इसे सुनेंरोकेंजिसने कभी जल को जीवन की संज्ञा दी, उसने निश्चय जाना होगा की प्राणवान जीवन भी जल की ही भांति विकल, अविरल बहता है। सो प्राणवान जीवन, मानव संस्कृति का उल्लास उपहार लिए उन चारों राहों की संधि पर मिलता था जिसके एक कोण में उस प्रवाह से मिल एकांत शुष्क आज वह ठूँठ खड़ा है। Show
1 जनसंकुल का क्या आश्य है *?इसे सुनेंरोकेंदिन थे जब वह हरा भरा था और उस जनसंकुल चौराहे पर अपनी छतनार डालियों से बटोहियों की थकान अनजाने दूर करता था। पर मैंने उसे सदा ठूँठ ही देखा है। पत्रहीन, शाखाहीन, निरवलंब, जैसे पृथ्वी रूपी आकाश से सहसा निकलकर अधर में ही टंग गया हो। पढ़ना: नाक की सर्जरी के कितने पैसे लगते हैं? शाखाहीन रसहीन शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है 1 Point? इसे सुनेंरोकेंशाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को ठूंठ कहा जाता है । 4. आम के वृक्ष के सामने पीपल और बरगद के शरमाने का कारण यह था कि आम का पेड़ उनसे अधिक सघन तथा हरा- भरा पेड़ था। संज्ञा लुप्त हो जाने पर क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंसंज्ञा लुप्त हो जाने से कष्ट की अनुभूति कम हो जाती है। आम की छत ना डालियों के कारण क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंआम की छतनार डालियों के कारण राहगीरों तथा पाथिकों की थकान दूर होती थी। 3. शाखाहीन, रसहीन तथा शुष्क वृक्ष को ठूंठ कहा जाता है। आज घर डिब्बे जैसे क्यों बन रहे हैं? इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखक के अनुसार अब जीवन डिब्बे जैसे घरों में सिमटने लगा है। पहले बड़े-बड़े घर दालान आँगन होते थे, सब मिलजुल कर रहते थे, अब आत्मकेन्द्रित हो गए हैं। इसलिए लोग छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में सिमटने लगे हैं। पढ़ना: भैंस जेर कितनी देर में डालती है? शाखा ह न रसह न शुष्क वृ को क्या कहा जाता है?इसे सुनेंरोकेंRight Answer is: C उपरोक्त विकल्पों में ठूँठ वृक्ष विकल्प ही सटीक विकल्प है। अतः स्पष्ट है कि ठूँठ वृक्ष विकल्प ही सही विकल्प है ,अन्य विकल्प असंगत है। 2 आम की छतनार गलतियों के कारण क्या होता था?इसे सुनेंरोकेंसो प्राणवान जीवन, मानव संस्कृति का उल्लास उपहार लिए उन चारों राहों की संधि पर मिलता था जिसके एक कोण में उस प्रवाह से मिल एकांत शुष्क आज वह ठूँठ खड़ा है। उसके अभाग्यों परंपरा में संभवतः एक ही सुखद अपवाद है – उसके अंदर का स्नेहरस सूख जाने से संख्या का लोप हो जाना। संज्ञा लुप्त हो जाने से कष्ट की अनुभूति कम हो जाती है। अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के पीड़ित होने का क्या कारण था MCQ? इसे सुनेंरोकेंअफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के पीड़ित होने का क्या कारण था? उत्तर: अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के पीड़ित होने का कारण रंग-भेद और सामाजिक स्तर से संबंधित भेदभाव था। पढ़ना: स्काउट गाइड से क्या फायदा होता है? कवि ने धरती के बारे में क्या कहा है रत्नगर्भा आधारशिला सर्वसहा माँ?