भोजन में नमक न हो, तो खाने का स्वाद नहीं आता। प्रतिदिन संतुलित मात्रा में लिया गया नमक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसलिए, देखा जाए, तो नमक की हमारे जीवन में अहम जगह है। फिर चाहे बात हो काले नमक की या फिर सफेद नमक की। इसके लिए अलावा भी नमक के कई प्रकार हैं, जिनमें से समुद्री नमक सबसे खास है। समुद्री नमक के इस्तेमाल से कई तरह के शारीरिक और मानसिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज का यह खास लेख समुद्री नमक पर ही है। हम समुद्री नमक का उपयोग और समुद्री नमक के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। Show
लेख विस्तार से पढ़ें सबसे पहले हम समुद्री नमक से जुड़ी कुछ खास बातें जान लेते हैं। विषय सूची
समुद्री नमक क्या है? – What is Sea Salt in Hindiयह तो हर कोई जानता है कि समुद्र का पानी खारा होता है। इस पानी से नमक का निर्माण किया जाता है, जिसे समुद्री नमक कहा जाता है। कई देशों में समुद्री नमक की खेती भी कि जाती है। समुद्री नमक कई रंगों और प्रकार में बाजार में उपलब्ध है। समुद्री नमक को बनाने के बाद इसे साफ जरूर किया जाता है, ताकि इसे भोजन बनाने व अन्य काम में इस्तेमाल किया जा सके। चलिए, अब समुद्री नमक के प्रकार के बारे में जान लेते हैं। समुद्री नमक के प्रकार – Types of Sea Salt in Hindiसमुद्री नमक के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से खास प्रकार के बारे में हम यहां बता रहे हैं।
स्क्रॉल करें आइए, अब समुद्री नमक के फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं। समुद्री नमक के 9 फायदे – 9 Health Benefits Of Sea Salt in Hindi1. एक्सफोलिएंट के रूप मेंसमुद्री नमक को एक्सफोलिएंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। समुद्री नमक युक्त पानी को इस्तेमाल करने से त्वचा पर मौजूद मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद मिल सकती है। साथ ही त्वचा में नमी बनाए रखने में भी मिलती है। इसलिए, समुद्री नमक के फायदे में एक्सफोलिएशन प्रक्रिया भी शामिल है (1)। 2. रूमेटाइड अर्थराइटिस से राहतएक शोध में पाया गया कि समुद्री नमक को नहाने के पानी में उपयोग करने से रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या से राहत मिल सकती है (2)। यह इसलिए संभव होता है, क्योंकि इसमें सूजन को कम करने की क्षमता होती है, जिससे गठिया की समस्या कम हो सकती है। 3. सोरायसिस का इलाजसमुद्र के पानी से समुद्री नमक बनाया जाता है। इस लिहाज से समुद्र के पानी का उपयोग कर सोरायसिस का उपचार किया जा सकता है (3)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि समुद्री नमक का उपयोग सोरायसिस की समस्या पर सकारात्मक असर डाल सकता है। 4. राइनोसिनिटिस का इलाजएक रिसर्च के अनुसार, समुद्री नमक के इस्तेमाल से राइनोसिनिटिस (यह नाक से संबंधित विकार है, जो बैक्टीरिया के कारण हो सकता है) का इलाज किया जा सकता है। इसके उपयोग से बलगम का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को कम किया जा सकता है (4)। 5. पैरों में दर्द से राहतकई बार अधिक चलने या देर तक खड़े रहने से पैरों में तेज दर्द होने लगता है। दवाई खाने पर भी खास आराम नहीं आता। ऐसे में पानी में समुद्री नमक को मिलकर उसमें कुछ देर पैरों को डुबोकर रखने से दर्द कम हो सकता है। फिलहाल, इस तथ्य को सही साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। 6. डिहाइड्रेशन से बचाने में सहायकहमारे शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में सोडियम की अहम भूमिका होती है। इसलिए, अगर शरीर में सोडियम की कमी हो जाए, तो डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जैसा कि आप जान चुके हैं कि समुद्री नमक में सोडियम की मात्रा पाई जाती है (5), इसलिए समुद्री नमक के प्रयोग से शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने में मदद मिल सकती है (6)। 