भारतीय नवजात शिशु में जो Male बच्चे का weight 2.8 – 3.2 kg तक Normal weight रहता है वही female का 2.7- 3.1 kg का Weight रहता है। माँ का weight अच्छा होने से बच्चे का Weight भी अच्छा होता है। जो बच्चे 3.1 , 3.2 kg के बच्चे होते है उनको Healthy baby माना जाता है। Show
बच्चे के जन्म के बाद बच्चे के वजन का क्या होता है?
कैसे पता करें कि आपका बच्चा अच्छी तरह से और स्वस्थ बढ़ रहा है?
Have queries or concern ?
बच्चो का weight बोहोत कम होने से क्या प्रोब्लेम्स होती है?
बच्चो का वजन कम क्यों होता है?
About AuthorDr. Pradeep SuryawanshiNeonatologist View Profile
Appointment FormFor a quick response to all your queries, do call us. +91 - 88888 22222 Patient FeedbackGreat doctors, Good facilities, caring and helping staff. I recommend this hospital for day care services. Sangram ShindeAll doctors r very good. There treatments is best. Other staff also good. The service of nurses is great...Hospital is always clean. Vaishali AitawadeAll services provide by hospital are nice and on time. Doctors are polite and co-operative with patient. हां। जन्म के बाद पहले कुछ दिनों में आपके शिशु का वजन कम होगा, क्योंकि वह गर्भ से बाहर की जिंदगी में समायोजित होने का प्रयास कर रहा होता है। जन्म के बाद पहले सप्ताह में शिशुओं का जन्म वजन आमतौर पर पांच से 10 प्रतिशत तक कम हो जाता है।शुरुआत में वजन कम इसलिए होता है क्योंकि जन्म के समय शिशुओं में अतिरिक्त तरल होता है, जो जन्म के बाद निकल जाता है। यह वजन घटना एकदम सामान्य है और यदि शिशु के जन्म वजन का 10 प्रतिशत तक वजन ही कम हुआ है तो कोई चिंता की बात नहीं हैं। आमतौर पर जन्म के पांच से सात दिन बाद शिशुओं का वजन बढ़ना शुरु होता है। करीब दो सप्ताह का होने तक अधिकांश शिशु अपने जन्म वजन के बराबर (या इससे ज्यादा) पहुंच जाने चाहिए। इसके बाद उनका वजन निरंतर बढ़ना चाहिए। हालांकि, सभी शिशुओं के साथ ऐसा ही होता है, मगर कुछ स्वस्थ नवजात शिशुओं को अपने जन्म वजन तक पहुंचने में कई हफ्तों का समय लग जाता है। जन्म के बाद शुरुआती हफ्तों में शिशु के विकास व वजन वृद्धि के साथ कई मुद्दे जुड़े होते हैं, जिनमें यह भी एक बात शामिल है कि आपका स्तनदूध कितनी जल्दी आता है और आपका शिशु कितना ज्यादा दूध पीना चाहता है। उदाहरण के तौर पर आप पाएंगी कि सात से 10 दिन का होने पर आपका शिशु बहुत ज्यादा बार या ज्यादा समय तक स्तनपान करना चाहता है। एक बार भरपेट दूध पी लेने के बाद जब शिशु जल्दी ही दोबारा दूध पीना चाहे तो इसे 'क्लस्टर फीडिंग' कहा जाता है। शिशु के पेट के माप के बारे में जानने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि शिशु को कितनी मात्रा में दूध की जरुरत होती है और उसे कितनी बार स्तनपान करवाने की आवश्यकता है। कई बार अधिक जटिल प्रसव होने की वजह से भी स्तनों में दूध आने में थोड़ा समय लग जाता है। इसका मतलब है कि आपके शिशु को अपने जन्म वजन तक पहुंचने में अन्य शिशुओं की तुलना में अधिक समय लगेगा। यदि आप शिशु का उसकी इच्छानुसार दूध पिलाएंगी तो वह जल्द ही अपना जन्म वजन हासिल कर लेगा। यदि आपका शिशु समय से पहले जन्मा है, बीमार है या कम जन्म वजन शिशु है, तो डॉक्टर आपको शिशु की मांग (डिमांड फीड) की बजाय उसे तय समय पर दूध पिलाने (शेड्यूल फीड) की सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे शिशु बहुत कमजोर या उनींदे रहते हैं और दूध की मांग नहीं कर पाते। उनके भूख के संकेत अक्सर बहुत हल्के या न के बराबर होते हैं। डॉक्टर आपको बताएंगी कि शिशु को कितनी बार दूध पिलाना है। आमतौर पर हर दो से तीन घंटे में शिशु को दूध पिलाने की सलाह दी जाती है, फिर चाहे इसके लिए उसे गहरी नींद से ही जगाना पड़े। आपका शिशु सही ढंग से बढ़ रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए आप यह गिनती कर सकती हैं कि शिशु दिन में कितनी लंगोट या नैपी गंदी कर रहा है। चूंकि अधिकांश माता-पिताओं के पास घर पर शिशु का वजन मापने की सही मशीन नहीं होती, इसलिए लंगोट या नैपी की गिनती शिशु की स्वास्थ्य स्थिति जानने एक अच्छा तरीका है:
यहां पढ़ें कि आप कैसे पता कर सकती हैं कि शिशु को पर्याप्त स्तनदूध मिल रहा है। पहले तीन महीनों में शिशु का वजन हर माह 600 ग्राम से 800 ग्राम तक बढ़ेगा। चार से छह महीनों के बीच उसकी वजन वृद्धि धीमी होकर हर महीने 300 ग्राम से 500 ग्राम तक हो जाएगी। अधिकांश शिशु छह महीने का होने तक अपने जन्म वजन का दोगुना वजन हासिल कर लेते हैं। शुरुआत में नवजात शिशु का वजन घटना आपको परेशान कर सकता है, मगर चिंता न करें जल्द ही उसका वजन जन्म वजन जितना हो जाएगा। यदि आपको लगे कि शिशु सही से दूध नहीं पी रहा है या फिर कम डायपर गीले कर रहा है तो डॉक्टर से जांच करवाने में बुराई नहीं है। यदि आपको जन्म के बाद पहले हफ्तों में शिशु के वजन को लेकर कोई चिंता है तो शिशु के डॉक्टर से बात करें। अंग्रेजी के इस लेख से अनुवादित: Is it normal for my newborn to lose weight after birth? हमारे लेख पढ़ें:
बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है तो क्या करें?केला बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए केला सबसे कारगर है। ... . अंडा अंडे को प्रोटीन का बेस्ट सोर्स कहा जाता है। ... . एवोकाडो एवोकाडो सबसे कम पसंद किया जाता है लेकिन आपको बच्चों को यह फल जरूर खिलाना चाहिए। ... . देसी घी देसी घी भी वेट गेन करने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ... . बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?डॉक्टर शरद ने बताया कि एक साल के बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उसके आहार में खजूर, केले, फल, अश्वगंधा और लाल चावलों को शामिल करना चाहिए। अब आगे हम आपको कुछ अन्य फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें एक साल के बच्चे की डाइट में शामिल कर आप उसके वजन को बढ़ा सकती हैं। वजन बढ़ाने के लिए केला बेहतरीन फूड है।
बच्चे दुबले पतले क्यों होते हैं?कुछ बच्चे बहुत दुबले-पतले होते हैं और अपनी उम्र के हिसाब से इनका वजन बहुत कम होता है। बच्चों के अंडरवेट होने के कई कारण हो सकते हैं। जेनेटिक्स, ग्रोथ में बदलाव या कभी-कभी हाइट बढ़ने के कारण भी टॉडलर बच्चे अंडरवेट रह जाते हैं। जाहिर सी बात है कि बच्चे का दुबलापन माता-पिता के लिए टेंशन और स्ट्रेस का कारण होगा।
उम्र के हिसाब से बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?9-11 और 2 साल के बच्चे
9-11 साल की उम्र में लड़कों का वजन 9.2kg और लड़कियों का वजन 8.6kg होना चाहिए। 1 साल के लड़के का वजन 10.2kg और लड़की का 9.5kg होना चाहिए। 2 साल की उम्र के हिसाब से लड़कों का वजन 12.3kg और लड़कियों का 11.8kg होना चाहिए।
|