मेरा इंस्टाग्राम चालू क्यों नहीं हो रहा है? - mera instaagraam chaaloo kyon nahin ho raha hai?

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आपका प्रश्न इंस्टाग्राम नहीं खुल रहा है क्या करूं इसका गम नहीं खुल रहा है तो एक-एक बार एप्लीकेशन बंद करिए फिर वापस ऐड करें एप्लीकेशन उसके बाद इंस्टाग्राम ओपन करने का ट्राई करें और आप अपना पासवर्ड भूल चुके हो तो फॉरगेट में जाकर पासवर्ड का करिए आपने जो मोबाइल नंबर दिया होगा उसमें मैसेज आएगा और वह पासवर्ड उसमें डाली उसके बाद न्यू पासवर्ड बनाकर इंस्टाग्राम फिर से आपका ओपन हो जाएगा और फिर भी नहीं होता है तो अब इंस्टाग्राम में मेल कर सकते हो वह तो आपकी जरूरत कर लेंगे आपका दिन शुभ हो धन्यवाद

aapka prashna instagram nahi khul raha hai kya karu iska gum nahi khul raha hai toh ek ek baar application band kariye phir wapas aid kare application uske baad instagram open karne ka try kare aur aap apna password bhool chuke ho toh forget mein jaakar password ka kariye aapne jo mobile number diya hoga usme massage aayega aur vaah password usme dali uske baad new password banakar instagram phir se aapka open ho jaega aur phir bhi nahi hota hai toh ab instagram mein male kar sakte ho vaah toh aapki zarurat kar lenge aapka din shubha ho dhanyavad

Instagram नहीं खुल रहा है – नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, हमारी आधिकारिक वेबसाइट Careerbhaskar में। आज की पोस्ट में हम Instagram के बारे में देखेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि यह काम क्यों नहीं कर रही। हमें यकीन है कि आप इंस्टाग्राम के बारे में कुछ सवाल पूछना चाहते हैं, जैसे कि इंस्टाग्राम क्या है ?, इंस्टाग्राम क्यों शुरू नहीं हो रहा है ?, इंस्टाग्राम ठीक से काम क्यों नहीं कर रहा है ?, कब इंस्टाग्राम फिर से शुरू होगा? और बहुत से अन्य।

मेरा इंस्टाग्राम चालू क्यों नहीं हो रहा है? - mera instaagraam chaaloo kyon nahin ho raha hai?
Instagram Nahi Chal Raha

Instagram क्या है?

इंस्टाग्राम  इंटरनेट पर उपलब्ध एक निःशुल्क सोशल नेटवर्किंग सेवा है। जिसके द्वारा इसके सदस्य अपने मित्रों, परिवार और परिचितों के साथ संपर्क रख सकते हैं। इंस्टाग्राम एक मोबाइल, डेस्कटॉप और इंटरनेट-आधारित फोटो-साझाकरण एप्लिकेशन है। जो उपयोगकर्ताओं को फोटो या वीडियो को सार्वजनिक रूप से या निजी तौर पर साझा करने की अनुमति देता है। साथ ही फोटो और वीडियो के अलावा लिखकर पोस्ट भी कर सकते हैं।

इंस्टाग्राम क्यों नहीं चल रहा? 

Instagram के काम न करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, हो सकता है कि Instagram का सर्वर डाउन हो या इंस्टाग्राम मेंटेनेंस में हो। इसके अलावा भी कुछ ऐसी problem है जो आपके फ़ोन में Instagram को चलने से रोक सकती है।

लेकिन सबसे आम समस्या है? इंस्टाग्राम नहीं खुल रहा है और न ही मैसेज कुछ पोस्ट हो रहा है। यह एक बड़ी समस्या है, उनके लिए जिन्हे  कोई पोस्ट करना होता है।

अगर आप इंस्टाग्राम को चलते वक़्त कोई परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आपके लिए यह पोस्ट काफी जरुरी साबित हो सकती है।

बिहार के पटना में जब कुछ छात्रों के साथ नौकरी देने के नाम पर ठगी हुई तो उन्होंने पुलिस से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं सबका दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली. आखिर में वे पहुंचे रिपोर्टर निभा सिंह के पास, जो बिहार के यूट्यूबर बाहुबलियों में से एक हैं.

