फेरीवाला कौन सा काम करता था कौन उसकी राह देखते थे? - phereevaala kaun sa kaam karata tha kaun usakee raah dekhate the?

उसके स्नेहाभिषिक्त कंठ से फूटा हुआ गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता।

Question 1.
उपरोक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम है-
(a) फेरीवाला-नागार्जुन
(b) दादी माँ-शिवप्रसाद सिंह
(c) कठपुतली-भवानीप्रसाद मिश्र
(d) मिठाईवाला-भवानीप्रसाद वाजपेयी

Answer

Answer: (d) मिठाईवाला-भवानीप्रसाद वाजपेयी


Question 2.
खिलौनेवाले का स्वर कैसा था?
(a) मार्मिक
(b) कर्कश
(c) मीठा
(d) तीखा

Answer

Answer: (c) मीठा


Question 3.
किसके गान से हलचल मच जाती थी?
(a) बच्चों के
(b) आसपास के रहने वालों के
(c) भिखारी के
(d) खिलौनेवाले के

Answer

Answer: (d) खिलौनेवाले के


Question 4.
युवतियाँ कहाँ देखने लगी थी?
(a) बगल में
(b) छत के ऊपर
(c) नीचे की ओर
(d) भीड़ की ओर

Answer

Answer: (c) नीचे की ओर


Question 5.
बच्चे किसे घेर लेते थे-
(a) पड़ोसियों को
(b) दोस्तों को
(c) खिलौनेवाले को
(d) युवती को

Answer

Answer: (c) खिलौनेवाले को


(2)

नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह ! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!”
एक व्यक्ति ने पूछ लिया-“कैसा है वह मुरलीवाला, मैंने तो उसे नहीं देखा!”
उत्तर मिला-“उम्र तो उसकी अभी अधिक न होगी, यही तीस-बत्तीस का होगा। दुबला-पतला गोरा युवक है, बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता है।”

Question 1.
नगर में क्या समाचार फैल गया था?
(a) खिलौनेवाले के आने की
(b) सब्जीवाले के आने की
(c) मदारी के आने की
(d) मुरलीवाले के आने की

Answer

Answer: (d) मुरलीवाले के आने की


Question 2.
मुरली का दाम था-
(a) एक-एक पैसा
(b) दो-दो पैसे
(c) चार आने
(d) एक रुपया

Answer

Answer: (b) दो-दो पैसे


Question 3.
वह आदमी कैसे मुरली बेचता था?
(a) गाना सुनाकर
(b) नाच कर
(c) मुरली बजाकर
(d) भालू नचाकर

Answer

Answer: (c) मुरली बजाकर


Question 4.
मुरलीवाले की कितनी उम्र होगी?
(a) पच्चीस-तीस वर्ष
(b) तीस-बत्तीस वर्ष
(c) चालीस-बयालिस वर्ष
(d) पचास वर्ष

Answer

Answer: (b) तीस-बत्तीस वर्ष


Question 5.
मुरलीवाला कैसा साफ़ा बाँधता था?
(a) बीकानेरी साफ़ा
(b) बीकानेरी रंगीन साफ़ा
(c) जयपुरी लाल साफ़ा
(d) अजमेरी नीला साफ़ा

Answer

Answer: (b) बीकानेरी रंगीन साफ़ा


(3)

विजय बाबू एक समाचार-पत्र पढ़ रहे थे। उसी तरह उसे लिए हुए वे दरवाजे पर आकर मुरलीवाले से बोले-“क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”
किसी की टोपी गली में गिर पड़ी। किसी का जूता पार्क में ही छूट गया और किसी की सोथनी (पाजामा) ही ढीली होकर लटक
आई है। इस तरह दौड़ते-हाँफ़ते हुए बच्चों का झुंड आ पहुँचा। एक स्वर से सब बोल उठे-“अम बी लेंदे मुल्ली और अम वी लेंदे मुल्ली ।”

Question 1.
समाचार पत्र कौन पढ़ रहे थे?
(a) रोहिणी
(b) विजय बाबू
(c) मुरलीवाला
(d) मिठाईवाला

Answer

Answer: (b) विजय बाबू


Question 2.
किसी की टोपी गली में क्यों गिर पड़ी?
(a) झगड़े के कारण
(b) असावधानी के कारण
(c) खेल में मस्त रहने के कारण
(d) भागकर जाने के कारण

Answer

Answer: (d) भागकर जाने के कारण


Question 3.
बच्चे का पार्क में क्या छूट गया?
(a) गेंद
(b) बॉल
(c) जूते
(d) टोपी

Answer

Answer: (c) जूते


Question 4.
हाँफते-भागते बच्चों का झुंड कहाँ पहुँच गया?
(a) घर
(b) विद्यालय
(c) मुरलीवाले के पास
(d) आइसक्रीम वाले के पास

