वर्ग माध्य मूल वेग से आप क्या समझते हैं इसका समीकरण लिखिए? - varg maadhy mool veg se aap kya samajhate hain isaka sameekaran likhie?

  • प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान
    • प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान
    • एक पूरे चक्कर के लिए प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान
    • प्रत्यावर्ती धारा का माध्य अथवा औसत मान

प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान

प्रत्यावर्ती धारा अपने एक पूर्ण (पूरे) चक्कर में दो बार न्यूनतम तथा दो बार अधिकतम मान प्राप्त करती है। धारा के इस अधिकतम मान को शिखर मान कहते हैं। इसे i0 से प्रदर्शित करते हैं।
शिखर मान की परिभाषा इसके नाम से ही स्पष्ट है शिखर का मतलब ऊंचा अधिकतम होता है।

प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान

प्रत्यावर्ती धारा के एक पूरे चक्कर के लिए धारा के वर्ग के औसत मान के वर्गमूल को प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान कहते हैं। (root mean square value of alternating current in hindi) इसे irms द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

एक पूरे चक्कर के लिए प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान

\large \overline{i^2} = \frac{1}{T} \int_0^T i^2 \, dt
चूंकि T = 2π/ω तथा i = i0sinωt रखने पर (जहां T आवर्तकाल है)
\large \overline{i^2} = \frac{1}{2π/ω} \int_0^{2π/ω} (i_0sinωt)^2 \, dt
\large \overline{i^2} = \frac{ω}{2π} \int_0^{2π/ω} i_0^2sin^2ωt \, dt
\large \overline{i^2} = \frac{ω}{2π} i_0^2 \int_0^{2π/ω} (\frac{1 - cos^2ωt}{2}) \, dt    (चूंकि cos2θ = 1-2sin2θ )
समाकलन करने पर
\large \overline{i^2} = \frac{ω}{2π} \frac{i_0^2}{2} [t - \frac{sin2ωt}{2ω}]_0^{2π/ω}
\large \overline{i^2} = \frac{ω}{2π} \frac{i_0^2}{2} (\frac{2π}{ω} + \frac{2ω×2π/ω}{2ω}) - 0 - 2π/ω
\large \overline{i^2} = \frac{ω}{2π} × \frac{i_0^2}{2} × \frac{2π}{ω}
अतः प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान
\footnotesize \boxed { i_rms = \sqrt{\overline{i^2} } = \frac{i_0}{\sqrt{2}} }
क्योंकि हम जानते हैं कि \sqrt{2} = 1.414 होता है इसलिए
\footnotesize \boxed { i_rms = 0.707 i_0 }

इस समीकरण से स्पष्ट होता है की प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान उसके शिखर मान का 0.707 भाग होता है।
इसी प्रकार हम प्रत्यावर्ती वोल्टेज का वर्ग माध्य मूल मान भी ज्ञात कर सकते हैं।

\footnotesize \boxed { V_rms = \frac{V_0}{\sqrt{2}} }
    \footnotesize \boxed { V_rms = 0.707 V_0 }

प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान को प्रभावी मान अथवा आभासी मान भी कहते हैं।
iप्रभावी = irms = i0/√2
iआभासी = irms = i0/√2

पढ़ें… 12वीं भौतिकी नोट्स | class 12 physics notes in hindi pdf

प्रत्यावर्ती धारा का माध्य अथवा औसत मान

प्रत्यावर्ती धारा का मान एक अर्द्ध चक्कर के लिए एक दिशा में तथा दूसरे अर्द्ध चक्कर के लिए दूसरी दिशा (या विपरीत दिशा) में प्रवाहित होता है। एक पूर्ण चक्कर के लिए प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान शून्य होता है। लेकिन अर्द्ध चक्कर के लिए इसका मान शून्य नहीं होता है।

प्रथम अर्द्ध चक्कर के लिए धारा का औसत मान
\footnotesize \boxed { i_m = \frac{2i_0}{π} }
\footnotesize \boxed { i_m = 0.637 i_0 }

दूसरे अर्द्ध चक्कर के लिए धारा का औसत मान
\footnotesize \boxed { i_m = - \frac{2i_0}{π} }
\footnotesize \boxed { i_m = - 0.637 i_0 }

प्रत्यावर्ती धारा के औसत मान average value of alternating current in Hindi को imसे प्रदर्शित करते हैं। तथा i0 धारा का शिखर मान है।

वर्ग माध्य मूल वेग क्या है?...


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आपका क्वेश्चन है वर्ग माध्य मूल क्या होता है गणित में वर्ग माध्य मूल किसी चर राशि की परिमाण को व्यक्त करने का एक प्रकार का सांख्यिकी तरीका है

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वर्ग माध्य मूल वेग से आप क्या समझते हैं इसका समीकरण लिखिए? - varg maadhy mool veg se aap kya samajhate hain isaka sameekaran likhie?

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  • वर्ग माध्य मूल वेग क्या है - varg madhya mul veg kya hai

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वर्ग माध्य मूल वेग से आप क्या समझते हैं?

गणित में वर्ग माध्य मूल (root mean square / RMS or rms), किसी चर राशि के परिमाण (magnitude) को व्यक्त करने का एक प्रकार का सांख्यिकीय तरीका है। इसे द्विघाती माध्य (quadratic mean) भी कहते हैं। यह उस स्थिति में विशेष रूप से उपयोगी है जब चर राशि धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों मान ग्रहण कर रही हो।

माध्य मूल से क्या आशय है उत्तर बताइए?

Answer: माध्य माध्य वह मान है जो सभी मूल्यों के योग को कुल प्रेक्षणों की संख्या से विभाजित करने पर प्राप्त होता है। माध्यिका उस कोटि का मान होता है जो व्यवस्थित श्रेणी को दो बराबर संख्याओं में विभाजित करता है। ... माध्य किसी चर के विभिन्न मूल्यों का साधारण अंकगणितीय औसत माध्य कहलाता है।

प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान तथा शिखर मान में क्या संबंध है?

इस समीकरण से स्पष्ट होता है की प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान उसके शिखर मान का 0.707 भाग होता है। इसी प्रकार हम प्रत्यावर्ती वोल्टेज का वर्ग माध्य मूल मान भी ज्ञात कर सकते हैं। प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान को प्रभावी मान अथवा आभासी मान भी कहते हैं।

मूल से क्या आशय है?

(root in hindi) मूल : मूल पादप का अन्तः भौमिक भाग है जो मूलांकुर से विकसित होता है। 1. मूल धनात्मक गुरुत्वानवर्ती धनात्मक जलानुवर्ती व ऋणात्मक प्रकाशनुवर्ती होती है।