करवा चौथ पर पानी कैसे पिलाया जाता है? - karava chauth par paanee kaise pilaaya jaata hai?

करवा चौथ(Karva Chauth) भारत के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है. यह त्योहार पति-पत्नी के बीच साझा किए जा रहे पवित्र बंधन का जश्न मनाता है. इस दिन पत्नियां अपने पति की लंबी आयु और सफलता के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं. 

करवा चौथ पर पानी कैसे पिलाया जाता है? - karava chauth par paanee kaise pilaaya jaata hai?
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करवाचौथ (karva chauth 2022) का त्योहार हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की चतुर्थी को और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है. वहीं साल 2022 में करवाचौथ का पर्व 13 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा. उपवास की अवधि सुबह 6 बजकर 32 मिनट से रात 8 बजकर 48 मिनट तक रहेगी.

करवा चौथ पर पानी कैसे पिलाया जाता है? - karava chauth par paanee kaise pilaaya jaata hai?

  • करवा चौथ पूजा मुहूर्त Karwa Chauth 2022 Puja
  • करवाचौथ कैसे मनाया जाता है? Karwa Chauth Date
  • करवाचौथ का महत्व Karwa Chauth Puja Importance
  • Significance of Karwa Chauth
  • करवाचौथ व्रत की कथाएं
  • रानी वीरवती की कहानी:
  • देवी करवा की कहानी:
  • करवा चौथ पूजन विधि (karva chauth pooja)
  • Karwa Chauth Gift For Wife

करवा चौथ पूजा मुहूर्त Karwa Chauth 2022 Puja

करवा चौथ पर पानी कैसे पिलाया जाता है? - karava chauth par paanee kaise pilaaya jaata hai?
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करवाचौथ - 13 अक्टूबर 2022 गुरुवार

करवाचौथ व्रत प्रारंभ - 13 अक्टूबर 2022 को सुबह 6 बजकर 32 मिनट से

करवाचौथ व्रत समाप्त - 13 अक्टूबर 2022 को रात 8 बजकर 48 मिनट तक

चंद्रोदय का समय - 13 अक्टूबर 2022 को रात 8 बजकर 48 मिनट पर 

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 13 अक्टूबर 2022 को सुबह 01 बजकर 59 मिनट से 

चतुर्थी तिथि समाप्त - 14 अक्टूबर 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक

करवाचौथ कैसे मनाया जाता है? Karwa Chauth Date

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करवाचौथ का पर्व भारतीय महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं. इस दिन सभी महिलाएं के जगह पर एकत्रित होती हैं और रात के वक्त चंद्रमा को अर्घ्य देकर इस त्योहार को मनाती हैं. इस पर्व की शुरुआत सुबह सूर्योदय से पहले विवाहित महिलाओं द्वारा सरगी खाने से होती है. सरगी का मूल रूप से पंजाब में काफी प्रचलन है, करवाचौथ की सुबह सास अपनी बहुओं को सरगी प्रसाद के तौर पर ग्रहण करने को देती हैं. सरगी में खीर, ड्रायफ्रूट्स, फल और ककड़ी शामिल होती हैं. 

विवाहित महिलाएं करवा लेती हैं जो नया मिट्टी का बर्तन होता है और उसे पूजा से पहले सजाया जाता है और करवा में सुहाग का सामान जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर और मिठाई डाली जाती है और महिलाएं दूसरी महिलाओं संग करवा के आदान-प्रदान करती हैं. करवाचौथ के दिन महिलाएं चौथ माता को भोग लगाने के लिए पारंपरिक खाद्य पदार्थ और मिठाई भी बनाती हैं. इस त्योहार पर विवाहित महिलाएं सौभाग्य का प्रतीक हाथों में मेहंदी और पैरो में आल्ता भी लगाती हैं. 