7. ओरल हेल्थजब मुंह के स्वास्थ्य की बात आती है, तो समुद्री नमक आपके लिए अच्छा सहायक साबित हो सकता है। इसमें कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है (5), जो दांतों को स्वस्थ व मजबूत बनाए रखने का काम करता है। इससे दांत टूटने जैसी समस्या से बचा जा सकता है (7)। 8. त्वचा के लिएसमुद्री नमक त्वचा पर चमत्कारी असर दिखा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि डेड सी साल्ट के घोल से स्नान करने से त्वचा को स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही यह त्वचा को मॉइस्चराइज करने का भी काम करता है। इसके अलावा, त्वचा में आए खुरदरेपन और सूजन को कम भी किया जा सकता है। यह समुद्री नमक में मौजूद मैग्नीशियम के कारण संभव हो पाता है (8)। 9. बालों को झड़ने से रोकनाऐसा माना जाता है कि समुद्री नमक रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसलिए, समुद्री नमक के घोल से स्कैल्प की मालिश करने से बाल जड़ों से मजबूत होते हैं और उन्हें बढ़ने में मदद मिलती है। अभी इस संबंध में कोई मेडिकल रिसर्च नहीं हुई है, इसलिए इसका उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें। पढ़ते रहें लेख के इस भाग में जानते हैं समुद्री नमक से जुड़ी कुछ आम धारणाएं। समुद्री नमक के फायदों से जुड़ी कुछ धारणाएं – Some Common Beliefs about the Benefits of Sea Salt in Hindi:आहार के जरिए जब समुद्री नमक हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तो माना जाता है कि इससे शरीर को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं। इन फायदों को लेकर मान्यता और सच्चाई से संबंधित जानकारी पाने के लिए लेख को आगे पढ़ें। 1. इम्यून सिस्टम के लिएसमुद्री नमक से संबंधित एक आम धारणा यह भी है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छा होता है। माना जाता है कि प्रतिरक्षा प्रणाली में मौजूद इम्यून सेल्स संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। नमक में पाया जाने वाला सोडियम टी सेल्स के विकास में सहायता कर सकता है, जिससे इम्यून सिस्टम बेहतर कार्य कर सकता है (9)। वहीं, डॉक्टरों का मानना है कि नमक शरीर के लिए एक जरूरी तत्व है, लेकिन यह इम्यूनिटी से संबंधित कोई बड़ा लाभ शरीर को नहीं पहुंचा सकता है। 2. ह्रदय स्वास्थ्य में सुधार और सामान्य धड़कनकई लोगों का मानना है कि समुद्री नमक का इस्तेमाल करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। साथ ही दिल की धड़कन को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यह इसलिए संभव हो पाता है, क्योंकि समुद्री नमक में सोडियम, क्लोराइड और पोटैशियम पाए जाते हैं। यह तत्व तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों को सक्रिय रूप से काम करने में मदद कर सकता है। इससे नियमित रूप से दिल की धड़कन को सामान्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। 3. बेहतर पाचन तंत्र व कम वजनसमुद्री नमक के फायदे पाचन तंत्र को बेहतर करने और वजन घटने के लिए भी हो सकते हैं। यह सब इसलिए संभव हो सकता है, क्योंकि इसमें सामान्य नमक के मुकाबले कम मात्रा में सोडियम पाया जाता है। सोडियम खाने को पचाने के साथ-साथ फैट को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (10)। इससे वजन को कम करने में मदद मिल सकती है (11)। हालांकि, इस विषय में अभी शोध की आवश्यकता है। 4. रक्त शुगर को नियंत्रित के लिएसी सॉल्ट के सेवन से शरीर को कई तरह के लाभ हो सकते हैं। इनमें से एक रक्त शुगर को नियंत्रित करना भी है (12)। फिलहाल, इस विषय में और शोध की आवश्यकता है, ताकि यह पता चल सके कि किस गुण के कारण सी सॉल्ट रक्त शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। 