निभा ने उनके केस अपने हाथ में लिया और अपना कैमरा माइक उठाकर इंस्टीट्यूट की तरफ रवाना हुईं, इसके बाद वह पुलिस स्टेशन भी गई हैं. वहां मौजूद पुलिस वाले उनके आने से इतने खौफजदा हो गए कि शिकायत की कॉपी तुरंत छात्रों को दे दी, जिसके लिए वह कई दिन से वहां के चक्कर लगा रहे थे.

गांधी मैदान से पुलिस स्टेशन की तरफ जाती हुई 25 साल की निभा सिंह कहती हैं, ‘सिस्टम इन लोगों की मदद नहीं करता तो वो हमारे पास आते हैं. हम उनकी आवाज उठाते हैं.’

यही इन डिजिटल बाहुबलियों की ताकत है. पुलिस, सिविल सेवक, राजनेता उनकी शक्ति और पहुंच से डरते हैं और इसलिए वे उन्हें लुभाने की भी कोशिश करते हैं. ये पत्रकार नहीं हैं, लेकिन वे मिनी-अर्नब गोस्वामी की तरह काम करते हैं- गुस्सैल, धर्मी और प्रदर्शनकारी. मनीष कश्यप, रवि भट्ट, रिपोर्टर निभा बड़े नाम हैं. वे ऐसे YouTubers की बढ़ती फौज का हिस्सा हैं, जिनका ग्रामीण बिहार में दबदबा है.

और अब यह तय करना मुश्किल है कि उनका अच्छा-अच्छा काम कहां खत्म होता है.

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निभा सिंह सिर्फ पत्रकार नहीं हैं, और वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी नहीं है. वह उन सभी का कॉम्बो हैं. उनके YouTube चैनल के लगभग 5 लाख सब्सक्राइबर्स हैं और उनके फेसबुक पर 4 लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं. नए बिहारी इन्फ्लुएंसर अपने द्वारा बनाए गए नियमों के अलावा किन्हीं दूसरे नियमों का पालन नहीं करते हैं.

कोई लोकल पत्रकार की हत्या के खिलाफ भड़कते हुए मुख्यमंत्री के घर के बाहर कपड़े उतारता है, कोई पुलिस की कार रोकता है और नियमों का पालन नहीं करने के लिए उन्हें डांटता है, कोई एक स्कूल में प्रवेश कर शिक्षकों की परीक्षा लेने लगता है. वे अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से इस अधिकार की भावना के साथ सवाल पूछते हैं जैसे ये अधिकार उनके लाखों फॉलोवर्स ने उन्हें दिया है. उनकी ताकत सोशल मीडिया है. वे अपने हाथों में माइक लिए हुए हैं और ‘प्रेस’ लिखे आईडी कार्ड पहनते हैं. लोग उनकी निडरता, अक्सर चिल्लाने वाली हरकतों को पसंद करते हैं.

ज्यादातर के पास पत्रकारिता का कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं है. उनके पास बस आत्मविश्वास, रोष और सोशल मीडिया फॉलोअर्स की संख्या में भारी लोग हैं.

बिहार के युवा YouTuber बाहुबली अपने आप में सितारे हैं और अपने नए-नवेले सेलेब्रिटी होने का पूरा आनंद लेते हैं.

31 साल के मनीष कश्यप जहां भी जाते हैं, मोबाइल फोन लिए सैकड़ों लोग उनसे मिलना और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाना चाहते हैं. उनका नाम हवाई अड्डों, बाजारों और गांवों में जाना जाता है. मनीष कश्यप खुद को ‘द सन ऑफ बिहार’ कहते हैं.