शाम के वक्त विवाहित महिलाएं पूजा के लिए सोलह ऋंगार करती हैं और रात के समय एक साथ इकट्ठा होकर करवामाता की पूजा करती हैं. पूजा के दौरान करवाचौथ से जुड़ी कहानियां सुनती हैं और पूजा पूरी करने के बाद चंद्रमा के उदय का इंतजार करती हैं. चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और फिर छलनी से पति के मुख को देखती है. पतियों द्वारा अपनी पत्नियों को पानी पिलाया जाता है और व्रत समाप्त होता है. 

करवाचौथ का महत्व Karwa Chauth Puja Importance 

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भारत में करवाचौथ (happy karwa chauth) त्योहार का अपना ही अलग एक महत्व है. दरअसल उत्तर और उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में अधिकतर पुरुष सेना या सैन्य बलों में नौकरी करते थे, तब उनकी पत्नियां अपने पति की लंबी आयु और सुरक्षा के लिए यह पर्व मनाती थी. साथ ही यह पर्व रबी फसल के मौसम के दौरान आता है जो गेंहू की बुवाई का मौसम है. इसलिए महिलाएं मिट्टी के बर्तन यानि करवा में गेहूं के दाने भरकर भगवान के अर्पित करती हैं.

करवाचौथ मनाने के पीछे और मान्यता है कि पहले लड़कियों की शादी 10-12 साल की उम्र में हो जाती थी. उस वक्त विवाहित महिलाएं अपने परिवार या अपने दोस्तों के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता पाती थीं. तब करवाचौथ ही एक ऐसा त्योहार होता था जब सभी विवाहित महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर इस पर्व को धूमधाम से मनाती थी. हालांकि आजकल तो पत्नियों के साथ-साथ पति भी करवाचौथ का व्रत रखने लगे हैं. इस पर्व पर माता गौरी, शिवजी, गणेश जी और कार्तिकेय भगवान की पूजा की जाती है. 

Significance of Karwa Chauth

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वैसे करवाचौथ का पर्व पूरे देशभर में हिंदू समुदायों द्वारा मनाया जाता है. लेकिन भारत के विभिन्न हिस्सों में करवाचौथ अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. इसलिए हर क्षेत्र या राज्य अपने तरीके से करवाचौथ मनाते हैं. जैसे पंजाब में महिलाएं करवाचौथ की शुरुआत सरगी से करती हैं. शाम को महिलाएं नए कपड़ों के साथ ही तैयार होती हैं. इस राज्य में अविवाहित लड़कियां भी सुंदर वर के लिए व्रत रखती हैं. 

वहीं उत्तर प्रदेश में महिलाएं शाम के वक्त घर की दीवारों पर करवा माता की तस्वीर को लगाती हैं और मिट्टी के करवे से पूजा करती हैं. राजस्थान में महिलाएं करवाचौथ के दिन अपनी शादी की साड़ी या लहंगे को पहनती हैं. साथ ही शादी की चुनर भी ओढ़ती हैं. यहां पर भी महिलाएं अपने हाथों से मिट्टी का करवा तैयार करती हैं. करवे में गेहूं और चावल को भरती हैं. आपको बता दें कि महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में करवाचौथ मनाने का प्रचलन नहीं है.

करवाचौथ व्रत की कथाएं

रानी वीरवती की कहानी:

रानी वीरवती अपने 7 भाइयों की इकलौती बहन थीं. जब वीरवती का पहला करवाचौथ आया तो वह अपने मायके चली गईं. करवाचौथ के दिन वीरवती भूखी-प्यासी रही, अपनी बहन की हालत देखकर भाइयों ने पीपल के पेड़ के पीछे एक नकली चंद्रमा बनाकर टांग दिया और अपनी बहन से व्रत तोड़ने को कहा. वीरवती ने भाइयों की बात मानकर व्रत तोड़ दिया और जैसे ही व्रत तोड़ा. उसके सुसराल से खबर आई कि उसके पति की मृत्यु हो गई है.

