मध्यकालीन भारत से क्या तात्पर्य है? - madhyakaaleen bhaarat se kya taatpary hai?

Published in Journal

Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education [JASRAE] (Vol:15/ Issue: 7)
DOI: 10.29070/JASRAE
Authors:
Pranaw Kumar*, Dewan Nazrul Quadir,
Subjects:
Multidisciplinary Academic Research

Year: Sep, 2018
Volume: 15 / Issue: 7
Pages: 584 - 588 (5)
Publisher: Ignited Minds Journals
Source:
E-ISSN: 2230-7540
DOI:
Published URL: http://ignited.in/I/a/282964
Published On: Sep, 2018

मध्यकालीन भारत का क्या मतलब है?

मध्ययुगीन भारत, "प्राचीन भारत" और "आधुनिक भारत" के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की लंबी अवधि को दर्शाता है। अवधि की परिभाषाओं में व्यापक रूप से भिन्नता है, और आंशिक रूप से इस कारण से, कई इतिहासकार अब इस शब्द को प्रयोग करने से बचते है।

मध्यकालीन इतिहास से आप क्या समझते हैं?

मध्यकालीन युग के दौरान भारत के किलों का इतिहास, अपने अतीत के साथ सामंजस्यपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ सिलसिला है। प्राचीन काल में निर्मित कई किलों को लेकर सदियों तक लड़ाइयाँ लड़ी गईं, उनका अभिग्रहण किया गया, पुनः अभिग्रहण किया गया, उन्हें नष्ट किया गया और उन पर कब्ज़ा किया गया।

मध्ययुगीन काल की विशेषता क्या थी?

अधिकांश मध्ययुगीन नगर सामंतों की गढ़ियों, मठों तथा वाणिज्य केंद्रों के आस पास विकसित हुए। 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में यूरोप में व्यापार की उन्नति हुई। इटली के नगर विशेषतया वेनिस तथा जेनोआ पूर्वी व्यापार के केंद्र बने। इनके द्वारा यूरोप में रूई, रेशम, बहुमूल्य रत्न, स्वर्ण तथा मसाले मँगाए जाते थे।

मध्यकालीन इतिहास के जनक कौन है?

हेरोडोटस ( इतिहास का जनक).