Yashoda Jayanti Katha: आज यशोदा जयंती है। मान्यता है कि आज के दिन मां यशोदा का जन्म हुआ था। शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से मां यशोदा का जन्म हुआ था। इनका जन्म ब्रज में स्थित सुमुख नाम के गोप और उनकी पत्नी पाटला के यहां हुआ था। मां यशोदा का विवाह ब्रज के राजा नंद से संपन्न हुआ था। कहा जाता है कि पिछले जन्म में नंद, द्रोण थे। मान्यताओं के अनुसार, मां देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया था लेकिन उनका लालन-पोषण मां यशोदा ने किया था। कृष्ण के पिता वासुदेव ने कृष्ण जी के पैदा होते ही उन्हें कंस से बचाने के लिए गोकुल में नंद बाबा के पास छोड़ दिया था। इसलिए कृष्ण जी को मां यशोदा की माता के रूप में जाना जाता है। Show माता यशोदा के जीवन से जुड़ी एक कथा बेहद प्रचलित है जिसके बारे में शायद हर कोई नहीं जानता है। ऐसे में जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको माता यशोदा की एक प्रचलित कथा सुना रहे हैं। आइए पढ़ते हैं मां यशोदा की पौराणिक कथा। Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व यह भी पढ़ेंकथा के अनुसार, माता यशोदा ने अपने पूर्व जन्म में भगवान विष्णु की तपस्या की थी। विष्णु जी उनकी तपस्या से बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें वर मांगने को कहा। तब मां यशोदा ने कहा कि मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे। तब श्री हरि ने कहा कि वो माता देवकी और वासुदेव के घर जन्म लेंगे। लेकिन मातृत्व का सुख मुझे आपसे ही प्राप्त होगा। इसके बाद समय के साथ ऐसा ही हुआ, माता यशोदा ने ही श्रीकृष्ण को मातृत्व सुख दिया। Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या कब? जानिए गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त और महत्व यह भी पढ़ेंडिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' इसे सुनेंरोकेंमाता यशोदा की जन्म कथा नंद पिछले जन्म में द्रोण थे। एक अन्य कथा के अनुसार पूर्व जन्म में माता यशोदा ने भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वर मांगने को कहा। यशोदा माता ने बोला कि मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे। यशोदा मैया कृष्ण को किसकी छबि दिखाकर बहला लेती है? इसे सुनेंरोकेंमाता यशोदा अपने ललना श्रीकृष्ण को तरह-तरह के संकेत देकर जगाती है। वह अपने पुत्र से कहती है कि हे वंशीवाले प्यारे कन्हा! जागो रात बीत चुकी है। यशोदा मैया के जन्म हुई पुत्री का क्या नाम था? इसे सुनेंरोकेंयशोदा और बलराम उनकी एक पुत्री का भी वर्णन मिलता है जिसका नाम एकांगा था। माँ यशोदा कब बलिहारी हो जाती है?इसे सुनेंरोकेंहालांकि गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के अमांता कैलेंडर के अनुसार, माघ के महीने में यशोदा जयंती मनाई जाती है. हालांकि दोनों ही कैलेंडर में इसका दिन एक ही रहता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन उपवास करने से पापों का नाश होता है. यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त- यशोदा जयंती 4 मार्च को यानी आज मनाई जा रही है. पढ़ना: देवानंद कैसे मरा? नंद बाबा कौन जाति के थे? इसे सुनेंरोकेंनन्द (नन्द गोप या नन्द बाबा), हरिवन्श व पुराणो के अनुसार “पावन ग्वाल” के रूप मे विख्यात यादव गोपालक जाति के मुखिया थे। वह एक राजा और क्षत्रिय थे। वह भगवान कृष्ण के पालक पिता थे। नन्द प्राचीन यादव साम्राज्य के शक्तिशाली मंडलों में से एक, गोकुल मण्डल के मंडलाधीश या प्रमुख थे। यशोदा क्या कर रही हैं वे कृष्ण को किस प्रकार सुलाने का प्रयत्न कर रही हैं? इसे सुनेंरोकें(ii) यशोदा कृष्ण को सुलाने के लिए बहुत प्रयत्न करती हैं। कृष्ण को पालने में झुलाती हैं। कभी पालना हिलाती हैं, कभी उन्हें प्रेम करती हैं और कभी पुचकारती हैं। वे अपनी मधुर आवाज़ में कृष्ण को लोरी गाकर सुनाती हैं और नींद को उलाहना देती हैं कि वह जल्दी से क्यों नहीं आ रही है क्योंकि कान्हा उसे बुला रहा है। यशोदा कृष्ण को क्या आशीर्वाद देती हैं?इसे सुनेंरोकेंउत्तर : श्रीकृष्ण, बलराम जी की तरह अपनी चोटी चाहते थे परन्तु उनकी चोटी छोटी है। माता यशोदा इसी बात का लाभ उठाकर श्रीकृष्ण को प्रलोभन देते हुए दूध पिलाती हैं कि अगर तुम रोज़ दूध पिओगे तो तुम्हारी चोटी भी बलराम भैया कि तरह मोटी व बड़ी होगी। पढ़ना: राणा मोकल की पत्नी का नाम क्या था? देवकी कौन सी जाति की थी? इसे सुनेंरोकेंऊपर दिए गए तत्व से पता चलता है कि वासुदेव यदुवंशी थे। वासुदेव की २ पत्नियां थी, देवकी और रोहिणी । जीवन मंत्र डेस्क. उत्तर भारतीय पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष छठे दिन यानी षष्ठी तिथि को यशोदा जयन्ती मनायी जाती है। श्रीकृष्ण की माता यशोदा का जन्म पर्व गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मनाया जाता है। इस बार 14 फरवरी शुक्रवार को मां यशोदा जंयती मनाई जाएगी।
माता यशोदा की जन्म कथा
यशोदा जयंती का महत्व
बाबा नंद और यशोदा पूर्व जन्म में कौन थे?इसी वर के प्रभाव से ब्रजमंडल में सुमुख नामक गोप की पत्नी पाटला के गर्भ से धरा का जन्म यशोदा के रूप में हुआ। और उनका विवाह नंद से हुआ। नंद पूर्व जन्म के द्रोण नामक वसु थे। भगवान श्री कृष्ण इन्हीं नंद-यशोदा के पुत्र बने।
यशोदा मैया के कितने पुत्र थे?
यशोदा और देवकी का क्या रिश्ता था?भगवान श्रीकृष्ण ने राजा शूरसेन के पुत्र वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से जन्म लिया था और गोकुल के ग्राम प्रमुख नंदराय की पत्नी यशोदा ने उन्हें पाल-पोसकर बड़ा किया था। देवकी : देवकी मथुरा के राजा उग्रसेन की पुत्री और कंस की बहनी थीं, जिनका विवाह पास ही के राजा शूरसेन के पुत्र वसुदेव से विवाह हुआ था।
पिछले जन्म में भगवान कृष्ण कौन थे?पूर्वजन्म में श्री कृष्ण के जन्म की बात की जाए तो वह भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। यानी इससे पहले भगवान श्रीकृष्ण का सात बार जन्म हो चुका था लेकिन मूल रूप से यह माना जाता है कि कृष्ण पूर्वजन्म में नारायण ही थे।
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