वीरवती दौड़ती हुई अपने ससुराल की तरफ भागी, तभी उसे रास्ते में माता पर्वती मिलीं. माता ने बताया कि वीरवती के भाइयों ने उनका उपवास तोड़ने के लिए चाल चली थी. फिर पार्वती जी ने वीरवती से पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत रखने को कहा और वीरवती ने उसी तरह से व्रत रखा और यमराज ने उनके पति को जीवन दान दिया. 

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देवी करवा की कहानी:

पौराणिक कथानुसार, एक दिन देवी करवा केप ति तुंगभद्रा नदी में स्नान करने गए थे. जहां पर एक मगरमच्छ ने उनके पति के पैर को पकड़ लिया. तब करवा के पति ने चिल्लाते हुए करवा को आवाज लगाई करवा दौड़कर नदी के पास आईं. करवा ने अपने पति को बचाने के लिए एक धागे से मगरमच्छ को पेड़ से बांध दिया. अपने पति को बचाने के लिए करवा ने यमदेव को पुकारा. यमदेव प्रकट हुए लेकिन उन्होने करवा के पति को जीवनदान देने से मना कर दिया. तब क्रोधित होकर करवा ने यमराज से कहा कि अगर उन्होने ऐसा नहीं किया तो वह उन्हें श्राप दे देंगी. यमराज सती के श्राप से भयभीत हो गए और करवा के पति को जीवन दान दे दिया. तब से विवाहित महिलाएं करवाचौथ के दिन करवा माता की पूजा-अर्चना करके अपने पति की लंबी आयु और सुरक्षा की कामना करती हैं. 

करवा चौथ पूजन विधि (karva chauth pooja)

करवा चौथ पर पानी कैसे पिलाया जाता है? - karava chauth par paanee kaise pilaaya jaata hai?
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  • करवाचौथ के दिन सुबह प्रातकाल उठकर नित्यकृम और स्नान के बाद सास द्वारा दी जाने वाली सरगी को ग्रहण करती हैं. 
  • इसके बाद संकल्प लेती हैं कि पूरे दिन ना तो कुछ खाएंगी और ना ही कुछ पीएंगी. 
  • शाम के समय विवाहित महिलाएं तैयार होती हैं और करवाचौथ पूजा के लिए एकत्रित होती हैं. 
  • पूजा के लिए महिलाएं घर की दीवार पर करवामाता की तस्वीर लगाती हैं. . फिर करवा माता के सामने जल से भरा कलश और मिट्टी के करवे में अनाज, चीनी और सिक्कों को भरकर रखती हैं. 
  • इसके बाद नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌. प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥ मंत्र का जाप करती हैं. 
  • मंत्र जाप के बाद, माता गौरी, भगवान शिव, भगवान कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा करती हैं. 
  • तत्पश्चात करवाचौथ की कहानी सुनाई जाती है और उसके बाद चंद्र पूजा के लिए थाली तैयार की जाती है, जिसमें फल, मिठाई, दीपक, सिंदूर और रंगीन चुन्नी और पानी का गिलास और छलनी होती है. 
  • फिर महिलाएं चंद्रोदय का इंतजार करती हैं और चंद्रमा के उदय होने पर उसे अर्घ्य देकर उसकी पूजा करती हैं.
  • इसके बाद छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं और पति अपनी पत्नी को पानी पिलाते हैं और मिठाई खिलाकर उनका व्रत तोड़ते हैं. 

Karwa Chauth Gift For Wife

आमतौर पर करवाचौथ पर अपनी पत्नी को क्या गिफ्ट दिया जाए इस बात को लेकर पति अक्सर परेशान और कन्फ्यूज रहते हैं. इसलिए हम आपके लिए कुछ यूनिक गिफ्ट्स आइडियाज़ लेकर आए हैं.

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1. बुक सेल्फ

अगर आपकी पत्नी को किताबें पढ़ना पसंद है तो आप अपनी पार्टनर को ढेर सारी बुक्स के साथ बुक सेल्फ गिफ्ट कर सकते हैं. 

