माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

अक्सर लोग माणिक्य या माणिक रत्न पहनते हैं। खासकर जिनकी कुंडली में सूर्य दूषित है या जिनकी सिंह राशि है उनको माणिक पहनने की सलाह दी जाती है, परंतु यह भी देखा गया है कि कुछ लोग मन से ही माणिक पहन लेते हैं और वह भी शनि की अंगुली में। अनार के दाने-सा दिखने वाला गुलाबी आभा वाला रत्न बहुमूल्य है। आओ जानते हैं माणिक पहनने संबंधी नुकसान और फायदे।


1. माणिक या माणिक्य से राजकीय और प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिलती है। यदि इसका लाभ हो रहा है तो आपके चेहरे पर चमक आ जाएगी अन्यथा सिरदर्द होगा और पारिवारिक समस्या भी बढ़ जाएगी। अपयश झेलना पड़ सकता है।

2. यह रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे कुंडली के अनुसार ही धारण करने का विधान है अन्यथा यह नुकसान पहुंचा सकता है।

3. नकली माणिक पहने से भी कई तरह के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। कहते हैं कि सबसे उत्तम बर्मा का माणिक होता है।

4. कितने कैरेट या रत्ती का माणिक पहनना चाहिए यह भी जानना जरूरी है। ऐसा भी होता है कि ज्यादा कैरेट का आपको सूट ना हो या कम कैरेट का सूट ना हो।

5. माणिक को नीलम, हीरा और गोमेद के साथ पहनना नुकसानदायक हो सकता है। माणिक को मोती, पन्ना, मूंगा और पुखराज के साथ पहन सकते हैं।

6. शनि की राशियों या लग्न में माणिक पहनने से पूर्व ज्योतिष की सलाह जरूर लें।

7. माणिक्य को लोहे की अंगुठी में जड़वाकर पहनना नुकसानदायक है।

8. माणिक्य का प्रभाव अंगूठी में जड़ाने के समय से 4 वर्षों तक रहता है, इसके बाद दूसरा माणिक्य जड़वाना चाहिए।

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: आशिकी पटेल Updated Tue, 26 Jul 2022 03:12 PM IST

Manik Gemstone Benefits: जीवन में तरक्की और खुशहाली हर कोई चाहता है। इसके लिए लोग खूब मेहनत भी करते हैं। लेकिन कई बार लोग तमाम कोशिशों और मेहनत के बाद भी उस मुकाम पर नहीं पहुंच पाते, जिसके वे हकदार होते हैं। यदि आपको भी तमाम कोशिशों और मेहनत के बाद भी नौकरी या बिजनेस में सफलता नहीं मिल पा रही है, तो ऐसी स्थिति में आपको ज्योतिष की सलाह लेनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र की शाखा रत्न शास्त्र में कुछ रत्नों को बेहद चमत्कारी माना गया है। इन रत्नों को धारण करने से तरक्की में आ रहीं रुकावटें खत्म हो जाती हैं। कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभावों को कम करने और शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए व्यक्ति को रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इन्हीं रत्नों में से एक है माणिक रत्न। रत्न शास्त्र में माणिक रत्न को एक महत्वपूर्ण रत्न माना गया है। आइए जानते हैं इस रत्न के फायदों के बारे में...  

नौकरी में तरक्की दिलाएगा माणिक्य रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार, यदि आप नौकरी संबंधित परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आपको माणिक रत्न पहनना चाहिए। इसे रूबी रत्न भी कहा जाता है। ये रत्न आपके लिए लाभकारी साबित होगा। 

नेतृत्व करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार
रत्न शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति रूबी यानी माणिक रत्न धारण करता है, उसमें नेतृत्व करने की क्षमता काफी देखने को मिलती है। साथ ही उसे सरकारी सेवाओं के पदों से बहुत समर्थन और प्रशंसा प्राप्त होती हैं।

आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार
रत्न शास्त्र के अनुसार, इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास की क्षमता बढ़ जाती है। ज्योतिष के अनुसार, जो व्यक्ति इसे धारण करता है, उसके व्यक्तित्व में काफी निखार आता है। साथ ही इसे धारण करने से आंखों की रोशनी और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।

स्वास्थ्य की समस्या होगी दूर
कमजोर सूर्य वाले लोगों के लिए ये रत्न अच्छा माना जाता है। इसके अलावा जिस व्यक्ति में अपाचे, पीलिया दस्त, हाई और लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं से ग्रसित है उनके लिए माणिक रत्न बेहद लाभकारी होता है।

माणिक रत्न क्या हैं और इसकी जानकारी

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

इस रत्न कि पूरब दिशा की ओर पड़ने वाले सभी देशो में इसकी मान्यता यह है की यह रत्न [ रूबी-Ruby ] धरती माँ के लहू का एक कतरा माना जाता है इसलिए इस रत्न को धरती माँ का लहू भी कहा जाता है। और इस कीमती माणिक रत्न को स्वामी व नायक के रूप में भी बहुत माना जाता है। हमारे भारत देश में लोगो का यह तक मानना है की जो भी व्यक्ति इस माणिक रत्न को भगवान् श्री कृष्णा के चरणों में अर्पित करता है उसके जीवन में भगवान् श्री कृष्णा की कृपा होती है।

जिससे वह व्यक्ति अपने भविष्य में बहुत आगे तक जाता है । या हम कह सकते है की वह अपने जीवन में बहुत उन्नति करता है। इस रत्न को अंग्रेजी में रूबी के नाम से भी जानते है।इस रत्न को एक लैटिन शब्द रूबर से इसका नाम रूबी रखा गया है। जिसका मतलब लाल यानी रेड होता है। इस रत्न का रंग भी बहुत ज्यादा गहरे लाल रंग का तथा हल्के गुलाबी रंग तक का होता। इस माणिक रत्न में भी बहुत सी बातें पुरुष तथा महिलाओं के लिए निम्न है। जैसे यह माणिक रत्न महिलाओं के लिए हल्के रंग का तथा पुरुषों के लिए गहरे यानी चटक रंग का धारण करना उच्चित माना जाता है।

ऊँचे पद पर बैठे हुए लोगो के लिए यह माणिक रत्न सबसे अधिक श्रेष्टतम माना गया है। माणिक रत्न यानी रूबी को संस्कृत व बाइबल में सबसे अधिक पुराने से पुराने रत्नों में से एक माना गया है। इस माणिक रत्न को सूर्य का रत्न भी कहा जाता है। इसे सूर्य का रत्न इसलिए माना गया है क्यूंकि इसके प्रभाव से बच्चा मानसिक तथा शारीरिक ढंग से पूर्ण रूप से स्वस्थ रहता है। इस संसार में जितने भी रत्न पाय जाते है उन सब में बर्मा देश का माणिक रत्न सबसे ज्यादा लोगों को पसंद आने वाला रत्न है। क्यूंकि इसकी जड़ गहरे लाल रंग के रत्न रूबी का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है।  



यह रत्न सबसे ज्यादा खनिज के रूप में म्यामार देश में पाया जाता है। यहाँ म्यामार में सबसे ऊँचे स्तर का माणिक पाया जाता है। बहुत वर्ष पहले म्यांमार के उपरी भाग में इस रत्न की सबसे ज्यादा खाद्याने पाई जाती थीं। लेकिन फिर 1990 के बाद मध्य म्यांमार में इसकी खाने सबसे अधिक पाई जाने लगीं है। मध्य म्यांमार का जो माणिक है वह इतना लाल है की इस माणिक के गहरे लाल रंग की तुलना कबूतर के रक्त से की गई है।