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मेरा इंस्टाग्राम चालू क्यों नहीं हो रहा है? - mera instaagraam chaaloo kyon nahin ho raha hai?
मनीष कश्यप पटना एयरपोर्ट पर लोगों से घिरे हुए | फोटो: नूतन शर्मा | दिप्रिंट

कश्यप हरी और सफेद शर्ट की ओर इशारा करते हुए कहते हैं, ‘मैं अब कपड़े नहीं खरीदता, लोग मुझे तोहफे में देते हैं. एक व्यक्ति ने वही दो नाप के कपड़े लाए और मुझसे कहा ‘भैया, मुझे आपका नाप नहीं पता था, इसलिए दो खरीद लिए, कृपया अपना नाप चुनें’. ये कपड़े भी उपहार में दिए गए हैं.’

उनके यूट्यूब चैनल का नाम सच तक न्यूज है, जिसके करीब 55 लाख सब्सक्राइबर हैं. फेसबुक पर उनके 32 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.

लेकिन किसी अच्छी चीज़ की अति भी निराशाजनक हो सकती है. ‘लोग मुझे बहुत प्यार देते हैं लेकिन कभी-कभी इसे संभालना मुश्किल हो जाता है. मैं भी इंसान हूं और कभी-कभी निराश हो जाता हूं. वे तस्वीरें क्लिक करना चाहते हैं और मेरा काम प्रभावित होता है.’

मनीष कश्यप की काली गाड़ी पर ऐसे ही किसी दिन प्रशंसकों ने स्क्रैच लगा दिए, जो उनके साथ तस्वीर खिंचाना चाहते थे.

अक्सर दूसरे छोटे यूट्यूबर्स इन यूट्यूबर्स बाहुबलियों का इंटरव्यू लेते भी दिखते हैं. बहुत से मौकों पर ये एक-दूसरे का इंटरव्यू भी करते हैं.

कश्यप की यात्रा 2017 में एक निजी मुद्दे पर बनाए गए एक वीडियो के साथ शुरू हुई थी. मोटरसाइकिल की बैटरी बदलने के उनके अनुरोध पर एक एक्साइड स्टोर में विवाद हो गया था. और इसलिए कश्यप ने दुकान के बाहर एक वीडियो रिकॉर्ड किया, पहले ‘भारत माता की जय’ के साथ अपने दर्शकों का अभिवादन किया और फिर समस्या का समाधान नहीं करने के लिए स्टोर के कर्मचारियों को गालियां देते दिखे.

‘मैं आप लोगों को इन बैटरियों से मारूंगा’, वह कर्मचारियों को गुस्से से कहते दिखते हैं. फिर उन्होंने अपने फॉलोवर्स से वीडियो को व्यापक रूप से साझा करने के लिए कहा क्योंकि वह चाहते थे कि स्टोर बंद हो जाए.

यह वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद से पुणे से इंजीनियरिंग करने वाले मनीष कश्यप सामाजिक मुद्दों पर वीडियो बनाने लगे.

कश्यप की तरह रवि भट्ट भी एक यूट्यूबर हैं जो खुद को ‘स्वतंत्र पत्रकार’ कहते हैं. यूट्यूब पर उनके चार लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. ‘पैसा अच्छा है,’ भट्ट यूट्यूब और फेसबुक से अपनी कमाई के बारे में कहते हैं.

भट्ट ने उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और अकाउंटेंड के रूप में काम करने के लिए 2015 में दिल्ली चले गए. लेकिन वह कुछ ‘अलग’ करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने 2017 में ब्लॉगिंग शुरू की. वह मूलरूप से अयोध्या के रहने वाले हैं, लेकिन बिहार पर वीडियो बनाते हैं और उनके शब्दों में, वह बिहार को फिर से महान बनाना चाहते हैं.

