औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा में अंतर | Difference between Formal Education and Informal Education By Show
- May 14, 2020Share औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा में अंतर (aupcharik aur anaupcharik shiksha mein antar) पर चर्चा करने से पहले हम समझेंगें कि शिक्षा क्या है ? (What is Education ?) (shiksha kya hai ?) वास्तव में शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जन्म से लेकर मृत्यु तक अनवरत चलती रहती है | शिक्षा को समयावधि या प्रकार की सीमाओं में बांधा नही जा सकता है | यह मानव विकास का मूल साधन है | एक बालक जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने जीवन के विभिन्न अनुभवों से सीखता है तथा उसके जीवन पर उन अनुभवों का स्वाभाविक व व्यापक प्रभाव पड़ता है, जिससे उसका वास्तविक विकास सम्भव होता है | इस प्रकार शिक्षा व्यक्ति, देश, काल, स्थान, वातावरण आदि के बन्धनों से पूर्णतया मुक्त होती है | यह विभिन्न समाजों में विभिन्न रूपों व प्रकारों में कार्यरत है | व्यवस्था, विषय, प्रभाव, उद्देश्य, अवधि आदि की दृष्टि से शिक्षा के अनेक प्रकार और रूप है | शिक्षा के प्रकार या शिक्षा के रूप : Shiksha Ke Prakar or Shiksha Ke Roopअगर हम शिक्षा के प्रकार (shiksha ke prakar) या शिक्षा के रूप (shiksha ke roop) की बात करें तो शिक्षा के कई प्रकार है जैसे –
उपरोक्त शिक्षा के प्रकार (shiksha ke prakar) शिक्षा के रूप (shiksha ke roop) के बारें में विस्तृत जानकारी विद्यादूत में पहले ही पोस्ट की जा चुकी है | आप शिक्षा के प्रकार की विस्तृत जानकारी यहाँ (शिक्षा के प्रकार) से प्राप्त कर सकते है | इन लेखों को जरुर पढ़ें –
लेकिन मुख्य रूप से शिक्षा के जो दो प्रकार बहुत महत्वपूर्ण है, वें है – औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा (Formal Education and Informal Education) | आज विद्यादूत (विद्या दूत) में हम शिक्षा के औपचारिक और अनौपचारिक प्रकार (Shiksha Ke Aupcharik Aur Anaupcharik Prakar) में मुख्य अंतर क्या है, पर चर्चा करेंगें | औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा में अंतर : Difference between Formal Education and Informal Educationअब हम औपचारिक शिक्षा (Aupcharik Shiksha) और अनौपचारिक शिक्षा (Anopcharik Shiksha) को अच्छी तरह से समझते हुए इनके बीच के अंतर को समझेंगें | विद्यादूत की इन स्पेशल केटेगरी को भी देखें – UGC NET SPECIALPGT/TGT SPECIALUP RO/ARO SPECIALUPTET/CTET SPECIALUPHESC SPECIALMCQUPSSSC SPECIALUPSC SPECIALALL ABOUT INDIAPREVIOUS SOLVED PAPERSऔपचारिक शिक्षा : Formal Educationऔपचारिक शिक्षा किसे कहते है ? (What is Formal Education ?) [Aupcharik Shiksha Kya Hai] औपचारिक शिक्षा एक क्रमबद्ध, तर्कपरक, नियोजित ढंग से दी जाने वाली शिक्षा है, जिसे पूरे प्रयत्नों और कुछ नियमों के साथ उद्देश्यपूर्ण व निश्चयपूर्वक प्रदान किया जाता है | यह शिक्षा विधिवत और व्यवस्थित होती है | यही कारण है कि औपचारिक शिक्षा कभी भी, कही भी, किसी भी समय अथवा किसी के भी द्वारा नही प्राप्त होती है | औपचारिक शिक्षा की परिभाषा : Definition of Formal EducationAupcharik Shiksha Ki Paribhasha : डिक्शनरी ऑफ़ एजुकेशन के अनुसार “औपचारिक शिक्षा वह रूढ़ शिक्षा है, जो क्रमबद्ध, तर्कपरक, नियोजित व सुव्यवस्थित ढंग से प्रदान की जाती है |” औपचारिक शिक्षा का अर्थ : Meaning of Formal EducationAupcharik Shiksha Ka Arth : औपचारिक शिक्षा (Formal Education) वह शिक्षा है जो जानबूझकर, पूर्व निश्चित उद्देशों की प्राप्ति के लिए पूर्व निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर विचारपूर्वक, निर्धारित विधियों के द्वारा निश्चित समय तक निश्चित संस्था में विधिवत व व्यवस्थित रूप से प्रदान की जाती है और यह शिक्षा विद्यालयी पढ़ाई के साथ समाप्त हो जाती है | औपचारिक शिक्षा को योजनाबद्ध शिक्षा (Planned Education) नियमित शिक्षा, सचेत शिक्षा (Conscious Education) या सविधिक शिक्षा भी कहते है | औपचारिक शिक्षा का प्रमुख स्थान विद्यालय (School) हैं | औपचारिक शिक्षा के उद्देश्य : Aim of Formal Educationजैसाकि हमें मालूम है कि औपचारिक शिक्षा किसी विद्यालय या शिक्षा संस्था द्वारा नियंत्रित वातावरण में पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दी जाने वाली शिक्षा है | इसलिए औपचारिक शिक्षा की योजना पहले बना ली जाती है और इसके उद्देश्य भी पूर्व-निर्धारित होते हैं | औपचारिक शिक्षा में शिक्षा के उद्देश्य, पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तकें, शिक्षण-विधियाँ, सहायक-सामग्री, शिक्षा सामग्री, शिक्षण अवधि, शिक्षा संस्था, समय-सारणी आदि सभी पूर्व-निश्चित होते है | औपचारिक शिक्षा परीक्षा-केन्द्रित होती है तथा प्रमाणपत्र या डिग्री से सम्बन्धित होती है, साथ ही यह विद्यालयी पढ़ाई के साथ समाप्त हो जाती है | औपचारिक शिक्षा के प्रमुख साधन : Agencies of Formal Educationऔपचारिक शिक्षा का सबसे प्रमुख साधन (Agencies) विद्यालय (School) है, क्योकि यही पर बालक को योजनाबद्ध शिक्षा (Planned Education) प्रदान की जाती है | विद्यालय के अतिरिक्त औपचारिक शिक्षा के अन्य साधन मदरसा, चर्च, पुस्तकालय, संग्रहालय (म्यूजियम) आदि हैं | औपचारिक शिक्षा के गुण दोष : The Merits and Demerits of Formal Educationऔपचारिक शिक्षा के गुण-दोष निम्न प्रकार से है – औपचारिक शिक्षा के गुण या विशेषताएं : Merits of Formal Educationऔपचारिक शिक्षा की विशेषताएं या गुण निम्नलिखित है –
औपचारिक शिक्षा के दोष : Demerits of Formal Educationअनेक गुणों के बावजूद औपचारिक शिक्षा में कुछ दोष भी है |
अनौपचारिक शिक्षा : Informal Educationअनौपचारिक शिक्षा किसे कहते है ? (What is Informal Education ?) : समान्यता एक व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में स्वतः अनिश्चित व स्वाभाविक रूप से जो कुछ भी सीखता है वह अनौपचारिक शिक्षा कहलाती है | अनौपचारिक शिक्षा वह अनियंत्रित व व्यापक वातावरण है, जिसमे रहते हुए एक बालक अपनी स्वाभाविक प्रकृति के अनुसार बिना किसी बंधन के स्वतंत्रतापूर्वक विभिन्न अनुभव प्राप्त करते हुए विकसित होता है | इस शिक्षा में नियम, योजना आदि के अभाव के कारण इसे अनियमित शिक्षा भी कहा जाता है | अनौपचारिक शिक्षा को अचेतन शिक्षा (Unconscious Education) या अविधिक शिक्षा भी कहते है | अनौपचारिक शिक्षा की परिभाषा : Definition of Informal Educationअंतर्राष्ट्रीय शिक्षा आयोग के अनुसार “अनौपचारिक शिक्षा जीवनपर्यन्त चलने वाली एक प्रक्रिया है और उनकी शिक्षा पर जोर देती है, जिन्होंने पहले शिक्षा त्याग दी थी |” अनौचारिक शिक्षा का अर्थ : Meaning of Informal Educationअनौपचारिक शिक्षा वह शिक्षा है, जो एक व्यक्ति बौद्धिक व सामाजिक प्राणी होने के कारण जन्म से लेकर मृत्यु तक स्वाभाविक रूप से अनिश्चित, अनायास व अनजाने में सीखता रहता है | अनौपचारिक शिक्षा इस आदर्श पर आधारित है कि एक व्यक्ति या छात्र जो सीखना चाहे सीखें, जहाँ सीखना चाहे सीखें व जब सीखना चाहे सीखें | अनौपचारिक शिक्षा लक्ष्य-प्रधान है, प्रत्येक बंधन से मुक्त है, स्वाभाविक जीवन से सम्बन्धित है और स्वतः सीखना इसका आधार है | इसलिए यह शिक्षा बालक को वास्तविक जीवन के लिए तैयार करती है | अनौपचारिक शिक्षा के उद्देश्य : Aim of Formal Educationअनौपचारिक शिक्षा का