Answer

Answer: (c) मुरलीवाले के पास


Question 5.
बच्चे क्या खरीदना चाह रहे थे?
(a) बॉल
(b) खिलौने मिठाईवाला
(c) मुरली
(d) मिठाई

Answer

Answer: (c) मुरली


(4)

आज अपने मकान में बैठी हुई रोहिणी मुरलीवाले की सारी बातें सुनती रही। आज भी उसने अनुभव किया, बच्चों के साथ इतने प्यार से बातें करनेवाला फेरीवाला पहले कभी नहीं आया। फिर वह सौदा भी कैसा सस्ता बेचता है! भला आदमी जान पड़ता है। समय की बात है, जो बेचारा इस तरह मारा-मारा फिरता है। पेट जो न कराए, सो थोड़ा!
इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला!”

Question 1.
अपने मकान में कौन बैठी थी?
(a) दादी माँ
(b) रोहिणी
(c) पड़ोसिन
(d) मुरलीवाले की पत्नी

Answer

Answer: (b) रोहिणी


Question 2.
मुरलीवाला किससे बातें कर रहा था?
(a) चुन्नू-मुन्नू से
(b) दादी से
(c) रोहिणी से
(d) पड़ोसिन से

Answer

Answer: (c) रोहिणी से


Question 3.
रोहिणी किस बात पर सोच में पड़ गई थी?
(a) बच्चों से प्यार भरी बातें करने पर
(b) सस्ता सामान बेचने पर
(c) मोल-भाव करने पर
(d) बच्चों को बहलाने पर

Answer

Answer: (c) मोल-भाव करने पर


Question 4.
फिर वह सौदा भी कैसा बेचता है! वाक्य का भेद है
(a) आदेश सूचक
(b) संकेत सूचक
(c) विस्मयादि बोधक
(d) इच्छा सूचक

Answer

Answer: (c) विस्मयादि बोधक


(5)

समय की गति ! विधाता की लीला। अब कोई नहीं है। दादी, प्राण निकाले नहीं निकले। इसलिए अपने उन बच्चों की खोज में निकला हूँ। वे सब अंत में होंगे, तो यहीं कहीं। आखिर, कहीं न जनमे ही होंगे। उस तरह रहता, घुल-घुलकर मरता। इस तरह सुख-संतोष के साथ मरूँगा।

Question 1.
उपरोक्त गद्यांश के रचयिता कौन हैं?
(a) विनीता पाण्डेय
(b) प्रयाग शुक्ल
(c) भगवती प्रसाद वाजपेयी
(d) यतीश अग्रवाल

Answer

Answer: (b) प्रयाग शुक्ल


Question 2.
‘समय की गति! विधाता की लीला’ यह कथन किसका है?
(a) दादी का
(b) रोहिणी का
(c) मिठाईवाले का
(d) विजय बाबू का

Answer

Answer: (c) मिठाईवाले का


Question 3.
‘प्राण निकाले नहीं निकले’ इस कथन का अभिप्राय क्या है?
(a) मरने की चाहत
(b) मरने पर भी न मरा
(c) पत्नी और बच्चे के बिना मृत्यु चाहकर भी मर न पाया
(d) उद्देश्यविहीन जीवन

Answer

Answer: (c) पत्नी और बच्चे के बिना मृत्यु चाहकर भी मर न पाया


Question 4.
मिठाईवाले को किस चीज़ की कमी न थी?
(a) संतोष की
(b) धन की
(c) प्रेम की
(d) सुख-शांति की

Answer

Answer: (b) धन की


Question 5.
मिठाईवाला बच्चों की झलक में क्या पाता है?
(a) ईश्वर की
(b) मित्र की
(c) अपने बच्चों की झलक
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (c) अपने बच्चों की झलक


(6)

नगरभर में दो-चार दिनों से एक मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया। लोग कहने लगे-“भाई वाह! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है। मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है, सो भी दो-दो पैसे में। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी!”

Question 1.
नगरभर में क्या समाचार फैल गया?

Answer

Answer: नगर में समाचार फैल गया कि मधुर तान में गाकर मुरलियाँ बेचने वाला आया है।


Question 2.
मुरलीवाले के बारे में लोग क्या कहते थे?

Answer

Answer: मुरलीवाले के बारे में लोग कहते थे कि वह मुरली बजाने में उस्ताद है। वह गाना सुनाकर और मुरली बजाकर मुरली बेचता है। वह दो-दो पैसे में मुरली बेच रहा है। इतने में तो मेहनत भी पूरी न होती होगी।


Question 3.
मुरलीवाला पहले क्या काम करता था?

