धनतेरस पर लक्ष्मी जी की पूजा कैसे की जाती है? - dhanateras par lakshmee jee kee pooja kaise kee jaatee hai?

नई दिल्ली, Dhanteras 2022: आज से पांच दिवसीय दिवाली महापर्व की शुरआत हो चुकी है। कई जगहों पर आज धनतेरस पर्व मनाया जा रहा है तो कुछ जगहों पर 23 अक्टूबर के दिन यह पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि धनतेरस पर्व के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनके भाग्य खुल जाते हैं। इस दिन लोग माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति घर लेकर आते हैं। लेकिन शास्त्रों में इस संदर्भ में भी कुछ नियम बताए हैं जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक है। आइए जानते हैं लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले किन बातों का रखना चाहिए ध्यान।

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लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें

बैठी मुद्रा में हो

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लक्ष्मी गणेश जी मूर्ति ऐसी है जिसमें वह बैठी मुद्रा में नजर आ रहे हैं। कभी भी ऐसी मुद्रा में मूर्ति न खरीदे जिसमें वह खड़ी मुद्रा में हो।

इस तरह हो गणेश जी की सूंड

मूर्ति खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि  गणेश जी की सूंड बाएं ओर मुड़ी हो। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें की सूंड़ में दो घुमाव न हो।

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ऐसी खरीदें मां लक्ष्मी की मूर्ति

मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति खरीदे जिसमें वह कमल में विराजमान हो और उनके हाथ वर मुद्रा में हो और धनवर्षा कर रहा हो।

गणेश मूर्ति में मूषक जरूर

भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय मूषक यानी चूहा का जरूर ध्यान रखें। मूर्ति में इनके न होने पर दोष लगता है। मूषक की सवारी करते हुए गणेश जी की मूर्ति भी शुभ मानी जाती है।

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एक साथ जुड़ी मूर्ति न खरीदे

भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति बिल्कुल न खरीदे जिसमें दोनों एक में ही जुड़ी हो। हमेशा विग्रह यानी अलग-अलग मूर्ति खरीदनी चाहिए।  

मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदें

मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदे जिसमें वह उल्लू में सवार हो। ऐसी मूर्ति अलक्ष्मी या काली लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। इसके साथ ही खड़ी मुद्रा में मां लक्ष्मी की मूर्ति न खरीदें।

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इस दिशा में रखें लक्ष्मी गणेश की मूर्ति

पूजा करते समय गणपति और लक्ष्मी माता की मूर्ति घर की पूर्व दिशा या घर के मध्य स्थान पर रखें और फिर विधिवत पूजा करें।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

Dhanteras 2022 Puja Vidhi: आज 22 अक्टूबर दिन शनिवार को देशभर में धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है. कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है. धनतेरस के अवसर पर शाम को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के स्थिर देव कुबेर की पूजा विधि विधान से करते हैं. माता लक्ष्मी की पूजा करने से पूरे परिवार में धन, दौलत, सुख, समृद्धि आती है, जबकि गणेश जी सभी प्रकार के अमंगल को दूर करके शुभता प्रदान करते हैं और कुबेर की कृपा से धन दौलत में अपार वृद्धि होती रहती है. माता लक्ष्मी चंचला होती हैं, इसलिए उनके साथ गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि वे स्थिर रहें. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं धनतेरस के शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और लक्ष्मी कुबरे पूजा की विधि.

धनतेरस तिथि 2022
काशी विश्वनाथ ऋषिकेश पंचांग के अनुसार आज शनिवार को शाम 04 बजकर 33 मिनट से त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है और कल रविवार शाम 05 बजकर 04 मिनट तक मान्य रहेगी.

धनतेरस 2022 पूजा मुहूर्त
आज शाम उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग में लक्ष्मी, श्रीगणेश और कुबेर की पूजा का शुभ मुहूर्त 06:21 बजे से रात 08:59 बजे तक है.

धनतेरस 2022 खरीदारी मुहूर्त
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त शाम 07:03 बजे से लेकर रात 10:39 बजे तक है.

