अनैच्छिक क्रिया तथा प्रतिवर्ती क्रिया में क्या अंतर है? - anaichchhik kriya tatha prativartee kriya mein kya antar hai?

विज्ञान

प्रश्न 239. अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?

अनैच्छिक क्रियाएँ

प्रतिवर्ती क्रियाएँ

(i) वे क्रियाएँ जो हम अपनी इच्छानुसार सोच-विचार कर भी नहीं कर पाते हैं उन्हें अनैच्छिक क्रियाएँ कहते हैं। जैसे- हृदय स्पंदन।

अचानक किसी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया जिसमें मस्तिष्क सम्बद्ध नहीं होता है उसे प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं। जैसे- गर्म प्लेट छु जाने पर अचानक हाथ का पीछे हटना।

(ii) अनैच्छिक क्रियाएँ मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती हैं।

प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित की जाती है।


MP BOARD CLASS 10 science notes

Solution : अनैच्छिक क्रियाएँ-हमारे शरीर में कई ऐसी क्रियाएँ चलती रहती हैं जिनका हमें पता नहीं चलता जैसेआमाशय में पाचन की क्रिया का होना, रक्त की नलिकाओं में विभिन्न पदार्थों का आवागमन, पाचक रसों का स्रावित होना, गरम चीजों का हाथ से स्पर्श होने से हाथ का हट जाना आदि इस तरह की क्रियाएँ जो हमारी इच्छा से संचालित नहीं होती है “अनैच्छिक क्रियाएँ" कहलाती हैं। प्रतिवर्ती क्रियाएँ-कुछ अनुक्रियाएँ तुरंत हो जाती हैं और मस्तिष्क के आदेश के बिना ही हो जाती हैं। इस प्रकार की अनुक्रियाएँ “स्वत: प्रेरित क्रियाएँ या प्रतिवर्ती क्रियाएँ" कहलाती हैं जो मेरुरज्जू द्वारा संपन्न हो जाती हैं। पलकों का झपकना, छींकना तथा खाँसना आदि प्रतिवर्ती क्रियाएँ हैं। प्रतिवर्ती क्रियाओं पर मस्तिष्क का नियंत्रण नहीं होता। जबकि अनैच्छिक क्रियाओं पर मस्तिष्क का नियंत्रण होता है। इस प्रकार अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एकदूसरे से भिन्न होती हैं।

अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?


अनैच्छिक क्रियाएँ प्रतिवर्ती क्रियाएँ
1. शरीर या शरीर के किसी अंग की क्रियाएँ जिन्हें हम अपनी इच्छा से नियंत्रित नहीं कर सकते, इन्हें अनैच्छिक क्रियाएँ कहते हैं। 1. किसी उद्दीपन के प्रति अचानक व तीव्र प्रतिक्रियाएँ, प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती हैं।
2. इनका नियंत्रण मध्यमस्तिष्क व पश्चमस्तिष्क द्वारा किया जाता हैं। 2. ये मुख्यत: मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती हैं, न कि मस्तिष्क के द्वारा। यह स्वत: ही होती हैं।
3. उदाहरण: ह्दय का धड़कना, साँस लेना, पाचननली की क्रमाकुंचन गति। 3. उदाहरण: छींकना, खाँसना, मुहँ में लार आना, पलकें झपकना आदि।

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प्रतिवर्ती क्रिया और टहलने के बीच क्या अंतर है?


प्रतिवर्ती क्रिया टहलना
1. यह अनैच्छिक प्रतिक्रिया है। 1. यह ऐच्छिक प्रतिक्रिया है।
2. यह शरीर के अंगों की अचानक तथा तीव्र प्रतिक्रिया होती है। 2. यह समय पर पर लेकिन धीमी प्रतिक्रिया होती है।
3. यह मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है। 3. यह मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती है।
4. प्रतिवर्ती क्रिया में शरीर का केवल एक भाग प्रतिक्रिया करता है न कि पूर्ण शरीर। 4. टहलने का अर्थ है पूर्ण शरीर का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना/गति करना।

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प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?


प्रतिवर्ती क्रियाएँ मस्तिष्क द्वारा न होकर तुरत ही मेरुरज्जु द्वारा पूरी की जाती हैं। शरीर के किसी भाग से संदेश मेरुरज्जु तक पहुँचता है और उतनी ही गति से संदेश संबद्ध माँसपेशियों तक पहुँचता है और अनुक्रिया सम्पन्न हो जाती है; जैसे छींक आना, आँख में मिट्टी का कण पड़ने से पलक का बन्द होना और सुई चुभने पर तुरंत उस अंग को पीछे हटा लेना, ऐसी प्रतिवर्ती क्रियाएँ हैं जिनमें सीधे रूप में मस्तिष्क की कोई भूमिका नहीं होती। अनुक्रिया सम्पन्न होने के उपरांत उसका संदेश मस्तिष्क तक अवश्य पहुँचता है।

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मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?