Answer

Answer: मुरलीवाला पहले खिलौने बेचा करता था।


Question 4.
मुरलीवाला का हुलिया कैसा था?

Answer

Answer: मुरलीवाले का हुलिया-वह गोरा, पतला युवक था। वह 30-32 वर्ष का व्यक्ति था। वह बीकानेरी साफ़ा बाँधता था।


Question 5.
मुरलीवाले द्वारा सस्ती मुरलियाँ बेचने पर लोग क्या सोचते थे?

Answer

Answer: मुरलीवाले के द्वारा सस्ती मुरलियाँ बेचने पर लोग कहते थे कि वह क्या लाभ कमाता होगा।

(7)

विजय बाबू भीतर-बाहर दोनों रूपों में मुसकरा दिए। मन-ही-मन कहने लगे-कैसा है! देता तो सबको इसी भाव से है, पर मुझ पर उलटा अहसान लाद रहा है। फिर बोले-“तुम लोगों की झूठ बोलने की आदत होती है। देते होगे सभी को दो-दो पैसे में, पर अहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।” मुरलीवाला एकदम अप्रतिभ हो उठा। बोला-“आपको क्या पता बाबू जी कि इनकी असली लागत क्या है! यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज़ क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं-दुकानदार मुझे लूट रहा है।

Question 1.
विजय बाबू कौन थे?

Answer

Answer: विजय बाबू रोहिणी के पति और चुन्नू-मुन्नू के पिता थे।


Question 2.
विजय बाबू क्यों मुसकरा दिए।

Answer

Answer: जब मुरलीवाले ने कहा कि वैसे तो मुरली तीन पैसे की है लेकिन मैं आपको दो पैसे की दूंगा तो विजय बाबू मुसकराने लगे। वस्तुतः वे मुरलीवाले को एक आम फेरीवाला समझ रहे थे। उसके मन के भाव से पूर्णतया अपरिचित थे।


Question 3.
विजय बाबू और मुरलीवाले के बीच क्या बातचीत हुई ?

Answer

Answer: मुरलीवाले और विजय बाबू के बीच बातचीत हुआ कि तुम लोगों की आदत झूठ बोलने की है। सभी को दो-दो पैसों में देते होगे पर अहसान का बोझा मेरे ऊपर लाद रहे हो। इस बात का तर्कपूर्ण उत्तर देते हुए कहा कि-मुरली की लागत का पता नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। मैंने तो एक हज़ार मुरलियाँ बनवाई थीं। अत: मुझे इस भाव पड़ी है। अन्यथा कहीं भी ये मुरलियाँ दो-दो पैसे में नहीं मिल सकती।


Question 4.
मुरलीवाले ने क्या सफ़ाई दी?

Answer

Answer: मुरलीवाले ने सफाई दी कि आपको मुरली की लागत का पर्मा नहीं है। हर ग्राहक यही समझता है कि दुकानदार मुझसे ज़्यादा पैसा ले रहा है लेकिन मुझे एक हजार मुरलियाँ बनाने में लागत यही लगी है। अन्यथा कही भी मुरलियाँ दो-दो पैसे के नहीं मिलती हैं।


Question 5.
क्या आप मुरलीवाले की बात से सहमत हैं ?

Answer

Answer: हाँ, मैं मुरलीवाले की बात से सहमत हूँ।


(8)

मिठाईवाले का स्वर उसके लिए परिचित था, झट से रोहिणी नीचे उतर आई। उस समय उसके पति मकान में नहीं थे। हाँ, उनकी वृद्धा दादी थीं। रोहिणी उनके निकट आकर बोली-“दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। ज़रा कमरे में चलकर ठहराओ। मैं उधर कैसे जाऊँ, कोई आता न हो। ज़रा हटकर मैं भी चिक की ओट में बैठी रहूँगी।” दादी उठकर कमरे में आकर बोली-“ए मिठाईवाले, इधर आना।” मिठाईवाला निकट आ गया। बोला-“कितनी मिठाई दूँ माँ? ये नए तरह की मिठाइयाँ हैं-रंग-बिरंगी, कुछ-कुछ खट्टी, कुछ-कुछ मीठी, ज़ायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकती हैं। जल्दी नहीं घुलतीं। बच्चे बड़े चाव से चूसते हैं।

Question 1.
मिठाईवाले की आवाज़ सुन रोहिणी तुरंत नीचे क्यों आ गई ?

