हमें संविधान की जरूरत क्यों है कोई है? - hamen sanvidhaan kee jaroorat kyon hai koee hai?

26 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है. यानी उस दिन हमारा संविधान (Constitution) लागू हुआ था. सन् 1950 में इस संविधान को लागू किया गया था. तबसे हर साल 26 जनवरी को दिल्ली के इंडिया गेट (India Gate) पर एक खास कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. जिसमें परेड के साथ मन मोह लेने वाली झांकिया भी निकाली जाती है. तरह तरह के करतब होते हैं देश का प्रथम नागरिक यानी देश का राष्ट्रपति इस परेड की सलामी लेता है. यह तो हो गई संविधान लागू होने वाले दिन की बात, लेकिन आज यानी 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में क्यों याद किया जा रहा है. इसकी शुरूआत कैसे हुई? यह ज़रूरी क्यों हो जाता है इसको भी आपको जानना चाहिए. 200 साल की गुलामी के बाद आजाद होने वाले भारत ने कैसे दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान तैयार कर दिया और कैसे एक खूबसूरत लोकतांत्रिक देश के रूप में खुद को स्थापित कर लिया, यह जानना हर भारतीय नागरिक के लिए ज़रूरी है.

संविधान है क्या और ये ज़रूरी क्यों होता है?

किसी भी सभ्य चीज़ों के संचालन के लिए कुछ नियम और कानूनों की ज़रूरत होती है. जिसे उस समाज में रहने वाले सभी लोगों को मानना बाध्य होता है. देश को चलाने के लिए भी नियम और कानून की ज़रूरत होती है जिसे मानना देश के हर नागरिकों को ज़रूरी होता है. देश के इसी नियम और कानून को संविधान के नाम से जाना जाता है जो एक तरह से किसी भी देश के नियम और कानून का दस्तावेज होता है.

हमें संविधान की जरूरत क्यों है कोई है? - hamen sanvidhaan kee jaroorat kyon hai koee hai?
अक्सर ही सवाल आता है कि देश कोई भी हो आखिर संविधान की ज़रुरत क्या है

देश में सबकुछ उसी दस्तावेज में लिखे गए नियमों के अनुसार ही चलता है. अगर किसी भी देश में ऐसे नियम और कानून न बनाएं जाएं तो वहां की शासन प्रणाली मनमर्जी फैसला करेगी और वो तानाशाही रवैया अपनाएगी और लोकतंत्र नाम की कोई जगह नहीं रह जाएगी.

15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत आजाद हो गया था, आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए भारत ने अपना एक अलग संविधान बनाना शुरू कर दिया था. हालांकि संविधान सभा का गठन पहले ही हो चुका था और 9 दिसंबर 1946 से ही भारत के संविधान पर कार्य हो रहा था, लेकिन 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान बनाने के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया और इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया डॅा. भीमराव अंबेडकर को.

संविधान बनाने वाली समिति ने पूरी दुनिया के संविधानों को बारीकी से पढ़ा और फिर अपना संविधान तैयार किया. इस समिति ने 26 नवंबर 1949 यानी ठीक 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों का समय लिया और संविधान तैयार करके संविधान सभा को सौंप दिया, संविधान सभा ने उसी दिन इस संविधान को अपना लिया. इसी दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

हालांकि वर्ष 2015 से पहले तक इसे नहीं मनाया जाता था. वर्ष 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में डॅा0 भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती के मौके पर उनकी स्मारक की नींव रखते हुए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने का ऐलान किया था. 19 नवंबर,2015 को भारत सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर भी इसका ऐलान कर दिया गया और वर्ष 2015 में ही देश ने पहली बार संविधान दिवस मनाया था.

तबसे लेकर अबतक लगातार हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में ही मनाया जा रहा है.भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. मूल संविधान में कुल 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचिंया हैं. कानून में संशोधन के चलते अब ये संख्या बढ़ गई है. भारत के संविधान की मूल प्रति दो भाषाओं यानी हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में लिखी गई है.

सबसे खास बात ये है कि इस पूरे संविधान को न तो टाईप किया गया और न ही प्रिंट किया गया बल्कि इसे हाथों से लिखा गया है और इसको लिखा है बिहारी नारायण रायजादा ने. रायजादा का पेशा ही सुलेख यानी हस्तलिपि का था. उन्होंने 6 महीने में 254 पेन होल्डर का इस्तेमाल करके भारत का संविधान लिखा था.

