मुझे कम स्वर सुनने में परेशानी क्यों होती है? - mujhe kam svar sunane mein pareshaanee kyon hotee hai?

मुझे कम स्वर सुनने में परेशानी क्यों होती है? - mujhe kam svar sunane mein pareshaanee kyon hotee hai?

आज के बदलते परिवेश और तकनीकीकरण में कई चीजें व्यक्ति के कानों को प्रभावित करती हैं। युवाओं के फैशन के बदलते दौर में इयरफोन का उपयोग चरम पर है। देर तक कानों में इयरफोन का इस्तेमाल करने से टिम्पैनिक मेम्ब्रेन कमजोर हो जाता है और कानों में कम सुनाई देने या बहरेपन की समस्या हो जाती है। इसके अलावा शादी-पार्टी में डीजे और मील में मशीने बहरापन का लक्षण बढ़ा देती हैं। आइये इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानते हैं।

पढ़ें- सुनने की शक्ति कैसे बढ़ाएं

  • बहरापन का कारण – Causes of Hearing Loss in Hindi
  • बहरापन का लक्षण – Causes of Hearing Loss in Hindi
  • बहरापन के जोखिम – Risk Factors of Hearing Loss in Hindi
  • बहरापन का परीक्षण – Diagnosis of Hearing Loss in Hindi
    • शारीरिक परीक्षण
    • स्क्रीनिंग टेस्ट (screening test)
    • ट्यूनिंग फोर्क टेस्ट
    • ऑडियोमेट्री टेस्ट
  • बहरेपन से बचाव – Prevention from Hearing Loss in Hindi
  • बहरापन का इलाज – Treatment of Hearing Loss in Hindi
    • कानों को साफ रखें
    • सर्जरी
    • हियरिंग एड्स
    • निष्कर्ष – Conclusion

बहरापन का कारण – Causes of Hearing Loss in Hindi

कम सुनाई देने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-

  • शोर-गुल वाले इलाके में रहना
  • कान के भीतरी हिस्से में क्षति
  • मील में काम करना
  • कान के आंतरिक प्रेशर में परिवर्तन
  • डीजे या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र का नियमित इस्तेमाल करना
  • कान के परदे में छेद हो जाना
  • कान में संक्रमण
  • कानों में तेज आवाज से गाना सुनने पर
  • कान में खोंट जमा होना

बहरापन का लक्षण – Causes of Hearing Loss in Hindi

अगर आप बहरापन की ओर बढ़ रहे हैं तो आपको नीचे बताए गए लक्षण प्रकट हो सकते हैं, जैसे-

  • किसी की आवाज या बातें  सुनने में परेशानी होना या साफ़ सुनाई न देना
  • पीछे से आने वाली आवाज या भीड़ में किसी एक की आवाज को सुन पाने में समस्या
  • खास शब्दों को सुनने में समस्या होने पर
  • टीवी, रेडियो या अन्य यंत्रों को तेज आवाज में सुनना
  • सामने वाले के शब्द नहीं समझने पर बात को बीच में छोड़ देना

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बहरापन के जोखिम – Risk Factors of Hearing Loss in Hindi

नीचे दी गई समस्याएं होने पर बहरापन का खतरा अधिक होता है-

  • बढ़ती उम्र – उम्र बढ़ने के साथ-साथ कान के भीतरी अंग खराब होने लगते हैं और कान का पर्दा कमजोर हो जाता है, जिससे बहरापन जन्म ले सकता है।
  • आनुवंशिकता – यदि आपके दादा, नाना, पापा, या माँ में कोई भी बहरापन का शिकार है तो यह आपको भी हो सकता है।
  • व्यावसायिक शोर – कई लोग मील में काम करते हैं। वहाँ पर लगातार चलने वाली मशीनों से निकलता शोर कान के परदे को डैमेज करता है जिससे कम सुनाई देने की समस्या हो सकती है।
  • शोर-गुल – अगर आप ध्वनि प्रदूषित इलाके में अपना अधिक समय बिताते हैं तो आपके कानों के सुनने की शक्ति कमजोर पड़ सकती है।
  • कुछ ख़ास किस्म की दवाइयों का सेवन
  • बीमारी- मेनिनजाइटिस या तेज बुखार के कारण बहरापन हो सकता है।
  • इयरफोन – कान में इयरफोन या हेडफोन लगाकर तेज आवाज में गाना सुनने से टिम्पैनिक मेम्ब्रेन पर बुरा असर पड़ता है जिससे कानों में सुनाई न देने की समस्या हो सकती है।

बहरापन का परीक्षण – Diagnosis of Hearing Loss in Hindi

शारीरिक परीक्षण

बहरेपन का ऊपरी परीक्षण ही कानों का शारीरिक परीक्षण है। इस टेस्ट में डॉक्टर यह देखते हैं कि कहीं कानों में सुनाई न देने का कारण मैल या सूजन तो नहीं।

स्क्रीनिंग टेस्ट (screening test)

इस टेस्ट में डॉक्टर आपके कानों की सुनने की शक्ति को मापने के लिए एक कान को ढकने को कहेंगे। फिर कुछ शब्द बोले जाएंगे और आपको उन्हें सुनकर दोहराना होगा।