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अभिषेक मिश्रा अपनी दादी के साथ | फोटो: नूतन शर्मा | दिप्रिंट

कश्यप अपनी कमाई के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देते हैं, लेकिन उनके पास 20-22 लोगों की एक टीम है, और दो कार्यालय हैं – एक पटना में और दूसरा दिल्ली में. कश्यप हंसते हुए कहते हैं, ‘आपको किसी आदमी से उसकी तनख्वाह के बारे में नहीं पूछना चाहिए.’ उनका कहना है कि वह अपनी कमाई का 20-30 फीसदी ‘लोगों की मदद’ पर खर्च करते हैं. उन्होंने छात्रों के लिए कंप्यूटर और लैपटॉप भी खरीदे हैं. रवि भट्ट ने भी कहा कि वह दो लड़कियों की शिक्षा का खर्च उठा रहे हैं.

इन YouTubers को बिहार में सभी आयु वर्ग के लोग देख रहे हैं — एक स्कूली छात्र से लेकर पटना हवाई अड्डे पर एक बुजर्ग सुरक्षा गार्ड तक. हर कोई उन्हें जानता है. इनके पास न केवल समाचारों को प्रभावित करने बल्कि समाचार बनाने की भी शक्ति है.

लेकिन लोग उन्हें हीरो के रूप में देखते हैं. 55 वर्षीय रमेश पटना हवाईअड्डे पर कश्यप से तस्वीर खिंचवाने की कोशिश करते हुए कहते हैं, ‘मुझे आपका बोलने का तरीका पसंद है.’

यूट्यूब बाहुबलियों की इस फौज में रिपोर्टर निभा अकेली महिला हैं. उनका कहना है कि वह मनीष कश्यप और रवि भट्ट जैसे दूसरे यूट्यूबर्स से अलग हैं. ‘मैं दोस्त नहीं बनाती – चाहे वह नेता हों, गायक हों या अन्य YouTubers हों. एक बार जब आप दोस्त बना लेते हैं, तो आप उनसे सवाल नहीं कर सकते,’ वह पटना रोड पर दौड़ते हुए अपने हाथ में माइक को एडजस्ट करते हुए कहती हैं. उनकी खुद की एक फैन फॉलोइंग है, वह अपने आप में एक स्टार हैं.

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रिपोर्टर निभा एक प्रशंसक के साथ फोटो खिंचवाती हुईं | फोटोः नूतन शर्मा | दिप्रिंट

‘मुझे रोजाना 20-30 कॉल आती हैं. लोग मुझसे भूमि विवाद या जब वे अस्पतालों में समस्याओं का सामना करते हैं, या जब पुलिस उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रही है, जैसे मुद्दों को कवर करने के लिए कहते हैं. कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां मेरे वीडियो ने जमीनी स्तर पर चीजें बदल दी हैं. मेरे काम ने कुछ अस्पतालों, स्कूलों और सड़कों को बेहतर बनाया है.’

रिपोर्टर निभा ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से 2020 में मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है, शिक्षकों से सवाल पूछकर बिहार की लचर शिक्षा प्रणाली का मुद्दा उठाने के बाद से छात्रों के बीच अधिक लोकप्रिय हैं. ‘लोग मेरे काम को पसंद करते हैं और मैं इस प्यार का आनंद लेती हूं. एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब मैं काम नहीं करती. वे मुझे पसंद करते हैं. इसलिए मुझे तोहफे मिलते हैं लेकिन मैं किसी से पैसे नहीं लेती,’ एक प्रशंसक से मिले लाल पर्स को दिखाते हुए वह कहती हैं.’


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सनसनीखेज करने के लिए अपने तरीके से चीखना

इनमें से अधिकतर YouTubers के वीडियो सनसनीखेज होते हैं. कभी-कभी वे पुलिसकर्मियों और स्थानीय नेताओं से पूछताछ करते नजर आते हैं; कभी-कभी वे लड़कियों को बताते हैं कि उन्हें किससे शादी करनी चाहिए. कभी-कभी वे ऐसे लोगों या सामग्री की तलाश करते हैं जो उनके वीडियो को वायरल कर सके.

