कल्पना चावला की मौत कब और कैसे हुई - kalpana chaavala kee maut kab aur kaise huee

कल्पना चावला की मौत कब और कैसे हुई - kalpana chaavala kee maut kab aur kaise huee

अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की मौत 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौटते वक्त हुई थी.

खास बातें

  • कल्पना चावला की मौत 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौटते वक्त हुई थी.
  • 41 साल की उम्र में अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान हुआ था हादसा.
  • कल्पना हरियाणा के करनाल में पैदा हुई थीं.

नई दिल्ली:

अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की मौत 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौटते वक्त हुई थी. अक्सर कल्पना कहा करती थीं मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनीं हूं, हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया और इसी के लिए मरूंगी. यह बात उनके लिए सच भी साबित हुई. उन्होंने 41 साल की उम्र में अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा की, जिससे लौटते समय वह एक हादसे का शिकार हो गईं. आइए जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़ी ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं...

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कल्पना चावला की मौत कब और कैसे हुई - kalpana chaavala kee maut kab aur kaise huee

कैसे सपना हुआ सच
कल्पना हरियाणा के करनाल में बनारसी लाल चावला के घर 17 मार्च 1962 को जन्मी थीं. अपने चार भाई-बहनों में वह सबसे छोटी थीं. प्यार से घर में उन्हें मोंटू पुकारा जाता था. कल्पना में 8वीं क्लास के दौरान ही अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर कर दी थी, लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वह डॉक्टर या टीचर बनें. उनकी शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई. स्कूली पढ़ाई के बाद कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज 1982 में ग्रेजुएशन पूरा किया.

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कल्पना चावला की मौत कब और कैसे हुई - kalpana chaavala kee maut kab aur kaise huee

इसके बाद वह अमेरिका चली गईं और 1984 टेक्सस यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की. 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया. कल्पना के बारे में कहा जाता है कि वह आलसी और असफलता से घबराने वाली नहीं थीं.

ऐसे हुई मौत
जब उनका विमान कामयाबी के आगाज के साथ धरती पर लौट रहा था. तभी अचानक सफलता का यह जश्न पलभर में ही मातम में बदल गया और हर मुस्कुराते चेहरे पर उदासी छा गई. सभी बेसब्री से कल्पना चावला के लौटने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन खबर कुछ और ही आई. वैज्ञानिकों के मुताबिक- जैसे ही कोलंबिया ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, वैसे ही उसकी उष्मारोधी परतें फट गईं और यान का तापमान बढ़ने से यह हादसा हुआ.

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लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Tue, 01 Feb 2022 12:57 PM IST

भारत की बेटियां हर क्षेत्र में अपना मुकाम बना रही हैं। वह घर चलाने से लेकर देश चलाने तक, पहाड़ों पर चढ़ने से लेकर हवा में फाइटर प्लेन उड़ाने तक में अपनी भागीदारी दे रही हैं। ये तो बात रही आज की मॉडर्न महिलाओं की लेकिन अब की महिलाओं को आगे बढ़ने, देश और समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा देने में इतिहास की कुछ महिलाओं का अहम रोल रहा। आज बच्चा बच्चा कल्पना चावला का नाम जानता है। वह अंतरिक्ष पर उड़ान भरने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थीं। उनकी यह उपलब्धि केवल महिलाओं के लिए प्रेरणा नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। आज कल्पना चावला की पुण्यतिथि है। 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ ही यान में सवार सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें से एक कल्पना चावला भी थीं। बेशक आज ही के दिन कल्पना की उड़ान रुक गई हो लेकिन वह दुनिया के लिए एक मिसाल बन गईं। चलिए जानते हैं कल्पना चावला से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

कल्पना चावला का बचपन

भारत का नाम रोशन करने वाली कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हरियाणा के करनाल में हुआ था। कल्पना चावला के पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योती चावला था। कल्पना अपने भाई बहनों में सबसे छोटी थीं। कल्पना चावला की शुरुआती शिक्षा करनाल के ही टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई। उनका पसंदीदा विषय हमेशा से ही विज्ञान था। कल्पना बचपन से ही फ्लाइट इंजीनियर बनने का सपना देखती थीं। उनको लगता था कि इंजीनियर फ्लाइट डिजाइन करते हैं। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। पढ़ाई पूरी की तो उन्हें नौकरी के ऑफर भी मिलने लगे। लेकिन अब कल्पना अंतरिक्ष पर जाने के सपने देखने लगी थीं।

कल्पना चावला की शिक्षा और सपना

वह मात्र 20 साल की उम्र में आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से उन्होंने दो सालों में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की और अपने सपने के एक कदम और करीब आ गईं। इसके बाद साल 1986 में कल्पना ने दूसरी मास्टर्स डिग्री हासिल की और 1988 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की। अब उनके पास कमर्शियल पायलट का लाइसेंस भी था। कल्पना सर्टिफाइड फ्लाइट इंस्ट्रक्टर थीं।

कल्पना चावला नाम कैसे पड़ा?

कम ही लोगों को पता होगा कि कल्पना के जन्म के बाद उनका नाम मोंटू था। उनके माता पिता मोंटू नाम से बुलाते थे लेकिन मात्र तीन साल की उम्र में मोंटू ने खुद के लिए कल्पना नाम पसंद कर लिया था। इसके बाद मोंटू उनका निकनेम रह गया। कल्पना ने फ्रांस के जान पियरे से शादी की, जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।

नासा ने पहली बार कल्पना को किया रिजेक्ट

कल्पना ने साल 1993 में नासा में पहली बार अप्लाई किया, लेकिन तब उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। हालांकि कल्पना ने हार नहीं मानी। बाद में 1995 में नासा ने कल्पना चावला का चयन अंतरिक्ष यात्री के तौर पर किया। अब कल्पना चावला का सपना पूरा होने वाला था। साल 1998 में कल्पना को पहली उड़ान के लिए चुना गया। कल्पना ने अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान 372 घंटे बिताए। इस घटना के बाद उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया और वह अंतरिक्ष पर जाने वाली भारत की पहली महिला बन गईंं।

Kalpana Chawla की मौत कैसे हुई?

कल्पना चावला (भारांग: फाल्गुन 26, 1883 / ग्रेगोरी कैलेण्डर: मार्च 17, 1962 - 1 फरवरी 2003), एक भारतीय अमरीकी अन्तरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी। वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं।

कल्पना चावला जिंदा है क्या?

1 फ़रवरी 2003कल्पना चावला / मृत्यु तारीखnull

कल्पना की मृत्यु कब और किस यान के टूटने से हुई?

उन्होंने अंतरिक्ष में 31 दिन,14 घंटे, 54 मिनट का समय बिताया था. कल्पना चावला की मृत्यु 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने से हुई थी.

कल्पना चावला के अंतरिक्ष यान का नाम क्या था?

सही उत्तर कोलंबिया है। कल्पना चावला एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, इंजीनियर और अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। उन्होंने पहली बार मिशन विशेषज्ञ और प्राथमिक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में 1997 में अंतरिक्ष यान कोलंबिया में उड़ान भरी।