यह रत्न सिर्फ म्यांमार में ही नही बल्कि कई देशों में पाया जाता है। जैसे नेपाल , आस्ट्रेलिया , भारत , कम्बोडिया , अफगानिस्तान , निमीबिया , कोलंबिया , जापान , स्कॉटलैंड , ब्राजील तथा पाकिस्तान जैसे देशों में भी पाया जाता है। इन सभी देशों के सिवाय श्रीलंका में भी माणिक रत्न की खाद्याने पाई जाती हैं। लेकिन श्रीलंका का माणिक सबसे निम्न स्तर का होता है। और यहाँ के माणिक का रंग गुलाबी होता है। माणिक रत्न रत्नों का सबसे बड़ा श्रोत है। 


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माणिक रत्न और माणिक की तकनिकी विज्ञान । Ruby – रूबी

माणिक रत्न अर्थात रूबी एक खनिज रासायनिक धातु तत्व के बचे हुए शेष भाग के साथ एलुमिनियम आक्साइड  ( Al2O3 ) का एक मिश्रण है।  यह मिश्रण लाल रंग का होता है। इस माणिक रत्न की जो गुरुत्वाकर्षण सीमा होती है वह 4.03 होती है। माणिक एक ऐसा रत्न हैं जो की  खनिज से उत्पन्न होने वाले वंशज कोरंडम से सम्बंधित होता है। इस रत्न की मोह्स स्केल पर इसका कडापन 9 होता है। अगर हम बात करें तो  इस रत्न के प्रकाश विज्ञान के छेत्र में यही मिसाल देते है।

यह माणिक रत्न एक बहुत ही अनोखे मिजाज का रत्न है। यह एक ऐसा खनिज पधार्थ है जिसकी बनाबट में क्रोमियम के साथ एल्युमीनियम आक्साइड के साथ इसके कई आणू  एक दुसरे के साथ जुड़े हैं । विज्ञानिकों के रासायनिक अध्यन के बाद हमे यह पता चला है की ये माणिक रत्न संतरी लाल तथा बैगनी लाल रंग की चमक या कह सकते है की इन रंगों का प्रकाश फैलाता है।


माणिक रत्न के फायदे । माणिक रत्न पहनने के लाभ । Benefits of wearing Ruby

माणिक रत्न एक सूर्य रत्न है। इस रत्न के पहनने से उस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कि बढ़ती दशा को देखा जा सकता है। मनुष्य को हमेशा इस रत्न को किसी जानकार ज्योतिष गुरु से परामर्श लेकर ही धारण करना चाहिए क्योंकि जीतने इसके लाभ है, उससे कई ज्यादा इसके नुकसान है अगर यह रत्न गलत तरीके से पहन लिया जाए तो नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

माणिक रत्न को पहनने से जातक को अपने स्वभाव में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है। जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। जातक के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है और जातक उन्नति के शिखर तक पहुँचने के काबिल हो जाता है। माणिक रत्न के लाभ जो कुछ इस प्रकार हैं-