एक वीडियो में, रवि भट्ट एक स्टेशन हाउस ऑफिसर से सवाल करते हैं कि 82 दिनों में चार्जशीट क्यों नहीं दायर की गई. पुलिस अधिकारी धैर्य से समझाते हैं कि कानून के अनुसार चार्जशीट केवल 90 दिनों में दायर की जा सकती है. लेकिन रवि भट्ट, जो इस तथ्य को स्पष्ट रूप से नहीं जानते हैं, पुलिस को खलनायक के रूप में चित्रित करने के उद्देश्य से सवालों की झड़ी लगा देते हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक रील में मनीष कश्यप कहते हैं कि लड़की को मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करनी चाहिए. एक मिनट की क्लिप में वह आक्रामक तरीके से इसे छह बार दोहराता है. ‘यदि माता-पिता सहमत नहीं हैं, तो किसी को उनकी इच्छा के विरुद्ध विवाह नहीं करना चाहिए. अगर माता-पिता आपकी पसंद से सहमत हैं, तो आपको जो पसंद है उससे शादी करें, ‘कश्यप कहते हैं.

कश्यप महरौली में श्रद्धा हत्याकांड पर वीडियो शूट करने गए थे. लेकिन अपने दर्शकों को कोई खबर देने के बजाय, उनके वीडियो, जिसे लाखों बार देखा जा चुका है, में केवल सवाल और पितृसत्तात्मक बयान थे जो मॉरल पुलिसिंग के उनके कट्टर समर्थन को दोहराते थे.

‘मकान मालिकों को न केवल लड़के और लड़कियों के बल्कि उनके माता-पिता के भी दस्तावेज मांगने चाहिए और उनसे फोन पर बात करनी चाहिए. उसके बाद ही उन्हें कमरा किराए पर देना चाहिए,’ मनीष कश्यप कहते हैं. उसी वीडियो में वह फिर भीड़ की ओर मुड़ते हैं. ‘यहां आओ बच्चे,’ वह एक किशोर को पकड़ लेते हैं और उससे सवाल करते हैं.

रवि भट्ट का यूट्यूब चैनल भी ऐसे वीडियो से भरा पड़ा है जिसमें वह या तो युवा अचीवर्स, या भागी हुई लड़कियों या फिर या किसी अन्य यूट्यूबर के साथ विवाद पर बात करते हैं.

अपने एक वीडियो के लिए वह सोनू नाम के बच्चे का इंटरव्यू लेने गए, जो स्कूल में दाखिले के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछने के बाद लोकप्रिय हुआ था. ‘आपने सोनू सूद की मदद क्यों नहीं ली?’ भट्ट बच्चे पर चिल्लाते हुए पूछते हैं. ‘जब आपको देहरादून में पढ़ाने की पेशकश की गई थी तो आप क्यों नहीं गए? क्या पूरी बात टीआरपी स्टंट थी?’ भट्ट लड़के पर एक के बाद एक सवाल दागते रहे और उसे जवाब देने का एक पल भी नहीं दिया.

रिपोर्टर निभा को हर दिन कॉल या इंस्टाग्राम मैसेज के जरिए खबरें मिलती हैं. जिस दिन कवर करने के लिए कोई दिलचस्प कहानी नहीं होती, वह सड़कों पर निकल जाती हैं. ‘हर दिन हम कोई न कोई घटना देखते हैं, वरना पुलिसकर्मी किसी न किसी नियम का उल्लंघन करते हुए पाते हैं.’

बिहार में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये यूट्यूबर उन्हें निशाना बनाते हैं और सिस्टम को नुकसान भी पहुंचाते हैं. ‘पुलिस सबसे आसान लक्ष्य है. माइक और यू-ट्यूब चैनल वाले ये लोग जासूसों की तरह खोजते हैं कि पुलिस अधिकारी कहां हैं और क्या गलत कर रहे हैं और इसका वीडियो बनाते हैं. कुछ जगहों पर पुलिस बल में कमियां हैं लेकिन यह तरीका (YouTubers का) सही नहीं है, ‘बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं.

