कोलकाता में सबसे बड़ी नदी कौन सी है? - kolakaata mein sabase badee nadee kaun see hai?

काफी समय से हावड़ा ब्रिज कलकत्ता (अब कोलकाता), हावड़ा और हुगली नदी की पहचान बना हुआ है. ब्रिज की खूबसूरती नदी में और नदी की खूबसूरती ब्रिज में है. गंगा की ही धारा हुगली नदी को आप दोनों शहरों कोलकाता और हावड़ा की लाइफलाइन कह सकते हैं. लेकिन कूड़े और नालों की गंदगी से इस ‘लाइफलाइन’ का खुद ही जीना मुहाल हो गया है.   

गंगा अपने आखिरी पड़ाव में बंगाल की खाड़ी में समाहित होने से पहले सुंदरबन डेल्टा से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है. यही वजह है कि यहां नदी में गंदगी का स्तर सबसे ज्यादा है. पश्चिम बंगाल में 222 बड़े और छोटे नाले अपने साथ तमाम गंदगी गंगा में गिराते हैं.  

विशेषज्ञ बताते हैं कि किस तरह कूड़ा करकट, रसायन और कीटनाशक गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं. भारत सरकार और नगर निकायों की ओर से करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बाद भी ग्राउंड जीरो पर स्थिति बेहतर होती नजर नहीं आ रही.

इस रिपोर्टर की ओर से नदी के घाट पर दुर्गा पूजा उत्सव को 2005 से ही कवर किया जा रहा है. तब से अब में स्थिति में काफी बदलाव आया है. अब सिर्फ सांस्कृतिक आस्था के चलते ही प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. लेकिन मूर्तियों को विसर्जित करते समय उसके साथ की सारी सामग्री को पहले हटा लिया जाता है. लेकिन ये सिर्फ दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान किया जाता है जब दोनों शहरों में करीब 5000 प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है.

कोलकाता में सबसे बड़ी नदी कौन सी है? - kolakaata mein sabase badee nadee kaun see hai?
 

लेकिन पूरे साल चलने वाले छोटे पूजा उत्सवों पर सख्ती नहीं होने की वजह से नियमों का पालन नहीं किया जाता. पर्यावरण कार्यकर्ता सुभाष दत्ता कई मुहिम चला चुके हैं लेकिन मानते हैं कि गंगा को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य बहुत दूर की बात है. दत्ता के मुताबिक, समाधान ये है कि गंगा में हर जगह सीवेज के पानी को बिना ट्रीट हुए गिरने से रोका जाए. इसके लिए बड़े पैमाने पर सीवेज ड्रेनेज सिस्टम बनाए जाने की जरूरत है. समाधान सिर्फ बंगाल तक ही सीमित नहीं हो सकता. समाधान की दिशा में गंगा के उद्गम स्थल से लेकर अंत तक काम होना चाहिए.  

गंगा के पास 80 छोटे-बड़े शहर, करीब 1000 गांव बसे हुए हैं. ड्रेनेज सीवेज सिस्टम गंगा के दोनों किनारों पर बनाए जाने की जरूरत है. औद्योगिक कचरे पर नियंत्रण होना चाहिए. गंगा के किनारे कूड़ा नहीं जमा होने देना चाहिए. ये वो मुद्दे हैं जिन पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

यहां सबसे प्रसिद्ध बाबू घाट है. इंडिया टुडे रिपोर्टर को यहां जगह जगह गंदगी के अंबार दिखे. पूरे घाट पर पुनरूद्धार का काम बेशक चल रहा हो लेकिन यहां कूड़े के पहाड़ किसी की नजर से बच नहीं सकते. सीधा अर्थ है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने जो निर्देश दे रखे हैं उनका दुर्गा पूजा जैसे बड़े दिनों पर तो पालन किया जाता है लेकिन साल के और दिनों में इनकी अनदेखी ही रहती है.