ट्यूनिंग फोर्क टेस्ट

इसमें मध्य कान और आंतरिक कान की जांच की जाएगी और यदि कान के पर्दे में छेद है तो टिम्पैनोप्लास्टी की सलाह दी जाएगी।

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ऑडियोमेट्री टेस्ट

इस टेस्ट में कुछ शब्द साफ़ बैकग्राउंड में बोले जाएंगे और कुछ शब्द शोर युक्त बैकग्राउंड में बोले जाएंगे। आपको इन्हें दोहराने को कहा जाएगा। यदि आप सभी शब्दों को सफलता से बिना कानों पर जोर दिए सुन लेते हैं तो आपके सुनने की शक्ति मजबूत है। लेकिन, यदि ऊपर बताए गए टेस्ट में कोई आंतरिक क्षति पाई जाती है तो उसका इलाज जरूर करवाएं अन्यथा आप बहरेपन का शिकार हो सकते हैं।

बहरेपन से बचाव – Prevention from Hearing Loss in Hindi

  • तेज आवाज में गाना न सुने – भले ही आप संगीत प्रेमी हैं आपको कानों में इयरफोन लगाकर तेज आवाज में गाना नहीं सुनना चाहिए। अगर आपको कम सुनाई देता है तो एक से डेढ़ महीने तक कानों में इयर फोन न इस्तेमाल करें। आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगा।
  • शादी पार्टी में ध्यान दें- शादी में डीजे से दूरी बनाए रखें।
  • मील में काम करते समय कानों में रुई डाल सकते हैं।

बहरापन का इलाज – Treatment of Hearing Loss in Hindi

कानों को साफ रखें

कई बार कानों में अत्यधिक मैल जमा होने के कारण बहरापन या कम सुनाई देने के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कानों को खुद से न साफ करें। डॉक्टर कानों के अंदर कुछ लिक्विड डालते हैं जिससे कानों की मैल नर्म हो जाती है, जिसे ख़ास उपकरण की मदद से निकाला जा सकता है।

सर्जरी

अगर कम सुनाई देने या बहरेपन का कारण कानों की चोट है या टिंपैनिक मेम्ब्रेन में छेद है और कानों में संक्रमण है तो उसे दूर करने के लिए डॉक्टर कान की सर्जरी कर सकते हैं। कान के परदे को ठीक करने के लिए टिम्पैनोप्लास्टी की जा सकती है।

 पढ़ें- कान दर्द का इलाज

हियरिंग एड्स

अगर कानों के भीतरी हिस्से को कोई नुकसान हुआ है और उसके लिए हियरिंग ऐड मौजूद है तो सर्जरी के बजाय डॉक्टर हियरिंग ऐड का इस्तेमाल की सलाह दे सकते हैं। इसके कई प्रकार होते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

यदि कम सुनाई देने के कारणों को काबू में कर लिया जाए तो सुनने की शक्ति कई गुना बढ़ सकती है। लेकिन, अगर आपको कानों के भीतरी क्षति के कारण सुनने में परेशानी होती है तो सर्जन द्वारा बताए गए इलाज को चुने। कान के पर्दे को ठीक करने के लिए Tympanoplasty एक अच्छा विकल्प है जिसमें कानों को कोई नुकसान नहीं होता है।

Tympanoplasty कराने के लिए आप Pristyn Care की मदद ले सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

अगर कान से कम सुनाई दे तो क्या करना चाहिए?

सुनने की क्षमता विकसित करने के उपाय – Sunne Ki Shakti Kaise Badhaye.
कान की सुनने की शक्ति बढ़ाने के लिए योग कान के सुनने की शक्ति बढ़ाने के उपाय में योग का नाम भी शामिल है। ... .
कानों को साफ रखें ... .
सरसों का तेल का इस्तेमाल करें ... .
धूम्रपान से दूर रहें ... .
कम सुनाई देने के कारणों पर ध्यान दें.

कम सुनने का कारण क्या हो सकता है?

कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें कान से सुनाई ना देने या कम सुनाई देने की समस्याएं होती हैं. ऐसी समस्या या तो बचपन से ही होती है या बढ़ती उम्र में कई बार लापरवाही के कारण भी होती है. myUpchar के अनुसार, श्रवण हानि के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे तेज आवाज या शोर, चोट, बुढ़ापा, वंशानुगत और संक्रमण.

कान की जांच कैसे करें?

मनुष्य दो तरह से सुनता है। यह मशीन उन दोनों प्रकार के माध्यम की जांच करती है। पहला कान के पर्दे की जांच करने के लिए एक हेडफोन लगाकर मरीज के सुनने की क्षमता देखी जाती है। दूसरा इस मशीन में ऑडियो जैक लगा होता है, जो कान के पीछे की हड्डी पर लगाकर मरीज के बहरेपन की जांच करता है।

बहरापन दूर करने का आसन कौन है?

ताड़ासन आपके कान के लिए बहुत ही उपयोगी आसन है। इसे नियमित रूप से करने से आपके पोस्चर में सुधार देखने को मिलता है।