इसे सुनेंरोकें⏩ कवि ने धरती के बारे में ‘सर्वसहा’ है। अर्थात धरती सबकुछ सहन करने वाली है। कवि कहता है… अर्थात अब वो प्रेम-स्नेह नही रहा इसी कारण सब कुछ सहन करने वाली सहनशीलता की प्रतिमूर्ति धरती का आधार भी अब वैसा नही रहा। ● पद्यांश को ध्यानपूर्वक तथा समय की बचत करते हुए पढ़े तथा उसकी विषय वस्तु तथा केंद्रीय भाव जानने का प्रयास करें। ● जिस विषय के बारे में कई बार बात पद्यांश में की जाये वह उसका केंद्रीय भाव हो सकता है। ● जो तथ्य आपको पद्यांश पढ़ते हुए महत्वपूर्ण लगे उन्हें रेखांकित अवश्य करें इससे आपका समय आवश्यक रूप से बचेगा । ● प्रश्नों के सही उत्तर को ध्यानपूर्वक चिन्हित करें । ● उत्तर पद्यांश पर आधारित होना चाहिए कल्पनात्मक उत्तर न दें। ● पद्यांश में दी गई जानकारी को सही मानते हुए सही उत्तर निकालने का प्रयास करे। ● प्रत्येक विकल्प पर विचार करके देखें कि उनमे से किसके अर्थ की संगति सम्बंधित वाक्य के साथ सही बैठ रही है । पद्यांश का उदाहरण:क्या करोगे अब ? समय का जब प्यार नहीं रहा सर्वसहा पृथ्वी का आधार नहीं रहा न वाणी साथ है न पानी साथ है न कही प्रकाश है स्वच्छ जब सब कुछ मैला है आसमान गंदगी बरसाने वाले एक अछोर फैला है कही चले जाओ विनती नहीं है वायु प्राणप्रद आदंकर आदमी सब जग से गायब है 1. कवि ने धरती के बारे में क्या कहा है … A. रत्नगर्भा B. आधारशिला C. सर्वसहा D. माँ 2. 'आदमकद आदमी' से क्या तात्पर्य है A. मानवीयता से भरपूर आदमी B. ऊंचे कद का आदमी C. सम्पूर्ण मनुष्य D. सामान्य आदमी 3. आसमान की तुलना किससे से की गयी है… A. समुद्र से B. नीली झील से C. पतंग से D. गंदगी बरसाने वाले थैले से 4. प्राणदान का तात्पर्य है A. प्राणों को पूर्ण करने वाला B. प्राण प्रदान करने वाला C. प्राणों को प्रणाम करने वाला D. प्राणों को छीन लेने वाला 5. कवि समय से कब और क्यों कतराना चाहते हैं A. किसी के पास बात करने का समय नहीं B. किसी को दो क्षण बैठने का समय नहीं C. किसी को प्यार करने का समय नही D. किसी को गप मारने का समय नही उत्तर - 1. C, 2. A, 3. D, 4. B, 5. C अपठित गद्यांश1. प्रस्तुत गद्यांश को पढ़िए और उचित विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिये –राहे पर खड़ा है, सदा से ठूँठ नहीं है। दिन थे जब वह हरा भरा था और उस जनसंकुल चौराहे पर अपनी छतनार डालियों से बटोहियों की थकान अनजाने दूर करता था। पर मैंने उसे सदा ठूँठ ही देखा है। पत्रहीन, शाखाहीन, निरवलंब, जैसे पृथ्वी रूपी आकाश से सहसा निकलकर अधर में ही टंग गया हो। रात में वह काले भूत-सा लगता है, दिन में उसकी छाया इतनी गहरी नहीं हो पाती जितना काला उसका जिस्म है और अगर चितेरे को छायाचित्र बनाना हो तो शायद उसका-सा ‘अभिप्राय’ और न मिलेगा। प्रचंड धूप में भी उसका सूखा शरीर उतनी ही गहरी छाया ज़मीन पर डालता जैसे रात की उजियारी चांदनी में।जब से होश संभाला है, जब से आंख खोली है, देखने का अभ्यास किया है, तब से बराबर मुझे उसका निस्पंद, नीरस, अर्थहीन शरीर ही दिख पड़ा है। पर पिछली पीढ़ी के जानकार कहते हैं कि एक जमाना था जब पीपल और बरगद भी उसके सामने शरमाते थे और उसके पत्तों से, उसकी टहनियों और डालों से टकराती हवा की सरसराहट दूर तक सुनाई पड़ती थी। पर आज वह नीरव है, उस चौराहे का जवाब जिस पर उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम चारों और की राहें मिलती हैं और जिनके सहारे जीवन अविरल बहता है। जिसने कभी जल को जीवन की संज्ञा दी, उसने निश्चय जाना होगा की प्राणवान जीवन भी जल की ही भांति विकल, अविरल बहता है। सो प्राणवान जीवन, मानव संस्कृति का उल्लास उपहार लिए उन चारों राहों की संधि पर मिलता था जिसके एक कोण में उस प्रवाह से मिल एकांत शुष्क आज वह ठूँठ खड़ा है। उसके अभाग्यों परंपरा में संभवतः एक ही सुखद अपवाद है – उसके अंदर का स्नेहरस सूख जाने से संख्या का लोप हो जाना। संज्ञा लुप्त हो जाने से कष्ट की अनुभूति कम हो जाती है। 