टिटोडी के अंडे का क्या महत्व है? - titodee ke ande ka kya mahatv hai?

कोटपूतली| इस बार अच्छी बरसात होने की उम्मीद लगाई जा रही है। कस्बे में एक टीटोड़ी ने छत के ऊपर अंडे दिए है। ग्रामीणों की मान्यता है कि यदि टीटाेड़ी जितनी अधिक ऊंचाई पर अंडे देती है बरसात उतनी ही अधिक होती है। बुजुर्गो की किवंदती है कि अमूमन टीटोड़ी जमीन पर ही अंडे देती है लेकिन यदि छत या पेड़ पर अंडे देती है तो बरसात क्षेत्र में अच्छी होती है। अंडों की सुरक्षा के लिए टीटोड़ी दिनभर आसपास क्षेत्र में मंडरा कर उनका ध्यान रख रही है। दूसरी और इन दिनों सूर्यदेव अपना पूरा रौद्र रूप दिखा रहे है। इन्ही प्राचीन टोटकों में शुमार है कि मानसून से पूर्व टिटोडी के अंडों का दिखाई देना। ग्रामीण क्षेत्र में आज भी प्राकृतिक जीव जंतुओं की गतिविधियों से बारिश व आंधी के कयास लगाए जाते रहे है। लोकमान्यता के अनुसार टिटोडी का अंडे देना बारिश के लिहाज से शुभ संकेत माना जाता है। ग्रामीण मानते है कि टिटोडी जितने अंडे देती है उतने ही महीने बारिश होती है। टिटोडी एक ऐसा पक्षी होता है जो गर्मी के दिनों में मानसून से पूर्व अंडे देती है। इससे किसान ये अंदाजा लगा पाते है कि मानसून किस प्रकार का रहेगा। ये अंदाजा काफी हद तक सटीक भी बैठता है।

कोटपूतली| टीटोड़ी ने छत पर 4 अंडे दिए, चौमासे में अच्छी बारिश के संकेत।

टिटहरी के अंडे से क्या फायदा होता है?

मसलन टिटहरी के अंडे। वागड़ में लोकमान्यता के अनुसार टिटहरी द्वारा अंडे देना बारिश के लिहाज से शुभ संकेत माना जाता है। ग्रामीणों के मुताबिक जितने अंडे दिए जाते हैं उतने ही महीने बारिश होती है। अच्छी बारिश की जगी आस .....

टिटहरी का बोलना क्या संकेत देता है?

ऐसी मान्यता है कि टिटहरी जब वृक्ष पर रहने लगे समझो कि धरती पर भूकंप आने वाला है। दरअसल टिटहरी कभी भी वृक्ष पर घोंसला नही बनाती। वह जमीन पर ही अंडे देती है और जमीन पर ही रहती है। चमगादड़ का किसी के घर के अंदर प्रवेश करना बहुत बड़ा अपशगुन माना जाता है।

टिटहरी के अंडे कितने दिन में फूटते हैं?

अंडों को चूजों से निकलने में लगभग 21 दिन लगते हैंअंडे के अंदर शुरुआत में पीले रंग की जर्दी लिक्विड में मौजूद होती है, जो कुछ दिनों में धीरे-धीरे लाल रंग में बदलते जाती है। यही जर्दी आगे जाकर चूजे का रूप लेती है और फिर 21 वें दिन अंडे के अंदर से चूजे बाहर निकलते हैं

टिटहरी का अंडा कैसे होता है?

टिटहरी कभी भी वृक्ष पर अपना घर नहीं बनाती है। वह भूमि पर ही अंडे देती है और भूमि पर ही रहती है। कोई भी अन्य पक्षी जब भी अंडा देता हैं तो उस पर बैठकर उसको गर्म करके उसको तोड़ता है लेकिन टिटहरी ये सब से अलग है और ऐसा बिलकुल भी नहीं करता है।