2. कुकिंगवेयर सेट

अगर आपकी वाइफ को कुकिंग करना पसंद है तो आप उन्हें करवाचौथ पर नॉन स्टिक कुकिंग सेट, इंडक्शन और भी कुकिंग से जुड़े आइटम्स गिफ्ट कर सकते हैं.

3. स्किन केयर प्रोडक्ट्स

वैसे तो हर महिला को सजना-संवरना पसंद होता है इसलिए आप बिना हिचक के अपनी वाइफ को स्किन केयर प्रोडक्ट्स गिफ्ट कर सकते हैं. 

4. वॉच

अगर आप बजट फ्रेंडली गिफ्ट्स की तलाश कर रहे हैं तो आप अपनी वाइफ को एक ब्रांडेंड वॉच दे सकते हैं. आप चाहें तो स्मार्ट वॉच भी दे सकते हैं.

5. मिनी इंस्टेट फोटो कैमरा

अगर आपकी वाइफ को फोटो क्लिक करना बहुत पसंद है तो आप उन्हें करवाचौथ पर मिनी इंस्टेंट फोटो कैमरा भेंट कर सकते हैं. ताकि वे प्यारे पलों को कैमरे में हमेशा कैद कर सकें.

6. ज्वैलरी

महिलाओं को ज्वैलरी से बहुत लगाव होता है. खासतौर पर गोल्ड और डायमंड को लेकर महिलाएं क्रेजी होती हैं. इसलिए आप बजट के अनुसार अपनी वाइफ को डायमंड या गोल्ड की ज्वैलरी गिफ्ट कर सकते हैं.

7. कैंडल लाइट डिनर

करवाचौथ के दिन आप अपनी वाइफ को शाम के वक्त किसी रेस्टोरेंट में कैंडल लाइट डिनर करवाने ले जा सकते हैं. आप चाहें तो अपनी वाइफ के फेवरेट फूड को ऑनलाइन ऑर्डर भी कर सकते हैं.

करवा चौथ में पानी कैसे पिलाते हैं?

नारियल पानी- करवाचौथ का व्रत खोलते वक्त आप साधारण पानी की जगह नारियल पानी पिएं. ... .
जूस पिएं- व्रत खोलते वक्त 1 घूट पानी पिएं. ... .
नींबू पानी- करवाचौथ का व्रत खोलते वक्त पानी की जगह आप नींबू पानी पी लें. ... .
मिठाई- करवा चौथ का व्रत खोलते वक्त कुछ मीठा खाना चाहिए. ... .
ड्राईफ्रूट्स- व्रत खोलते वक्त पहले थोड़े मेवा खा लें..

करवा चौथ में पानी कब पिए?

करवा चौथ कार्तिक माह की पूर्णिमा के चौथे दिन मनाया जाने वाला हिन्दूओं का त्यौहार है। इस बार 13 अक्टूबर को सभी शादीशुदा औरते अपने पति की सलामती के लिए निर्जला उपवास रखेंगी। इस व्रत की मान्यता है कि महिलाएं दिनभर बिना कुछ खाएं और पानी पिए शाम को चांद को देखने के बाद अपनी पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती है।

करवा चौथ में क्या कोई पानी पी सकता है?

करवाचौथ (Karwa Chauth 2022 ) की गिनती कठिन व्रतों में होती है। यह नॉर्थ इंडिया में काफी पॉप्युलर है। इस दिन सुहागिनें पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत रखती हैं।

करवा चौथ के दिन सुबह सुबह क्या करना चाहिए?

करवा चौथ का व्रत कठिन व्रत में से एक माना जाता है इससें सुबह व्रत का संकल्प लेते हुए निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को चंद्रदेव के दर्शन करने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है। शास्त्रों में करवा चौथ के दिन व्रत के दौरान कुछ नियम बताएं गए जिसका पालन अवश्य करना चाहिए। इस दिन सुबह देर तक न सोएं।