छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम टेबिल बनाते समय क्या क्या? - chhote bhaee ne apanee padhaee ka taim tebil banaate samay kya kya?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?


छोटे भाई ने टाइम-टेबिल बनाते यह सोचा कि वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा और अपने बड़े भाई साहब को कभी शिकायत का कोई मौका नही देगा। परन्तु उसके स्वच्छंद स्वभाव के कारण वह अपने ही टाईम टेबिल का पालन नहीं कर पाया क्योंकि पढ़ाई के समय उसे खेल के हरे-भरे मैदान, फुटबॉल, बॉलीबॉल और मित्रों की टोलियाँ अपनी ओर खींच लेते थे ।

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प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है। उदाहरणत: इन वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढ़िए -
• मेरा जी पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था
• भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे? ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते, ऐसे-ऐसे सूक्ति बाण चलाते कि मेरे जिगर के टुकडे-टुकडे हो जाते और हिम्मत टूट जाती?
• वह जानलेवा टाइम-टेबिल वह आँखफोड़ पुस्तकें किसी की याद न रहती और भाई साहब को नसीहत और फजीहत का अवसर मिल जाता?
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए -
सिर पर नंगी तलवार लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरा-गैरा नत्थू खैरा।



मुहावरे
वाक्य  
सिर पर नंगी तलवार लटकना उधार लेने के कारण रोहन के सिर पर हमेशा साहूकार की नंगी तलवार लटकती रहती है ।
आड़े हाथों लेना पिता ने राम की गलती पर उसे आड़े हाथों लिया।
अंधे के हाथ बटेर लगना कम पढ़े-लिखे रमेश को इतनी अच्छी नौकरी का लगना जैसे अंधे के हाथ बटेर का लगना है।
लोहे के चने चबाना आजकल के नन्हें-मुन्ने बच्चों को संभालना और उनके प्रश्नों के उत्तर देना लोहे के चने चबाने की तरह है ।
दाँतों पसीना आना गणित के इन सवालों ने तो मेरे दाँतों पसीने निकाल दिए ।
ऐरा-गैरा नत्थू खैरा अब तो यही बात हो गई कि कोई भी ऐरा-गैरा आएगा और उपदेश देने लगेगा ।

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निम्मलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।
तत्सम                   तद्भव              देशज         आगत    (अंग्रेजी एवं उर्दू/अरबी:फारसी)
जन्मसिद्ध               आँख               दाल- भात    पोजीशन, फजीहत
तालीम, जल्दबाज़ी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ़, सूक्तिबाण, जानलेवा, आँखफोड़, घुड़कियाँ , आधिपत्य, पन्ना, मेला-तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रात:काल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम - टेबिल


तत्सम तद्भव देशज आगत

चेष्टा
सूक्तिबाण
आधिपत्य
मेला
फटकार
प्रात:काल
विद्निपुण
अवहेलना

जानलेवा
आँखफोड़ 
पन्ना
भाईसाहब 

घुड़कियाँ

तालीम

जल्दबाजी

स्पेशल 

पुख्ता स्कीम

टाइम-टेबिल

जमात 

हर्फ़ 

तमाशा 

मसलन 

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।


मेरे अनुसार बड़े भाई की डाँट फटकार का ही अप्रत्यक्ष परिणाम था कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया। क्योंकि छोटे भाई को वैसे ही पढ़ने लिखने की अपेक्षा खेल-कूद कुछ ज्यादा ही पसंद था। उससे अपने भले  बुरे की समझ नही थी। ये तो बड़े भाई के उस पर अंकुश रखने के कारण वह घंटा दो घंटा पढाई कर लेता था जिसके कारण वह परीक्षा में अव्वल आ जाता था।

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कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी? 


कथा नायक की रूचि खेल कूद, कँकरियाँ उछालने, मैदानों की सुखद हरियाली, कनकौए उड़ाने, गप्पबाजी करने, कागज़ की तितलियाँ बनाने, उछलकूद करने, चार दीवारी पर चढ़कर ऊपर-नीचे कूदने, फाटक पर सवार होकर उसे मोटर कार बना कर मस्ती करने में थी।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?


मैं लेखक के शिक्षा पर किए व्यंग पर पूरी तरह सहमत हूँ। पाठ में बच्चों की व्यावहारिक शिक्षा को पूरी तरह नजर अंदाज किया है। पाठ में बच्चों के ज्ञान कौशल को बढ़ाने की बजाए उसे रट्टू तोता बनाने पर जोर दिया गया है जो कि सर्वाधिक अनुचित है। परीक्षा प्रणाली में आंकड़ों को महत्त्व दिया गया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर शिक्षा प्रणाली कोई ध्यान नहीं देती है।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए -

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई के लिए एक टाइम-टेबिल बनाया जिसमें खेलने का कोई समय नहीं था। रात ग्यारह बजे तक हर विषय का कार्यक्रम बनाया गया परन्तु पढ़ाई करते समय खेल के मैदान, उसकी हरियाली हवा के हलके-हलके झोंके, फुटबॉल की उछलकूद, कबड्डी बालीबॉल की तेज़ी सब चीज़े उसे अपनी ओर खींचती और वह टाइम टेबिल का पालन नहीं कर पाता था।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B)

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छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम टेबिल बनाते समय क्या क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों?

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई के लिए एक टाइम-टेबिल बनाया जिसमें खेलने का कोई समय नहीं था। रात ग्यारह बजे तक हर विषय का कार्यक्रम बनाया गया परन्तु पढ़ाई करते समय खेल के मैदान, उसकी हरियाली हवा के हलके-हलके झोंके, फुटबॉल की उछलकूद, कबड्डी बालीबॉल की तेज़ी सब चीज़े उसे अपनी ओर खींचती और वह टाइम टेबिल का पालन नहीं कर पाता था।

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई के टाइम टेबिल में अनुवाद का समय क्या रखा था?

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया ? Solution : छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबल बनाते समय सोचा कि वह अब मन लगाकर पढ़ाई करेगा और बड़े भाई को कभी शिकायत का मौका नहीं देगा।

टाइम टेबिल बना लेने के बाद लेखक ने क्या किया?

आँखें आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो । जी पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था। भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे।

छोटे भाई द्वारा टाइम टेबिल पर अमल क्यों नहीं किया जाता था?

यह टाइम-टेबिल का पालन न कर पाया, क्योंकि मैदान की हरियाली, फुटबॉल की उछल-कूद, बॉलीबॉल की तेज़ी और फुरती उसे अज्ञात और अनिवार्य रूप से खींच ले जाती और वहाँ जाते ही वह सब कुछ भूल जाता। प्रश्न 2.