Answer

Answer: मिठाईवाले के आवाज़ से रोहिणी समझ गई थी कि यह वही व्यक्ति है जो पहले खिलौने और मुरली लेकर आया था। उस व्यक्ति का स्वभाव विनम्र होने के कारण वह समझ गई कि वह व्यक्ति वही है। वह उसके परिवार के विषय के बारे में जानने के लिए उत्सुक थी, इसलिए उसकी आवाज़ सुनकर वह झट नीचे उतर आई ताकि बच्चों के लिए मिठाई लेने के बहाने उसे बुलवा सके।


Question 2.
रोहिणी ने मिठाईवाले को बुलाने के लिए किनसे कहा और क्यों?

Answer

Answer: रोहिणी ने मिठाईवाले को बुलाने के लिए अपने पति की बूढ़ी दादी से कहा कि वह मिठाईवाले को बुला दें, क्योंकि उसके पति उसके घर में नहीं थे।


Question 3.
रोहिणी बाहर क्यों नहीं जा सकती थी?

Answer

Answer: रोहिणी घर की बहू थी। उस ज़माने में घर की बहुओं को परदे में रहना पड़ता था। उन्हें परिवार तथा गाँव घर के बड़े-बुजुर्गों के सामने जाने की मनाही थी। यही कारण था कि रोहिणी स्वयं बाहर नहीं जा रही थी।


Question 4.
मिठाइयों की क्या विशेषता थी?

Answer

Answer: मिठाइयों की यह विशषता थी कि वह रंग-बिरंगी, खट्टी-मीठी, ज़ायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकती है। जल्दी नहीं घुलती।


Question 5.
उपर्युक्त गद्यांश में क्या बेचने की बात कही गई थी?

Answer

Answer: उपर्युक्त गद्यांश में मिठाई बेचने की बात की गई है।


(9)

अतिशय गंभीरता के साथ मिठाईवाले ने कहा-“मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित आदमी था। मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चे भी थे। मेरा वह सोने का संसार था। बाहर संपत्ति का वैभव था, भीतर सांसारिक सुख था। स्त्री सुंदरी थी, मेरी प्राण थी। बच्चे ऐसे सुंदर थे, जैसे सोने के सजीव खिलौने। उनकी अठखेलियों के मारे घर में कोलाहल मचा रहता था। समय की गति! विधाता की लीला। अब कोई नहीं है।

Question 1.
मिठाईवाले की वैभव संपन्नता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

Answer

Answer: मिठाईवाला उस शहर में प्रतिष्ठित व धनी व्यक्ति था। व्यवसाय व नौकर-चाकर किसी प्रकार की कोई कमी उसे न थी। उसकी पत्नी अत्यंत सुंदर थी और बच्चे भी बहुत सुंदर एवं नटखट थे। उसका जीवन काफ़ी सुखमय था।


Question 2.
मिठाईवाला अपने जीवन की सच्चाई किसे और क्यों सुना रहा था।

Answer

Answer: मिठाईवाला अपने जीवन की सच्चाई रोहिणी के पूछने के बाद उसको सुना रहा था।


Question 3.
मिठाईवाले का संसार कैसा था?

Answer

Answer: मिठाईवाले का संसार काफ़ी सुखमय था।


Question 4.
मिठाईवाले के मन की व्यथा क्या थी?

Answer

Answer: मिठाईवाले के मन की व्यथा थी कि उसका संसार उजड़ चुका था। पत्नी व बच्चे की मौत एक हादसे में हो गई थी। अब वह अकेला जीवन के दिन काट रहा था यही उसकी व्यथा का कारण था।


Question 5.
सजीव खिलौने में रेखांकित शब्द क्या है?

Answer

Answer: सजीव खिलौने में रेखांकित शब्द है विशेषण का।

कहानी से

प्रश्न 1.
मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?
उत्तर:
मुरलीवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, जिससे बच्चों और लोगों को उसकी वस्तुओं में आकर्षण बना रहे। एक ही सामान को बार-बार खरीदने की बच्चों में रुचि नहीं रह जाती है। वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि वह बच्चों के लिए नई-नई वस्तुएँ बनवाकर लाता था। नई वस्तुओं के बनने में समय लगता था। वह लाभ कमाने के लिए अपना सामान नहीं लाता था, वह तो बस बच्चों की झलक देखने के लिए बच्चों को सस्ता सामान दिया करता था।

प्रश्न 2.
मिठाईवाले में वे कौन-से गण थे, जिनकी वज़ह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?
उत्तर:
मुरलीवाले में निम्नलिखित गुण थे –

