लैट्रिन में खून क्यों आता है - laitrin mein khoon kyon aata hai

Colon Cancer Symptoms: क्या आपको कुछ दिनों से मल (Stool) त्याग करने में किसी तरह की समस्या महसूस हो रही है. मल के साथ खून (Blood in stool) आता है या फिर तेज दर्द होता है, तो इस समस्या को नजरअंदाज करना सही नहीं है. कई बार कब्ज होने पर लोगों को मल त्याग करने में कठिनाई होती है, लेकिन इसके साथ खून आना या फिर बार-बार तेज दर्द होना किसी गंभीर रोग जैसे कोलोन (Colon Cancer) या रेक्टल कैंसर (Rectal cancer) की तरफ इशारा करता है. कई बार बवासीर, मलद्वार के पास ब्लड वेसल्स में सूजन होने से भी स्टूल पास करने में बेहद तकलीफ होती है. कोलोन कैंसर को कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) भी कहते हैं, जो बड़ी आंत या रेक्टम में होता है. स्टूल में नजर आने वाली किसी भी तरह की समस्याओं को छिपाने से बेहतर है कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें. कोलोरेक्टल कैंसर के शुरुआती लक्षणों का जल्द निदान करके इलाज शुरू किया जाए, तो इसके ठीक होने की संभावना बढ़ सकती है.

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कोलोन कैंसर के लक्षण

टीओआई की खबर के अनुसार, कोलोन कैंसर (Colon cancer) होने पर अचानक वजन कम होने लगता है, मल त्याग करते समय ब्लीडिंग हो सकती है, नैरो स्टूल, एनीमिया, लगातार पेट में दर्द होने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. हालांकि, ये सभी लक्षण अल्सर, हेमोरॉयड्स के कारण भी होती हैं, ऐसे में डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए. कुछ अन्य लक्षण जैसे मल में खून आना, कब्ज होना, बार-बार पेट खाली करने की इच्छा में वृद्धि होना, बड़ी आंत के नीचे लम्प होना. ये सभी लक्षण पुरुष-महिलाओं दोनों में नजर आ सकते हैं.

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कोलोन या बाउल कैंसर के जोखिम

जो लोग बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं, उनमें इस कैंसर के होने की संभावना अधिक रहती है. जिन्हें पहले से ही अल्सरेटिव कोलाइटिस या कोलोन में क्रॉन्स डिजीज है, तो उनमें भी बाउल कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है. इनके अलावा, मोटापे से ग्रस्त लोगों, अधिक रेड मीट खाने वालों में भी कोलोन या बाउल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आपको रेगुलर स्क्रीनिंग करानी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि आपको बाउल कैंसर है या नहीं.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : February 16, 2022, 20:55 IST

मल में खून आने पर भूल से भी न करें इन चीजों का सेवन, बढ़ सकती है समस्या

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: तेजस्वी मेहता Updated Sun, 14 Mar 2021 12:41 PM IST

मल में खून आने की समस्या विभिन्न बीमारियों का संकेत है। जिसमें बवासीर, फिशर, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम बहुत आम माना जाता है। यदि प्रतिदिन मल में रक्त नहीं आता है और कभी- कभी ही यह दिखाई पड़ता है तो यह पाचन तंत्र संबंधित समस्या को इंगित करता है। चिकित्सक से परामर्श लेने पर जहां दवाइयां दी जाती है वहीं अपनी दिनचर्या और आहार में परिवर्तन करके भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। अक्सर लोगों को ये तो पता होता है कि उन्हें किस चीज का सेवन करना है लेकिन वे ये नहीं जानते कि उन्हें क्या नहीं खाना है। अगली स्लाइड्स में आस्था हॉस्पिटल, नागपुर के पोषण विशेषज्ञ डॉ. मोहित अवस्थी बता रहे हैं कि मल में खून आने पर किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। 

