दोबारा प्रेग्नेंट होने पर इन बातों का जरूर रखना होगा ध्यान Show
जब आप दोबारा माँ बनने जा रही हैं तो आपको लग रहा होगा कि सब कुछ पहले जैसा ही होगा लेकिन ऐसा नहीं है। आपको इससे जुड़ी कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए।October 19, 2018 1:03:06 pm प्रेग्नेंसी के दौरान लौंग का सेवन फायदेमंद होता है।दोबारा माँ बनने का अनुभव आपके लिये बेशक ही उत्साह भरा होता है। लेकिन जब आप अपने परिवार को बढ़ाने जा रही हैं तो आपको अपने और आने वाले नन्हें मेहमान के स्वास्थ्य को ध्यान में रखना होता है। चूंकि आप एक बार प्रेग्नेंसी को अनुभव कर चुकी है इसलिये आपके लिये यह उतना मुश्किल नहीं होगा लेकिन दूसरी प्रेग्नेंसी में सभी चीजें पहली की तरह नहीं होती हैं। इसलिये आपको कुछ बातों का ख्याल जरुर रखना चाहिए। अधिक थकान डिलीवरी में कम समय मॉर्निंग सिकनेस दूसरी प्रेग्नेंसी आसान हो सकती है पढें प्रेग्नेंसी (Pregnancyinhindi News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App. First published on: 19-10-2018 at 01:03:06 pm दूसरी बार माँ बनने पर शरीर में क्या लक्षण महसूस होते हैं?दूसरी बार माँ बनने पर शरीर में क्या लक्षण महसूस होते हैं?प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए उसकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन अनुभव होता है लेकिन साथ ही इस दौरान महिला को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में जब कोई भी महिला दूसरी बार माँ बनने के बारे में सोचती है तो उसकी पहली प्रेगनेंसी का एक्सपीरियंस जरूर उसके सामने आता है। लेकिन ऐसा जरुरी नहीं होता है की जैसा आपके साथ पहली प्रेगनेंसी में हुआ है वैसा ही दूसरी प्रेगनेंसी में भी हो। जो लक्षण या बदलाव आपको पहली प्रेगनेंसी में महसूस हुए थे वो दूसरी प्रेगनेंसी में भी महसूस हो। बल्कि ऐसा भी हो सकता है की आपकी दोनों प्रेगनेंसी का एक्सपीरियंस बिल्कुल अलग हो या फिर कुछ लक्षण दोनों प्रेगनेंसी में ही मिलते जुलते हो। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको दूसरी बार माँ बनने पर शरीर में क्या लक्षण महसूस होते हैं और किस तरह दूसरी प्रेगनेंसी पहली प्रेगनेंसी से अलग होती है इस बारे में बताने जा रहे हैं। डर और तनाव होता है कमपहली प्रेगनेंसी के दौरान महिला को हर छोटी से छोटी बात को लेकर डर व् तनाव महसूस होता है जबकि दूसरी प्रेगनेंसी में महिला का यह डर और तनाव कम हो जाता है। पेट जल्दी दिखाई देता हैदूसरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला का पेट पहली प्रेगनेंसी की अपेक्षा जल्दी दिखाई देता है। और इसका कारण पहली प्रेगनेंसी होने पर महिला की पेट की मांसपेशियों में कमजोरी आना होता है। वजन ज्यादा बढ़ता हैदूसरी प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला का वजन भी पहले की अपेक्षा ज्यादा तेजी से बढ़ता है क्योंकि पहली प्रेगनेंसी के बाद महिला की बॉडी में बहुत बदलाव आ जाता है। दर्दयदि आपने दूसरी बार गर्भधारण किया है तो आपको जोड़ो में दर्द, पीठ में दर्द आदि की समस्या पहली प्रेगनेंसी के दौरान अधिक होता है। इसका कारण पहली प्रेगनेंसी के दौरान मांसपेशियों में आई कमजोरी होती है। ब्रेस्ट में बदलावदूसरी प्रेगनेंसी में महिला को ब्रेस्ट में ज्यादा दर्द, ब्रेस्ट के आकर के ज्यादा बढ़ने, ब्रेस्ट