिविधि 2: चिंतन के लिए स्पेस बनानाअंकुरण की पढ़ाई करने में इस बात का अन्वेषण करना ज़रूरी है कि कौन सी दशाएं अच्छे अंकुरण में मदद करती हैं? आप इस बात का पता लगाने के लिए अपने विद्यार्थियों के साथ एक अन्वेषण की व्यवस्था करने जा रहे हैं। आप इस अन्वेषण के यथासंभव अधिक से अधिक पहलुओं में अपने सभी विद्यार्थियों को शामिल करेंगे। ऐसा करने के लिए, नीचे प्रश्नों की एक सूची दी गयी है जो उन मुख्य चीज़ों पर आपको मार्गदर्शन प्रदान करती है जिनके विषय में आपको सोचने की ज़रूरत है। आपको इसे पढ़ने और फिर योजना बनाने की ज़रूरत है कि जब आप बीजों की रोपाई करते हैं। प्रथम सत्र से पहले आपको क्या करना होगा? इस बारे में भी विचार करें कि आप समय के साथ बीजों की वृद्धि का अनुसरण किस प्रकार से करेंगे? (या नहीं करेंगे)। फिर, इन प्रश्नों पर विचार करें–
अपनी योजनाओं को लिख लें और अन्वेषण को शुरू करने के लिए एक तारीख निर्धारित करें। स्पष्ट करें कि और अधिक संसाधनों को जमा करके आप किस प्रकार से कक्षा को विकसित करना चाहते हैं और इसे किस प्रकार अधिक रोचक और रंगारंग बनाना चाहते हैं? विचार के लिए रुकें
अपने विद्यार्थियों के साथ अपनी कक्षा को विकसित करते समय वास्तविक लक्ष्यों को निर्धारित करना जरूरी है। एक समय में बहुत अधिक करने की कोशिश न करें। अगर आपके पास बड़ी कक्षा है तो भी आप छोटे-छोटे ऐसे परिवर्तन कर सकते हैं, जो कि पढ़ाई के परिवेश और आपके विद्यार्थियों के लिए नतीजों में बड़ा फर्क लाएंगे। अंकुरण का अन्वेषण एक अच्छा शुरुआती बिंदु है। यह कक्षा के भौतिक और शैक्षणिक वातावरण पर असर डालने के साथ-साथ शिक्षण का सशक्त सहायक माहौल भी विकसित करता है। इसके अलावा यह विज्ञान पाठ्यचर्या का हिस्सा भी है जो विज्ञान की नयी रणनीतियों की पढ़ाई का समर्थन करेंगी। गतिविधि 3: संसाधनों और विचारों को जमा करनाइसके पहले कि आप इस गतिविधि को करें, संसाधन 3, ‘स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना’ को पढ़ें, जिससे कि आपको अपने विद्यार्थियों के लाभ के लिए आपके द्वारा विकसित किये जाने वाले विभिन्न तरीकों को समझने में अधिक मदद मिल सके तथा आपकी कक्षा के माहौल में बेहतरी आये। उनके विचार में आप कक्षा को किस प्रकार से बेहतर बना सकते हैं? इस बारे में अपनी कक्षा के साथ चर्चा करने के लिए कम से कम 15 मिनट का समय निकालें। शायद आप गतिविधि 1 पर अपनी दी गई प्रतिक्रिया को देखना चाहें जिससे आपने जो करने के बारे में सोचा था वह आपको याद आ जाए। कक्षा के परिवेश को सुधारने के बारे में आपके विचारों से परिचित कराने के बाद, अपने समूहों को बात करने का अवसर दें और इसके पहले प्रत्येक समूह के प्रवक्ता के पास से उनके विचारों को जान लें। इसे ब्लैकबोर्ड पर इन्हें सूचीबद्ध करें। फिर विद्यार्थियों से इन्हें प्राथमिकता के आधार पर रखने के लिए कहें कि कौन सा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, विद्यार्थी कह सकते हैं कि बीजों के लिए बर्तनों की तरह के संसाधनों को जमा करना और कुछ बीज पहली प्राथमिकता है और फिर प्रदर्शन के लिए कागज और कार्ड। अगर आपकी कक्षा के पास बेहतर संसाधन हैं, तो हो सकता है कि आप मॉडलों समेत ज्यादा उन्नत प्रदर्शनों को बनाने पर काम कर रहे हों। वैकल्पिक रूप से, हो सकता है कि आप अपने कमरे को भिन्न रूप से व्यवस्थित करना चाहें। आप अपने विद्यार्थियों