अनुमस्तिष्क (cerebrum) शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है। यह प्रमस्तिष्क के पिछले भाग में निचे की ओर स्थित होता है। यही ऐच्छिक पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।

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हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?


अगरबत्ती से रसायन वायु में विसरित हो जाते हैं तथा हमारे नाक तक पहुँचते हैं। जब हम नासिका में से अंत: श्वास खींचते हैं तो ये रसायन नासिक गुहा में प्रवेश करते हैं। यहाँ पे ये नाक की नमी युक्त श्लेष्मा में घुल जाते हैं। घ्राणग्राही इन रसायनों को संवेदना के रूप में ग्रहण करते हैं। इसे संवेदी तंत्रिकाओं के माध्यम से अगर मस्तिष्क को प्रेषित कर देते हैं जहाँ पर संवेदना का विशेषण होता है तथा उसे अनुभव किया जाता है, ऐसे हम सुगंध का अनुभव करते हैं।

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दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?


प्राणियों के शरीर में दो तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) एक-दूसरे के साथ जुड़कर श्रृंखला बनाते हैं और सुचना आगे प्रेषित करते हैं। सुचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया के द्वारा एक विद्युत् आवेग उतपन्न करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाओं तक पहुँचता है और ताँत्रिकाक्ष में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुंच जाता है।

अनैच्छिक क्रिया तथा प्रतिवर्ती क्रिया में क्या अंतर है? - anaichchhik kriya tatha prativartee kriya mein kya antar hai?

तंत्रीकाक्ष के अंत में विद्युत् आवेग के द्वारा कुछ रसायनों को उतपन्न कराया जाता है जो रिक्त स्थान (सिनेप्टिक दरार) को पार कर अपने से अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इस प्रकार विद्युत् आवेश को आरंभ कराते हैं। यह तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है।इसी प्रकार का एक अंतर्ग्रथन ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिकाओं या ग्रंथियों तक ले जाता है।

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प्रतिवर्ती क्रिया और अनैच्छिक क्रिया में क्या अंतर है?

पलकों का झपकना, छींकना तथा खाँसना आदि प्रतिवर्ती क्रियाएँ हैं। प्रतिवर्ती क्रियाओं पर मस्तिष्क का नियंत्रण नहीं होता। जबकि अनैच्छिक क्रियाओं पर मस्तिष्क का नियंत्रण होता है। इस प्रकार अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एकदूसरे से भिन्न होती हैं।

ऐच्छिक एवं अनैच्छिक प्रतिक्रियाएँ क्या हैं प्रत्येक को उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए?

अनैच्छिक क्रिया == भूख प्यास पाचन नींद तथा शारीरिक आंतरिक क्रियाऐ दिल का धड़कना लीवर के कार्य करना सांस लेना आदि । परन्तु अनैच्छिक और ऐच्छिक क्रिया आपास में मिलाकर भी कार्य करते है । जैसे भूख लगाना ये अनैच्छिक है क्योंकि शरीर को पोषक तत्व चाहिए फिर क्या खाना चाहिए ये ऐच्छिक है अर्थात स्वयं के ऊपर निर्भर करता है ।

अनैच्छिक क्रिया क्या है in Hindi?

Solution : अनैच्छिक क्रियाएँ ऐसी क्रियाओं को कहते हैं जिन पर प्राणी की इच्छाशक्ति का कोई नियन्त्रण नहीं होता। ऐसी क्रियाएँ शरीर के अन्दर स्वत: ही होती हैं। ऐसी क्रियाएँ मस्तिष्क पुच्छ तथा मेड्यूला ऑब्लांगेटा (अनुमस्तिष्क) के द्वारा, नियन्त्रित होती हैं।

अनैच्छिक क्रिया कैसे नियंत्रित होती है?

इन अनैच्छिक क्रियाओं में से कई मध्यमस्तिष्क तथा पश्चमस्तिष्क से नियंत्रित होती हैं। ये सभी अनैच्छिक क्रियाएँ जैसे रक्तदाब, लार आना तथा वमन पश्चमस्तिष्क स्थित मेडुला द्वारा नियंत्रित होती हैं।