डेस्क एनबीटी, लखनऊ : अगर आपको गले और छाती में कुछ जमा हुआ सा महसूस हो या फिर सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो समझ जाएं कि ये लक्षण कफ जमा होने के हैं। साथ ही नाक बहना और बुखार आना भी इस समस्या के प्रमुख लक्षण हैं। बलगम या कफ शुरू में तो खतरनाक नहीं है लेकिन अगर ये लंबे वक्त तक जमा रहे तो इससे सांस से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। बलगम जमने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं, जैसे कि
सर्दी-जुकाम, फ्लू, वायरल इंफेक्शन, साइनस और बहुत ज्यादा सिगरेट पीना। कफ दूर करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह से दवाइयां ले सकते हैं औऱ साथ ही इन आसान घरेलू उपायों को भी आजमा सकते हैं। अदरक-शहद अदरक के सेवन से सर्दी-खांसी में फायदा होता है और सांस लेने की प्रक्रिया ठीक हो जाती है। 100 ग्राम अदरक को कूट लें। दो-तीन चम्मच शहद को उसमें मिला लें। इस पेस्ट को दो-दो चम्मच दिन में दो बार लें। समस्या में काफी आराम मिलेगा। गरारे एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक मिलाएं। गर्दन
थोड़ी सी पीछे की तरफ गिराएं और फिर इस नमक के पानी से गरारे करें। काली मिर्च थोड़ी सी काली मिर्च को पीस लें। इसमें 1 चम्मच शहद मिला लें। इस मिश्रण को 10-15 सेकंड गर्म करें। फिर पी लें। इसे पीते ही आपको आराम मिलेगा। प्याज और नींबू प्याज का छिलका उतार लें और अब उसे पीस लें। एक नींबू का रस निकाल लें। इन दोनों को एक कप पानी में मिलाकर उबाल लें और एक चम्मच शहद मिलाकर लें। लेमन टी नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड बलगम कम करने में मदद करता है। ब्लैक टी बनाएं, एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। हल्दी बलगम के उपचार के लिए हल्दी सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाली चीज है। एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं, फायदा होगा। कफ बनने पर सबसे जरूरी है ठंडी चीजों का सेवन बंद कर देना। ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी पिएं। नमके के पानी से गरारे करें। फायदा होगा। डॉ. एसके पांडेय, आयुर्वेदाचार्य Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
डॉक्टर नवीन एलावादी बताते हैं कि सफेद रंग के बलगम की वजह टीबी, अस्थमा सीओपीडी और आईएलडी जैसी समस्या हो सकती है। हालांकि आईएलडी के मरीजों बलगम की समस्या नहीं होती, लेकिन अगर उन्हें सफेद बलगम आ रहा है तो इसका मतलब है कि कोई समस्या और भी है। कुल मिलाकर सफेद
बलगम की समस्या शरीर में पैदा होती है जब आपको हल्के इंफेक्शन की समस्या हो, जैसे खांसी जुकाम आदि। कारण, लक्षण और बचाव, जानें टीबी के बारे में सबकुछ पीला या हरे रंग का बलगमइस तरह का बलगम तब देखने को मिलता है जब किसी व्यक्ति को इंफेक्शन है। आमतौर पर टीबी की स्थिति अधिक खराब होने पर भी हरे या पीले रंग का बलगम आता है। इसके अलावा जो लोग लंबे समय से स्मोकिंग के आदी हैं, उन्हें भी यह समस्या हो सकती है। अगर आपको भी अपने बलगम का रंग हरा या पीला दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। इस समस्या की गहनता से जांच करने के लिए डॉक्टर आपके बलगम की जांच कर सकते हैं। साइनसाइटिस की समस्या है गोल्डन बलगमअगर बलगम अधिक चिपचिपा गाढ़ा और पीला होने लगे तो यह साइनोसाइटिस की समस्या हो सकती है। इस तरह की समस्या शरीर में तब होती है जब नाक में मोल्ड स्पोर्स जैसे इंफेक्शन की समस्या हो। साइनस के दर्द से परेशान हैं तो ये 2 घरेलू उपाय आपको राहत देंगे लाल या