से इस बात की योजना बनाने में अपनी मदद करने के लिए कह सकते हैं कि आसपास की चीज़ों को किस प्रकार से बदला जाए। उदाहरण के लिए अगर आपके पास कंप्यूटर हो, तो विद्यार्थी अपने काम को लिखने के लिए या इंटरनेट पर सर्च करने के लिए इसका अधिक आसानी से उपयोग कर सकें तथा दूसरे लोगों के साथ साझा करने के लिए अपने अन्वेषणों को मुद्रित कर सकें। विद्यार्थियों को इस बारे में स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करें कि संसाधनों को किस प्रकार से जमा किया जाए, जिससे वे स्थानीय लोगों को चिढ़ाएं या गुस्सा नहीं दिलाएं। इस बात पर जोर दें कि किन्हीं संसाधनों को लेने के लिए उन्हें अवश्य ही पूछना चाहिए तथा अनुमति लेनी चाहिए। अपनी कक्षा में संसाधनों के भंडारण के लिए कोई तरीका अपनाएं जिससे कि वे सुरक्षित बने रहें। अपनी कक्षा में बैठने की व्यवस्था को व्यवस्थित करने के तरीकों पर अपने विद्यार्थियों से चर्चा करें, जिससे प्रत्येक कोई ब्लैकबोर्ड को देख सके और किसी चर्चा या गतिविधि में शामिल हो सके। विचार के लिए रुकें
3 विद्यार्थियों को निरापद महसूस करने में मदद करने के लिए कक्षा की दिनचर्याओं को विकसित करनाप्रभावी शिक्षक कक्षा के प्रबंधन की परिपाटियों को सृजित और क्रियान्वित करने की कोशिश करते हैं, जो कि अपने विद्यार्थियों के लिए ध्यान लगाए रखने वाली कक्षा का परिवेश बनाती हैं। संज्ञानात्मक अंतरालों के दो विशिष्ट क्षेत्र, जिन्हें उनकी योजनाओं में शामिल किये जाने की ज़रूरत है। व्यवहार के लिए नियमों व कार्यविधियों की तरह की स्पष्ट अपेक्षाओं और भाग लेने के तरीकों को निर्धारित करना। इसके बजाय कि आप नियमों को उनके ऊपर थोपें इस तरह के नियमों को आपके विद्यार्थियों के साथ मिलकर खोजा जा सकता है। एक दूसरे के लिए सामूहिक जिम्मेदारी बनाने और एक व्यक्ति के रूप में प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करने का यह एक तरीका है। विचार के लिए रुकें परस्पर संवाद किस प्रकार से कायम करें? और अंकुरण में अन्वेषण या ऐसे किसी दूसरे अन्वेषण, जिसे आप शीघ्र करने वाले हों, का उपयोग करके एक दूसरे की बात को ध्यानपूर्वक कैसे सुनें? इस पर आप विद्यार्थियों के साथ स्पष्ट प्रत्याशाओं को किस प्रकार से विकसित कर सकते हैं? केस स्टडी 2: श्रीमती यादव अंकुरण – एक समृद्ध कार्यभार का अन्वेषण करती हैंप्राथमिक स्कूल की विज्ञान शिक्षिका श्रीमती यादव इस बात के लिए अपने विद्यार्थियों को प्रेरित करना चाहती हैं कि वे अंकुरण में अपने स्वयं के अन्वेषण को काम में लाएं। इसके लिए उन्हें एक ऐसा काम देने की ज़रूरत थी, जो कि ग्रामीण समुदाय में उनकी रोजमर्रा की जिंदगी के अनुरूप हो। ऐसा करने के लिए, उन्होंने अपने विद्यार्थियों को यह बहाना करते हुए एक पत्र पढ़कर सुनाने का निर्णय लिया कि इसे श्री देसाई नामक एक स्थानीय किसान द्वारा लिखा गया है (चित्र 2)। चित्र 2 अंकुरण के बारे में श्रीमती यादव की कक्षा के लिए एक पत्र। मैंने जैसे ही पत्र को पढ़कर उन्हें सुनाया वैसे ही मेरे विद्यार्थी उसकी स्थिति को लेकर अत्यधिक चिंतित हो गए और वे उसकी मदद करने के लिए आतुर थे। सबसे पहले मैंने उनसे इस विषय में सोचने के लिए कहा, कि सफल अंकुरण के लिए आवश्यक ज़रूरतों क्या है? जिन्हें कि मैंने ब्लैकबोर्ड पर लिख दिया था। इसके बाद मैंने अपने विद्यार्थियों से पूछा, ‘हम किस प्रकार से आश्वस्त