तुलसी पूजा में क्या क्या चढ़ता है? - tulasee pooja mein kya kya chadhata hai?

Tulsi Vivah Puja Vidhi: तुलसी विवाह के दिन कैसा होना चाहिए तुलसी के पौधे का श्रृंगार, जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल। 

हिंदू धर्म के बड़े तीज-त्‍यौहार में से एक तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इसलिए इस दिन को पर्व की तरह मनाया जाता है। इस वर्ष 5 नवंबर यानि कि आज तुलसी विवाह है और इस बार भी लोगों ने इस त्‍यौहार को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर ली है। 

यह दिन देवी लक्ष्‍मी स्वरूप तुलसी के पौधे और श्री कृष्‍ण के स्वरूप शालिग्राम के विवाह के रूप में मनाया जाता है। यह विवाह बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे असल जीवन में लोगों को विवाह होता है। इस विवाह में तुलसी के पौधे को दुल्‍हन की तरह सजाया जाता है। 

आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आप भी अपने घर में यदि तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हैं, तो तुलसी के पौधे को आप दुल्‍हन की तरह कैसे सजा सकती हैं। 

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tulsi vivah festival

तुलसी की पत्‍ते छाटें 

तुलसी की जो पत्तियां सूख गई हैं या काली पड़ गई हैं, उन्हें छांट लें मगर उन्‍हें फेंकने के स्थान पर उन्हें साफ करके उनका सेवन कर लें। तुलसी के पौधे ( तुलसी के पौधे की देखभाल कैसे करें) में लगी मिट्टी को साफ कर लें। यदि उसमें पुराने फूल या फिर प्रसाद चढ़ा है तो उसे हटा लें। 

तुलसी को जल चढ़ाएं 

तुलसी विवाह के दिन आपको को वल तुलसी को जल ही नहीं चढ़ाना है,  बल्कि आपको तुलसी के पौधे के हर पत्ते को जल से साफ करना है और किसी एक पत्ते पर हल्दी और तेल भी चढ़ाना है। इस बात का ध्‍यान रखें कि तेल और हल्दी तुलसी के पौधे की जड़ों मे न जाए। ऐसा होने से पौधे को नुकसान भी पहुंच सकता है। 

तुलसी को वस्त्र पहनाएं 

तुलसी के पौधे को इस दिन नए वस्त्र पहनाएं। वैसे तो बहुत से घरों में मिट्टी और गेरू के इस्तेमाल से तुलसी के पौधे का मुंह, हाथ और पैर भी बनाए जाते हैं। वैसे तो तुलसी को लाल रंग नहीं पहनाया जाता है, इसलिए आप गुलाबी रंग के वस्‍त्र तुलसी को अर्पित करें। आप लहंगा और चोली भी तुलसी को पहना सकती हैं और वस्‍त्रों के साथ-साथ आपको उन्‍हें पूरे गहने भी पहनने चाहिए। इसमें कमरबंद, नथ, गले का हार और पायल प्रमुख है। 

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tulsi puja

तुलसी को पर चढ़ाएं ये सामान 

तुलसी के पौधे पर कांची चूड़ी, आलता, मेहंदी, मोगरे का गजरा और कमल का पुष्प भी इस दिन जरूर अर्पित करें। इतना ही नहीं, आपको तुलसी के श्रृंगार में पक्‍के सिंदूर का प्रयोग भी करना चाहिए। इसके अलावा पीले रंग का एक कपड़ा गठबंधन के लिए जरूर रखें। वहीं शालिग्राम को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं। 

इन बातों का रखें ध्‍यान 

  • तुलसी विवाह के दिन आपको तुलसी के पौधे से एक भी पत्ता नहीं तोड़नी है। 
  • तुलसी को कभी भी लाल रंग का सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। 
  • तुलसी को गुलाब का फूल अर्पित न करें। 
  • तुलसी पर तिल और केले का प्रसाद भी आप अर्पित कर सकते हैं। यह दोनों श्री विष्णु को अति प्रिय होता है। 

