तांबे के बर्तन में कौन से महीने में पानी पीना चाहिए - taambe ke bartan mein kaun se maheene mein paanee peena chaahie

पुराने वक्त से ही धातुओं के बर्तनों में खाना-पीना काफी सेहतमंद माना गया है। इन्हीं धातुओं में से एक तांबा आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। अपने देखा होगा कि प्राचीन समय से ही लोग तांबे के बर्तनों में पानी पीते आए हैं। यह एक शुद्ध धातु है जो आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकती है। ढेरों स्वास्थ्य लाभ होने के बाद भी लोग इसके कुछ नुकसानों से वाकिफ नहीं हैं। तो आइए जानते हैं तांबे के बर्तनों में पानी पीने के फायदे और नुकसानों के बारे में...

बड़े बुजुर्गों से आपने कई बार सुना होगा कि तांबे के बर्तन में पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा के मुताबिक यदि तांबे के बर्तन में सात से आठ घंटे के लिए पानी रख दिया जाए तो वो गर्म तासीर का हो जाता है। उसे दोबारा गर्म करने की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए अगर आप सर्दियों में सुबह उठकर तांबे में रखे पानी को गुनगुना करके पीते हैं तो अब से ऐसा न करें। डॉ. रमाकांत शर्मा से जानते हैं तांबे के बर्तन में रखे पानी के नियम, फायदे व नुकसान के बारे में।

आधुनिक भारत मेडिकल सर्विस का काफी विकास हुआ है। लेकिन आज भी कई लोग प्राचीन परंपरा और आयुर्वेद के अनुसार चीजों को अपनाकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। इन्हीं उपायों में से एक है तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना। तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से शरीर में कभी कॉपर की कमी नहीं होती है। साथ ही यह आम पानी से होने वाली बीमारियां जैसे पेट में दर्द, कब्ज, डायरिया से भी राहत दिलाता है। यही कारण है कि आज लोग प्लास्टिक और सटीक स्टील की बोतलों को छोड़कर ऑफिस में भी कॉपर की बोतलों में पानी पी रहे हैं। जब बात तांबे के बर्तन में रखे पानी की आती है तो बुर्जुग कहते हैं इसे खाली पीट पेट पियो, लेकिन ये बात कोई नहीं बताता है कि कब तांबा युक्त तांबे के बर्तन में रखा पानी नहीं पीना चाहिए। तो चलिए आज जानत हैं तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के नुकसान।

कब नहीं पीना चाहिए तांबा युक्त पानी?

अगर आप सुबह खाली पेट तांबा युक्त पानी पी रहे हैं तो यह सेहत को अनेक लाभ पहुंचा सकता है। लेकिन कभी भी खाने के बाद इस पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। खाना खाने के बाद तांबा युक्त पानी पीने से पाचन धीमा हो सकता है। कुछ मामलों में आपको पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है। रात को सोने से पहले भी इस पानी को नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से आपकी नींद पर प्रभाव पड़ सकता है।

इसे भी पढ़ेंः सेलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल की सलाह, किचन की ये 3 चीजें हड्डियां बनाती हैं मजबूत

तांबा युक्त तांबे के बर्तन में रखा पानी पानी पीने के नुकसान?

रोजाना एक निश्चित मात्रा में तांबा युक्त पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से आंतों पर प्रभाव पड़ता है। अगर प्रतिदिन 2 से 3 लीटर तांबा युक्त पानी पी रहे हैं तो यह पेट में दर्द, गैस, आंतों में घाव की समस्या पैदा कर सकता है।

अगर आपके शरीर में कॉपर की अधिकता होती है तो यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है।

खून में ज्यादा कॉपर होने से किडनी, आंख और दिमाग को भी क्षति पहुंच सकती है।

कितने समय तक रखना चाहिए तांबे के बर्तन में पानी

तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी आपकी सेहत को फायदा पहुंचाए इसके लिए इसको 7 से 9 घंटे ही स्टोर करें। इसको करने का सबसे सही तरीका है कि आप रात को तांबे के जग, लौटा या फिर बोतल में पानी को भरकर रख दें। सुबह उठने के बाद खाली पेट ही यह पानी पिएं।

इसे भी पढ़ेंः डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए कौन सी दालें हैं फायदेमंद?

तांबा युक्त पानी पीने के समय सावधानियां

तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करते वक्त 90 प्रतिशत लोग गलतियां करते हैं। कई घरों में तांबे के बर्तनों का भी इस्तेमाल किया जाता है। तांबे के बर्तन में पानी पीते वक्त ध्यान दें कि यह जमीन पर न रखा हो। अगर आप रात को तांबे के बर्तन में पानी रख रहे हैं तो इसके नीचे कोई स्टूल, प्लेट या कटोरी रख दें। ऐसा करने से तांबे के बर्तन की शुद्धता बनी रहती है।

यह बात सभी को मालूम है कि स्टील, कांच के मुकाबले तांबे से बने बर्तनों की सफाई थोड़ी मुश्किल होती है। अगर तांबे के बर्तन को रोजाना साफ न किया जाए तो इस पर हरे रंग की परत (कॉपर ऑक्साइड) जमने लगती है। अगर आप तांबे की बोतल का इस्तेमाल करते हैं तो कॉपर ऑक्साइड का विशेषतौर पर ध्यान रखना दें।