हो सकते हैं कि यह जानकारी सही है? अगर हम श्री देसाई के पास गलत जानकारी भेजते हैं और उनके बीज सही तरह से नहीं उगते हैं तो क्या होगा? मेरे एक विद्यार्थी ने सुझाव दिया कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ बीजों को खरीदने के लिए सुझाव दे सकते हैं और उन्हें विभिन्न दशाओं के तहत उगाने की कोशिश करते हैं ताकि श्री देसाई को सही जानकारी प्राप्त हो। अगले दिन, मैं स्कूल में कुछ बीज लेकर आई। मैंने छहः के समूहों में अपने विद्यार्थियों को बांटा और उनसे इस बारे में सोचने के लिए कहा कि वे क्या तलाश करना चाहते हैं? इससे श्री देसाई को किस प्रकार से मदद मिलेगी। मैंने उनसे ऐसे किन्हीं प्रश्नों को लिख कर ले जाने के लिए कहा जो उनके मन में बीजों के बारे में थे। इस बारे में सोचने के लिए कहा कि हम किस प्रकार से बीजों के बढ़ने के साथ-साथ परिणामों को रिकार्ड कर सकते हैं। मैंने उन्हें कक्षा परिवेश सुधारने की अपनी इच्छा के बारे में बताया कि हमें अन्वेषणों से प्राप्त परिणामों को साझा करने की ज़रूरत है। हम उन्हें कैसे साझा करें जिससे हम नियमित रूप से ऐसा कर पाएं तथा कक्षा को सुधार भी पाएं। मैंन उनकी बातें सुनते हुए कक्षा का चक्कर लगाया। जब मैंने कक्षा को रोका और उनसे अपने प्रश्नों को साझा करने को कहा, विद्यार्थियों ने जो कहा उससे मुझे सुखद आश्चर्य हुआ। एक समूह ने प्रश्न पूछा, ‘अगर आप बहुत ज्यादा पानी दें तो क्या बीज मर सकते हैं?’ हमने इस पर चर्चा की कि इन विचारों की जाँच कैसे की जा सकती है? और हर समूह इस बात पर सहमत हुआ कि एक पायलट बीज स्थापित किया जाए, जिसमें वृद्धि के लिए जरूरी सभी बातें हों। प्रत्येक समूह ने एक ऐसा बीज बोया, जिसे प्रकाश, पानी, मिट्टी, परवरिश या गर्मी कुछ भी हासिल नहीं था। एक समूह ने एक गमले में एक बीज बोया जिसमें खूब पानी दिया जाएगा। एक अन्य समूह ने गर्मी को छोड़ कर सभी स्थितियाँ पूरी करते हुए एक बीज बोया, उसे एक फ्ऱीजर में रख दिया। मैंने विद्यार्थियों को अपने अवलोकन रिकॉर्ड करने के लिए एक आसान सा चार्ट दिया और उनसे अपने बीजों की देखभाल करने के लिए कहा और दो सप्ताह तक कम से कम हर दो दिनों पर अपने अवलोकन को रिकॉर्ड करने के लिए कहा। कुछ विद्यार्थियों ने अपने अवलोकन रिकॉर्ड करने के लिए चित्र बनाए। अन्य ने लेबल और शीर्षक लिखे। सभी ने वृद्धि की जाँच को एक पैमाने से मापा। चित्र 3 बिना प्रकाश के बीज। जैसे–जैसे बीज विकसित हुए उनके परिणामों को साझा करने के लिए हमने सारे चार्टों को हर गमले के ऊपर लगा दिया। प्रत्येक समूह का नाम भी दर्शाया गया। ऐसा इसलिए किया ताकि वे एक दूसरे से उनके पौधों के बारे में पूछ सकें। मैंने ‘अंकुरण’ नामक एक पोस्टर बनाया, उन्होंने जो किया था, उसे लिखा और चार्टों के साथ उसे प्रदर्शित किया। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उन्होंने बीजों को देखा और जो हो रहा था उसके बारे में उन्होंने परस्पर बातें की। जब भूमि से पहला अंकुर फूटता हुआ दिखाई दिया तो उनमें बहुत अधिक उत्साह था। प्रत्येक ने जाँच की कि वह कौन-सा बीज था? तीन सप्ताह बाद, मैंने प्रत्येक समूह से श्री देसाई को वापस इसका वर्णन करते हुए एक पत्र लिखने के लिए कहा कि उन्होंने अपने बीज के साथ क्या किया था उन्होंने क्या सबूत जुटाए? और उस सबूत ने उन्हें बीज वृद्धि के बारे में क्या बताया? इन पत्रों को चार्टों