चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। Show आप एक काम करिए किसी दिमागी डॉक्टर को दिखा कर आइए अपने आप किसी दिमागी डॉक्टर दिखाइएगा इसका जवाब क्या है aap ek kaam kariye kisi dimagi doctor ko dikha kar aaiye apne aap kisi dimagi doctor dikhaiega iska jawab kya hai आप एक काम करिए किसी दिमागी डॉक्टर को दिखा कर आइए अपने आप किसी दिमागी डॉक्टर दिखाइएगा इसका 119 3623Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. 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Download the Vokal App! हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इसी ध्वनि को ही वर्ण कहा जाता है। वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर, 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।जिन ध्वनियों के उच्चारण में श्वांस – वायु बिना किसी रूकावट के मुख से निकलती है , उन्हें स्वर कहते हैं। यद्यपि ‘ ऋ ‘ को लिखित रूप में स्वर माना जाता है। परंतु आजकल हिंदी में इसका उच्चारण ‘ री ‘ के समान होता है। पारंपरिक वर्णमाला में ‘ अं ‘ और ‘ अः ‘ को स्वरों में गिना जाता है , परंतु उच्चारण की दृष्टि से यह व्यंजन के ही रूप है। ‘अं‘ को अनुस्वर और ‘ अः ‘ को विसर्ग कहा जाता है। यह हमेशा स्वर के बाद ही आते हैं जैसे – इंगित , अंक , अतः , प्रातः विसर्ग का प्रयोग हिंदी में प्रचलित संस्कृत शब्दों में से होता है। अनुस्वार जिस स्पर्श व्यंजन से पहले आता है उसी व्यंजन के वर्ग के अंतिम नासिक के वर्ण के रूप में वह उच्चरित होता है। वर्णमाला के दो भाग होते हैं : 1. स्वर 2. व्यंजन 1. स्वर क्या होता है : जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस, कंठ, तालु आदि स्थानों से बिना रुके हुए निकलती है, उन्हें ‘स्वर’ कहा जाता है या जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जा सके उसे स्वर कहते हैं। परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 मानी गई है लेकिन उच्चारण की दृष्टि से 10 ही स्वर होते हैं। 1. उच्चारण के आधार पर स्वर :- अ, आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ आदि। 2. लेखन के आधार पर स्वर :- अ, आ, इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , अं , अ: , ऋ आदि। 2. व्यंजन क्या होता है : जिन वर्णों का उच्चारण करते समय साँस कंठ, तालु आदि स्थानों से रुककर निकलती है, उन्हें ‘व्यंजन‘ कहा जाता है प्राय: वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं। हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता। वर्णमाला में कुल 35 व्यंजन होते हैं। कवर्ग : क , ख , ग , घ , ङ चवर्ग : च , छ , ज , झ , ञ टवर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़ ढ़ ) तवर्ग : त , थ , द , ध , न पवर्ग : प , फ , ब , भ , म अंतस्थ : य , र , ल , व् उष्म : श , ष , स , ह संयुक्त व्यंजन : क्ष , त्र , ज्ञ , श्र यह वर्णमाला देवनागरी लिपि में लिखी गई है। देवनागरी लिपि में संस्कृत , मराठी , कोंकणी , नेपाली , मैथिलि भाषाएँ लिखी जाती हैं। हिंदी वर्णमाला में ऋ , ऌ , ॡ का प्रयोग नहीं किया जाता है। हिंदी के वर्ण को अक्षर भी कहते हैं , और उनका स्वतंत्र उच्चारण भी किया जाता है। स्वर को अपनी प्रकृति से ही आकृति प्राप्त होती है। परंतु हिंदी के व्यंजनों में ‘ अ ‘ वर्ण रहता है। कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब स्वर रहित व्यंजन का प्रयोग करना पड़ता है , स्वर रहित व्यंजन को लिखने के लिए उसके नीचे ‘ हलंत ‘ का चिन्ह लगाया जाता है। स्वरअ , आ ( ा ) , इ ( ि ) , ई ( ी ) , उ (ु ) , ऊ (ू ) , ऋ (ृ ) , ए (े ) , ऐ (ै ) , ओ (ो ) , औ (ौ )अनुस्वर – अंविसर्ग – अः (ाः )स्वर के भेदउच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर स्वरों को दो भागों में बांटा गया है ह्रस्व स्वर short vowels ह्रस्व स्वरजिस वर्ण को सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है , उन्हें हर स्वर कहते हैं। जैसे – अ , इ ,उ ,ऋ इनके उच्चारण में जो समय लगता है उसे एक मात्रा का समय कहते हैं। ह्रस्व ‘ ऋ ‘ का प्रयोग केवल संस्कृत के तत्सम शब्दों में होता है जैसे – ऋषि , रितु , कृषि , आदि। ह्रस्व स्वरों को मूल स्वर भी कहते हैं। दीर्घ स्वरजिन स्वरों के उच्चारण में स्वरों से अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। यह स्वर हैं – आ , ई , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ।यह स्वर ह्रस्व स्वरों के दीर्घ रूप नहीं है वरन स्वतंत्र ध्वनियाँ है। इन स्वरों में ‘ ए ‘ तथा ‘ औ ‘ का उच्चारण संयुक्त रूप से होता है। ‘ एे ‘ मे औ+ इ स्वरों का संयुक्त रूप है। यह उच्चारण तब होगा जब बाद में क्रमशः – ‘ य ‘ और ‘ व ‘ आए जैसे – भैया = भइया , कौवा = कउआ प्लुत स्वरजिन स्वरों के उच्चारण में 2 मात्राओं से अधिक समय लगे उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं।आजकल यह प्रचलन समाप्त हो चुका है , हिंदी में प्लुत स्वर का प्रयोग ना के बराबर होता है। अब व्याकरण की पुस्तकों में भी इसका उल्लेख नहीं मिलता। व्यंजनकण्ठयकवर्गक, ख, ग, घ, ङतालव्यचवर्गच, छ, ज, झ, ञमूर्धन्यटवर्गट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़दन्त्यतवर्गत, थ, द, ध, नओष्ठयपवर्गप, फ, ब, भ, मअन्तःस्थअंतस्थ व्यंजनय, र, ल, वसिबिलैंटउष्म व्यंजनश, ष, स, हगृहीतआगत व्यंजनज़, फ़, ऑसंयुक्त व्यंजनक्ष – क् + ष् त्र – त् + र् ज्ञ – ज् + ञ् श्र – श् + र् कम्पन के आधार पर हिंदी वर्णमाला के दो भेद होते हैं। (1) अघोष व्यंजन इनकी संख्या 13 होती है क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, श, ष, स(2) सघोष व्यंजन इनकी संख्या 31 होती है इसमें सभी स्वर अ से ओ तक औरग, घ, ङ ज, झ, ञ ड, ढ, ण द, ध, न ब, भ, म य, र, ल, व, ह व्यंजन की परिभाषाजिन वर्णों के उच्चारण में वायु रुकावट के साथ या घर्षण के साथ मुंह से बाहर निकलती है , उन्हें व्यंजन कहते हैं। व्यंजन का उच्चारण सदा स्वर की सहायता से किया जाता है। हिंदी में कुल 37 व्यंजन है , जिनमें दो आगत व्यंजन ( ज़ , फ़ ) भी शामिल है। उन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है – स्पर्श व्यंजन 27 क्ष, त्र, ज्ञ, श्र मूलत: व्यंजन नहीं है ये संयुक्त व्यंजन है। व्यंजनों का वर्गीकरणउच्चारण की दृष्टि से व्यंजन वर्णों को दो प्रकार से विभाजित किया गया है स्थान के आधार पर – व्यंजनों का उच्चारण मुख के विभिन्न अवयवों – कंठ , तालु , मूर्धा आदि से किया जाता है , जो वर्ण मुख के जिस भाग से बोला जाता है वही उस वर्ण का उच्चारण स्थान कहलाता है। प्रयत्न के आधार पर – व्यंजन ध्वनियों के उच्चारण में स्वास का कंपन , स्वास की मात्रा तथा जीवा आदि अवयवों द्वारा स्वास के अवरोध की प्रक्रिया का नाम प्रयत्न है। प्रायः यह तीन प्रकार से होता है भाषा की सबसे महत्वपूर्ण इकाई ध्वनि है। ध्वनि के लिखित रूप को वर्ण कहते हैं। वर्णों की व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्ण के दो भेद हैं 1 स्वर 2 व्यंजन। स्वर दो प्रकार के हैं ह्रस्व और दीर्घ।अनुनासिक स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से होता है। व्यंजनों का वर्गीकरण उच्चारण स्थान तथा प्रयत्न के आधार पर किया जाता है।व्यंजनों को सघोष – अघोष , अल्पप्राण – महाप्राण , स्पर्श – संघर्षी वर्गों में बांटा जाता है। शब्द के जिस अक्षर पर बल दिया जाता है उसे बलाघात कहते हैं।किसी भाषा को सीखने और बोलने के लिए यह आवश्यक है कि उस भाषा की वर्णमाला का ज्ञान होना आवश्यक है। अंग्रेजी भाषा में मात्र 26 अक्षर है , इनमें से 5 वर्ण स्वर vowels है (a , e , i , o , u ) अ कौनसा वर्ण है?अ देवनागरी लिपि का पहला वर्ण तथा संस्कृत, हिंदी , मराठी, नेपाली आदि भाषाओं की वर्णमाला का पहला अक्षर एवं ध्वनि है। यह एक स्वर है। यह कंठ्य वर्ण है।।
आ से पहले कौन सा अक्षर आता है?अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, (ऋ), ए, ऐ, ओ, औ, = कुल मिलाकर ११ स्वर होते हैं। फिर अं और अ: क्या कहलाते हैं? अं - (ं) यह अनुस्वार कहलाता है।
हिंदी के 52 अक्षर कौन कौन से हैं?नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत में जन्म हुआ और हिंदी भाषा को जानते न हो... ऐसा असंभव है। ... . स्वर – अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ ऑ. अनुस्वार – अं. विसर्ग – अ:. व्यंजन – क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह (क़ ख़ ग़ ज़ ड़ ढ़ फ़ श़ ). संयुक्त व्यंजन– क्ष त्र ज्ञ श्र. अ कितने प्रकार के होते हैं?उच्चारण की दृष्टि से 'अ' के 6 भेद हैं- उदात्त, अनुदात्त और स्वरित होने से 3 भेद और उनके 'निरनुनासिक' (अनुनासिक –रहित) और अनुनासिक होने से कुल 6 भेद है। प्राचीन संस्कृत वैयाकरण 'अ' के 'ह्रस्व', 'दीर्घ' और 'प्लुत' भेद मानते हैं, और इसलिए 'अ' के 8 भेद कहते हैं।
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