संविधान के स्रोत देशी एवं विदेशी दोनों हैं. 26 जनवरी 1950 को जो भारतीय संविधान लागू हुआ उसके निर्माण में कई तत्वों का प्रभाव था। प्राचीन भारतीय शासन पद्धति सहित दुनिया के प्रुमख देशों के संविधान का प्रभाव भारतीय संविधान पर देखा जा सकता है. भारतीय संविधान पर दुनिया के 10 देशों के संविधान का अधिक प्रभाव पड़ा है. संविधान की प्रमुख विशेषताएं जैसे- संसदीय शासन व्यवस्था, मौलिक अधिकार, नीति निदेशक तत्व,मौलिक कर्तव्य, राष्ट्रपति/उपराष्ट्रपति, न्यायपालिका सम्बन्धी प्रावधान इत्यादि, को अन्य देशों के संविधान से लिया गया है. भारतीय संविधान सभा के सदस्यों ने इस क्रम में दुनिया के 60 से अधिक देशों के संविधानों का अध्ययन किया तथा इनके प्रमुख प्रावधानों को भारतीय संविधान में समाविष्ट किया. Show
तो क्या भारतीय संविधान दुनिया से उधार ली गई है?
संविधान के स्रोत : विदेशीब्रिटेन से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
आयरलैंड से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
फ़्रांस से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
जर्मनी से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
सोवियत संघ से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
अमेरिका से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
कनाडा से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
दक्षिण अफ्रीका से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
जापान से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
ऑस्ट्रेलिया से लिए गए संविधान के स्रोत / तत्व
संविधान के स्रोत : देशीभारतीय शासन अधिनियम, 1935
1948 का मसौदा संविधानप्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर ने संविधान का एक प्रारूप संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सौपा जिसमें 315 अनुच्छेद एवं 8 अनुसूचियां थी. कई संशोधनों के बाद संविधान तैयार किया गया जिसमें 395 अनुच्छेद एवं 8 अनुसूचियां थी. विभिन्न समितियों की रिपोर्टप्रारूप समिति के गठन के पूर्व ही संविधान सभा ने कई बड़ी एवं छोटी समितियों का गठन किया था जिनके रिपोर्ट को विचारोपरांत संविधान में शामिल किया गया है. सविधान सभा का वाद विवादसंविधान सभा ने संविधान के प्रत्येक पहलू पर गहन विचार विमर्श किया तथा उसमें आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर उसे स्वीकार किया. उदहारण के लिए प्रारूप समिति के द्वारा सौंपे गए संविधान के मसौदा में संविधान सभा के सदस्यों ने 7635 संशोधन का सुझाव दिया जिसमें से 2473 प्रस्तावों पर विचार करने के बाद संविधान को स्वीकार किया गया. उच्चतम न्यायालय ने भी वाद-विवाद का उपयोग संविधान के निर्वाचन में किया है. संविधान संशोधनसंविधान के वर्तमान स्वरूप के विकास में संविधान में हुए 100 से अधिक संशोधनों का भी हाथ हैं. भारतीय विरासत (अन्य-संकल्पनात्मक)
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