के पास उनके बीजों के ऊपर प्रदर्शित किया गया। मैंने चार्टों को दीवार पर छोड़ दिया। बाद में, जब हम पौधों पर कुछ और काम कर चुके तो हमने इसे अंकुरण प्रदर्शन के पास रख दिया। अब हमारी योजना मात्र विद्यार्थियों के कार्यो का चार्ट पेपर पर प्रदर्शित करना ही नही बल्कि बड़े विषयों के सन्दर्भो को भी चार्ट पेपर पर लिखकर प्रदर्शित करना है। प्रत्येक बड़े विषय के आजमाने के लिए कुछ दर्षाएं की है- हमेशा विद्यार्थियों के कार्य को ही नहीं बल्कि कभी-कभी हमारे स्कूल के चार्टों का उपयोग करते हुए भी। विद्यार्थियों ने दीवार पर लगी सामग्री कैसी लगी? इस पर प्रायः टिप्पणी की। सामग्री देखने में रोचक थी। इसमें निश्चित रूप से उनकी रूचि और बातचीत को बढ़ाया। विचार के लिए रुकें
गतिविधि 4: अंकुरण का अन्वेषण करनागतिविधि 2 के अपने जवाबों का उपयोग करते हुए अपने विद्यार्थियों से अन्वेषण करवाने की अपनी योजना में सुधार करें। आप विद्यार्थियों को इसका परिचय किस तरह देंगे? आप श्रीमती यादव जैसे पत्र का उपयोग कैसे करेंगे? अपने विद्यार्थियों को इस बारे में सोचने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेंगे? और प्रश्न पूछेंगे कि क्या उनकी योजना इस प्रश्न का जवाब देगी ‘अंकुरण के लिए सर्वश्रेष्ठ दशाएँ कौन-सी हैं?’ इसकी पहचान करें कि आप पौधों को कहाँ रखेंगे जहाँ आप रिकॉर्डिंग शीटों को प्रदर्शित कर सकें (एक नमूने की रिकॉर्डिंग शीट के लिए संसाधन 4 देखें)। इस पर विचार करें कि आप उनके परिणामों को कक्षा और स्कूल में एक व्यापक समूह को संचारित करने के लिए इस प्रदर्शन को कैसे विकसित कर सकते हैं? अब अपने विद्यार्थियों को अंकुरण पाठ पढाएँ। विचार के लिए रुकें
4 शिक्षण परिवेश का सतत विकासअपनी कक्षा का संवर्धन करने और अपने विद्यार्थियों के लिए इसे अधिक संवादात्मक और प्रेरक शिक्षण परिवेश बनाने के कई तरीके हैं। उदाहरण के लिए, अपने विद्यार्थियों की विज्ञान में रुचि बनाए रखने के लिए एक समाचार बोर्ड लगाना एक अच्छा तरीका है। यहाँ, आप और आपके विद्यार्थी समाचार-पत्रों के लेख या उनके द्वारा विज्ञान के संबंध में देखी गई किसी चीज़ के बारे में कोई टिप्पणी लिख सकते हैं। जब दूसरे विद्यार्थी इसे देखेंगे तो यह उन्हें बात करने और अपने विचारों को आपके और एक दूसरे के साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। आप अपने कक्षा परिवेश को अधिक रोचक और संवादात्मक बनाने के अन्य तरीकों के बारे में सोचने में सक्षम होंगे। 5 सारांशइस इकाई में दिखाया गया है कि कैसे छोटे-छोटे परिवर्तन और नई परिपाटियों तथा काम करने के नए तरीकों की शुरुआत आपके विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा अन्तर ला सकती है। अंकुरण के लिए आवश्यक दशाओं के अन्वेषण के माध्यम से, इस इकाई में वे तरीके खोजे गए हैं, जिनसे आप अपनी कक्षा में शिक्षण परिवेश में सुधार कर सकते हैं। अपने अध्यापन के दृष्टिकोण के एक भाग के रूप में भौतिक परिवेश का उपयोग करके इसे रोचक तथा प्रेरक बना सकते है। कक्षा परिवेश के संवर्धन में अपने विद्यार्थियों को शामिल करके, आपने एक निरापद सुरक्षित परिवेश का निर्माण करना आरंभ कर दिया है, जहाँ वे प्रभावी ढंग से सीख सकते हैं। इससे उनका आत्म-सम्मान और किसी भी विषय को संभाल लेने के विश्वास का निर्माण होगा। एक अध्यापक के रूप में अपने विद्यार्थियों के लिए यथासंभव