उद्देश्य, काल अवधि, पाठ्यचर्या, शिक्षण विधियाँ, स्थान आदि कुछ भी निश्चित नही होता है | यह शिक्षा बिना किसी निश्चित उद्देश्य के जाने-अनजाने जीवनपर्यन्त अनिश्चित व स्वाभाविक रूप से चलती रहती है | वास्तव में यह एक व्यावहारिक शिक्षा है जिसे व्यक्ति अपनी आवश्यकतानुसार अपने अनुभवों से समाज में सीखता है | अनौचारिक शिक्षा ही बालक को सर्वप्रथम नैतिकता, आचरण, व्यवहार, सभ्यता, संस्कृति का ज्ञान कराती है | अनौपचारिक शिक्षा के प्रमुख साधन : Agencies of Informal Educationअनौपचारिक शिक्षा का सबसे प्रमुख साधन परिवार है, क्योकि इस शिक्षा की शुरुआत परिवार (Family) से होती है | बालक के सम्पर्क में आने वाले सभी पारिवारिक सदस्य बालक के शिक्षक होते है और वातावरण में उपस्थित समस्त वस्तुएं शिक्षा के साधन होते है | परिवार के अतिरिक्त अनौपचारिक शिक्षा के अन्य साधन है – पडोस, समाज, धर्म, राज्य, खेल के मैदान, समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, रेडियों, टेलीविजन, इंटरनेट आदि | अनौपचारिक शिक्षा के गुण दोष : The Merits and Demerits of Informal Educationअनौपचारिक शिक्षा के गुण-दोष निम्न प्रकार से है – अनौपचारिक शिक्षा के गुण या विशेषताएं : Merits of Informal Educationअनौपचारिक शिक्षा के गुण या विशेषताएं निम्न प्रकार से है –
अनौपचारिक शिक्षा के दोष : Demerits of Informal Educationअनौपचारिक शिक्षा के दोष इस प्रकार है –
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Share Previous articlePedagogy of Mathematics Model Paper 2022 Next articleएनआईओएस के 18 महीने के डीएलएड कोर्स को मिली एनसीटीई से मान्यता vidyadoot विद्यादूत एक एजुकेशनल वेबसाइट (ब्लॉग) है, जो कई विषय-विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा संचालित होती है | विद्यादूत वेबसाइट में समय-समय पर विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा अतिमहत्वपूर्ण पाठ्य-सामग्री प्रस्तुत की जाती है | औपचारिक शिक्षा का क्या अर्थ है?नियमित शिक्षा प्रक्रिया को औपचारिक शिक्षाकहते है | इस प्रक्रिया मे छात्र/छात्रा को नियमित रूप से शिक्षा संस्थान में शिक्षा प्राप्त करने जाना होता हैं। अध्यापक भी नियमित रूप से छात्रों को शिक्षा प्रदान करतें हैं।
औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा से क्या समझते हैं?जहाँ औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने का स्रोत विद्यालय और शिक्षक होता हैं वही अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त करने का स्रोत समाज, परिवार, सुझाव होते हैं। औपचारिक शिक्षा विधिपूर्वक एवं पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं वहीं अनौपचारिक शिक्षा बिना किसी विधि एवं बिना किसी पाठ्यक्रम के द्वारा प्राप्त होती हैं।
अनौपचारिक शिक्षा का क्या अर्थ है?यह पत्राचार, सम्पर्क कार्यक्रमों, जन संचार के साधनों द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती हैं। इसके लक्ष्य और उद्देश्य निश्चित नहीं होते हैं और न ही कोई निश्चित पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक, शिक्षण विधि या समय-सारणी होती है। यह शिक्षा जन्म से लेकर मृत्यु तक निर्बाध रूप से लगातार चलती रहती है।
औपचारिक अनौपचारिक का अर्थ क्या है?औपचारिक शब्द ऐसी बातों या व्यवहारों के लिये प्रयोग होता है जो अवसर या स्थान के अनुरूप नियमों के अनुसार किये जाते हैं। इसके विपरीत अनौपचारिक बातों या व्यवहारों में अवसर या स्थान के अनुरूप नियमों का बंधन नहीं होता । जैसे - विद्यालय में पठन - पाठन के लिए हम व्याकरण सम्मत भाषा का प्रयोग करते हैं ,यह औपचारिक भाषा है ।
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