  • माणिक रत्न धारण करने से आपको रंग रूप या सेहत में लाभ मिलेगा क्योंकि सूर्य आरोग्यता का कारक है। यह आपके गौरव को भी बढ़ता है और बुद्धिमान बनाता है।
  • धन धन्य से परिपूर्ण बनाने में भी माणिक रत्न लाभकारी साबित होता है। यदि आप किसी शारीरिक परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आपको उसमें भी लाभ मिलेगा।
  • इस रत्न के धारण करने से आपके छोटे भाई बहनों पर आने वाली मुसीबते कम होती है, गुप्त शत्रुओं से लड़ने कि शक्ति प्राप्त होती है। गले से जुड़ी समस्याओं में सबसे ज्यादा लाभकारी सिद्ध होता है।
  • सुख संपत्ति से परिपूर्ण बनाता है माणिक रत्न और यदि आपके कारण आपकी माता पर कोई संकट आने को होता है तो उससे भी मुक्ति दिलाता है।
  • माणिक रत्न धारण करने से संतान की प्राप्ति होती है, यदि आपको ह्रदय रोग है तो उसमें भी सहायक होता है। आपको यश और शांति प्राप्त कराता है यह माणिक।
  • यदि आप मुकदमेबाजी के लिए इस माणिक रत्न को धारण करते हैं तो उसमें भी यह आपको जीत की प्राप्ति कराएगा। चिंता और तनाव से मुक्त करने में मदद करता है।
  • विवाह में आने वाली रुकावटों से भी मुक्ति दिलाता है, और मन पसंद विवाह करने के लिए भी यह माणिक आपकी मदद करता है। यदि जीवनसाथी को लेकर कोई समस्या है तो आपको सहायता मिलेगी।
  • आयु में वृद्धि का भी कारक माणिक को माना जाता है तथा आकस्मिक धन लाभ के लिए भी माणिक रत्न कारगर होता है। रुके हुए कार्यों में भी माणिक रत्न मददगार साबित होगा।
  • माणिक रत्न धारण करने से ससुराल पक्ष के रिश्ते मजबूत होते हैं तथा साला और सलाई की तरफ से सम्मान प्राप्त होगा। शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति मिलती है।
  • माणिक पहनने से पिता का सहयोग मिलता है और बिजनेस में बढ़ोत्तरी होती है। राजयोग का कारक भी माणिक रत्न को माना जाता है जिसे सूर्य का रत्न कहते हैं।
  • इस रत्न के धारण करने से अधूरी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, परिवार में शांति रहती है और बड़ी उपलब्धि भी प्राप्त करता है। इस रत्न के प्रभाव से पुत्रवधु का भी सुख प्राप्त होता है।
  • व्यापार में होने वाली हानी से बचाता है यह माणिक तथा धन निवेश करने में आने वाली दिक्कतें कम होती हैं। मोक्ष की प्राप्ति भी करा सकता है यह रत्न।

यदि आप माणिक रत्न धारण करना चाहते हैं तो उससे पहले एक बार हमारे अनुभवी ज्योतिष आचार्य से अवश्य पूंछें।


माणिक रत्न के नुक्सान । Demerits of wearing Ruby

जातक की कुंडली के प्रथम भाव  में ( लग्न ) नीच का हो तो सूर्य जातक की कुंडली में अपने प्रभाव से ( जिसे हम कह सकते है चमक में ) कई प्रकार की बाधाएँ डाल सकता है। जिसमे मनुष्य को संतान से कई समस्याएं सबसे ज्यादा होती है तथा स्त्री के लिए भी यह घातक हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों को माणिक परामर्श के बाद ही पहनना चाहिए। 

इस ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सभी रत्नों के फायदे और नुकसान होते हैं लेकिन यह याद रखें की यदि रत्न को विधि विधान से धारण न किया जाए तो उसके सिर्फ नुकसान ही मिलते हैं। इसलिए किसी भी रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लें। इसी प्रकार माणिक रत्न से जुड़े नुकसान नीचे दिए गए बिन्दुओं में बताए गए हैं उन्हे कृपया ध्यान से पढ़ें।

  • यह रत्न रक्तदाब संबंधी किसी बीमारी का कारण बन सकता है । 
  • यह माणिक व्यक्ति के कार्य स्थल पर उसके सीनियर अधिकारियों के साथ मतभेद को उत्पन्न कर सकता है ।  
  • यह व्यक्ति की कोमल भावनाओं , उसके व्यवहार तथा स्वभाव में बदलाव आने का कारण बन सकता है । 
  • इस रत्न के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति अपने सही-गलत फैसले लेने की क्षमता को खो देता है। जिसके कारण व्यक्ति विलासिता पूर्ण जीवन व्यतीत करने लगता है। वह अपने धन को ज्यादा से ज्यादा खर्च करने लगता है।
  • विधि पूर्वक माणिक रत्न न पहनने की बजह से आपको धन से जुड़े लाभ हो सकते हैं।
  • इस रत्न का संबंध सूर्य से होने के कारण आपके जीवन में दिल, आँखों अथवा अन्य रोगों से ग्रसित कर सकता है। इन सबके साथ-साथ व्यक्ति के अंदर अहंकार की भावना को जगा देता है।
  • यदि जातक ने इस रत्न को विधि से नही पहना तो अपने जीवनसाथी के साथ संबंध खराब कर सकता है।

