सरस्वती माता को कौन सा प्रसाद चढ़ाना चाहिए? - sarasvatee maata ko kaun sa prasaad chadhaana chaahie?

ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की कृपा के बगैर संसार की कल्पना करना भी असंभव है. जिस ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती की साधना तमाम देवी-देवता करते हैं, उनसे बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद पाने का सरल एवं प्रभावी उपाय जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

हिंदू धर्म में विद्या की देवी मां सरस्वती को माना गया है. जिनकी साधना-आराधना से व्यक्ति को बुद्धि एवं विद्या का आशीर्वाद मिलता है. देवी सरस्वती के एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथा वर मुद्रा में होता है. यदि आप किसी परीक्षा प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं या फिर आपको अपने कॅरिअर या कला के क्षेत्र में बहुत प्रयास के बाद भी सफलता की प्राप्ति नहीं हो रही है तो आपको मां सरस्वती की विशेष रूप से साधना करनी चाहिए. आइए पूजा से जुड़े उन उपायों के बारे में जानते हैं, जिन्हें करने पर आपको अपने क्षेत्र में पारंगत होने के लिए मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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पूजा में करें केसर के तिलक का प्रयोग

मां सरस्वती से ज्ञान का आशीर्वाद पाने के लिए साध को हमेशा माता सरस्वती की पूजा में पीले रंग के पुष्प चढ़ाना चाहिए. इसी प्रकार पूजा में केसर अथवा पीले चंदन का तिलक माता को लगाना चाहिए और उसके बाद इसे प्रसाद मानते हुए स्वयं के माथे पर धारण करना चाहिए. माता सरस्वती की पूजा का यह उपाय अत्यंत प्रभावी है, जिसे करने पर देवी सरस्वती शीघ्र प्रसन्न होकर अपने साधक की कामना को शीघ्र ही पूरा करती हैं.

मां सरस्वती को चढ़ाएं ये प्रसाद

किसी भी देवी अथवा देवता की पूजा में प्रसाद का बहुत महत्व होता है. ऐसे में हमेशा हमें अपने आराध्य की पसंद का ही प्रसाद चढ़ाना चाहिए. माता सरस्वती की कृपा पाने के लिए हमेशा उनकी पूजा में पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए. यदि मिठाई न उपलब्ध हो तो तो आप पीले मीठे चावल, खीर, मालपुआ या फिर पीले रंग के फल भी अर्पित कर सकते हैं.

मां सरस्वती की पूजा का सरल उपाय

यदि बच्चों का मन पढ़ाई में न लगे तो उनकी टेबल के सामने दीवार में मां लक्ष्मी का चित्र लगाएं और उनसे अपनी पढ़ाई को शुरु करते समय मां लक्ष्मी को प्रणाम करने को कहें. माता सरस्वती की कृपा पाने के लिए प्रतिदिन पूजा में सरस्वती चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए. माता सरस्वती की पूजा करते समय अपनी पुस्तकें, कॉपी, पेन, संगीत या फिर जिस कला में प्रवीणता पानी हो उसे माता की मूर्ति के पास रखकर पूजा अवश्य करें. मान्यता है इन सभी चीजों की पूजा के साथ पुस्तक या फिर कलम का दान करने पर भी माता सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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इसे सुनेंरोकेंहर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन ज्ञान, वाणी और संगीत की देवी माता सरस्वती प्रकट हुई थीं.

सरस्वती माता का दिन कौन सा होता है 2022?

इसे सुनेंरोकेंSaraswati Puja 2022 Date: 05 फरवरी को देवी सरस्वती की आराधना करने के लिए 05 घंटे और 28 मिनट का शुभ मुहूर्त रहेगा। Saraswati Puja 2022 Date: आज माघ पचंमी है और इस दिन वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है।

क्या सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं?

इसे सुनेंरोकेंइसके साथ ही पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को रखें, ऐसा करने से मां सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक के साथ विज्ञान, कला और संगीत में महारत हासिल करने का आशीष मिलता है। अगर विद्यार्थी का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो उन्हें मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः’ का जाप करना चाहिए।

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मां सरस्वती को प्रसन्न कैसे करें?

