गैस का चूल्हा कौन सी दिशा में रखना चाहिए? - gais ka choolha kaun see disha mein rakhana chaahie?

Vastu Tips For Gas Stove: घर में रसोई का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है और वहीं शास्त्रों के अनुसार रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है. साथ ही घर की रसोई में जो कुछ भी पकाया जाता है उसका सीधा प्रभाव परिवार के सदस्यों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. वहीं वास्तु के अनुसार अग्नि या ऊर्जा का स्रोत होने के कारण रसोई के साथ-साथ इसमें मौजूद हर वस्तु की सही दिशा और स्थान पर होना जरूरी माना गया है. अन्यथा आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है. इसलिए रसोई में गैस स्टोव जिस पर दिन भर में खाने-पीने की कई चीजें बनाई जाती हैं उसका सही दिशा में होना बहुत जरूरी माना गया है. अन्यथा घर के सदस्यों की आर्थिक स्थिति पर गलत असर पड़ सकता है. तो आइए जानते हैं गैस स्टोव को रसोई में किस दिशा में नहीं रखना चाहिए और इससे जुड़े कुछ नियमों के बारे में. 

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वास्तु के अनुसार घर में किचन और किचन में गैस स्टोव की एक सुनिश्चित दिशा होनी चाहिए, नहीं तो इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ सकता है।

किसी भी घर का किचन उस घर का अभिन्न अंग माना जाता है। कहा जाता है कि घर की रसोई में जो भी पकाया जाता है उसका सीधा असर व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस बारे में वास्तु एक्सपर्ट श्वेता सिंह कहतीं हैं कि किचन हमारी दिनभर की ऊर्जा का स्रोत होता है। इसलिए किचन में पॉजिटिव एनर्जी को बनाए रखने के लिए वास्तु के अनुसार उसकी दिशा का निर्धारण करना जरूरी होता है।

किचन की गलत दिशा भी घर की सुख शांति को कम कर सकती है और घर के सदस्यों के बीच लड़ाई का कारण बन सकती है। सिर्फ यही नहीं वास्तु के अनुसार गैस स्टोव का भी सही दिशा में होना जरूरी है, जिससे इसमें बने खाने का गलत असर घर के सदस्यों पर न पड़े। आइए जानें किचन की दिशा और गैस स्टोव की सही जगह के लिए क्या कहता है वास्तु -

किचन के लिए वास्तु क्यों है जरूरी 

kitchen vastu

हम हमेशा अपने आसपास ऊर्जाओं से घिरे रहते हैं। वास्तु शास्त्र हमारे और हमारे आस-पास की सभी ऊर्जाओं को संतुलित करने में मदद करता है। श्वेता कहतीं हैं कि रसोई वह स्थान है जहां कच्चा और बिना पका भोजन पौष्टिक और स्वस्थ भोजन में बदल जाता है, जो घर के सभी सदस्यों को ऊर्जा प्रदान करता है और भोजन से मिलने वाली ऊर्जा आपको सकारात्मक और संतुष्ट महसूस कराती है। वहीं, अगर रसोई से निकलने वाली ऊर्जा में असंतुलन है, तो वही भोजन आपके अंदर नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर सकता है, आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है और आपके बने हुए काम भी बिगड़ सकते हैं।

वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा

direction of kitchen

  • वास्तु के अनुसार, किसी के घर में पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल के तत्वों का उचित संतुलन होना चाहिए।
  • अग्नि देवता को सूर्य से जुड़ा हुआ माना जाता है, जो ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
  • वास्तु के अनुसार, अग्नि स्रोतों का स्थान दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • रसोई का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व कोने में होना चाहिए और खाना बनाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए।
  • खाना बनाते समय पश्चिम दिशा एक वैकल्पिक दिशा है।
  • सिंक को आदर्श रूप से रसोई के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में रखा जाना चाहिए।
  • उत्तर-पूर्व दिशा में पानी के बर्तनों और जल शोधक को रखें।
  • जब वास्तु के अनुसार किचन की दिशा का निर्धारण किया जाता है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है।
  • अच्छी, विशाल और अव्यवस्था मुक्त रसोई अच्छी सेहत और समृद्धि के लिए जरूरी है।
  • रसोई में खिड़कियां होनी चाहिए और किचन हवादार होना चाहिए जिसमें पर्याप्त रोशनी होनी जरूरी है।
  • इसके अलावा अनाज को एकत्रित करने का स्थान किचन के पश्चिम और दक्षिण की दीवारों की तरफ होना चाहिए।