माणिक रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए और माणिक रत्न पहनने की विधि 

जब बात इस रत्न की हो रही हो तब व्यक्ति को ज्योतिष आचार्य द्वारा बताए गए तत्वों के आधार पर व्यक्ति को यह रत्न कम से कम पाँच रत्ती ( कैरेट ) का पहनना चाहिए। इस रत्न को सोने और तांबे की अंगूठी में जड़वाकर पहनना शुभ माना जाता है। लेकिन ऐसा देखा गया है की कभी कभी सोने और ताम्बे की धातु वाले रत्न दिक्कत दे देता है इसलिए किसी भी धातु का प्रयोग करने से पहले किसी ज्योतिष आचार्य से परामर्श जरुर ले लें।

व्यक्ति अगर 5 से 7 कैरेट तक का माणिक रत्न पहनता है तो वह बहुत ही ज्यादा उचित तथा सबसे ज्यादा श्रेष्ठ माना जाता है । इनके अलावा एक बात और है जो इसकी गर्माहट को बताती है। जो व्यक्ति के यकृत में बनने वाले तरल पदार्थ को प्रतिबद्ध करने का काम करता है। यह व्यक्ति के शरीर में यकृत में बनने वाले तरल पदार्थ को या अग्नि के तत्वों का परिचालन करता है।

यदि हम इस अनमोल रत्न के सुगमता से परिचालित गुणों के परिणाम की बात करे तो  स्पस्ट यह है की ये रत्न एक बहुत अच्छा तपिश का चालक है। व्यक्ति को इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि जो अंगूठी माणिक रत्न से जड़वाकर बनवाई है उस  अंगूठी  में लगा यह रत्न आपकी त्वचा से सटा रहे । इस रत्न को पहनने से पहले खरीद कर हमें इसका शुद्धिकरण करना चाहिए। 

इसका शुद्धिकरण एक अनुभवी ज्योतिष आचार्य से ही करवाना चाहिये क्युकी रत्न की शुद्धिकरण की विधि काफी कठिन है और मात्र गंगाजल से धोकर पहनने से रत्न पूरी तरह शुद्ध नही होता है। इस रत्न को पूरी तरह शुद्ध करबाकर ही पहनना चाहिये याद रखें अंगूठी को पहनने से पहले भगवान शिव तथा भगवान विष्णु को सफेद या लाल फूल अवश्य समर्पित करें और फिर धूप जलाकर सूर्य के इस बीज मंत्र ह्राँ ह्रीं ह्रोंम स: सूर्याय नमः का 108 बार जाप करना चाहिए। यह सब करने के बाद आप अंगूठी को रविवार , सोमवार और बृहस्पतिवार के दिन पहन सकते हैं।


माणिक रत्न का 12 राशियों पर प्रभाव | Impacts of Ruby on 12 signs

माणिक रत्न का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग प्रकार से पड़ता है और वह निश्चित करता है राशि की स्थिति में क्या परिवर्तन आ रहा है। यदि जातक इस रत्न को पहनता है तो जातक को सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे या फिर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे। यह आपको सभी 12 राशियों के अनुसार बताया गया है।

मेष राशि के लिए माणिक । Ruby for Aries

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

कभी – कभी मेष राशि के व्यक्तियों को अपने स्वंय के काम- काज में निपुण होने के लिए माणिक रत्न पहनने की सलाह दि जाती है जिसे पहनने से उस व्यक्ति को अपने काम- काज में सफलता प्राप्त होती है ।  


