These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Home Science . Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Home Science Chapter 10 कपड़े के तन्तु : प्रकार एवं दैनिक जीवन में इनका प्रयोग. Show विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: तैयार वस्त्र की साज-सज्जा तथा प्रयोग आदि से प्रत्येक व्यक्ति परिचित है, परन्तु इस बात का ज्ञान प्रत्येक व्यक्ति को नहीं है कि वस्त्र कैसे तथा किससे-तैयार किए जाते हैं। वस्त्रों का निर्माण अनेक प्रकार के तन्तुओं से होता है। अब प्रश्न उठता है कि तन्तु किसे कहते हैं? वस्त्र-विज्ञान की भाषा में वस्त्र-निर्माण की सबसे छोटी इकाई को तन्तु या रेशा कहते हैं। तन्तुओं से धागा तैयार किया जाता है तथा धागों से वस्त्र का निर्माण किया (UPBoardSolutions.com) जाता है। इस प्रकार वस्त्र-निर्माण के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न तन्तुओं के आकार, शक्ल, गुण, लम्बाई तथा स्रोत भिन्न-भिन्न होते हैं। प्रारम्भ में व्यक्ति केवल प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होने वाले तन्तुओं से ही वस्त्र तैयार करता था, परन्तु आधुनिक युग में मनुष्य ने कृत्रिम रूप से भी वस्त्रोपयोगी तन्तु तैयार कर लिए हैं। वस्त्रोपयोगी तन्तुओं का वर्गीकरण तन्तुओं के विभिन्न स्रोत निम्नलिखित हैं उपर्युक्त वर्णित तालिका के आधार पर कहा जा सकता है कि वस्त्रोपयोगी तन्तु मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं-प्राकृतिक तन्तु तथा कृत्रिम तन्तु। प्राकृतिक तन्तु उन तन्तुओं को कहा जाता है जिन्हें प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त किया जाता है। इन तन्तुओं को पुनः तीन उपवर्गों में बाँटा जा सकता है-वनस्पति-जगत् से प्राप्त होने वाले तन्तु, प्राणी या जन्तु-जगत् से प्राप्त होने वाले तन्तु तथा खनिज स्रोतों से प्राप्त होने वाले तन्तु। वस्त्रोपयोगी कृत्रिम तन्तु मानव-निर्मित हैं। इन्हें यान्त्रिक तथा रासायनिक विधियों द्वारा बनाया जाता है। विभिन्न प्रकार के वस्त्रोपयोगी तन्तुओं का सामान्य परिचय निम्नवर्णित है (1) वनस्पति-जगत् से प्राप्त होने वाले तन्तु: (क) कपास अथवा रूई ( कॉटन):
(ख) अन्य वानस्पतिक तन्तु:
(2) जन्तुओं से प्राप्त तन्तु रेशम एवं ऊन दो महत्त्वपूर्ण तन्तु हैं जो हमें जन्तुओं से प्राप्त होते हैं। प्राणी-जगत् से प्राप्त होने वाले इन तन्तुओं में प्रोटीन की अधिकता होती है; अतः इन तन्तुओं को प्रोटीन तन्तु’, भी कहा जाता है। (क) रेशम: रेशम के तन्तु की विशेषताएँ
(ख) ऊन: ऊन के तन्तु की विशेषताएँ:
(3) खनिज पदार्थों से निर्मित तन्तु (क) सोने-चाँदी से निर्मित तन्तु: (ख) ऐस्बेस्टॉस से निर्मित तन्तु: (4) कृत्रिम अथवा मानव-निर्मित तन्तु (क) रेयॉन: (ख) नायलॉन: (ग)
पोलिएस्टर तन्तु: प्रश्न 2: सभ्य मानव का वस्त्रों से घनिष्ठ सम्बन्ध है। वस्त्रविहीन मनुष्य को मानव समाज में कदापि सम्मिलित नहीं किया जा सकता। वस्त्रों से मनुष्य अपने शरीर को प्राकृतिक कारकों से बचाता है। वस्त्रों से ही वह अपने शरीर को सजाता-सँवारता है। वेशभूषा के अतिरिक्त व्यक्ति के दैनिक जीवन में वस्त्रों के अन्य अनेक उपयोग भी हैं। मनुष्य के लिए वस्त्रों के उपयोग एवं महत्त्व का संक्षिप्त विवरण निम्नवर्णित है (1) शरीर को सुरक्षा प्रदान करना: (2) शरीर को
