माता यशोदा पूर्व जन्म में कौन थी? - maata yashoda poorv janm mein kaun thee?

Yashoda Jayanti Katha: आज यशोदा जयंती है। मान्यता है कि आज के दिन मां यशोदा का जन्म हुआ था। शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से मां यशोदा का जन्म हुआ था। इनका जन्म ब्रज में स्थित सुमुख नाम के गोप और उनकी पत्नी पाटला के यहां हुआ था। मां यशोदा का विवाह ब्रज के राजा नंद से संपन्न हुआ था। कहा जाता है कि पिछले जन्म में नंद, द्रोण थे। मान्यताओं के अनुसार, मां देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया था लेकिन उनका लालन-पोषण मां यशोदा ने किया था। कृष्ण के पिता वासुदेव ने कृष्ण जी के पैदा होते ही उन्हें कंस से बचाने के लिए गोकुल में नंद बाबा के पास छोड़ दिया था। इसलिए कृष्ण जी को मां यशोदा की माता के रूप में जाना जाता है।

माता यशोदा के जीवन से जुड़ी एक कथा बेहद प्रचलित है जिसके बारे में शायद हर कोई नहीं जानता है। ऐसे में जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको माता यशोदा की एक प्रचलित कथा सुना रहे हैं। आइए पढ़ते हैं मां यशोदा की पौराणिक कथा।

माता यशोदा पूर्व जन्म में कौन थी? - maata yashoda poorv janm mein kaun thee?

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कथा के अनुसार, माता यशोदा ने अपने पूर्व जन्म में भगवान विष्णु की तपस्या की थी। विष्णु जी उनकी तपस्या से बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें वर मांगने को कहा। तब मां यशोदा ने कहा कि मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे। तब श्री हरि ने कहा कि वो माता देवकी और वासुदेव के घर जन्म लेंगे। लेकिन मातृत्व का सुख मुझे आपसे ही प्राप्त होगा। इसके बाद समय के साथ ऐसा ही हुआ, माता यशोदा ने ही श्रीकृष्ण को मातृत्व सुख दिया।

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इसे सुनेंरोकेंमाता यशोदा की जन्म कथा नंद पिछले जन्म में द्रोण थे। एक अन्य कथा के अनुसार पूर्व जन्म में माता यशोदा ने भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वर मांगने को कहा। यशोदा माता ने बोला कि मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे।

यशोदा मैया कृष्ण को किसकी छबि दिखाकर बहला लेती है?

इसे सुनेंरोकेंमाता यशोदा अपने ललना श्रीकृष्ण को तरह-तरह के संकेत देकर जगाती है। वह अपने पुत्र से कहती है कि हे वंशीवाले प्यारे कन्हा! जागो रात बीत चुकी है।

यशोदा मैया के जन्म हुई पुत्री का क्या नाम था?

इसे सुनेंरोकेंयशोदा और बलराम उनकी एक पुत्री का भी वर्णन मिलता है जिसका नाम एकांगा था।

माँ यशोदा कब बलिहारी हो जाती है?

इसे सुनेंरोकेंहालांकि गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के अमांता कैलेंडर के अनुसार, माघ के महीने में यशोदा जयंती मनाई जाती है. हालांकि दोनों ही कैलेंडर में इसका दिन एक ही रहता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन उपवास करने से पापों का नाश होता है. यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त- यशोदा जयंती 4 मार्च को यानी आज मनाई जा रही है.

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नंद बाबा कौन जाति के थे?

इसे सुनेंरोकेंनन्द (नन्द गोप या नन्द बाबा), हरिवन्श व पुराणो के अनुसार “पावन ग्वाल” के रूप मे विख्यात यादव गोपालक जाति के मुखिया थे। वह एक राजा और क्षत्रिय थे। वह भगवान कृष्ण के पालक पिता थे। नन्द प्राचीन यादव साम्राज्य के शक्तिशाली मंडलों में से एक, गोकुल मण्डल के मंडलाधीश या प्रमुख थे।

यशोदा क्या कर रही हैं वे कृष्ण को किस प्रकार सुलाने का प्रयत्न कर रही हैं?

इसे सुनेंरोकें(ii) यशोदा कृष्ण को सुलाने के लिए बहुत प्रयत्न करती हैं। कृष्ण को पालने में झुलाती हैं। कभी पालना हिलाती हैं, कभी उन्हें प्रेम करती हैं और कभी पुचकारती हैं। वे अपनी मधुर आवाज़ में कृष्ण को लोरी गाकर सुनाती हैं और नींद को उलाहना देती हैं कि वह जल्दी से क्यों नहीं आ रही है क्योंकि कान्हा उसे बुला रहा है।

यशोदा कृष्ण को क्या आशीर्वाद देती हैं?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : श्रीकृष्ण, बलराम जी की तरह अपनी चोटी चाहते थे परन्तु उनकी चोटी छोटी है। माता यशोदा इसी बात का लाभ उठाकर श्रीकृष्ण को प्रलोभन देते हुए दूध पिलाती हैं कि अगर तुम रोज़ दूध पिओगे तो तुम्हारी चोटी भी बलराम भैया कि तरह मोटी व बड़ी होगी।

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देवकी कौन सी जाति की थी?