‘इंटरनेट ने उन्हें YouTube तक पहुंच प्रदान की और अब वे इसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों को टारगेट करने के लिए कर रहे हैं. अगर कोई पुलिस अधिकारी उन्हें तवज्जो नहीं देता है तो वे उसे निशाना बनाने लगते हैं. ऐसे लोग हैं जिनसे वे पैसे लेते हैं. उन्होंने यह सारा बाजार खड़ा कर रखा है, लेकिन कोई उनसे सवाल नहीं करता. वे जो कर रहे हैं वह पत्रकारिता नहीं है.’

ताकत को महसूस करना

हाल ही में नवंबर की सुबह, मनीष कश्यप अपनी 22 लाख रुपये की टाटा सफारी की सर्विस कराने के लिए पटना में नए खुले सर्विस सेंटर पहुंचे. सेंटर का मालिक उसे सेलिब्रिटी की तरह ट्रीट करता है और खुद कार में बैठे कश्यप के पास जाता है. जब कश्यप ने उन्हें बताया कि उन्हें अपनी कार में एक कैमरा लगवाना है, तो सर्विस सेंटर के मालिक का जवाब होता है, ‘हो जाएगा भैया जी’. कश्यप के हर सवाल का यही उनका जवाब था. मालिक चाय बनाता है और कुकीज़ पेश करता है. बदले में, कश्यप अपने दर्शकों को अपनी कार की मरम्मत की आवश्यकता होने पर इस सेंटर में आने के लिए 90-सेकंड की एक क्लिप बनाते हैं, और बाद में स्टोर पर एक लंबे वीडियो का वादा करते हैं.

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मनीष कश्यप बिहार में एक कार रिपेयरिंग सर्विस सेंटर पर | फोटो: नूतन शर्मा | दिप्रिंट

कश्यप के सबसे लोकप्रिय वीडियो में नेताओं से सवाल करना, एक पत्रकार की हत्या, चीनी मिल से बचा हुआ कबाड़ बेचना आदि शामिल हैं.

अक्सर ये यूट्यूबर एक दूसरे का इंटरव्यू भी लेते हैं. हाल ही में नवादा में छह लोगों की आत्महत्या का मामला सामने आया था, जिस पर कश्यप वीडियो बनाने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई और भीड़ में उनके साथ मारपीट भी हुई. यह खबर इतनी बड़ी हो गई कि भट्ट ने इस पर कुछ वीडियो बनाए, एक बार फोन पर कश्यप का इंटरव्यू लिया. इस वीडियो को 2 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. फेसबुक पर इस वीडियो को 10 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

इस वीडियो पर एक यूजर ने कमेंट किया, ‘ये मनीष रिपोर्टर है या रेसलर, ये हमेशा लोगों को धमकाता है.’

‘मनीष भाई, तुम सही रास्ते पर हो, अपना काम करते रहो. तनाव मत लो, ‘दूसरे ने लिखा.

उनका नेटवर्क बहुत बड़ा है. कुछ दिन पहले अयांश नाम के 10 माह के बच्चे को इलाज के लिए चंदा इकट्ठा करने का मामला सामने आया था. तमाम यू-ट्यूब बाहुबलियों ने मिलकर चंदा इकट्ठा किया.

कश्यप दावा करते हैं, ‘हमने अपने दम पर 8 करोड़ रुपये जुटाए.’ ‘भारत में आज कौन सा पत्रकार है जो इतनी बड़ी फैन फॉलोइंग होने के बाद भी जमीन पर जाकर लोगों की मदद करता है. एक भी नहीं,’ वह गर्व के साथ कहतो हैं. कश्यप ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि बच्ची के इलाज के लिए जुटाई गई रकम का गबन किया गया.


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डर को भुनाना

YouTubers के इस इको सिस्टम का विस्तार हो रहा है. कुछ लोग बिहार के बीचों-बीच स्थित छोटे-छोटे गांवों से भी हैं.

