शारदीय नवरात्रि क्यों मनाया जाता है - shaaradeey navaraatri kyon manaaya jaata hai

By Navaneet Rathaur
PUBLISHED Sep 25, 2022

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क्यों मनाई जाती है शारदीय नवरात्रि, पौराणिक कथा

शारदीय नवरात्रि

हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो जाएगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है।

नवरात्रि का त्योहार

नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में नवरात्रि का त्योहार अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

पौराणिक कथा

आज हम आपको शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाने के पीछे पौराणिक कथा बताएंगे।

महिषासुर दैत्य का वध

नवरात्रि का पर्व मनाए जाने के पीछे मान्यताएं प्रचलित हैं। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा ने शारदीय नवरात्रि में ही महिषासुर नामक दैत्य का वध किया था।

मान्यता है कि महिषासुर ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान पाकर देवताओं को सताने लगा था। इस दैत्य के अत्याचार से परेशान होकर सभी देवता शिव, विष्णु और ब्रह्मा के पास गए।

महिषासुर को वरदान

देवताओं की समस्या सुनकर शिव, विष्णु और ब्रह्मा जी ने आदि शक्ति का आवाहन किया। मान्यता है कि भगवान शिव और विष्णु के क्रोध व अन्य देवताओं से मुख से एक तेज प्रकट हुआ, जो नारी के रूप में बदल गया।

मां दुर्गा को अस्त्र-शस्त्र

अन्य देवताओं ने आदि शक्ति देवी मां दुर्गा को अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए। देवताओं से शक्तियां पाकर मां दुर्गा ने महिषासुर दैत्य को ललकारा।

मां दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध शुरू हुआ, जो 9 दिनों तक चला। इसके बाद दसवें दिन आदि शक्ति देवी मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया।

महिषासुर से युद्ध

मान्यता है कि इन 9 दिनों में देवताओं ने रोज देवी की पूजा-आराधना कर उन्हें बल प्रदान किया। उसी समय से नवरात्रि पर्व मनाने की शुरुआत हुई।

नवरात्रि पर्व की शुरुआत

रावण का वध

नवरात्रि पर्व को लेकर मान्यता है कि भगवान राम ने भी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक देवी की साधना कर दसवें दिन रावण का वध किया था।

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shardiya Navratri 2022 Importance: भारत देश में नवरात्रि का पर्व बहुत जोर-शोर से मनाया जाता है. देश के कई राज्‍यों में इसकी धूम रहती है. फिर चाहे बात गुजरात के गरबा की हो, बंगाल की दुर्गा पूजा की हो या कुल्‍लू के दशहरे की हो. इसके अलावा राजस्‍थान, दिल्‍ली, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश आदि में लोग भक्ति भाव से मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-उपासना करते हैं, 9 दिन तक व्रत रखते हैं. इसके लिए नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करते हैं. आइए जानते हैं नवरात्रि क्‍यों मनाई जाती है. बता दें कि इस साल 26 सितंबर से नवरात्रि प्रारंभ होंगी और 5 अक्‍टूबर को दशहरा मनाया जाएगा.

मां दुर्गा ने किया था दैत्‍य महिषासुर का वध

नवरात्रि पर्व मनाए जाने के पीछे कई तरह की मान्यताएं है लेकिन इनमें सबसे ज्‍यादा प्रचलित पौराणिक मान्यता के अनुसार यह महिषासुर नाम के दैत्‍य और मां दुर्गा द्वारा उसके संहार के चलते मनाया जाता है. पौराणिक कहानी के अनुसार महिषासुर नाम के दैत्‍य को ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मिला हुआ था. इस कारण वह देवताओं को खूब सताता था. एक बार महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर सभी देवता भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा के पास गए. तब उन्‍होंने आदि शक्ति का आह्वान किया और एक तेज प्रकट हुआ जो कि नारी के रूप में बदल गया. यह देवी दुर्गा थीं. देवी दुर्गा ने महिषासुर को ललकारा और उनके बीच 9 दिन तक भयंकर युद्ध चला. 10वें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया. मान्यता है कि इन 9 दिनों के दौरान देवताओं ने रोज देवी की पूजा-आराधना कर उन्हें बल प्रदान किया था. तब से ही नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की जाती है. साथ ही 10वें दिन को देवी दुर्गा की जीत के चलते विजयादशमी भी कहा जाता है.

भगवान राम ने भी इसी दिन किया था रावण का वध

इसके अलावा नवरात्रि और दशहरे से जुड़ी एक और कथा है. यह कथा है भगवान राम के द्वारा लंका के राजा रावण के वध की. माता सीता का हरण करके ले गए रावण से युद्ध करने से पहले भगवान श्रीराम ने 9 दिन तक अनुष्‍ठान करके मां दुर्गा का आर्शीवाद प्राप्‍त किया था और फिर 10वें दिन रावण का वध किया था. इस कारण 9 दिन तक मां दुर्गा की आराधना करने के बाद रावण दहन करके दशहरा मनाया जाता है.

नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती है. पहला चैत्र मास में, जिसे चैत्र नवरात्र कहते हैं और दूसरा आश्व‍िन मास में, जिसे शारदीय नवरात्र‍ि कहते हैं. नवरात्रि के दिनों में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. आश्विन मास में मनाए जाने वाले नवरात्रों में दसवें दिन विजयदशमी यानी दशहरा त्‍यौहार के रूप में मनाया जाता है.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्र‍ि के दसवें दिन दशहरा क्यों मनाते हैं? हम यहां आपको वही बता रहे हैं...

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कैसे हुई थी शारदीय नवरात्र की शुरुआत

ऐसी मान्यता है कि शारदीय नवरात्र की शुरुआत भगवान राम ने की थी. भगवान राम ने सबसे पहले समुद्र के किनारे शारदीय नवरात्रों की पूजा की शुरुआत की. राम ने लगातार 9 दिनों तक शक्त‍ि की पूजा की थी और तब जाकर उन्होंने लंका पर जीत हासिल की थी.

यही वजह है कि शारदीय नवरात्रों में नौ दिनों तक दुर्गा मां की पूजा के बाद दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. हर साल 10वें दिन तब से ही दशहरा मनाया जाता है और माना जाता है कि अधर्म की धर्म पर जीत, असत्‍य की सत्‍य पर जीत के लिए 10वें दिन दशहरा मनाते हैं.

क्यों मनाई जाती है शारदीय नवरात्रि?

मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर असुरी शक्तियों का विनाश किया. कहा जाता है कि जब मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया, तब वह समय आश्विन माह का था, इसलिए हर साल आश्विन माह की प्रतिपदा से लेकर पूरे नौ दिनों कर नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं.

शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में क्या अंतर है?

चैत्र नवरात्रि के दौरान कठिन साधना और कठिन व्रत का महत्व है, जबकि शारदीय नवरात्रि के दौरान सात्विक साधना, नृत्य, उत्सव आदि का आयोजन किया जाता है. यह दिन शक्ति स्वरूप माता की आराधना के दिन माने गए हैं.

नवरात्रि का इतिहास क्या है?

देवी दुर्गा मान गईं लेकिन एक शर्त पर.. उन्होंने कहा कि महिषासुर को उनसे लड़ाई में जीतना होगा। महिषासुर मान गया और फिर लड़ाई शुरू हो गई जो 9 दिनों तक चली। दसवें दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर दिया...और तभी से ये नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।

नवरात्रि कब और क्यों मनाई जाती है?

इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान,शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। माघ, चैत्र, आषाढ,अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।