वृषभ राशि के लिए माणिक । Ruby for Taurus

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

इस राशि के व्यक्तियों को अपनी स्वंय की जिंदगी व पेशेवर ( प्रोफेशनल ) परिस्थिति में सुधार लाना है तो उस व्यक्ति को किसी जानकारी ज्योतिष से परामर्श लेने के बाद माणिक रत्न धारण करना चाहिये ।  


मिथुन राशि के लिए माणिक । Ruby for Gemini

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

मिथुन राशि के जातकों को माणिक रत्न न धारण करने का परामर्श दिया जाता है। इसलिए इस राशि के जातकों को ज्योतिषी परामर्श अवश्य लेना चाहिये । 


कर्क राशि के लिए माणिक । Ruby for Cancer

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

कर्क राशि के व्यक्तियों को उनके स्वंय के काम-काज तथा उनके निजी जीवन में उनकी सभी कमियों को दूर करता है। यह रत्न आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है। इन सब के सिवाए यह माणिक रत्न इस राशि के व्यक्तियों को उनके स्वास्थ्य से जुडी सभी समस्याओं तथा विशेष रूप से यह व्यक्ति की आँखों की समस्या को दूर करने में मदद  करता है।   


सिंह राशि के लिए माणिक । Ruby for Leo

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

सिंह राशि का स्वामी यानी लॉर्ड  सूर्य है इसलिए इस राशि के लोग मनचाही फल प्राप्त के लिए माणिक रत्न अवश्य पहन सकते है।


कन्या राशि के लिए माणिक । Ruby for Virgo

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

कन्या राशि के लोगो को माणिक रत्न नही पहनना चाहिये क्युकी अगर इस राशि का व्यक्ति माणिक रत्न पहनता है तो उसके ऊपर माणिक रत्न का बुरा प्रभाव हो सकता है। परामर्श के बाद पहन सकते है। 


तुला राशि के लिए माणिक । Ruby for Libra

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

तुला राशि के व्यक्तियों को भी माणिक रत्न न धारण करने का सुझाव दिया जाता है क्युकी इस राशि के व्यक्तिओं पर भी इसका बुरा प्रभाव हो सकता है। क्यूकी शुक्र सूर्य का दुश्मन माना जाता है लेकिन अगर ज्योतिष आचार्य जी बताएं तो आप ज़रूर पहन सकते है। 


वृश्चिक राशि के लिए माणिक । Ruby for Scorpio

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

वृश्चिक राशि के व्यक्तिओं के लिए यह माणिक रत्न बहुत ही लाभकारी है। क्योंकि अगर इस राशि के व्यक्ति माणिक रत्न धारण करते है तो उनका हर काम सफल होता है। खासतौर पर उनके ऑफिस का हर काम आसानी से हो जाता है। 


धनु राशि के लिए माणिक । Ruby for Sagittarius

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

धनु राशि के व्यक्तियों को माणिक रत्न ज़रूर पहनना चाहिये। क्योंकि यह रत्न इनके लिए बहुत ज्यादा लाभकारी है।  धनु राशि के जातक अगर इस रत्न को धारण करते है तो उनका भाग्य चमक उठता है। 


मकर राशि के लिए माणिक । Ruby for Capricorn

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

मकर राशि के व्यक्तियों के लिए यह रत्न बहुत ज्यादा घातक हो सकता है इसलिए मकर राशि के जातको को माणिक रत्न न धारण करने की सलाह दि जाती है। क्यूकी इस राशि का स्वामी शनि है और शनि सूर्य का कट्टर दुश्मन है। पर अगर ज्योतिष आचार्या जी कहें तो आप यह रत्ना धारन कर सकते है।   


कुंभ राशि के लिए माणिक । Ruby for Aquarius

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

कुंभ राशि के व्यक्ति इस माणिक रत्न को पहन तो सकते है परन्तु कुछ विशेष परिस्थिति में वो भी किसी ज्योतिष आचार्य के परामर्श से ।  


मीन राशि के लिए माणिक । Ruby for Pisces

माणिक के पहनने से क्या होता है? - maanik ke pahanane se kya hota hai?