सर्वश्रेष्ठ अवसर प्रदान करना आपकी जिम्मेदारी है वे अवसर जो सार्थक हों, आपके विद्यार्थियों के जीवन के अनुभवों तथा क्षमताओं से जुड़े होते हैं कक्षा में शिक्षण के संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। व्यावहारिक अन्वेषणों सहित, विभिन्न तरीकों का उपयोग करके ही विद्यार्थी आवश्यक विचार कौशल विकसित कर सकते हैं। जैसे प्रमाण इकट्ठे करना और उनकी व्याख्या करना। यह भविष्य में सोचने की अधिक जटिल प्रक्रिया के विकास में योगदान देगा। संसाधनसंसाधन 1: सभी को शामिल करना‘सबको शामिल करें’ का क्या अर्थ है?संस्कृति और समाज की विविधता कक्षा में प्रतिबिंबित होती है। विद्यार्थियों की भाषाएं, रुचियां और योग्यताएं अलग-अलग होती हैं। विद्यार्थी विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से आते हैं। हम इन भिन्नताओं को नज़रअंदाज नहीं कर सकते। वास्तव में, हमें उनका उत्सव मनाना चाहिए, क्योंकि वे एक दूसरे और हमारे अपने अनुभव से परे दुनिया के बारे में अधिक जानने का जरिया बन सकते हैं। सभी विद्यार्थियों को शिक्षा पाने और सीखने का अधिकार है चाहे उनकी स्थिति, योग्यता और पृष्ठभूमि कुछ भी हो, और इसे भारतीय कानून और अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकारों में मान्यता दी गई है। 2014 में राष्ट्र को अपने पहले संदेश में, प्रधानमंत्री मोदीजी ने जाति, लिंग या आय पर ध्यान दिए बिना भारत के सभी नागरिकों का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया। इस संबंध में स्कूलों और शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। हम सभी के दूसरों के बारे में पूर्वाग्रह और दृष्टिकोण होते हैं जिन्हें हो सकता है हमने नहीं पहचाना है या संबोधित नहीं किया है। एक अध्यापक के रूप में, आप में हर विद्यार्थी की शिक्षा के अनुभव को सकारात्मक या नकारात्मक ढंग से प्रभावित करने की शक्ति है। चाहे जानबूझ कर या अनजाने में, आपके अंतर्निहित पूर्वाग्रह और दृष्टिकोण इस बात को प्रभावित करेंगे कि आपके विद्यार्थी कितने समान रूप से सीखते हैं। आप अपने विद्यार्थियों के साथ असमान व्यवहार से बचने के लिए कदम उठा सकते हैं। शिक्षा में सबको शामिल करना सुनिश्चित करने के तीन मुख्य सिद्धांत
वे दृष्टिकोण जिनका उपयोग आप हर समय कर सकते हैं
विशिष्ट अध्यापन दृष्टिकोणऐसे कई विशिष्ट दृष्टिकोण हैं जो सभी विद्यार्थियों को शामिल करने में आपकी सहायता करेंगे। इनका अन्य प्रमुख संसाधनों में अधिक विस्तार से वर्णन किया गया है, लेकिन एक संक्षिप्त परिचय यहाँ प्रस्तुत है–
संसाधन 2: शिक्षण - विचारों की निष्पक्ष जांच के लिए अन्वेषणों का उपयोग और आंकड़े एकत्रित करनाविभिन्न कार्यविधियाँ हैं जिनका उपयोग आप अन्वेषणों में उनके कौशल का विकास करने में मदद करने के लिए कर सकते हैं। निम्न सूची में उन बुनियादी कदमों को सारांशित किया गया है, जिनको आप अपने विद्यार्थियों के साथ अन्वेषण करते समय शामिल कर सकते हैं।