5. अस्थमा का इलाजसमुद्री नमक का उपयोग करने से अस्थमा के इलाज में मदद मिल सकती है। दरअसल, लोगों का यह मानना है कि पानी पीने के बाद जीभ पर एक चुटकी समुद्री नमक रखकर सेवन करने से यह इनहेलर के समान प्रभावी हो सकता है। फिलहाल, इस बात की पुष्टि के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, ऐसा करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 6. मांसपेशियों के ऐंठन से राहतकसरत करने वाले ज्यादातर लोगों की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या देखी गई है। जब आप कसरत करते हैं, तो पसीने के माध्यम से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स (एक तरह का सोडियम) निकल जाता है, जो ऐंठन का कारण बन सकता है। वहीं, समुद्री नमक में इलेक्ट्रोलाइट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं (13)। 7. मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिएसमुद्री नमक में सोडियम, क्लोराइड और पोटैशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। ये सभी इलेक्ट्रोलाइट्स नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं। अगर तंत्रिका तंत्र बेहतर तरीके से काम करेगा, तो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा। इसलिए, समुद्री नमक को मस्तिष्क के लिए लाभदायक माना गया है (14)। 8. शरीर के पीएच स्तर के लिएअगर आपके शरीर का पीएच स्तर असंतुलित है, तो ऐसे में मैग्नीशियम से समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। एक अध्ययन के अनुसार, सी सॉल्ट में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है (15)। इसलिए, समुद्री नमक का उपयोग 9. रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिएमाना जाता है कि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए भी समुद्री नमक फायदेमंद हो सकता है। बात तो सही है, लेकिन यह बात कुछ अधूरी है। दरअसल, नमक में पाए जाने वाले सोडियम के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है (16)। ऐसे में लो ब्लड प्रेशर वालों का रक्तचाप नियंत्रित करने में समुद्री नमक कुछ हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं, ज्यादा रक्तचाप वाले लोगों का ब्लड प्रेशर इससे बढ़ सकता है। 10. ऑस्टियोअर्थराइटिस से बचावऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या दर्दनाक साबित हो सकती है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो कम से कम सोडियम का सेवन करें। वहीं, इस आर्टिकल में हम ऊपर बता चुके हैं कि सामान्य नमक के मुकाबले समुद्री नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है। इसलिए, अगर आप ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आज से ही सामान्य नमक की जगह समुद्री नमक को अपनी डाइट में शामिल करें (17)। 11. डिप्रेशन से राहतकुछ लोगों का मानना है कि समुद्री नमक अवसाद के लक्षणों को दूर करने में भी सहायक हो सकता है। समुद्री नमक के इस्तेमाल से शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन नामक हार्मोन का निर्माण होता है। ये हार्मोन आरामदायक नींद में मददगार होते हैं। नींद अच्छी आने से अवसाद से निकलने में मदद मिलती है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि समुद्री नमक के इस गुण की पुष्टि के लिए अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। आगे है और जानकारी लेख के अगले भाग में समुद्री नमक और सामान्य नमक के बीच का अंतर बताया गया है। समुद्री नमक और टेबल नमक के बीच अंतरसमुद्री नमक और टेबल नमक के पोषण मूल्य लगभग एक समान होते हैं। दोनों के बीच मुख्य अंतर स्वाद का होता हैं। साथ ही इनकी बनावट भी अलग-अलग हो सकती है (18)। समुद्री नमक– समुद्री नमक का उत्पादन समुद्र के पानी के वाष्पीकरण और समुद्री झीलों के पानी के माध्यम से किया जाता है। टेबल नमक– इसे जमीन से खनन करके निकला जाता है। इसे लंबी प्रक्रिया के तहत तैयार किया जाता है, जिस कारण इसमें मौजूद मिनरल्स समाप्त हो जाते हैं। ज्यादातर टेबल नमक में आयोडीन मिलाया जाता है, नमक का आयोडाइज्ड होना आवश्यक है। यह शरीर में थायराइड हार्मोन को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। पढ़ना जारी रखें चलिए, अब जानते हैं कि समुद्री नमक का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है। समुद्री नमक का उपयोग – How to Use Sea Salt in Hindiसमुद्री नमक का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है, जो इस प्रकार है: कैसे खाएं :