अगर हम मीन राशि की बात करें तो इस राशि के लोग माणिक रत्न (रूबी-Ruby)सिर्फ किसी विशेष परिस्थिति या अपनी किसी इच्छा को पूरा करने के लिए पहनते है ।  एक जानकार ज्योतिषी आचार्य इस बात का फैसला ले सकता है की किस व्यक्ति को रत्न धारण करना चाहिये किस व्यक्ति को नही धारण करना चाहिये ।  

[ एक विशेष जानकारी –  हम आशा करते हैं की आप माणिक रत्न खरीदने या धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिष आचार्य जी से परामर्श अवश्य लेंगे। ताकि आपको इस रत्न के सिर्फ लाभ मिले न की नुकसान ]


माणिक रत्न की पहचान । माणिक रत्न का असली या नकली होना 

अगर हम असली माणिक की पहचान करना चाहे तो वह उसके रंग से होती है। असली माणिक गहरे लाल रंग का होता है। असली माणिक को जब हम देखते है तो उसमे एक अलोकिक चमक देखने को मिलती है परन्तु नकली माणिक में ऐसी चमक देखने को नही मिलती है और नकली माणिक बेजान सा नजर आता है, लेकिन असली माणिक अत्यधिक निष्ठुर होता है और रत्न को पहचानने का सबसे आसान तरीका है लैब द्वारा प्रमाणित किया गया सर्टिफिकेट जो आपको हमारी वेवसाइट पर बहुत आसानी से मिल जाएगा। 

मनुष्य द्वारा माणिक रत्न सन 1837 में बना लिया गया था। माणिक रत्न मनुष्य से सबसे पहले फिटकरी को ऊँचे तापमान पर गर्म करके क्रोमियम के साथ मिश्रित करके बनाया था। इसके बाद रसायन ने प्रतिष्ठित के कई मानिक ती तरह दिखने वाले तथा सस्ते बनाबटी माणिक बनाने में सफल हो गय। परन्तु कामर्सिअल इन रत्नों की पयदाबारी 1903 में सुरु कर पाया था। इस रत्न की तरह दिखने बाले रत्न को बनाने के लिए 30 भट्टियाँ लगे गई और पुरे वर्ष में 1000 किलोग्राम माणिक बनाकर तैयार किया जाता था।

इसके बाद बाजार में नकली माणिकों की भरमार हो गई जिससे लोग असली माणिक को पहचानने और खरीदने में बहुत दिक्कत महसूस करने लगे इसलिए व्यक्ति माणिक खरीदने के विषय में बहुत सतर्क हो गए है। तभी कहते है की इस रत्न को खरीदने वाले व्यक्ति को हमेशा सतर्क एवं साबधान रहना चाहिये। अक्सर लोग माणिक खरीदने के बाद पछताते है क्युकी हर महंगा माणिक असली तो नही होता है इसलिए लोग नकली माणिक को असली माणिक की तरह रखते है। उस नकली माणिक की कीमत असली माणिक के बराबर ले लेते है। एक महंगे रत्न को ज्यादा विशेषण माना जाता है।

लेकिन वह रत्न किसी लैब द्वारा प्रमाणित  किया गया होना चाहिये। तब जाके आप असली व नकली रत्न की पहचान कर सकते हो। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए किसी भी रत्न को जब ख़रीदे तब देख ले की वह रत्न किसी लैब द्वारा प्रमाणित है या नहीं। अगर लैब द्वारा प्रमाणित है तो वह रत्न असली होगा। अगर नही है तो वह रत्न नकली  होगा।  इसलिए लिए आपसभी से अनुरोध है की नकली रत्नों से सतर्क एवं साबधान रहे।   