अधिक तेल वाला आहार 
अधिक तेल वाला खाना खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है। ऐसे में पेट का एसिड ऊपर की ओर आने लगता है। लंबे समय तक यदि ऐसा ही चलता रहता है तो मल में खून आने लगता है इसलिए पूड़ी, समोसा, तरी वाली सब्जियां आदि चीजों को नजरअंदाज करने में ही आपकी भलाई है। रात में तो भूलकर भी इन चीजों का सेवन न करें। 

मैदे की चीजें 
मैदे से बनी चीजों का सेवन अधिक न करें। इस तरह का खाना खाने से पेट में सूजन आने लगती है। सूजन बनी रहने पर मल में रक्त आने की समस्या कब बढ़ने लगेगी आपको पता भी नहीं चलेगा इसलिए इसे बिल्कुल बंद कर दें। छोले- भटूरे आपको सबसे अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं क्योंकि इसमें मैदे के अलावा तेल की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। 

कैफीन
कैफीन आपके लिए सबसे हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि इसके सेवन के बाद ही तत्काल प्रभाव दिखाई देने लगते हैं। कैफीन से कब्ज की समस्या बढ़ जाती है और ऐसे में जब आप मल त्यागने का प्रयास करते हैं तो रक्त भी आता है इसलिए चाय, कॉफी आदि को त्यागें। आपके लिए छाछ, शिकंजी आदि का सेवन लाभदायक हो सकता है। 

जंक फूड
जंक फूड का सेवन आपके पेट की पूरी स्थिति बिगाड़ सकता है। जंक फूड यदि बहुत अधिक मसालेदार है और आप अधिकतर ऐसा कुछ खाना पसंद करते हैं तो संभावना है कि आपको आगे चलकर बवासीर, फिशर आदि की समस्या से ग्रसित होना पड़े इसलिए यदि मल में रक्त आ रहा है तो जंक फूड को आपको पूरी तरह से न कहना होगा। थोड़ा भी लालच आपको महंगा पड़ सकता है। 

मल में खून आने का इलाज : बवासीर ही नहीं, 6 गंभीर रोगों की वजह से भी आ सकता है मल में खून, लक्षणों को समझें

By उस्मान | Published: September 30, 2021 08:20 AM2021-09-30T08:20:56+5:302021-09-30T08:20:56+5:30

मल में खून आना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है इसलिए बिना देरी किये डॉक्टर से बात करें

लैट्रिन में खून क्यों आता है - laitrin mein khoon kyon aata hai

मल में खून आने का इलाज

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Highlightsमल में खून आना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता हैपेट की कई समस्याओं में आ सकता है मल में खूनकिसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें

मल में खून आना सिर्फ बवासीर की समस्या नहीं हो सकती। इसके कई कारण हो सकते हैं। ध्यान रहे कि मल में खून आना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इसलिए आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

मल में खून आने के कारण

मल में खून आने का मतलब है कि आपके पाचन तंत्र में कहीं खून बह रहा है। कभी-कभी रक्त की मात्रा इतनी कम होती है कि यह केवल एक फेकल ओकल्ट टेस्ट (जो मल में छिपे हुए रक्त की जांच करता है) द्वारा ही पता लगाया जा सकता है। 

कभी-कभी यह टॉयलेट टिश्यू पर या टॉयलेट में मल के बाद चमकीले लाल रक्त के रूप में दिखाई दे सकता है। पाचन तंत्र में ऊपर की ओर होने वाले रक्तस्राव से मल काला और रुका हुआ दिखाई दे सकता है।

डायवर्टिकुलर डिजीज  
डायवर्टिकुला छोटे पाउच होते हैं जो पेट की दीवार से निकलते हैं। आमतौर पर डायवर्टिकुला समस्या पैदा नहीं करता है, लेकिन कभी-कभी इससे खून बह सकता है या संक्रमित हो सकते हैं।

एनल फिशर 
यह एक ऐसी समस्या है जिसमें गुदा के भीतरी ऊतकों में दरार आ जाती हैं या इन्फेक्शन हो जाता है जिससे मल के दौरान खून आ सकता है और तेज दर्द हो सकता है।