रायजादा ने संविधान लिखने का कोई भी मेहनताना नहीं लिया था बल्कि उन्होंने बदले में संविधान के हर पेज पर अपना नाम लिखा था और सबसे आखिर पेज पर अपने नाम के साथ अपने दादा का नाम लिखा था. संविधान का हर पेज रायजादा ने लिखा था और हर पेज की सजावट और चित्र बनाने का काम आचार्य नंदलाल बोस ने किया था. संविधान की मूल प्रति अबतक भारत के संसद में स्थित लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी हुयी है.

संविधान की प्रस्तावना जिसको समय समय पर आंदोलनों में पढ़ा भी जाता है उसे जवाहरलाल नेहरू के उद्देश्य से संविधान में शामिल किया गया था जिसे बाद में अमेरिका ने भी अपनाया था. इस पेज को राममनोहर सिन्हा ने सजाया था.

हालांकि भारतीय संविधान के प्रस्तावना में बाद में भी संशोधन करके शब्द जोड़े गए हैं. संविधान सभा को 26 नवंबर 1949 को समिति ने संविधान सौंप दिया जिसे उसी दिन सभा ने मंजूरी दे दी और 26 जनवरी 1950 को इसको लागू कर दिया गया. आज भी भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है.

Solution : किसी भी देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ती है। संविधान, कानूनों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जो सरकार की मूल संरचना और इसके कार्यों को निर्धारित करता है। जो सरकार के अंगों तथा नागरिकों के आधारभूत अधिकारों को परिभाषित तथा सीमांकित करता है।

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आपका सवाल है कि हमें संविधान की जरूरत क्यों है देखकर किसी भी देश की शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक संविधान का होना अनिवार्य है अगर संविधान नहीं हो तो देश में शासन व्यवस्था कानून अवस्था चली नहीं पाते इसलिए सर्वप्रथम तो मैं यही कह सकता हूं कि एक देश को सुचारू रूप से अपने शासन प्रणाली को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता होती है संविधान लागू होने पर ही लोग अपने देश के नियमों का पालन कर सकेंगे और उन नियमों के अनुसार चलेंगे इसलिए कोई भी देश ऐसे वर्दी कर सकेगा और मेरे हिसाब से इसलिए सविधान की आवश्यकता होती है

aapka sawaal hai ki hamein samvidhan ki zarurat kyon hai dekhkar kisi bhi desh ki shasan vyavastha ko sucharu roop se chalane ke liye ek samvidhan ka hona anivarya hai agar samvidhan nahi ho toh desh mein shasan vyavastha kanoon avastha chali nahi paate isliye sarvapratham toh main yahi keh sakta hoon ki ek desh ko sucharu roop se apne shasan pranali ko chalane ke liye samvidhan ki avashyakta hoti hai samvidhan laagu hone par hi log apne desh ke niyamon ka palan kar sakenge aur un niyamon ke anusaar chalenge isliye koi bhi desh aise wardi kar sakega aur mere hisab se isliye samvidhan ki avashyakta hoti hai

हमें संविधान की जरूरत क्यों है कोई 6?

संविधान की आवश्यकता क्यों है: किसी भी देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ती है। संविधान, कानूनों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जो सरकार की मूल संरचना और इसके कार्यों को निर्धारित करता है। जिसके अनुसार देश का शासन चलता है।

संविधान की जरूरत क्या है?

भारत देश की शासन व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए संविधान है साथ ही यह गणतंत्र राष्ट्र का आधार भी है। देश के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियमों का निर्माण संविधान द्वारा किया जाता है। संविधान के अनुसार मूल शक्ति प्रत्येक राष्ट्र की जनता में निहित होती है, ताकि कोई भी व्यक्ति सत्ता तक ना पहुंचे।

हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है class 9?

संविधान सरकार की अंतःक्रिया और शक्ति की सीमाओं तथा देश की सीमाओं को परिभाषित करता है। संविधान एक ऐसा उपकरण है जो सरकार को यह निर्धारित करने की अनुमति देता है कि वे देश के नागरिकों पर किस हद तक नियम और कानून लागू कर सकते हैं। संविधान की आवश्यकता ओं को देखते हुए सभी देशों के पास अपना खुद का संविधान होता है।

किसी देश में संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है?

(1) संविधान उन आदर्शों को सूत्रबद्ध करता है जिनके अनुसार नागरिक अपने देश का निर्माण अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार कर सकते हैं। (2) संविधान देश की राजनीतिक व्यवस्था को तय करता है। (3) लोकतांत्रिक देशों में संविधान ऐसे नियम तय करता है जिनके द्वारा राजनेताओं के हाथों सत्ता के दुरुपयोग को रोका जा सके।