मारिआन की प्रतिमाएं सार्वजनिक चौकों पर क्यों लगाई गई? - maariaan kee pratimaen saarvajanik chaukon par kyon lagaee gaee?

Solution : मारीऑन और जर्मेनिया दो नारियों के चित्र है। उन्हें राष्रोंत के रूप में चित्रित किया गया है। <br> फ्रांसीसी कलाकारों ने फ्रांसीसी क्रांति के दौरान स्वतंत्रता, न्याया और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी रूपकों का प्रयोग किया। फ्रांसीसी कलाकारों ने नारी रूपकों का आविष्कार 19वीं सदी में किया था। नारी रूपक को मारीआन कहा गया जो ईसाई धर्म का प्रचलित नाम था। इसी तरह जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गई चाक्षुष अभिव्यक्‍ति में जर्मेनिया बलूत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहनती है क्योंकि जर्मन बलूत वीरता का प्रतीक है। <br> महत्व्ं- जिस तरह से मारीआन और जर्मेनिया को चित्रित किया गया उसका काफी महत्तव है। मारीआन की प्रतिमा को स्वतंत्रता, एकता और इंसाफ का प्रतीक माना गया है। इसलिए मारीआन की प्रतिमाएं फ्रांस के सार्वजनिक चौकों पर लगाई गई, ताकि जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे। मारीआन की छवि सिक्कों और डाक टिकटों पर अंकित की गई। <br> जर्मेनिया का चित्र स्वतंत्रता, शक्‍ति, बहादुी, मुकाबले की तैयारी, शांति की चाह और एक नए युग के सूत्रपात का प्रतीक है। जर्मेनिया के चित्र के माध्यम से जर्मनी की जनता को उपरोक्त संदेश मिलते रहते हैं।

मारीआन की प्रतिमाएं सार्वजनिक चीजों पर क्यों लगाई गई?

मारीआन की प्रतिमा को स्वतंत्रता, एकता और इंसाफ का प्रतीक माना गया है। इसलिए मारीआन की प्रतिमाएं फ्रांस के सार्वजनिक चौकों पर लगाई गई, ताकि जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे। मारीआन की छवि सिक्कों और डाक टिकटों पर अंकित की गई

फ्रांस में मारीआन की प्रतिमा का क्या महत्त्व है?

मारिआन की प्रतिमा को स्वतंत्रता एकता और न्याय का प्रतीक माना गया। इससे जनता में इन उद्दात राजनीतिक भावनाओं का संचार हुआ। इसी प्रकार जर्मेनिया का चित्र स्वतंत्रता, शक्ति, बहादुरी, शांति तथा एक नए युग के सूत्रपात का प्रतीक था।

मारीआन और जर्मेनिया कौन थी उसका चित्र करने का क्या उद्देश्य था?

Solution : मारीआन और जेर्मेनिया दो नारियों के चित्र हैं। उन्हें राष्ट्रों के रूप में चित्रित किया गया है। <br> फ़्रांसिसी कलाकारों ने फ़्रांसिसी क्रांति के दौरान स्वतंत्रता, न्याय, और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी रूपकों का प्रयोग किया फ्रांसिस कलाकरों ने नारी रूपकों का आविष्कार वीं सदी में किया था

मारिआन क्या है?

फ्रांस और जर्मनी के कलाकारों द्वारा स्वतंत्रता, न्याय तथा विचारों को प्रकट करने के लिए नारी रूपक का प्रयोग किया गया। फ्रांस में इसी नारी रूपक को मारीआन नाम दिया गया और जर्मनी में जर्मेनिया नाम दिया गया। मारीआन- इसने जन राष्ट्रीय के विचारों को रेखांकित किया।