कोलाइटिस
इसे पेट की सूजन के नाम से भी जाना जाता है। अधिक सामान्य कारणों में संक्रमण या सूजन आंत्र रोग हैं। इसके अधिकतर मरीजों में मल में खून आने की समस्या देखी गई है।

एंजियोडिसप्लासिया
एक ऐसी स्थिति जिसमें नाजुक, असामान्य रक्त वाहिकाओं से रक्तस्राव होता है।

पेप्टिक अल्सर
पेट की परत में घाव हो जाता है जो छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होता है। कई पेप्टिक अल्सर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (एच। पाइलोरी) नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होते हैं। 

पॉलीप्स या कैंसर
पॉलीप्स के बढ़ने से खून आ सकता है कैंसर बन सकते हैं। कोलोरेक्टल कैंसर अक्सर रक्तस्राव का कारण बनता है। 

बवासीर
आमतौर पर बवासीर में मल में खून आ सकता है हालांकि इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है। अगर आपको बिना बवासीर के मल में खून आया रहा है तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।

मल में खून आने का इलाज

मल में किसी भी तरह का रक्तस्राव होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. डॉक्टर रक्तस्राव की जगह का पता लगाने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक काला, रुका हुआ मल पाचन तंत्र के ऊपरी भाग में अल्सर या अन्य समस्या का संकेत हो सकता है।

चमकीले लाल रक्त या मैरून रंग का मल आमतौर पर पाचन तंत्र के निचले हिस्से जैसे बवासीर या डायवर्टीकुलिटिस में समस्या का संकेत देता है। मेडिकल हिस्ट्री फिजिकल टेस्ट के बाद डॉक्टर सही इलाज कर सकता है। 

Web Title: treatment of blood in stool: causes of Blood in Stool, medical treatment and symptoms in Hindi

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लैट्रिन में खून आता है तो क्या करना चाहिए?

अगर मल में खून आए तो तुरंत किसी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अगर संभव हो तो सर्जन की क्योंकि इसमें उस जगह की आंतरिक जांच की जरूरत होती है। उसी से बवासीर या फिशर होने का पता लगता है। अगर कैंसर या कोई ट्यूमर हो, तो उसका भी पता लग जाता है।

लैट्रिन में खून आना कौन सी बीमारी के लक्षण है?

लैट्रिन (मल) में खून आने के कारण – Causes of blood in stool in Hindi.
एनल फिशर (anal fissure).
क्रोहन रोग (Chronic disease) मल में खून आना एक गंभीर बीमारी की ओर इशारा हो सकता है। ... .
डाइवर्टिक्युलाइटिस (Diverticulosis) ... .
कोलोन कैंसर (colon cancer) ... .
फूड पाइजनिंग ... .
आंतों में सूजन ... .
गुदा सेक्स ... .
आंतरिक रक्तस्त्राव.

कब्ज और मल में खून?

सबसे आम कारण रक्तस्त्राव या बवासीर है। अन्य कारणों में गुदा में दरार, एनोरेक्टल फिस्टुला, बड़ी आंत में सूजन (कोलाइटिस) और गैरकैंसर कारक उत्तकों में असामान्य वृद्धि (पोलिप्स) आदि शामिल हैं। जब भी मैं मल त्यागता हूं तो मुझे दर्द के साथ हर बार मलाशय से रक्तस्राव होता है।

बाथरूम के रास्ते से ब्लड क्यों आता है?

पेशाब में खून आने के ज्यादातर कारण, जैसे कुछ दवाएं, छोटी-मोटी चोटें या गुर्दे की पथरी आदि अस्थायी होती हैं, जिनका लंबे समय तक प्रभाव नहीं पड़ता। ज्यादातर लोगों के लिए मूत्र पथ का संक्रमण इलाज योग्य होता है। अगर जल्दी पता लगा लिया जाए तो मूत्र पथ के कैंसर का अच्छा पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।