If you're seeing this message, it means we're having trouble loading external resources on our website. Show यदि आप एक वेब फ़िल्टर पर हैं, तो कृपया सुनिश्चित कीजिए कि डोमेन *.kastatic.org और *.kasandbox.org अनब्लॉक हैं PDF डाउनलोड करें। PDF डाउनलोड करें। एक समांतर श्रेढ़ी या श्रेणी या समांतर अनुक्रम (arithmetic sequence) में पदों की संख्या ज्ञात करना मुश्किल कार्य लग सकता है, परंतु यह वास्तव में अतिशय सरल है। आपको केवल दिए गए मानो को tn = a + (n - 1) d फार्मुला में सब्स्टिट्यूट करना है और पदों की संख्या n का मान निकालने के लिए इस समीकरण को हल करना है। याद रखें कि tn दिए गए श्रेढ़ी की अंतिम संख्या या पद है, a श्रेढ़ी में सबसे प्रथम संख्या या पद है, और d सार्व अंतर (common difference) है। समांतर श्रेढ़ी को AP से दर्शाया जाता है। चरण
सलाह
चेतावनी
विकीहाउ के बारे मेंसभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो १,७८५ बार पढ़ा गया है। यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?PDF डाउनलोड करें। PDF डाउनलोड करें। समांतर श्रेढ़ी (arithmetic sequence) या समांतर श्रेणी या समांतर अनुक्रम संख्याओं का एक ऐसा अनुक्रम है जिसमें प्रत्येक पद अपने से पहले पद में एक स्थिर संख्या जोड़ने पर प्राप्त होता है। समांतर श्रेढ़ी में मौजूद पदों का योग निकालने के लिए, आप मैन्युअल रूप से सभी नंबरों को जोड़ सकते हैं। हालांकि, जब श्रेढ़ी में अधिक पद हो, तो मैन्युअली योग निकालना असंभव कार्य हो जाता है। इसके बजाय, किसी भी समांतर श्रेढ़ी (arithmetic sequence) के पहले और अंतिम पद के औसत (average) से पदों की संख्या (number of terms) गुणा करके समांतर श्रेढ़ी का योग निकाल सकते हैं।
विकीहाउ के बारे मेंसभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो १,१९३ बार पढ़ा गया है। यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?समांतर श्रेणी कैसे निकाला जाता है?एक समांतर अनुक्रम में पहले n पदों का योग (n/2)⋅(a₁+aₙ) होता है। इसे समांतर श्रेणी का सूत्र कहा जाता है। यहाँ इसके बारे में और जानें|.
समांतर श्रेणी 21 18 15 का कौन सा पद है?Detailed Solution
∴ दी गई समांतर श्रेणी का 33वां पद -75 है।
समांतर श्रेणी में कितने सूत्र होते हैं?समान्तर श्रेढ़ी यानि A.P के किसी n पदों का योग S निम्नलिखित तरीकें से व्यक्त किया जाता है. अर्थात sn = n/2 ( a + an ) या sn = n/2 ( a + l ), जहाँ, a = प्रथम पद, l अंतिम पद है. किसी A.P का nवाँ पद उसके प्रथम पद n पदों का योग और प्रथम (n-1) पदों के योग के अंतर के बराबर होता है.
समांतर श्रेणी की परिभाषा क्या है?9.1.1 समांतर श्रेढ़ी (A.P.) समांतर श्रेणी एक ऐसा अनुक्रम है जिसमें प्रथम पद के अतिरिक्त प्रत्येक पद उससे पूर्व पद में एक निश्चित संख्या (धनात्मक अथवा ऋणात्मक) जोड़ने पर प्राप्त होता है। n यदि a, A तथा b समांतर श्रेणी में हैं तो A, संख्या a तथा b का समांतर माध्य कहलाता है।
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