यह बहुत जरूरी है कि आप, शिक्षक, आरंभ में चर्चा में छाएँ नहीं। विद्यार्थियों को, शायद खुले प्रश्नों के माध्यम से, आपके द्वारा चाही गई और उनके नतीजों से बन सकने वाली मुख्य शिक्षण व्याख्याओं पर ले जाने से पहले उन्हें अपने विचार व्यक्त करने दें (मौखिक या लिखित रूप में)। संसाधन 3: स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुएअध्यापन के लिए केवल पाठ्यपुस्तकों का ही नहीं – परन्तु अनेक शिक्षण संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है। यदि आप विभिन्न ज्ञानेंद्रियों (दृष्टि, श्रवण, स्पर्श, गंध, स्वाद) का उपयोग करने वाले तरीकों की पेशकश करते हैं, तो आप विद्यार्थियों के सीखने के विभिन्न तरीकों को आकर्षित करेंगे। आपके इर्दगिर्द ऐसे संसाधन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग आप कक्षा में कर सकते हैं, और जिनसे आपके विद्यार्थियों की शिक्षण-प्रक्रिया को समर्थन मिल सकता है। कोई भी स्कूल शून्य या जरा सी लागत से अपने स्वयं के शिक्षण संसाधनों को उत्पन्न कर सकता है। इन सामग्रियों को स्थानीय ढंग से प्राप्त करके, पाठ्यक्रम और आपके विद्यार्थियों के जीवन के बीच संबंध बनाए जाते हैं। आपको अपने नजदीकी पर्यावरण में ऐसे लोग मिलेंगे जो विविध प्रकार के विषयों में पारंगत हैं। आपको कई प्रकार के प्राकृतिक संसाधन भी मिलेंगे। इससे आपको स्थानीय समुदाय के साथ संबंध जोड़ने, उसके महत्व को प्रदर्शित करने, की सहायता मिलेगी। विद्यार्थियों को उनके पर्यावरण की प्रचुरता और विविधता को देखने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी और संभवतः सबसे महत्वपूर्ण रूप से, विद्यार्थियों के शिक्षण में समग्र दृष्टिकोण – यानी, स्कूल के भीतर और बाहर शिक्षा को अपनाने की ओर काम करने में सहायता मिल सकती है। अपनी कक्षा का अधिकाधिक लाभ उठानालोग अपने घरों को यथासंभव आर्कषक बनाने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। उस पर्यावरण के बारे में सोचना भी महत्वपूर्ण है जहाँ आप अपने विद्यार्थियों को शिक्षित करने की अपेक्षा करते हैं। आपकी कक्षा और स्कूल को पढ़ाई की एक आकर्षक जगह बनाने के लिए आप जो कुछ भी कर सकते हैं उसका आपके विद्यार्थियों पर सकारात्मक प्रभाव होगा। अपनी कक्षा को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं – उदाहरण के लिए, आप:
अपनी कक्षा में स्थानीय विशेषज्ञों का उपयोग करनायदि आप गणित में पैसे या परिमाणों पर काम कर रहे हैं, तो आप बाज़ार के व्यापारियों या दर्जियों को कक्षा में आमंत्रित कर सकते हैं और उन्हें यह समझाने के लिए कह सकते हैं कि वे अपने काम में गणित का उपयोग कैसे करते हैं? वैकल्पिक रूप से, यदि आप कला विषय के अंतर्गत परिपाटियों और आकारों जैसे विषय पर काम कर रहे हैं, तो आप मेहंदी डिजाइनरों को स्कूल में बुला सकते हैं जिससे वे भिन्न-भिन्न आकारों, डिजाइनों, परम्पराओं और तकनीकों को समझा सकें। अतिथियों को आमंत्रित करना तब सबसे उपयोगी होता है जब शैक्षणिक लक्ष्यों के साथ संबंध हर एक व्यक्ति को स्पष्ट होता है और सामयिकता की साझा अपेक्षाएं मौजूद होती हैं। आपके पास स्कूल समुदाय में विशेषज्ञ उपलब्ध हो सकते हैं जैसे (रसोइया या देखभालकर्ता) जिन्हें विद्यार्थियों द्वारा अपने शिक्षण के संबंध में प्रतिबिंबित किया जा सकता है अथवा वे उनके साथ साक्षात्कार कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, पकाने में इस्तेमाल की जाने वाली मात्राओं का पता लगाने के लिए, या स्कूल के मैदान या भवनों पर मौसम संबंधी स्थितियों का कैसे प्रभाव पड़ता है बाह्य पर्यावरण का उपयोग करनाआपकी कक्षा के बाहर ऐसे अनेक संसाधन उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग आप अपने पाठों में कर सकते हैं। आप पत्तों, मकड़ियों, पौधों, कीटों, पत्थरों