कैसी हो गैस स्टोव रखने की दिशा 

gas stove direction

  • गैस स्टोव को रसोई के दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जाना चाहिए।
  • रसोई में अग्नि तत्व होने के नाते, यह उस कोने में होना चाहिए जहां अग्नि के देवता मौजूद हों।
  • जब आप खाना बना रही हों तो आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • आपका गैस स्टोव पूर्व की ओर रखा जाना चाहिए।
  • अगर खाना बनाते समय खाना बनाने वाले का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होता है तो इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
  • दक्षिण की ओर मुंह करने से वित्तीय समस्याएं हो सकती हैं।
  • इसके अलावा, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि गैस के ठीक ऊपर कोई शेल्फ या अलमारी न हो क्योंकि यह जगह चिमनी के लिए होती है।
  • अग्नि के स्वामी का स्थान  घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है, जिसका अर्थ है कि वास्तु के अनुसार आदर्श रसोई स्थान आपके घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में है।
  • यदि आपको दक्षिण-पूर्व दिशा में उपयुक्त स्थान नहीं मिल रहा है, तो उत्तर पश्चिम दिशा में भी गैस स्टोव रख सकती हैं।

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यदि आप भी किचन की दिशा को लेकर थोड़ा असमंजस में हैं तो आप आज ही किचन और गैस स्टोव की दिशा को बदलें जिससे घर में सुख समृद्धि बनी रहे और सेहत भी अच्छी रहे। 

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Image Credit: free pik and unsplash 

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गैस चूल्हे का मुंह किधर होना चाहिए?

किचन में गैस चूल्हा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. अगर इस दिशा में चूल्हा रखा जाता है तो इससे अग्नि से होने वाले हादसों में भी कमी आती है. घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है रसोईघर. जहां से हर सदस्य की सेहत जुड़ी होती है.

क्या हम उत्तर दिशा में गैस चूल्हा रख सकते हैं?

वास्तु के अनुसार गैस चूल्‍हा अग्निदेव की दिशा में होना चाहिए, इससे घर में कभी भी पैसों की तंगी नहीं होती है. पूर्व दिशा अग्नि की दिशा होती है. इस दिशा में चूल्‍हा इस तरह रखें कि खाना पकाने वाले व्‍यक्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो. माइक्रोवेव, हीटर भी इसी दिशा में रखना उचित होता है.

क्या दक्षिण की दीवार पर चूल्हा रखा जा सकता है

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, अग्नि तत्व दक्षिण-पूर्व दिशा को नियंत्रित करता है; इसलिए चूल्हे को हमेशा उसी दिशा में रखना चाहिए । इसके अलावा चूल्हे का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति का मुख किचन वास्तु दिशाओं के अनुसार पूर्व की ओर होना चाहिए, क्योंकि यह एक शुभ दिशा मानी जाती है।

गैस चूल्हा रखने की सबसे अच्छी दिशा कौन सी है?

रसोई के अंदर की सभी वस्तुएं आग का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए गैस स्टोव, सिलेंडर, माइक्रोवेव ओवन, टोस्टर, अन्य उपकरणों के अलावा रसोई घर के दक्षिण-पूर्व भाग में रखा जाना चाहिए। साथ ही, इन वस्तुओं को इस तरह से रखा जाना चाहिए कि खाना बनाते समय व्यक्ति का मुख पूर्व की ओर रहे।