गुलाबी रंग का बलगमअगर आपका बलगम लाल या गुलाबी रंग का होने लगे तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है। ऐसा तब होता है जब आपकी रक्त वाहिकाओं से खून निकल रहा हो। यह तभी होता है जब आपकी नाक की सतह या तो बहुत रूखी हो या फिर टूटी हो। क्यों निकलता है काला बलगमकाले रंग का बलगम आमतौर पर उन लोगों को होता है जिनके फेफड़ों में अधिक मात्रा में धुआं भर गया हो। इसका मतलब है कि या तो आप बहुत ज्यादा स्मोक करते हैं या फिर आप बहुत प्रदूषित जगह पर सांस लेते हैं। इसके अलावा यह क्रोनिक साइन संक्रमण के लक्षण भी हो सकते हैं। इस स्थिति में आपको बिना समय गंवाएं डॉक्टर को दिखाना चाहिए। बलगम कहां और कैसे बनता हैहमारे शरीर में एयर पाइप होता है जो हमारे दोनों लंग्स से जुड़ा होता है। यह आगे जाकर राइट ब्रोंकस और लेफ्ट ब्रोंकस के अंदर बंट जाता है। ब्रोंकस आगे चलकर और भागों में बंटने लगते हैं। इन ब्रोंकस के जरिए हवा अंदर और बाहर होती है। वहीं, अस्थमा के मरीजों की ब्रोंकस की वॉल्स मोटी होने लगती हैं। इसके अंदर गॉब्लेट सेल्स की मात्रा बढ़ने लगती है। यही बलगम बनाते हैं। जिंक की कमी से पुरुषों को हो सकता है ये रोग, जानें शरीर में इसके क्या हैं फायदे शरीर को इंफेक्शन से बचाता है बलगमकुल मिलाकर बलगम हमारे शरीर के अंदर एक तरह का
डिफेंस सिस्टम होता है। यह आपको तरह की समस्याओं से बचा कर रखता है। बलगम हमारे शरीर के अंदर पैदा हुए बैक्टीरिया को अपने साथ चिपका लेता है और बाहर निकालने का कार्य करता है। इसलिए जब भी आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह बलगम को बाहर निकालने वाली दवा या तरीका बताते हैं। ताकि शरीर में बनी हुई समस्या बाहर निकल जाए और चेस्ट हल्की हो जाए। जानिए बलगम के रंग हमारी सेहत के बारे में क्या बताते हैं?
जानिए बलगम के रंग हमारी सेहत के बारे में क्या बताते हैं? Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें ज्यादा कफ बनने से क्या होता है?अगर लंबे समय तक कफ बनता रहे तो ये फेफड़ों से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं. कफ का निर्माण फेफड़ों और निचले श्वसन तंत्र के द्वारा किया जाता है. शरीर में अधिक कफ बनने पर ये गले में जमा हो जाता है और कफ में बैक्टीरिया, वायरस जमा होने लगते हैं.
बार बार बलगम क्यों आता है?लेकिन जमाव का मतलब है आपके शरीर में बहुत ज्यादा बलगम होना. ये उस वक्त बनता है जब आपको सर्दी, साइनस या एलर्जी हो जाए या जब आप धुएं या प्रदूषकों में सांस लें. मौसम में मामूली बदलाव आपकी सेहत को खराब कर सकता है. जब आपके आसपास पर्यावरण में परिवर्तन हो, तो जुकाम, खांसी और गले में कफ की समस्या होती है.
बलगम कौन सी बीमारी है?थूक मिश्रित श्लेष्मा एवं अन्य पदार्थ जो श्वसन नाल से मुंह के रास्ते निकाले जाते हैं, बलगम या कफ (Sputum) कहलाते हैं। बलगम, फेफड़ों के काफी अन्दर से निकाला जाने वाला गाढ़ा पदार्थ होता है न कि मुंह या गले के अन्दर का पतला थूक। बलगम का संबन्ध रोगग्रस्त फेफड़े, स्वांस नली एवं ऊपरी श्वसन नाल में हवा के आवागमन से है।
कफ होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?दूध- एक्सपर्ट के मुताबिक, खांसी होने पर दूध से सख्त परहेज करना चाहिए. दूध पीने से छाती में कफ और ज्यादा बढ़ जाता है जिससे खांसी की दिक्कत बढ़ेगी. ऐसे में आपको किसी भी तरह के डेयरी प्रोडक्ट से भी दूर रहना चाहिए. चावल- डॉक्टर्स कहते हैं कि चावल की तासीर ठंडी होती है और इसमें बलगम बनाने वाले गुण मौजूद होते हैं.
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