के अगले हिस्से का रंग ज्यादा गहरा होने जैसे लक्षण महसूस होते हैं। इसका कारण पहली प्रेगनेंसी के बाद शिशु को स्तनपान करवाने के कारण ब्रेस्ट में आया ढीलापन होता है। शिशु की मूवमेंटपहली प्रेगनेंसी के दौरान शिशु की हलचल को समझने में आपको थोड़ा समय लग सकता है जबकि दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान आपको शिशु की हलचल का बहुत आराम से पता चल जाता है। और आपको यह भी समझ आ जाता है की कब शिशु की हलचल ज्यादा होती है और कब शिशु कम हलचल करता है। थकानपहली प्रेगनेंसी में आपका ध्यान सभी रखते हैं लेकिन दूसरी प्रेगनेंसी में आपको अपने पहले बच्चे का भी ध्यान रखना पड़ता है। और यदि आपका बच्चा अभी ज्यादा छोटा है तो आपको ज्यादा दिक्कत हो सकती है। ऐसे में आपको पहली प्रेगनेंसी के मुबाबले ज्यादा थकान व् कमजोरी का अनुभव होता है। डिलीवरी में लगता है कम समयपहली डिलीवरी के समय प्राइवेट पार्ट की मांसपेशियों के टाइट होने के कारण और बच्चेदानी के मुँह कम खुलने के कारण आपको डिलीवरी में ज्यादा समय लगता है। जबकि दूसरी बार बच्चेदानी का मुँह खुलने में ज्यादा समय नहीं लगता है क्योंकि मांसपेशियां उतनी टाइट नहीं होती है। प्रसव के बाद शिशु की केयर और स्तनपानडिलीवरी के बाद शिशु की केयर को लेकर, स्तनपान करवाने को लेकर महिला बहुत परेशान हो जाती है। जबकि दूसरी डिलीवरी के बाद महिला के मन में ऐसा कोई डर नहीं होता है। तो यह हैं कुछ लक्षण जो दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बॉडी में महसूस हो सकते हैं, यदि आप भी पहली प्रेगनेंसी में आई कॉम्प्लीकेशन्स को लेकर दूसरी बार गर्भधारण से घबरा रही है तो बिल्कुल मत घबराइए, क्योंकि जितनी बार भी महिला गर्भधारण करती है उतनी बार महिला को बॉडी में अलग अलग लक्षण महसूस होते हैं। दूसरी बार प्रेगनेंसी के क्या लक्षण होते हैं?दूसरी बार मां बनने पर कुछ अलग होते हैं प्रेग्नेंसी के लक्षण. दूसरी प्रेग्नेंसी कैसे होती है अलग ... . पेट जल्दी बाहर निकलना ... . स्तनों में बदलाव ... . भ्रूण का हिलना ... . संकुचन महसूस होना ... . डिलीवरी टाइम कम होना ... . प्रेगनेंसी में थकान ... . यूट्राइन मसल्स कमजोर होना. सेकंड डिलीवरी में कितना टाइम लगता है?दूसरी डिलीवरी में लगभग 40 सप्ताह और 3 दिन का समय लगता है जो कि पहली प्रेगनेंसी से एक सप्ताह कम है। चूंकि, शरीर पहले से प्रसव पीड़ा से गुजर चुका होता है और सेकंड डिलीवरी में लेबर हार्मोंस पर शरीर जल्दी प्रतिक्रिया देता है जिससे प्रसव पीड़ा भी पहले से जल्दी शुरू हो जाती है।
बेटी होने के क्या लक्षण होते हैं?आपके गर्भ में बेटी है यदि -. बच्चे की हृदय गति एक मिनट में 140 बीट से कम है।. आपका पेट बाहर की ओर बढ़ा है।. गर्भ में बच्चा नीचे की ओर लटका हुआ नजर आता है।. गर्भावस्था में आपका चेहरा खिल उठा है।. पहली तिमाही में आपको उल्टी-मितली या माॅर्निंग सिकनेस नहीं हुई है।. आपका दायां स्तन, बाएं स्तन से ज्यादा बड़ा है।. दूसरी प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है?गर्भावस्था की दूसरी तिमाही यानि 12वें हफ्ते से बेबी बंप दिखना शुरू हो जाता है। इस समय गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है और एम्निओटिक फ्लूइड भी बढ़ जाता है जिससे पेट का साइज बढ़ जाता है।
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