1. जनसंकुल का क्या आश्य है? क) जनसंपर्क ख) भीड़भरा ग) जनसमूह घ) जनजीवन 2. आम की छतनार डालियों के कारण क्या होता था? क) यात्रियों को ठंडक मिलती थी ख) यात्रियों को विश्राम मिलता था ग) यात्रियों की थकान मिटती थी घ) यात्रियों को हवा मिलती थी 3. शाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है? क) नीरस वृक्ष ख) जड़ वृक्ष ग) ठूँठ वृक्ष घ) हीन वृक्ष 4. आम के वृक्ष के सामने पीपल और बरगद के शरमाने का क्या कारण था? क) उसका अधिक हरा-भरा और सघन होना ख) हवा की आवाज सुनाई देना ग) अधिक फल फूल लगना घ) अधिक ऊँचा होना 5. आम केे अभागेपन में संभवतः एक ही सुखद अपवाद था – क) उसका नीरस हो जाना ख) संज्ञा लुप्त हो जाना ग) सूख कर ठूँठ हो जाना घ) अनुभूति कम हो जाना उत्तर - 1. ख, 2. ग, 3. ग, 4. क, 5. ख 2. प्रस्तुत गद्यांश को पढ़िए और उचित विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिये –गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों को मानव-मात्र की समानता और स्वतंत्रता के प्रति जागरुक बनाने का प्रयत्न किया। इसी के साथ उन्होंने भारतीयों के नैतिक पक्ष को जगाने और सुसंस्कृत बनाने के प्रयत्न भी किए। गांधी जी ने ऐसा क्यों किया? इसलिए कि वे मानव-मानव के बीच काले-गोरे, या ऊँच-नीच का भेद ही मिटाना प्रयाप्त नहीं समझते थे, वरन उनके बीच एक मानवीय स्वभाविक स्नेह और हार्दिक सहयोग का संबंध भी स्थापित करना चाहते थे। इसके बाद जब वे भारत आए, तब उन्होंने इस प्रयोग को एक बड़ा और व्यापक रुप दिया विदेशी शासन के अन्याय-अनीति के विरोध में उन्होंने जितना बड़ा सामूहिक प्रतिरोध संगठित किया, उसकी मिसाल संसार के इतिहास में अन्यत्र नहीं मिलती। पर इसमें उन्होंने सबसे बड़ा ध्यान इस बात का रखा कि इस प्रतिरोध में कहीं भी कटुता, प्रतिशोध की भावना अथवा कोई भी ऐसी अनैतिक बात न हो जिसके लिए विश्व-मंच पर भारत का माथा नीचा हो। ऐसा गांधी जी ने इसलिए किया क्योंकि वे मानते थे कि बंधुत्व, मैत्री, सदभावना , स्नेह-सौहार्द आदि गुण मानवता रूप टहनी के ऐसे पुष्प हैं जो सर्वदा सुगंधित रहते हैं। शाखा हीन शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है?शाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को ठूंठ कहा जाता है ।
शाखाहीन रसहीन शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है * 1 Point?शाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को क्या 1 pointकहा जाता है? नीरस वृक्ष
जनसंकुल चौराहे का क्या आशय है?Answer: उपरोक्त विकल्पों में जनसंकुल से आशय भीड़ -भाड़ से है। अतः स्पष्ट है कि भीड़ -भाड़ ही सटीक विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत हैं।
आम की छत ना डालियों के कारण क्या होता था?आम की छतनार डालियों के कारण राहगीरों तथा पाथिकों की थकान दूर होती थी।
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