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10 * देव प्रबोधिनी एकादशी से कुछ वस्तुएं खाना आरंभ किया जाता है। अत: भाजी, मूली़ बेर और आंवला जैसी सामग्री बाजार में पूजन में चढ़ाने के लिए मिलती है वह लेकर आएं। 


11* कपूर से आरती करें। (नमो नमो तुलजा महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी) 


13 * 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।


14 * प्रसाद को मुख्य आहार के साथ ग्रहण करें। 


15 * प्रसाद वितरण अवश्य करें।


16 * पूजा समाप्ति पर घर के सभी सदस्य चारों तरफ से पटिए को उठा कर भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें-

उठो देव सांवरा, भाजी, बोर आंवला, गन्ना की झोपड़ी में, शंकर जी की यात्रा।


17 * इस लोक आह्वान का भोला सा भावार्थ है - हे सांवले सलोने देव, भाजी, बोर, आंवला चढ़ाने के साथ हम चाहते हैं कि आप जाग्रत हों, सृष्टि का कार्यभार संभालें और शंकर जी को पुन: अपनी यात्रा की अनुमति दें।

कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं लेकिन इसके लिए सही विधि से तुलसी की पूजा करनी चाहिए क्योंकि गलत तरीके से की गई उपासना लाभ के बजाय हानि भी पहुंचा सकती है. इसलिए आज हम आपको बताने वाले हैं तुलसी पूजन का सही विधान.

क्या है तुलसी पूजा का विधान?

- तुलसी का पौधा किसी भी बृहस्पतिवार को लगा सकते हैं.

- तुलसी का पौधा लगाने के लिए कार्तिक का महीना सबसे उत्तम है.

- कार्तिक महीने में तुलसी के पौधे की पूजा से पूरी होती है हर कामना.  

- तुलसी का पौधा घर या आगन के बीच में लगाना चाहिए.

-अपने सोने के कमरे की बालकनी में भी लगा सकते हैं तुलसी का पौधा.

- सुबह तुलसी के पौधे में जल डालकर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए.

- शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना उत्तम होता है.

तुलसी पूजा में भूलकर भी ना करें ये गलतियां-

धार्मिक मान्यताओं में तुलसी को लेकर कुछ विशेष नियम और सावधानियां हैं जिनका ध्यान रखने से खराब से खराब किस्मत भी चमक उठती है तो आइए हम आपको बताते हैं कि तुलसी पूजन या तुलसी के प्रयोग में आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

तुलसी पूजा में क्या क्या सामान लगता है?

तुलसी विवाह 2022 पूजन सामग्री (Tulsi Vivah 2022 Pujan Samagri).
तुलसी का पौधा.
भगवान विष्णु की प्रतिमा.
शकरकंद.

रोजाना तुलसी की पूजा कैसे करें?

तुलसी पूजन दिवस के दिन सबसे पहले प्रात:काल उठकर स्नान करें, इसके बाद तुसली के पौधे को जल अर्पित करें। जल के बाद तुलसी माता के पत्तों पर नारंगी रंग का सिंदूर लगांए और चुनरी भी चढ़ाएं। पूजा के बाद अगर संभव हो तो तुलसी का माला का जाप भी करें। शाम के वक्त तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाकर जरूर रखें।

तुलसी माता को क्या चढ़ाएं?

पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु फल चढ़ाएं जाते हैं. श्रृंगार के सामान, चुनरी, सिंदूर से तुलसी माता का श्रृंगार किया जाता है.

तुलसी में दीपक कैसे जलाएं?

- प्रातःकाल तुलसी के पौधे में जल डालकर, इसकी परिक्रमा करनी चाहिए. - नियमित रूप से सायंकाल इसके नीचे घी का दीपक जलाना सर्वोत्तम होता है. -शाम के वक्त तुलसी के पास दिया जलाने से लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. -रविवार के दिन तुलसी को जल तो चढ़ा सकते हैं, लेकिन उसके नीचे दीपक नहीं जला सकते.