जादवपुर यूनिवर्सिटी में समुद्री अध्ययन स्कूल के डायरेक्टर और प्रोफेसर डॉ सुगाता हाजरा ने इंडिया टुडे को बताया, “बंगाल के उत्तरी हिस्से में गंगा सबसे ज्यादा प्रदूषित है. यहां प्रति लीटर फेकल कोलिफॉर्म बैक्टीरिया 160,000 से ज्यादा है. हर दिन बड़ी मात्रा में बिना ट्रीट किया हुआ सीवेज का पानी गंगा में मिलता है. ऐसे में गंगा का पानी पीने के लिए तो दूर नहाने के लिए भी इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं है. ये बंगाल और शहर के लोगों के लिए गंभीर बात है. औद्योगिक कचरे पर नियंत्रण के साथ कीटनाशकों और रसायनों को गंगा में गिरने से हर कीमत पर रोका जाना चाहिए. इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए. नहीं तो ये पीने के पानी के संकट को सिर्फ बंगाल में ही नहीं पूरे देश में न्योता देने जैसा है. वो नदी, जिसे राज्य की लाइफलाइन कहा जाता है, उसमें प्रदूषण की वजह से राज्य का भविष्य अंधकार में नजर आता है.”    

कोलकाता जिसे ‘सिटी ऑफ जॉय’ कहा जाता है, लेकिन यहां गंगा की जो बदहाली है, उसे देखते हुए भविष्य में इसे ‘बदबू के शहर’ के तौर पर जाना जाने लगे तो कोई बड़ी बात नहीं. गंगा की कुल लंबाई 2500 किलोमीटर है. इसमें से आखिरी 250-260 किलोमीटर का हिस्सा पश्चिम बंगाल में पड़ता है. कोलकाता एक प्राचीन शहर है. यहां सदियों से मानव आबादी बसी हुई है. उद्योग-धंधों की नींव भी यहां बहुत पहले पड़ गई थी. इसलिए यहां गंगा का प्रदूषण भी सबसे ज्यादा है. प्रदूषण बढ़ने की वजह से ही 1984 में गंगा एक्शन प्लान शुरू हुआ.     

पश्चिम बंगाल सरकार ने बीते साल 17 दिसंबर को दक्षिणेश्वर और बेलुर समेत 7 घाटों को विकसित करने के लिए 34 करोड़ रुपए आवंटित किए थे. 187 वर्ष पुराने बाबूघाट का सौंदर्यीकरण भी इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा था. घाटों के किनारे मजबूत करने के साथ लैंडस्केपिंग और घाट पर समुचित लाइट की व्यवस्था के लिए भी फंड की जरूरत है. बाबूघाट पर हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना होता है. स्वच्छता के नाम पर पैसा तो खर्च किया जा रहा है लेकिन गंगा को फिर ‘पवित्र’ बनाने के लिए निश्चित रूप से भागीरथ कार्यों की जरूरत है.  

कोलकाता भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी है। इसकी गिनती भारत के 4 सबसे बडे महानगरो में की जाती है। कोलकाता को पूर्वी भारत का प्रवेशद्वार भी माना जाता है। कोलकाता दर्शनीय स्थल की फेरहिस्त बहुत लम्बी है। कोलकाता की सैर करने का अपना अलग ही मजा है। क्योकि हुगली नदी के किनारे बसा यह शहर कला और सांस्कृतिक गतिविधियो में इतना धनी है कि इसे देश की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है।

कहा जाता है कि सन् 1690 में जब एक अंग्रेज व्यापारी जॉब चारनाक ने यहा ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक मुख्यालय की नींंव रखी थी। तब यह एक छोटा सा गांव था। आज यही गांव कोलकाता महानगर के रूप में विकसित होकर विश्व प्रसिद्ध हो चुका है। यह महानगर अपनी गोद में अनेक सुंदर व आकर्षक पर्यटन स्थलो को संजोए हुए है। इसलिए साल भर यहा सैलानियोंं का आना जाना लगा रहता है। कोलकाता में घुमने लायक यूं तो अनेकोंं स्थल है।