इसे सुनेंरोकेंऊपर दिए गए तत्व से पता चलता है कि वासुदेव यदुवंशी थे। वासुदेव की २ पत्नियां थी, देवकी और रोहिणी ।

जीवन मंत्र डेस्क. उत्तर भारतीय पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष छठे दिन यानी षष्ठी तिथि को यशोदा जयन्ती मनायी जाती है। श्रीकृष्ण की माता यशोदा का जन्म पर्व गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मनाया जाता है। इस बार 14 फरवरी शुक्रवार को मां यशोदा जंयती मनाई जाएगी। 

  • देशभर में भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन टेम्पल्स में भी यशोदा जयंती का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को गोकुल में धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि यहीं पर भगवान कृष्ण ने माता यशोदा के साथ अपना बचपन बीताया। श्रीकृष्ण द्वारका के राजा थे जो आज गुजरात में है, इसलिए गुजरात में भी यशोदा जयंती का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन यहां के लोग अपने घरों को माता यशोदा और कृष्ण की तस्वीरों से सजाते हैं।

माता यशोदा की जन्म कथा
ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि को ब्रज में स्थित सुमुख नाम के गोप और उनकी पत्नी पाटला के यहां कन्या रूप में यशोदा का जन्म हुआ। उनका विवाह ब्रज के राजा नंद से किया गया। नंद पिछले जन्म में द्रोण थे।

  • एक अन्य कथा के अनुसार पूर्व जन्म में माता यशोदा ने भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वर मांगने को कहा। यशोदा माता ने बोला कि मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे। भगवान ने प्रसन्न होकर कहा कि मैं वासुदेव और माता देवकी के घर जन्म लूंगा, लेकिन मुझे मातृत्व का सुख आपसे ही प्राप्त होगा। समय के साथ ऐसा ही हुआ, माता यशोदा ने ही श्रीकृष्ण को मातृत्व सुख दिया।

यशोदा जयंती का महत्व

  1. यशोदा जयंती का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है।
  2. यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा की गोद में विराजमान श्रीकृष्ण के बाल रूप और मां यशोदा की पूजा की जाती है।
  3. शास्त्रों में बताया गया है की इस दिन माता यशोदा और श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी प्रकार की संतान संबंधी परेशानियां दूर हो जाती है।
  4. जो भी व्यक्ति इस दिन माँ यशोदा और श्री कृष्ण की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
  5. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई स्त्री सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ यशोदा जयंती के दिन भगवान श्री कृष्ण और यशोदा जी की करती है तो उसे भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप के दर्शन प्राप्त होते हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

बाबा नंद और यशोदा पूर्व जन्म में कौन थे?

इसी वर के प्रभाव से ब्रजमंडल में सुमुख नामक गोप की पत्नी पाटला के गर्भ से धरा का जन्म यशोदा के रूप में हुआ। और उनका विवाह नंद से हुआ। नंद पूर्व जन्म के द्रोण नामक वसु थे। भगवान श्री कृष्ण इन्हीं नंद-यशोदा के पुत्र बने।

यशोदा मैया के कितने पुत्र थे?

यशोदा
माता-पिता
गिरिभानु (पिता) पद्मावती (माता)
भाई-बहन
रोहिणी (वसुदेव की पत्नी)
संतान
कृष्ण, बलराम, योगमाया
शास्त्र
देवी भागवत पुराण, वेद, भागवत पुराण, महाभारत, विष्णु पुराण और स्कंद पुराण
यशोदा - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › यशोदाnull

यशोदा और देवकी का क्या रिश्ता था?

भगवान श्रीकृष्‍ण ने राजा शूरसेन के पुत्र वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से जन्म लिया था और गोकुल के ग्राम प्रमुख नंदराय की पत्नी यशोदा ने उन्हें पाल-पोसकर बड़ा किया था। देवकी : देवकी मथुरा के राजा उग्रसेन की पुत्री और कंस की बहनी थीं, जिनका विवाह पास ही के राजा शूरसेन के पुत्र वसुदेव से विवाह हुआ था।

पिछले जन्म में भगवान कृष्ण कौन थे?

पूर्वजन्म में श्री कृष्ण के जन्म की बात की जाए तो वह भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। यानी इससे पहले भगवान श्रीकृष्ण का सात बार जन्म हो चुका था लेकिन मूल रूप से यह माना जाता है कि कृष्ण पूर्वजन्म में नारायण ही थे