या लकड़ी जैसी वस्तुओं को एकत्रित कर सकते हैं (या अपनी कक्षा से एकत्रित करने को कह सकते हैं)। इन संसाधनों को अंदर लाने से कक्षा में रूचिकर प्रदर्शन तैयार किए जा सकते हैं जिनका संदर्भ पाठों में किया जा सकता है। इनसे चर्चा या प्रयोग आदि करने के लिए वस्तुएं प्राप्त हो सकती हैं जैसे वर्गीकरण से संबंधित गतिविधि, या सजीव या निर्जीव वस्तुएं। बस की समय सारणियों या विज्ञापनों जैसे संसाधन भी आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं जो आपके स्थानीय समुदाय के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं – इन्हें शब्दों को पहचानने, गुणों की तुलना करने या यात्रा के समयों की गणना करने के कार्य निर्धारित करके शिक्षा के संसाधनों में बदला जा सकता है। कक्षा में बाहर से वस्तुएं लाई जा सकती हैं- लेकिन बाहरी स्थान भी आपकी कक्षा का विस्तार हो सकते हैं। सामान्यतः सभी विद्यार्थियों के लिए चलने-फिरने और अधिक आसानी से देखने के लिए बाहर अधिक जगह होती है। जब आप सीखने के लिए अपनी कक्षा को बाहर ले जाते हैं, तो वे निम्नलिखित गतिविधियो को कर सकते हैं–
बाहर, विद्यार्थियों शिक्षण वास्तविकताओं तथा उनके स्वयं के अनुभवों पर आधारित होता है जो शायद अन्य संदर्भों में अधिक लागू हो सकता है। यदि आपके बाहर के काम में स्कूल के परिसर को छोड़ना शामिल हो तो, जाने से पहले आपको स्कूल के मुख्याध्यापक की अनुमति लेनी चाहिए, समय सारणी बनानी चाहिए, सुरक्षा की जाँच करनी चाहिए और विद्यार्थियों को नियम स्पष्ट करने चाहिए। इससे पहले कि आप बाहर जाएं, आपको और आपके विद्यार्थियों को यह बात स्पष्ट रूप से पता होनी चाहिए कि किस संबंध में जानकारी प्राप्त की जाएगी। संसाधनों का अनुकूलन करनाचाहें तो आप मौजूदा संसाधनों को अपने विद्यार्थियों के लिए कहीं अधिक उपयुक्त बनाने हेतु उन्हें अनुकूलित कर सकते हैं। ये परिवर्तन छोटे से हो सकते हैं किंतु बड़ा अंतर ला सकते हैं, विशेष तौर पर यदि आप शिक्षण को कक्षा के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रासंगिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, आप स्थान और लोगों के नाम बदल सकते हैं यदि वे दूसरे राज्य से संबंधित है, या गाने में व्यक्ति के लिंग को बदल सकते हैं, या कहानी में शारीरिक रूप से अक्षम विद्यार्थी बच्चे को शामिल कर सकते हैं। इस तरह से आप संसाधनों को अधिक समावेशी और अपनी कक्षा और उनकी शिक्षण-प्रक्रिया के उपयुक्त बना सकते हैं। साधन संपन्न होने के लिए अपने सहकर्मियों के साथ काम करें। संसाधनों को विकसित करने और उन्हे अनुकूलित करने के लिए आपके बीच में ही आपको कई कुशल व्यक्ति मिल जाएंगे। एक सहकर्मी के पास संगीत, जबकि दूसरे के पास कठपुतलियाँ बनाने या कक्षा के बाहर के विज्ञान को नियोजित करने के कौशल हो सकते हैं। आप अपनी कक्षा में जिन संसाधनों को उपयोग करते हैं उन्हें अपने सहकर्मियों के साथ साझा कर सकते हैं जिससे अपने स्कूल के सभी क्षेत्रों में एक प्रचुर शिक्षण पर्यावरण बनाने में आप सबकी सहायता हो सके। संसाधन 4: बीज अंकुरण के लिए रिकॉर्डिंग शीटतालिका आर 4.1 बीज अंकुरण के लिए रिकॉर्डिंग शीट।
संसाधन 5: अन्वेषण योजना शीट (विद्यार्थियों के लिए)तालिका आर 5.1 अन्वेषण योजना शीट (विद्यार्थियों के लिए)।
अतिरिक्त संसाधन