आइए कोलकाता के टॉप टूरिस्ट पैलेस के बारे में जानेें

बिडला मंदिर

बिडला मंदिर संगमरमर के खुबसूरत पत्थरो से बना एक भव्य मंदिर है। राजस्थानी कला के परिचायक इन मंदिरो की दीवारो पर राजस्थान के जनजीवन से संबंधित कलात्मक दृश्यो को बडी कुशलता से दर्शाया गया है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा को समर्पित मंदिर है। इसका निर्माण 1970 में शुरू किया गया था। लगभग 26 साल के कडे परिश्रम से यह मंदिर 1996 में बनकर तैयार हुआ था। रात्री के समय विधुत प्रकाश में इसकी सुंदर देखते ही बनती है।

हावडा ब्रिज

हावडा पुल यह नाम दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह पुल हावडा और कोलकाता को जोडता है। यह पुल एक ऐतिहासिक पुल है। इस पुल को रवीन्द्र सेतु के नाम से भी जाना जाता है। यह पुल पूर्ण रूप से लोहे से निर्मित है। जिसमे 2590 टन बढिया क्वालिटि का लोहा लगा हुआ है। यह पुल 1500 फुट लंबा और 71 फुट चौडा है। यह अपने तरह का छठवाँ सबसे बड़ा पुल है। सामान्यतया प्रत्येक पुल के नीचे खंभे होते है जिन पर वह टिका रहता है परंतु यह एक ऐसा पुल है जो सिर्फ चार खम्भों पर टिका है दो नदी के इस तरफ और पौन किलोमीटर की चौड़ाई के बाद दो नदी के उस तरफ। सहारे के लिए कोई रस्से आदि की तरह कोई तार आदि नहीं। इस दुनिया के अनोखे हजारों टन बजनी इस्पात के गर्डरों के पुल ने केवल चार खम्भों पर खुद को इस तरह से बैलेंस बनाकर हवा में टिका रखा है कि 80 वर्षों से इस पर कोई फर्क नहीं पडा है।

विक्टोरिया मेमोरियल

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता दर्शनीय स्थल में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है। महारानी विक्टोरिया की याद में सन् 1901 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बनवाया गयाविक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के प्रमुख आकर्षणो में से भी एक है। इसको बनाने में लगभग बीस साल का समय लगा था। सन् 1921 में यह बनकर तैयार हो गया था। इसका उद्घाटन प्रिंस अॉफ वेल्अस ने किया था। यह इमारत ब्रटिश शासनकाल की भारत में एक अमूल्य धरोहर है। यह इमारत सफेद संगमरमर से तैयार आगरा का ताजमहल और लंदन के सेंट पॉल कैथेड्रल की शिल्पकला को समेटे हुए है। इस इमारत में भिन्न भिन्न प्रकार के 25 कक्ष बने है। जिनमे महारानी विक्टोरिया से संबंधित लगभग 3500 वस्तुए सैलानियो के दर्शन हेतु संग्रह करके रखी गई है। इस इमारत के सामने महारानी विक्टोरिया की कांसे की प्रतिमा भी स्थापित है। जो कि मुख्य रूप से दर्शनीय है। यह संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। सोमवार को को यह संग्रहालय बंद रहता है।

भारतीय संग्रहालय

कोलकाता दर्शनीय स्थल में मुख्य तथा एशिया के बेहतरीन संग्रहालयो में से एक है। सन् 1875 में निर्मित इस संग्रहालय को भू विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, मानव विज्ञान, कला विज्ञान और उद्योग विज्ञान आदि 6 भागो में बांटा गया है। यहा सांची, अमरावती, गंधार, सारनाथ, जावा और कंबोडिया आदि की ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व की सामग्रीयां संग्रहीत है। इस संग्रहालय को जादूघर भी कहा जाता है। दर्शको के लिए यह संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।

बिडला तारामंडल

सांची के बुद्ध स्तूप की तरह दिखाई देने वाले बिडला तारामंडल के गुम्बंद का व्यास लगभग 27 मीटर है। इस भवन में 500 दर्शक बडे आराम से बैठ सकते है। यहा वैज्ञानिक ग्रह-नक्षत्रों के बारे में जानकारी देते है। यहा बैठकर ऐसा प्रतित होता है जैसे खुले आकाश को देख रहे हो। यह भवनदोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