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गणेश पूजा मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

लक्ष्मी पूजा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता,
नमस्त्यै नमस्त्यै नमस्त्यै नमस्त्यै नमों नम:।

कुबेर पूजा मंत्र
ओम श्रीं, ओम ह्रीं श्रीं, ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।

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धनतेरस पूजन सामग्री
1. माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की नई मूर्ति या तस्वीर और नए वस्त्र, चाहें तो श्री यंत्र, कुबेर यंत्र का भी पूजा में उपयोग कर सकते हैं.

2. कमलगट्टा, धनिया खड़ा, कमल और लाल गुलाब का फूल, माला, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, दूर्वा, कुश, पंच मेवा.

3. मूर्ति स्थापना के लिए चौकी, अक्षत्, हल्दी, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान का पत्ता, पंच पल्लव.

4. दही, दूध, फल, शहद, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, नैवेद्य, मिष्ठाई.

5. गुलाल, कपूर, यज्ञोपवीत, कुमकुम, रुई की बत्ती, दीपक, धूप, गंध, इलायची (छोटी), लौंग, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन,

6. चांदी या सोन का सिक्का, श्रीफल या नारियल, कलमख् बहीखाता आदि.

धनतेरस 2022 लक्ष्मी-कुबेर पूजा विधि
आज धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में पूजन सामग्री की व्यवस्था कर लें. उसके बाद पूजा स्थान पर चौकी को रखें. उस पर एक वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें. सबसे पहले गणेश जी को अक्षत्, सिंदूर, फूल, दूर्वा, पान का पत्ता, सुपारी आदि अर्पित करते हुए पूजन करें.

इसके पश्चात माता लक्ष्मी को सिंदूर, अक्षत्, कमल का पुष्प, कमलगट्टा, फल, धूप, दीप, गंध, मिठाई आदि अर्पित करते हुए पूजा करें. इसके बाद कुबेर की पूजा करें. पूजा के समय इनके मंत्रों का उच्चारण अवश्य करें. फिर कलम, खाताबही आदि की भी पूजा कर लें.

फिर आप गणेश चालीसा, लक्ष्मी चालीसा और कुबेर चालीसा का पाठ करें. फिर सबसे अंत में गणेश जी, माता लक्ष्मी और कुबेर की आरती करें. उसके बाद सभी से प्रार्थना करें कि आपके धन, संपत्ति, नौकरी, बिजनेस आदि में उन्नति हो. स्वास्थ्य उत्तम रहे. परिवार तरक्की करे.

धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी की पूजा कैसे की जाती है?

धनतेरस कुबेर पूजा विधि जैसे धन की देवी लक्ष्मी हैं वैसे ही कुबेर देवता धन के राजा माने गए हैं. धनतेरस पर कुबेर देवता की तस्वीर स्थापित कर रोली, हल्दी, अक्षत, फूल, नेवैद्य, फल, अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें. मान्यता है इस विधि से पूजा करने पर पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती.

धनतेरस की पूजा की विधि कैसे करें?

धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi).
धनतेरस के दिन घर की सफाई कर सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें..
इसके बाद षोडशोपचार विधि से देवता धनवंतरी देव की पूजा करें. ... .
इसके बाद भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांटें..
शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीये जलाना न भूलें..

धनतेरस के दिन कितने दीपक जलाए जाते हैं?

वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है. धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और 13 ही दीप घर के अंदर जलाने चाहिए. इस दिन मुख्य दीपक रात को सोते समय जलाया जाता है.

धनतेरस की पूजा में क्या क्या सामान चाहिए?

इस दिन विशेषकर इन 13 चीजों के बिना यह पूजन अधूरा माना जाता है, जैसे- भगवान धनवंतरि-लक्ष्मी-श्रीगणेश की तस्वीर, चौकी, मिट्‍टी के दीये, रुई की बाती, कुमकुम, अक्षत, पुष्प एवं माला, झाड़ू, खड़ा धनिया, सुपारी, कुबेर यंत्र, मौली, कलश। लेकिन इसके आलावा भी अन्य कई सामग्री की आवश्यकता होती है।