अभिषेक मिश्रा, एक YouTuber, सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल करना नहीं जानते है, न ही वह बहुत पढ़े-लिखे हैं, लेकिन वह जानते हैं कि जब कैमरा शुरू होता है, तो उन्हें एक वीडियो बनाना होता है जो लोगों को पसंद आए. उनके वीडियो में अक्सर गालियां होती हैं और एक मौके पर उनका कहना है कि उन्होंने काम करने के लिए ‘रिश्वत’ भी ली.

‘हमने एक ठेकेदार से 2,000 रुपये लिए और फिर उसका वीडियो भी अपलोड कर दिया. वह डरा हुआ था. उस पैसे से हमने जरूरतमंदों की मदद की.’ अभिषेक का दावा है, ‘मैं सिर्फ वीडियो बनाता हूं. गांव के कुछ लड़के उन्हें संपादित करते हैं,’ लुंगी और स्वेटर पहने 26 वर्षीय अभिषेक कहते हैं.

स्थानीय नेताओं और अधिकारियों में डिजिटल बाहुबलियों का खौफ बिहार में दूर-दूर तक पहुंच गया है. उनकी वायरलिटी से हर कोई डरता है. लेकिन रवि भट्ट कहते हैं कि असली डर ‘हमारे सवालों’ का है. ‘जब मैं कैमरा चालू करता हूं, तो वे डर जाते हैं. अगर वे डरते हैं, तो वे सुधर जाएंगे,’ भट्ट कहते हैं.

‘शुरुआत में, उनका काम अच्छा लग रहा था कि वे जनता को जागरूक कर रहे थे. लेकिन अब सिर्फ दबंगई नजर आ रही है. हर चीज के लिए एक व्यवस्था है,’ प्रोफेसर राजीव कमल कहते हैं, जो पटना में एएन सिन्हा संस्थान में मानव विज्ञान पढ़ाते हैं.

अभिषेक के गांव में, जब भी कोई उसके पिता के बारे में पूछता है, तो उसकी बेटी का वही जवाब होता है. ‘पापा शूट करने गए हैं. वह एक वीडियो बनाएंगे.’

(अनुवाद: नूतन | संपादन : इन्द्रजीत)

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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मेरा इंस्टाग्राम क्यों नहीं चालू हो रहा है?

निचे बताये गए तरीको से आप Instagram App को चला सकते है: अपने फोन को Restart करें। डिवाइस की तारीख और समय सेटिंग की जांच करें। ऐप का डेटा और कैश Clear करें। अपने डिवाइस को अपडेट करें।

इंस्टाग्राम ओपन करने के लिए क्या करें?

इन्स्टाग्राम ओपन करें: इन्स्टाग्राम एप आइकॉन, जो कि एक मल्टीकलर कैमरा की तरह दिखता है, पर टैप करें। अपना यूजरनेम, ईमेल एड्रेस या फोन नंबर एंटर करें: ऐसा टॉप टेक्स्ट फील्ड में करें

इंस्टाग्राम बंद क्यों हो रहा है?

बंद हो जाएंगे Facebook और Instagram: क्योंकि इसी डाटा के आधार पर कंपनी यूजर्स को विज्ञापन दिखाती है। META का कहना है कि वर्ष 2022 में जो नई शर्तें लागू की गई हैं उन्हें वह स्वीकार करेगा। लेकिन अगर उसे डाटा ट्रांसफर की अनुमति नहीं दी जाती है तो उसे यूरोप में अपनी Facebook, इंस्टाग्राम जैसी सर्विसेज को बंद कर देगा।

इंस्टाग्राम का पासवर्ड क्या है?

लॉग इन स्क्रीन पर, लॉग इन करें के नीचे पासवर्ड भूल गए पर टैप करें. उपयोगकर्ता नाम या फ़ोन पर टैप करें. अपना ईमेल पता, उपयोगकर्ता नाम या फ़ोन नंबर दर्ज करें, फिर लॉगिन लिंक भेजें पर टैप करें. आपका पासवर्ड रीसेट करने में मदद करने के लिए आपके ईमेल या मोबाइल पर लिंक भेजा जाएगा.