कब खाएं :
कितना खाएं :
लेख अभी बाकी है चलिए जानते हैं कि समुद्री नमक के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं। ऊपर आपने समुद्री नमक के कुछ फायदे जाने, लेकिन इसका अधिक उपयोग करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं : उच्च रक्तचाप का कारण – समुद्री नमक में सोडियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे अधिक मात्रा में खाने में उपयोग करने से रक्तचाप बढ़ सकता है। उच्च रक्तचाप के कारण हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें ह्रदयाघात और दिल की धड़कन का रुक जाना भी शामिल है (16)। किडनी डैमेज – अधिक मात्रा में सोडियम युक्त आहार का सेवन करने पर किडनी संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है (19)। हम प्रतिदिन खाने वाले हर तरह के खाद्य पदार्थ में नमक का उपयोग करते हैं। इसलिए, सही नमक का चुनाव करना भी जरूरी है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए उचित हो। वहीं, इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि समुद्री नमक हमारे स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही इसका उपयोग कर कई बीमारियों को दूर रखने में भी मदद मिल सकती है। हमें उम्मीद है कि इस लेख की जानकारी आपके काम आएगी। आप अपने सवाल या सुझाव के लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें संपर्क कर सकते हैं। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या समुद्री नमक प्रतिदिन उपयोग होने वाले नमक की तुलना में स्वस्थ है? समुद्री नमक प्रतिदिन उपयोग वाले नमक की तुलना में अधिक स्वस्थ है या नहीं इस बारे में अभी शोध की आवश्यकता है। इसलिए बेहतर है प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करने से बचें। सेहतमंद नमक क्या है? आयोडाइज्ड नमक सबसे सेहतमंद नमक माना जाता है। वहीं, समुद्री नमक के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से हिमालयन समुद्री नमक को सबसे सेहतमंद समुद्री नमक माना जाता है। क्या समुद्री नमक युक्त पानी से स्नान करने पर शरीर को लाभ हो सकता हैं? समुद्री नमक युक्त पानी से स्नान करने पर शरीर से बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है। साथ ही जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
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पुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने... more Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the... more समुद्र में सबसे अधिक कौन सा तत्व पाया जाता है?समुद्री जल में प्रचुर मात्रा में तत्व क्लोराइड है जो सभी घटकों का 1.94% है। क्लोराइड के बाद सोडियम होता है जिसमें 1.08%, पोटेशियम 0.04% और आयोडीन की न्यूनतम मात्रा होती है।
समुद्र के जल में सबसे अधिक मात्रा में क्या पाया जाता है?महासागरों में सर्वाधिक मात्रा में सोडियम क्लोराइड (NaCl) पाया जाता है। यह समुद्री जल में 77.8% होता है। दूसरे स्थान पर मैग्नीशियम क्लोराइड (10.9%) तथा तीसरे स्थान पर मैग्नीशियम सल्फेट (4.7%) होता है।
समुद्र में कौन सी धातु पाई जाती है?Solution : मैग्नीशियम को डॉव विधि द्वारा समुद्र के लवण `MgCl_2 . 6H_2O` द्वारा निष्कासित किया जाता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉन (95% Mg + 5%Zn) एवं मैग्नेलियम (1-15% Mg +85-99%AI) बनाने में होता है।
समुद्र में क्या पाया जाता है?सागर में जीवित प्राणियो के सभी प्रमुख समूह जैसे कि जीवाणु, प्रोटिस्ट, शैवाल, कवक, पादप और जीव पाए जाते हैं। माना जाता है कि जीवन की उत्पत्ति सागर में ही हुई थी, साथ ही यहाँ पर ही जीवों के बड़े समूहों मे से कइयों का विकास हुआ। सागरों में पर्यावास और पारिस्थितिकी प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला समाहित है।
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