अपनी सेहत को लेकर लोग काफी सजग हुए हैं। खासकर कोरोना वायरस महामारी के बाद से लोग स्वस्थ रहने के लिए कई पुराने नुस्खों पर वापस लौट रहे हैं। इसी में से एक है तांबे के बर्तन में पानी पीना। लोग सोचते हैं कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से सेहत के कई लाभ हैं जिसके लिए वह इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। हालांकि सभी के लिए तांबे के बर्तन का पानी फायदेमंद नहीं होता।

कई मामलों में तांबे के बर्तन में रखा पानी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए तांबे के बर्तन में पानी पीने से पहले आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। 

पहले जानते हैं क्यों खास है तांबे के बर्तन में रखा पानी 

वैसे तांबे के बर्तन में पानी पीना आयुर्वेद में सपोर्ट किया गया है। पुराने समय में भी लोग रात को करीब 48 घंटे तांबे के बर्तन में पानी रख कर उसे पीते थे। 

तांबे का पानी कोई ऐसा सुपर ड्रिंक नहीं है जो आपको आपके नजदीकी सुपर मार्केट में मिल जाए। बल्कि तांबे का पानी तांबे के बर्तन में भरकर तैयार किया जाता है। तांबा हमारे शरीर में कई जरूरी तत्वों में से एक है, लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि तांबा एक ट्रेस एलिमेंट है। एक लाइन में समझाया जाए तो इसका अर्थ यह है कि हमें तांबे की केवल न्यूनतम मात्रा की आवश्यकता हमारे शरीर को है।

हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता तांबे का पानी। चित्र : शटरस्टॉक

यह शरीर के कई आवश्यक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे कि ऊर्जा का उत्पादन, संयोजी ऊतक और आपके मस्तिष्क की रासायनिक संदेश प्रणाली। यह व्यापक रूप से शंख, नट, बीज, आलू, साबुत अनाज उत्पादों, डार्क चॉकलेट, और अंग मांस जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। 

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के पीछे तर्क यह है कितांबे के कंटेनरों में पानी रखने से धातु पानी में घुल जाती है। जिससे पीने वाले को लाभ मिलता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी है सलाह 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ऑफिस ऑफ डाइट्री सप्लीमेंट के अनुसर कॉपर की कमी और अधिकता आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। वही दूसरी ओर विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) ने पानी में 0.47 मिलीग्राम तांबे से अधिक लेने की सलाह नहीं देता है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका स्तर प्रति दिन 10 मिलीग्राम से अधिक न हो। 

क्या हो सकती है दिक्कतें?

तांबे के बर्तन में ज्यादा पानी पीने से या उसका अनुचित उपयोग करने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें हल्की से लेकर बड़ी दिक्कतों के नाम शामिल हैं जैसे

  1.  मतली
  2. सिरदर्द
  3.  बुखार
  4.  उल्टी
  5.  उल्टी में खून
  6.  पेट में मरोड़
  7.  दस्त
  8.  काला मल
  9. आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया ) आदि

इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों को नहीं पीना चाहिए तांबे के बर्तन में रखा पानी 

अल्सर रोगी 

अगर किसी रोगी के पेट में अल्सर की समस्या है या उसे अक्सर एसिडिटी की दिक्कत होती है, तो उन्हें तांबे के बर्तन का इस्तेमाल पानी के लिए नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि तांबे के बर्तन की तासीर गर्म होती है। ऐसी समस्या में तांबे के बर्तन में पानी पीने से पहले अपने आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

किडनी और हृदय रोगी

यदि किसी व्यक्ति के किडनी यह हार्ट में दिक्कत है, तो उसके लिए तांबे का पानी बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श कर लें। 

तांबे का पानी कौन से मौसम में पीना चाहिए?

बरसात का मौसम : बरसात के मौसम में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं इसीलिए इस मौसम में हमारे प्राचीन ऋषि-मुनि तांबे के बर्तन या घड़े में पानी पीने की सलाह देते हैं। तांबा अनावश्यक बैक्टीरिया को मारकर पानी को शुद्ध कर देता है।

तांबे के बर्तन में रखा पानी कब कब पीना चाहिए?

तांबे के बर्तन में रखा गया पानी कभी भी भोजन करने के बाद नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके पाचन पर बुरा असर पड़ सकता है. पाचन धीमा हो सकता है या पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने का सबसे सही समय होता है सुबह खाली पेट.

तांबे के बर्तन में कितना पानी पीना चाहिए?

ताम्र जल यानी तांबे का पानी पीने से शरीर में इस धातु की ज़रूरत पूरी की जा सकती है। हालांकि इसकी बहुत कम मात्रा हमारे शरीर के लिए ज़रूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वयस्क पुरुष व स्त्री के लिए प्रतिदिन 0.9 मिग्रा तांबा पर्याप्त बताया है। तांबे के बर्तन या बोतल में पानी भरकर उसे आठ घंटे के लिए छोड़ दें।

असली तांबे की पहचान कैसे करें?

चुंबक की मदद से तांबे की शुद्धता की पहचान सकते हैं। पांबे के लोटे, गिलास या बोतल पर चुंबक लगाकर देखें। यदि यह चिपक जाता है तो तांबा मिलावटी है। असली तांबे का रंग गुलाबी-नारंगी होता है।