ReferencesHiggins, S., Hall, E., Wall, K., Woolner, P. and McCaughey, C. (2005) The Impact of School Environments: A Literature Review. London: The Design Council. Available from: http://www.ncl.ac.uk/cflat/news/DCReport.pdf (accessed 9 September 2014). Acknowledgementsअभिस्वीकृतियाँतृतीय पक्षों की सामग्रियों और अन्यथा कथित को छोड़कर, यह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएलाइक लाइसेंस (http://creativecommons.org/ licenses/by-sa/3.0/) के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है। नीचे दी गई सामग्री मालिकाना हक की है तथा इस परियोजना के लिए लाइसेंस के अंतर्गत ही उपयोग की गई है, तथा इसका Creative Commons लाइसेंस से कोई वास्ता नहीं है। इसका अर्थ यह है कि इस सामग्री का उपयोग अननुकूलित रूप से केवल TESS-India परियोजना के भीतर किया जा सकता है और किसी भी बाद के OER संस्करणों में नहीं। इसमें TESS-India, OU और UKAID लोगो का उपयोग भी शामिल है। इस यूनिट में सामग्री को पुनः प्रस्तुत करने की अनुमति के लिए निम्न स्रोतों का कृतज्ञतापूर्ण आभार: चित्र 1 और 3: जेन डेवरू (Figures 1 and 3: Jane Devereux.)। कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा। वीडियो (वीडियो स्टिल्स सहित): भारत भर के उन अध्यापक शिक्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है जिन्होंने उत्पादनों में दि ओपन यूनिवर्सिटी के साथ काम किया है। Copyright © 200X, 200Y The Open University एक शिक्षक के रूप में बच्चों में ज्ञान और समाज की अवधारणा को कैसे विकसित करेंगे?कक्षा का वातारण रूचिपूर्ण और रचनात्मक होना चाहिए। इससे बच्चे जाने के लिए और उद्धेश्य पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्सहित होंगे। उनकी रुचि और रचनात्मकता को संवेग प्रदान करता है, उन्हें स्कूल जाते रहने और सार्थक शिक्षा को हासिल करने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
एक शिक्षक विद्यार्थियों में सीखने के प्रति रुचि कैसे विकसित कर सकता है समझाइए?छात्रों को अहसास दिलाएं कि आप बतौर शिक्षक उनकी परवाह करते हैं। छात्रों को उनकी प्रगति के बारे में व्यक्तिगत फीडबैक भी दें। छात्रों को स्थानीय परिवेश के साथ अपने ज्ञान व समझ को जोड़ने का अनुभव दें। क्लासरूम में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली रणनीति अपनाएं और छात्रों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें।
अधिगम कौशल को विकसित करने में शिक्षक की क्या भूमिका है?अध्यापक द्वारा छात्रों को शिक्षण सम्बन्धी ऐसा सुविधाजनक वातावरण बनाना होता है जिससे कि उन्हें अधिगम में सुविधा हो। शिक्षक की भूमिका ज्ञान के स्त्रोत के साथ-साथ एक सुविधा प्रदाता की भी होती है। वह विविध उपायों से सूचना को ज्ञान व अवबोध में बदलने की प्रक्रिया में सहायक होता है। वह विद्यार्थियों की यथोचित मदद करता है।
छात्रों में कौशल विकास के लिए शिक्षा कैसे सहायक होती है?तथा कौशल दोनों के विकास पर केन्द्रित है । यह उन्हें कार्य के संसार में प्रवेश हेतु तैयार करती है। कार्य शिक्षा विद्यार्थियों को सामाजिक तथा आर्थिक गतिविधियों (कक्षा के भीतर तथा बाहर) में भाग लेने के अवसर प्रदान करती है। यह विभिन्न कार्यों के वैज्ञानिक सिद्धांतों तथा विधियों की समझ बनाने में सहायक है।
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