इसे सुनेंरोकें* सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌। ‘ इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है।

सरस्वती माता के व्रत में क्या खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंदेवी सरस्वती श्वेत वस्त्र धारण करती हैं अत: उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं। सरस्वती पूजन के अवसर पर माता सरस्वती को पीले रंग का फल चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में मौसमी फलों के अलावा बूंदी अर्पित करना चाहिए। इस दिन सरस्वती माता को मालपुए एवं खीर का भी भोग लगाया जाता है।

पूजा 2022 का कब है?

इसे सुनेंरोकेंBasant Panchmi 2022 Date, बसंत पंचमी 2022 कब है पंचमी तिथि 05 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 06 फरवरी, शनिवार को सुबह 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। बता दें इस दिन शाम 05 बजकर 40 मिनट तक सिद्धि योग बन रहा है, इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है।

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सरस्वती बीज मंत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकें* सरस्वती का बीज मंत्र ‘क्लीं’ है। जिसे शास्त्रों में क्लीं कारी कामरूपिण्यै यानी ‘क्लीं’ काम रूप में पूजनीय है। इसलिए वाणी मनुष्य की समस्त कामनाओं की पूर्ति करने वाली हो जाती है। * सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि।

सरस्वती पूजा के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

बसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को भूलकर भी खराब बातें मुंह से नहीं निकालनी चाहिए

  • इस दिन झगड़े से दूर रखना चाहिए।
  • बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी व्यक्ति को तामसी भोजन या शराब नहीं पीनी चाहिए।
  • बसंत पंचमी के दिन पितरों का तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है।
  • सरस्वती पूजा के दिन व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • सरस्वती पूजा करने से क्या होता है?

    इसे सुनेंरोकेंमान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की विधि अनुसार पूजा करने से ज्ञान बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। वहीं, वाणी में भी मधुरता आती है। मां सरस्वती की आराधना करने से भक्तों को हर कार्य में सफलता मिलती है। बसंत पंचमी को रतिकाम महोत्सव भी कहा जाता है।

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    आप मां सरस्वती से अपने राष्ट्र के लिए वरदान में क्या क्या मांगना चाहेंगे?

    इसे सुनेंरोकेंAnswer: कवि मां सरस्वती से वरदान मांग रहा है कि इस भारत देश में स्वतंत्रता की नई भावना का अमर मंत्र भर जाए और समस्त व्यक्ति के ह्रदय से ज्ञान का अंधकार हट जाए तथा ज्ञान की ज्योति बहने लगे ।

    पढ़ाई की देवी कौन है?

    इसे सुनेंरोकेंविद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती हैं।

    बसंत पंचमी 2022 व्रत में क्या खाना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंबसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. मास मदिरा की जगह इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करें. ऐसा करने से मां सरस्वती आपसे प्रसन्न रहेंगी.

    मां सरस्वती को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है?

    इस दिन भक्‍त पीले वस्‍त्र धारण करके मां सरस्‍वती की आराधना करते हैं। यदि आप भी यह पूजा करना चाहते हैं तो घर स्‍नान के पश्‍चात पीत वस्‍त्र धारण करके पीले मीठे चावल पकाएं और मां को भोग लगाएं। इसके साथ ही प्रसाद में पीले लड्डू, बूंदी, बेर, मालपुआ और खीर का भोग लगाएं।

    सरस्वती माता को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?

    माता सरस्वती से बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद पाने के लिए प्रतिदिन पीले रंग के पुष्प चढ़ाकर पूजा करें. मान्यता है कि मां सरस्वती को पीली चीजें अत्यंत ही प्रिय है, ऐसे में जब आप मां सरस्वती की पूजा में उनके मनपसंद पुष्पों का प्रयोग करते तो हैं, वे शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं.

    सरस्वती माता को कौन सा भोग पसंद है?

    श्री सरस्वती भोग : माता सरस्वती को दूध, पंचामृत, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू तथा धान का लावा पसंद है। सरस्वतीजी को यह किसी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए। श्रीकृष्ण भोग : भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का भोग बहुत पसंद है।

    माता सरस्वती का कौन सा वार होता है?

    Saraswati Puja 2022 Date: सरस्वती पूजा माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 5 फरवरी दिन शनिवार को होगी. मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी के दिन पूजा करने से मां सरस्वती जल्द ही प्रसन्न होती हैं.