  • वह अत्यंत मधुर तथा मादक स्वर में गाकर स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ तथा सुंदर खिलौने बेचा करता था।
  • वह अत्यंत विनम्र तथा मृदुभाषी था।
  • बच्चों के पास पैसे न होने पर उनकी पसंद की वस्तुएँ दे दिया करता था।
  • वह हर बार नई-नई वस्तुएँ लेकर बच्चों के बीच आता था।

प्रश्न 3.
विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?
उत्तर:
विजय बाबू-तुम लोगों को झूठ बोलने की आदत होती है। देते होंगे सभी को दो-दो पैसे में, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो। मुरलीवाला-आपको क्या पता बाबूजी इनकी असली लागत क्या है? यह तो ग्राहकों का दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर चीज़ क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार मुझे लूट रहा है। आप कहीं से दो पैसे में ये मुरलियाँ नहीं पा सकते। मैंने तो पूरी एक हज़ार बनवाई थीं, तब मुझे इस भाव पड़ी हैं।

प्रश्न 4.
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर:
खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की प्रतिक्रिया होती थी –

  • वे अपने खेल छोड़कर घरों, गलियों उद्यानों से बाहर आ जाते थे।
  • वे हाँफते-भागते जल्दी से जल्दी खिलौनेवाले के पास पहुँच जाना चाहते थे।
  • अपने माता-पिता से किसी न किसी तरह से पैसे ले ही लिया करते थे।
  • उसकी मादक आवाज़ उन्हें बेकाबू बना देती थी।
  • वे अत्यंत खुश हो जाते थे।

प्रश्न 5.
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर:
रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि –

  • मुरलीवाला पहले की तरह ही गाकर सामान (मुरली) बेच रहा था।
  • मुरलीवाले का स्वर भी खिलौनेवाले की तरह ही मादक और मधुर था।
  • उसे मुरलीवाले की आवाज़ जानी-पहचानी सी लगी।
  • लोग मुरलीवाले की मुरली बजाकर बेचने की कला की चर्चा आपस में किया करते थे।

प्रश्न 6.
किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
मिठाईवाला रोहिणी तथा दादी की बातें सुनकर भावुक हो गया था। उसने इन व्यवसायों को अपनाने के निम्नलिखित कारण बताए –

  • मेरे दोनों बच्चे भी जाएँगे कहाँ! वे सब अंत में यहीं-कहीं होंगे, उन्हीं को खोजने निकला हूँ।
  • इन बच्चों को हँसते-खेलते, उछलते-कूदते देखकर लगता है कि मेरे अपने बच्चे ही हैं। मुझे इनमें अपने बच्चों की छवि दिखती है।” व्यापारी की ये बातें सुनकर अध्यापक इतने प्रभावित हुए कि जिस दिन उनका अवकाश होता, वह अपना समय अनाथ आश्रम के बच्चों को पढ़ाते हुए बिताने लगे। इन बच्चों को खुशियाँ देते-देते व्यापारी का अपना दुख कहाँ खो गया, उसे खुद पता नहीं है। आश्रम में बच्चे उसके आने का इंतज़ार करते हैं, तो दुकान पर लोग कपड़ेवाले का। आख़िर आज भी वह लोगों का वही चहेता कपड़ेवाला है।

    फेरीवाला कौन सा काम करता है?

    फेरीवाला उन्हें कहा जाता है जो लारी पर किसी भी प्रकार के सामान को बेचने का काम करते हैं। यह अक्सर सुबह,शाम अथवा दोपहर के समय में शहर या फिर गांव की गलियों में अपनी लारी लेकर के अपना सामान बेचने के लिए आते हैं। इनके पास कई प्रकार के समान होते हैं।

    फेरीवाला क्या आवाज लगाकर अपना सामान बेचता था?

    उत्तर: मेरे माता-पिता के ज़माने में फेरीवाले अपना सामान पीठ पर, सिर पर या साइकिल पर रखकर ऊँची-ऊँची आवाज़ लगाकर, कुछ सुरीली आवाज़ में अपने सामान के बारे में गाते हुए बेचते थे।

    फेरीवाला अपनी वस्तुएं कम कीमत पर क्यों बेचता था?

    छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अंतर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुंड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता। बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते। वे पैसे लाकर खिलौने का मोलभाव करने लगते।

    मिठाईवाले ने अपनी क्या आपबीती बताई अपने शब्दों में लिखिए?

    मिठाई वाले ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उसे अपने व्यवसाय में असीम सुख, संतोष एवं धीरज मिलता है। उसे लगता है कि उसके बच्चे इन्हीं बच्चों में हँस खेल रहे हैं। उसे पैसे की कमी नहीं है। जो उसके पास नहीं है, वह बच्चों की झलक से पा लेता है।