Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Geography Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में Textbook Exercise Questions and Answers. Show
RBSE Class 11 Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप मेंRBSE Class 11 Geography भूगोल एक विषय के रूप में Textbook Questions and Answers1. बहुविकल्पीय प्रश्न (i) निम्नलिखित में से किस विद्वान ने भूगोल (Geography) शब्द (Term) का प्रयोग किया ? (ii) निम्नलिखित में से किस लक्षण को भौतिक लक्षण कहा जा सकता है ? (iii) स्तम्भ 'I' एवं स्तम्भ II' के अन्तर्गत लिखे गये विषयों को पढ़िए स्तम्भ 'I' स्तम्भ 'II' 1. मौसम विज्ञान (अ) जनसंख्या भूगोल 2. जनांकिकी (ब) मृदा भूगोल 3. समाजशास्त्र (स) जलवायु विज्ञान 4. मृदा विज्ञान (द) सामाजिक भूगोल सही मेल को चिह्नांकित कीजिए (iv) निम्नलिखित में से कौन-सा प्रश्न कार्य-कारण सम्बन्ध से जुड़ा हुआ है ? (v) निम्नलिखित में से कौन-सा विषय कालिक संश्लेषण करता है ? 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए प्रश्न (i) प्रश्न (ii) प्रश्न (iii) प्रश्न (iv) प्रश्न (v) 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए प्रश्न (i) क्षेत्रीय विभिन्नता की अवधारणा का विकास 18वीं एवं 19वीं शताब्दी में जर्मन भूगोलवेत्ताओं द्वारा किया गया। रिचथोफेन ने प्रमुख जर्मन भूगोलवेत्ताओं हम्बोल्ट एवं रिटर की विचारधाराओं का संश्लेषण करते हुए पृथ्वी तल पर क्षेत्रीय विभिन्नता की ओर संकेत किया। इसके पश्चात् हैटनर ने अपने लेखों में क्षेत्रीय/प्रादेशिक विभिन्नता की अवधारणा को स्पष्ट रूप से समझाने का प्रयास किया। हैटनर ने भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा-"भूगोल धरातल के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से सम्बन्धित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन करता है।" हैटनर ने भूगोल की परिभाषा, उद्देश्य तथा अध्ययन क्षेत्र को स्पष्ट करने के लिए कई अनुसन्धानात्मक लेख प्रकाशित किये थे। इन्होंने भूगोल को पृथ्वी तल का क्षेत्रीय विज्ञान (Chorological Science) बतलाया था। इन्होंने स्पष्ट किया कि भूगोल पृथ्वी तल के क्षेत्रों एवं स्थानों की भिन्नता का और स्थानिक सम्बन्धों का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। बाद में चलकर इस संकल्पना का विकास फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता विडाल-डि-ला ब्लाश, चोले आदि ने किया। ब्रिटिश भूगोलवेत्ताओं की एक समिति ने सन् 1950 में भूगोल की परिभाषा में क्षेत्रीय विभिन्नता एवं उनके सम्बन्धों को सम्मिलित किया। अमेरिकन भूगोलवेत्ताओं ने भी क्षेत्रीय भिन्नता की अवधारणा के विकास में अपनी सहमति व्यक्त की। उनके मतानुसार-"भूगोल क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन करने वाला षय है। यह भिन्नता जलवायु, वनस्पति, उच्चावच, मिट्टी, जनसंख्या, भूमि-उपयोग, उद्योग-धन्धों आदि में मिश्रित रूप से एवं उनके अन्तर्सम्बन्धों में व्यक्त होती है।" क्षेत्रीय/प्रादेशिक विभिन्नता धरातल पर सर्वत्र देखने को मिलती है। यह विभिन्नता भौतिक तत्वों के साथ-साथ मानव के जीवन, रहन-सहन एवं उनके निवास क्षेत्रों में भी देखने को मिलती है। भूगोल में इन सबका अध्ययन किया जाता है। अतएव भूगोल को क्षेत्रीय/प्रादेशिक विभिन्नताओं का अध्ययन करने वाला विषय माना गया है। प्रश्न (ii) प्राकृतिक विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध के रूप में भौतिक भूगोल का सम्बन्ध-भौमिकी, मौसम विज्ञान, जलविज्ञान, मृदा विज्ञान, भू-आकृति विज्ञान, खगोल विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा प्राणि विज्ञान से है। सामाजिक विज्ञान के सभी विषय-समाजशास्त्र, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, जनांकिकी, दर्शनशास्त्र, मानवशास्त्र आदि मानव भूगोल से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध के रूप में जुड़े हुए हैं। दिये गये रेखाचित्र द्वारा भूगोल के अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध को प्रमुख प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से दर्शाया गया है जो भूगोल के समाकलित स्वरूप को स्पष्ट करता है। स्पष्ट है कि भूगोल का सम्बन्ध सभी