माणिक रत्न के उपरत्न । Substitute of Ruby

माणिक रत्न एक ऐसा रत्न है जिसकी कीमत बाजार में बहुत अधिक होती है और ऐसा भी नही हो सकता कि सभी कोई व्यक्ति इस रत्न को खरीदकर पहन सकें क्युकी इस रत्न को सभी व्यक्ति नही ले सकते। हाँ ले सकता है परन्तु कुछ माणिक रत्न के जैसे दिखने बाले रत्न होते है और वे माणिक रत्न से कम कीमत के भी होते है इसलिए वह रत्न व्यक्ति आसानी से खरीद सकता है। इन सभी रत्नों में पहला स्थान इस्पैनेल का होता है।

जिसको हम सब हिंदी भाषा में लालड़ी कहते है फिर इसके बाद दूसरा स्थान  गार्नेट रत्न होता है। इसके बाद तीसरा जिर्कान और फिर सबसे आखिरी यानी चौथा रत्न एजेड होता है। कभी ऐसी स्थिति आजाये की माणिक रत्न न मिले या तो फिर व्यक्ति अपनी आर्थिक परिस्थिति के कारण माणिक रत्न न धारण कर पाने की स्थिति में हो तो वह इन्हें धारण कर सकता है।  


माणिक रत्न से साबधानियाँ । Precautions from Ruby

यहाँ तक हम सभी ये तक जानते है की माणिक रत्न जैसे हमे फायदा पहुचाते है ठीक उसी प्रकार हमे नुक्सान भी पहुँचा सकते है। इसलिए हमे कभी भी गलत रत्न धारण नही करना चाहिये और हमेशा किसी भी रत्न को पहनने से पहले ज्योतिष आचार्य से जानकारी अवश्य ले लें। उसके बाद ही किसी रत्न को धारण करे। अन्य था रत्न हमे किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी में डाल सकते है। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की हमे माणिक के किसी भी विकल्प के साथ हीरा , नीलम , लहसुनिया और गोमेद को नही धारण करना चाहिये।   


माणिक रत्न पहनने से क्या क्या लाभ होता है?

Manik Gemstone: नौकरी में तरक्की दिलाता है ये रत्न, जानिए इसके चमत्कारी फायदे.
Manik Gemstone Benefits: जीवन में तरक्की और खुशहाली हर कोई चाहता है। ... .
नौकरी में तरक्की दिलाएगा माणिक्य रत्न ... .
नेतृत्व करने की क्षमता को बढ़ाने में मददगार ... .
आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार ... .
स्वास्थ्य की समस्या होगी दूर.

माणिक कौन से हाथ में पहनना चाहिए?

सूर्य को मजबूत बनाने के लिए माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। सूर्य का स्थान हाथ में अनामिका उंगली के अंतिम पोर पर होता है इसलिए यह रत्न अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए

माणिक कौन पहन सकता है?

किन लोगों को माणिक धारण करना चाहिए? – मेष, सिंह और धनु लग्न के जातक माणिक धारण कर सकते हैं। – कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में माणिक साधारण परिणाम देता है। – अगर जातक को हृदय और नेत्र रोग है तो भी वह माणिक धारण कर सकता है।

माणिक कितने दिन में असर दिखाता है?

रत्नों के परिणाम कितने दिन में दिखाई पड़ते हैं इसका विवरण इस प्रकार है। मोती 3 दिन माणिक्य 30 दिन मूंगा 21 दिन पन्ना 7 दिन पुखराज 15 दिन नीलम 2 दिन हीरा 22 दिन गोमेद 30 दिन लहसुनिया 30 दिन ज्योतिष में रत्न को किन उंगलियों में धारण करना चाहिए इस पर भी विवरण मिलता है।