पथ प्रदर्शन: भारतीय संविधान > भाग 3 :
मूल अधिकार > समता का अधिकार > अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है । ‘अस्पृश्यता’ से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा । -संविधान के शब्द बिना किसी कारण कोई जाति के व्यक्ति के साथ सिर्फ उस जाति मे जन्म लेने से उसको नीचा मानना एसे सदियो से हमारे समाज मे चले आ रहे उच-नीच
के भेदभाव, आभडछेड़, छूयाछूत की निंदनीय प्रथा को खतम करने के लिए इस अनुच्छेद को संविधान मे स्थान दिया गया। हम सब जानते है की ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष बाबासाहेब आंबेडकर थे जो एक दलित जाती से आते थे। जिससे वह एसी जाति के दर्द अच्छे से समज सकते थे। यह अनुछेद 17 संविधान मे लिखित सभी अधिकारो मे सिर्फ एक मात्र निरपेक्ष अनुच्छेद(Absolute Article) है। यानि की अस्पृश्यता का पालन किसी भी स्वरूप मे करना गैर संवैधानिक है। आपने पढ़ा होगा की अन्य सभी अधिकारो मे कोइना कोई अपवाद होता ही जबकि इस अनुच्छेद का कोई अपवाद नही है। मतलब की आप किसी भी परिस्थिति मे इसका उलंघन नही कर सकते। यह अनुच्छेद केवल राज्य के विरुद्ध नही प्राइवेट व्यक्तियो के भी विरुद्ध है और राज्य का संवेधानिक कर्तव्य है की इन अधिकारो का अतिलंधन रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये।(पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स केस) संविधान मे अस्पृश्यता रोकने के लिए अनुच्छेद 17 के साथ अनुच्छेद 15(2) के प्रावधान भी उपयोक्त है।
अस्पृश्यता क्या है? (What is Untouchability)भारतीय संविधान मे अस्पृश्यता की कोई व्याख्या नही दी हुई है और नही संसद द्वारा पारित किसी अधिनियम मे दी गई है इस शब्द का अर्थ सर्वविदित है। किन्तु मैसूर उच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में इसके अर्थ को स्पष्ट किया है। न्यायालय ने कहा है कि
न्यायालय द्वारा दिये हुये चुकादे और निर्देश से कुछ कार्यो को अस्पृश्यता का पालन माना जाएगा जिसके लिए दंड का प्रावधान भी किया गया है। अस्पृश्यता माने जाने वाले कार्यो के उदाहरण(1) किसी व्यक्ति को किसी सामाजिक संस्था में जैसे अस्पताल, दवाओ के स्टोर, शिक्षण संस्था में प्रवेश न देना, (2) किसी व्यक्ति को सार्वजनिक उपासना के किसी स्थल(मंदिर,मज्जिद आदि) में उपासना या प्रार्थना करने निवारित करना, (3) किसी दुकान, रेस्टोरांत, होटल या सार्वजनिक मनोरंजन के किसी स्थान पर जाने पर पाबंधी लगाना या किसी जलाशय, नल या जल के अन्य स्रोत, मार्ग, श्मशान या अन्य स्थान के संबंध में जहां सार्वजनिक रूप में सेवाएं प्रदान की जाती हैं वहा जाने की पाबंधी लगाना। (4) अनुसूचित जाति(SC,ST,OBC) के किसी सदस्य का अस्पृश्यता के आधार पर अपमान करना (5) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अस्पृश्यता का उपदेश देना (6) इतिहास, दर्शन या धर्म को आधार मानकर या किसी जाती प्रथा को मानकर अस्पृश्यता को सही बताना। (धर्म ग्रंथ मे जातिवाद लिखा है तो मे उसका पालन कर रहा हु एसा नही चलेगा इसको भी अपराध माना जाएगा) क्या भारत में अस्पृश्यता का अंत करने के लिए कोई कानून है? यह मूलभूत अधिकार अपने आप लागू नही होता। संविधान लागू होने के 70 सालो बाद भी भारत मे कई जगहो पर अभी भी अस्पृश्यता का पालन होता। इसको रोकने के लिए संसद ने अनुच्छेद 35 मे दी हुई शक्ति का इस्तमाल करके कानून बनाए है।
अस्पृश्यता अपराध अधिनियम (The Untouchability Offences Act 1955)प्रमुख प्रावधान
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियमइस अधिनियम मे आरोप साबित होने पर दंड बढ़ा कर दो साल का कारावास या 2000 रू. दंड या दोनो कर दिया। और कुछ कार्यो को जोड़ा गया जो आपने ऊपर उदाहरणो मे पढ़ लिया है। अगर मान ले की कोई एसा अस्पृश्यता का कार्य हुआ जो किसी कानून मे उल्लेखित नही है तो ऐसे से मामलो मे न्यायालय निर्णय देगी जिसको इस कानून मे समावेश करना होगा। और पढ़े: नमस्ते! मैं मेहुल जोशी हूँ। मैंने इस ब्लॉग को संवैधानिक प्रावधानों और भारतीय कानूनों को बहुत आसान बनाने की दृष्टि से बनाया है ताकि आम लोग भी कानून आसानी से समझ सकें। Post navigationभारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद छुआछूत को समाप्त करने से संबंधित है?अनुच्छेद-15 (1) "राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान अथवा इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा । "
संविधान के अनुच्छेद 17 में क्या कहा गया है?उन्हें कुछ मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी और कई अन्य अक्षमताओं का सामना करना पड़ा। संविधान में इस प्रावधान को शामिल करना संविधान सभा द्वारा इस कुप्रथा के उन्मूलन की दिशा में दिए गए महत्व को दर्शाता है। कानून के समक्ष समानता की दृष्टि से भी अनुच्छेद 17 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है (अनुच्छेद 14)।
अनुच्छेद 17 18 में क्या है?वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत जातिवाद के आधार पर होने वाली छुआछूत या अस्पृश्यता के भेदभाव को गैर-संविधानिक माना गया है. वहीं, अनुच्छेद 18 के तहत सभी प्रकार की उपाधि देने की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया गया.
5 भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद अस्पृश्यता को समाप्त करता है?Solution : भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता को समाप्त करता है। इसमें कहा गया है: "अस्पृश्यता" को समाप्त कर दिया गया है और किसी भी रूप में इसका अभ्यास प्रतिबंधित है। "अस्पृश्यता" से उत्पन्न होने वाली किसी भी अक्षमता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय अपराध होगा।
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