प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से है। भूगोल के उपागम की प्रकृति समग्रात्मक (Holistic) है जो इस तथ्य को मानता है कि विश्व एक परस्पर निर्भर तन्त्र है। इसका अभिप्राय यह है कि विश्व में किसी भी तत्व का अस्तित्व एकल नहीं है, उस पर स्थानीय तत्वों का प्रभाव स्पष्ट रूप से पड़ता है। भूगोल का सम्बन्ध धरातल से है। अतएव क्षेत्रीय सम्बन्ध में यथार्थता का विश्लेषण करना ही भूगोल का मुख्य उद्देश्य है। भूगोल स्थानिक सन्दर्भ में यथार्थता की समग्रता का अध्ययन करता है। इसके साथ ही यह अन्य विषयों के समाकलन का भी प्रयास करता है। आधुनिक तकनीक ने आज मानव को अन्य ग्रहों पर भी पहुंचा दिया है। इस प्रकार भूगोल का एक संश्लेषणात्मक विषय के रूप में अनेक प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध है। परियोजना कार्य प्रश्न (ii) भारत के प्रमुख वनोत्पाद इमारती लकड़ी, जलावन लकड़ी, घासें, बाँस, चमड़ा बनाने वाले पदार्थ, गोंद, लाख, त्रिफला, तेन्दूपत्ता, कत्था, जड़ी-बूटियाँ, शहद और ऐसी अनेक वस्तुएँ वनों से प्राप्त होती हैं। भारत कीमती लकड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। भारत के सागौन की ललक यूरोप तक के देशों में रही है। इसी प्रकार शीशम, साल, चन्दन और आबनूस की महत्ता सर्वविदित है। भारत में लट्ठा लकड़ी उत्पादित होती है जो एशिया में सबसे अधिक है। यहाँ कठोर और मुलायम दोनों प्रकार की लकड़ियाँ उत्पादित की जाती हैं लेकिन कठोर लकड़ी की प्रधानता है। मुलायम लकड़ी में सफेद फर, देवदार चीड़, मील पाइन, स्प्रंस और रोजवुड विशेष उल्लेखनीय हैं। भारत का कागज उद्योग जो वनों पर आधारित है अब एक विकसित उद्योग है। यहाँ के 80 से अधिक कारखाने बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, हरियाणा और पंजाब में फैले हुए हैं जो प्रतिवर्ष 27 हजार मीट्रिक टन कागज उत्पादन करते हैं। भारत में लाख उत्पादन विशेष उल्लेखनीय है क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा लाख उत्पादक देश है। भारत का 92 प्रतिशत लाख विदेशों को निर्यात किया जाता है। अनुमानतः प्रतिवर्ष ₹ 60 करोड़ मूल्य का लाख निर्यात किया जाता है। देश में मध्य प्रदेश एवं बिहार लाख के प्रमुख उत्पादक राज्य है एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि प्रतिवर्ष लगभग 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के वनों का नाश हो रहा है, जबकि प्रतिवर्ष वृक्षों का पुनर्स्थापन 8 लाख हैक्टेयर का ही होता है। वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के अन्तर्गत वन भूमि को गैर-वन भूमि में बदले जाने से पूर्व केन्द्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती है। इस अधिनियम को लागू किये जाने के बाद से वन भूमि के अपवर्तन की दर घटकर 25,000 हेक्टेयर प्रतिवर्ष हो गई है। 'नष्ट वनों को उपभोग के आधार पर पुनर्जीवित करने के लिए जनजातियों और ग्रामीण निर्धन वर्ग का संगठन' नामक योजना देश के नौ राज्यों में लागू की जा रही है। वन क्षेत्र में वृद्धि के अलावा इस योजना का उद्देश्य आदिवासी लोगों को रोजगार और फलोपभोग की सुविधाएँ मुहैया करवाने की है। देश में वनों में आग लगने के कारणों का पता लगाने, उनकी रोकथाम और विरोध करने के लिए चन्द्रपुर (महाराष्ट्र), हल्द्वानी और नैनीताल में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू. एन. डी. पी.) के सहयोग से एक आधुनिक वन अग्नि नियन्त्रण परियोजना शुरू की गई है। वर्तमान में यह योजना भारत के अनेक राज्यों में चल रही है। वनों से दो प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं कौन विषय कालिक संश्लेषण करता है?इतिहास कालिक संश्लेषण करता है.
निम्न में से कौन सी अवधि लंबी है?कल्प: यह भूवैज्ञानिक समय की सबसे लंबी अवधि है। कल्प को युगों में विभाजित किया गया है, जो बारी-बारी से कालों, युगों और युगों में विभाजित हैं। पृथ्वी का इतिहास चार युगों की विशेषता है।
निम्नलिखित में से कौन सी संख्या पृथ्वी की आयु को प्रदर्शित करते हैं?Answer : (i) निम्नलिखित में से 4600 करोड़ वर्ष संख्या पृथ्वी की आयु को प्रदर्शित करती है।
निम्नलिखित में से कौन सी एक अनुक्रम एक प्रक्रिया है?Answer: (i) अपरदन एक अनुक्रमिक प्रक्रिया है ।
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