छिपाने में सहायक: (3) वस्त्र शरीर को सजाने सँवारने में सहायक होते हैं: (4) वस्त्र सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करते हैं: (5) वस्त्र व्यक्ति को विशिष्ट पहचान प्रदान करते हैं: (6) वस्त्रों के कुछ अन्य उपयोग: लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: (1) प्राकृतिक स्रोत तथा प्रश्न 2: (क) वानस्पतिक तन्तुओं से निर्मित वस्त्र
(ख) जन्तुओं से प्राप्त अथवा जान्तव तन्तुओं से निर्मित वस्त्र
(ग) खनिज पदार्थों से प्राप्त तन्तुओं से निर्मित वस्त्र
(घ) कृत्रिम तन्तुओं से निर्मित वस्त्र मनुष्य द्वारा रासायनिक विधियों के प्रयोग से निर्मित तन्तुओं से तैयार किए जाने वाले वस्त्र हैं
प्रश्न 3: प्रश्न 4:
प्रश्न 5:
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: प्रश्न 2: प्रश्न 3: प्रैश्न 4: प्रश्न 5: प्रश्न 6: प्रश्न 7: प्रश्न 8:
प्रश्न 9: प्रश्न 10: प्रश्न 11: प्रश्न 12:
प्रश्न 13: प्रश्न 14: प्रश्न
15: प्रश्न 16: प्रश्न
17: प्रश्न 18: प्रश्न 19: प्रश्न 20: प्रश्न 21: प्रश्न 22:
वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न: (1) वस्त्र
विज्ञान के अनुसार वस्त्र-निर्माण की सबसे छोटी इकाई है (2) सूती वस्त्र के लिए तन्तु प्राप्त किए जाते हैं (3) भारतवर्ष में प्रायः सूती वस्त्र अधिक पहने जाते हैं, क्योंकि ये (4) नायलॉन के तन्तु हैं (5) ऊन प्राप्त की जा सकती है (6)
उच्च गुणवत्ता की ऊन प्राप्त की जाती है (7) निम्नलिखित में मानव-निर्मित तन्तु नहीं है। (8) निम्नलिखित में पौधों से न प्राप्त होने वाली तन्तु है (9) निम्नलिखित में से किस तन्तु पर आग का प्रभाव नहीं पड़ता है (10) निम्नलिखित में से प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त तन्तु निर्मित वस्त्र है (11) रेयॉन नामक कृत्रिम तन्तु बनाया जाता है (12) ग्रीष्म ऋतु के लिए वस्त्र होता है (13) हमारे लिए वस्त्रों की उपयोगिता है उत्तर: We hope the UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 10 कपड़े के तन्तु : प्रकार एवं दैनिक जीवन में इनका प्रयोग help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 9 Home Science Chapter 10 कपड़े के तन्तु : प्रकार एवं दैनिक जीवन में इनका प्रयोग, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. सर्दियों में ऊनी वस्त्र क्यों पहनते हैं?सर्दियों में शरीर को ठंड से बचाने के लिए लोग ऊनी कपड़े पहनते हैं. ऊन ऊष्मा का सुचालक है और इसके रेशों में छिपा हीट कंडक्टर बॉडी से जेनरेट होने वाली गर्मी को कपड़ों के अंदर ही लॉक रखता है. यही कारण है कि ऊनी कपड़ों से हमारे शरीर पर ठंड का कोई असर नहीं पड़ता है.
ऊनी कपड़े हमें सर्दी में कैसे गर्म रखते हैं?ऊन अपनी परतों के बीच प्रभावी ढंग से गर्मी को फंसाता है । ऊन ऊष्मा का कुचालक है। ऊन अपनी परतों से अपनी ऊष्मा उत्पन्न करता है।
हम ऊनी कपड़े क्यों पहनते हैं?सर्दियों में या ठंडे स्थानों में, हम ऊनी कपड़े पहनते हैं क्योंकि वे हमें गर्म रखने के लिए शरीर की गर्मी में फंस जाते हैं ।
सर्दियों में किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए और क्यों?Solution : सफेद कपड़े विकिरण ऊष्मा के अच्छे परावर्तक होते हैं तथा रंगीन कपड़े अपने ऊपर आपतित अधिकांश विकिरण ऊष्मा को अवशोषित कर लेते हैं। इसलिए गर्मियों में सफेद कपड़े हमें गर्मी महसूस नहीं होने देते तथा सर्दियों में रंगीन कपड़े हमें गर्म रखते हैं।
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