शहीद मीनार

शहीद मीनार का निर्माण सर डेविड डॉक्टर लोनी (जो नेपाल युद्ध में सेना के नायक थे) की याद में करवाया गया था। यह भव्य मीनार 158 फुट ऊंची है। इस पर खडे होकर आप पूरे शहर के नजारो को देख सकते है। इस मीनार का तुर्क शैली में बना गुम्बद विशेष रूप से दर्शनीय है।

साइंस सिटी

यहा अंतरिक्ष थियेटर स्पेस फ्लाइल व सरी सृप वर्ग के कई जंतुओ के नमुने दर्शको को चौकने पर मजबूर कर देते है। यहा डायनासोरो की विभिन्न प्रजातियो को भी दर्शाया गया है। साइंस सिटी का उद्‍घाटन 1 जुलाई 1997 को किया गया। साइंस सिटी को कोलकाता के निवासियों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के लिए एक मुख्य आकर्षण के रुप में विकसित किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा विकसित यह सिटी दुनिया के सबसे बड़े और बेहतरीन स्थलों में से एक है। साइंस सिटी विज्ञान और प्रोद्योगिकी को स्फूर्तिप्रद और रोचक वातावरण प्रदान करती है जो कि हर उम्र के लोगों के लिए सही मायने में शैक्षिक और आनंददायक है। पिछले कुछ वर्षों में साइंस सिटी युवा और वृद्धों के लिए एक आनंददायक और यादगार अनुभव का स्थल बन गया है। इसके साथ ही कोलकाता दर्शनीय स्थल में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगह भी है।

ईडन गार्डन

अलेक्जेंडर की बहन के नाम से बनाया गया यह गार्डन विलियम फोर्ट के उत्तरी पश्चिमी छोर पर स्थित है। कोलकाता दर्शनीय स्थल की यात्रा पर आने वाले अधिकतर सैलानी यहा सैर सपाटे के लिए आते है। इस गार्डन के पूर्व में रणजी स्टेडियम भी है। जहा सन् 1987 में क्रिकेट का विश्व कप फानल मैच खेला गया था।

बोटेनिकल गार्डन

इस गार्डन का पूरा नाम आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बोटेनिकल गार्डन है। यह मॉर्डन हावडा और हुगली नदी के पश्चिमी तट पर 109 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस गार्डन का मुख्य आकर्षण 200 साल से भी ज्यादा पुराना एक बरगद का पेड है। जो लगभग 330 मीटर की परिधि में फैला हुआ है। इसके अलावा इस गार्डन में आप करीब 40 हजार पेड पौधे देख सकते है। यहा बीच में बना पाम हाऊस भी विशेष रूप से दर्शनीय है।

रविन्द्र सरोवर

कोलकाता दर्शनीय स्थल में यह एक खुबसूरत पिकनिक स्पॉट है। यह कोलकाता शहर के दक्षिणी भाग में बना हुआ है। यहा स्पोर्टस स्टेडियम, जापानी बौद्ध मंदिर और तैराकी के लिए एक तालाब भी है।

चिडियाघर

16 हेक्टेयर में फैला हुआ यह कोलकाता का चिडियाघर देश के मशहूर चिडियाघरो में से एक है। इस चिडियाघर की मुख्य विशेषता यह है कि यहा आप पशु पक्षियो को प्राकृतिक वातावरण में विचरते हुए देख सकते है। इसके अलावा यहा एक फिश एक्योरियम भी है। जहा आप विभिन्न प्रकार की रंग बिरंगी मछलियो को भी देख सकते है।

बैलूर मठ

कोलकाता से लगभग 16 किलोमीटर दूर बैलूर मठ रामकृष्ण मिशन का अंतराष्ट्रीय मुख्यालय है। इसकी स्थापना स्वामी विवेकानंदजी ने की थी। यहा मंदिर मस्जिद व चर्च का अद्भुत समन्वय पर्यटको को आकर्षित करता है।

मार्बल पैलेस

संगमरमर के विभिन्न पत्थरो को तराशकर बनाय गया मार्बलपैलेस कैलकाता के खूबसूरत महलो और भवनो में से एक है। यह सुंदर महल लगभग 18 एकड भूमि में फैला हुआ है। यहा बस या मेट्रै ट्रेन द्वारा पहुंचा जा सकता है।

तैरता संग्रहालय

हुगली नदी पर तैरता हुआ संग्रहालय कोलकाता दर्शनीय स्थल में प्रमुख आकर्षणो में से एक है। इस संग्रहालय का निर्माण सन् 1993 में कोलकाता पोर्ट ट्रस्टके सौजन्य से कराया गया था।इस संग्रहालय मे आप कोलकाता का 300 वर्ष पुराना इतिहास यहा लगे लगभग 200 से अधिक चित्रो से देख सकते है। यह संग्रहालय सोमवार कोसबंद रहता है।

निक्को पार्क

सन् 1919 में बनकर तैयार हुए निक्को पार्क को पश्चिम बंगाल का डिजनीलैंड भी कहा जाता है। यहा हाल ही में शुरू हुए रिवर केवराइड विश्व का अनोखा राइड है।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर

दक्षिणेश्वर काली मंदिर हिनंदूओ का प्रमुख तीर्थ है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1847 में रानी रशोमनि ने कराया था। कहते है प्रसिद्ध संत रामतीर्थ को दिव्य ज्ञान की प्राप्ति इसी मंदिर में हुई थी।

डायमंड हार्बर

डायमंड हार्बर एक पिकनिक स्थल है। जिसके मनोहारी दृश्य पर्यटको का मन मोह लेते है। यहा निकट ही गंगा नदी बहती है।

नेहरू बाल संग्रहालय

मुख्य रूप से बच्चो के लिए बनाया गया यह संग्रहालय बडे बूढो को भी आकर्षित करता है।

बी बी डी बाग

यह बाग कभी “डलहौजी स्क्वायर” के नाम से जाना जाता था। वर्तमान में बिपिन, बादल और दिनेश नाम के शहीदो के नाम पर इसे बी बी डी बाग कहा जाता है। इस बाग के दक्षिण छोर पर राम भवन, असेम्बली हाऊस और उच्च न्यायालय की अन्य इमारते है। इस बाग के बीचो बीच सुंदर तालाब दर्शको का मन मोह लेता है।

फोर्ट विलियम

हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित यह एक विशाल इमारत है। यह इमारत कोलकाता दर्शनीय स्थल में प्रसिद्ध स्थान है। एक समय यह इमारत जेल भी हुआ करती थी। यह प्रसिद्ध इमारत कोलकाता के ब्लैक होल के नाम से भी जानी जाती है।

कोलकाता की सबसे बड़ी नदी कौन सी है?

हुगली नदी (Hooghly River), जिसे भागीरथी-हुगली नदी (Bhāgirathi-Hooghly) भी कहा जाता है, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बहने वाली एक नदी है। कुछ स्रोतों में इसे गंगा नदी की वितरिका बताया जाता है। इसको विश्व का सबसे अधिक विश्वास घाति नदी कहते है। इसी के तट पर कोलकाता बन्दरगाह स्थित है।

कोलकाता के पास कौन सी नदी बहती है?

कोलकाता में हुगली नदी बहती है.

बंगाल में सबसे बड़ा नदी कौन सा है?

Detailed Solution. सही उत्तर दामोदर है। दामोदर की कुल लंबाई 592 किमी है।

कोलकाता की नदी का नाम क्या है?

काफी समय से हावड़ा ब्रिज कलकत्ता (अब कोलकाता), हावड़ा और हुगली नदी की पहचान बना हुआ है. ब्रिज की खूबसूरती नदी में और नदी की खूबसूरती ब्रिज में है. गंगा की ही धारा हुगली नदी को आप दोनों शहरों कोलकाता और हावड़ा की लाइफलाइन कह सकते हैं.