Uddeshya Prastav Kya ThaPradeep Chawla on 12-05-2019 Show
3 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया, जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया। इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं- 1. भारत एक पूर्ण संप्रभुता संपन्न गणराज्य होगा, जो स्वयं अपना संविधान बनाएगा। 2. भारत संघ में ऐसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे, जो इस समय ब्रिटिश भारत में हैं या देशी रियासतों में हैं या इन दोनों से बाहर, ऐसे क्षेत्र हैं, जो प्रभुतासंपन्न भारत संघ में शामिल होना चाहते हैं। 3. भारतीय संघ तथा उसकी इकाइयों में समस्त राजशक्ति का मूल स्रोत स्वयं जनता होगी। 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्रप्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहे। 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया, जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया। 4. भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, पद, अवसर और कानूनों की समानता, विचार, भाषण, विश्वास, व्यवसाय, संघ निर्माण और कार्य की स्वतंत्रता, कानून तथा सार्वजनिक नैतिकता के अधीन प्राप्त होगी। 5. अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ी जातियों और कबायली जातियों के हितों की रक्षा की समुचित व्यवस्था की जाएगी। Comments Jatin on 08-12-2022 13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा के सामने उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया इसके अंतर्गत कई बातों पर बल दिया गया । Lavish paliwal on 31-10-2022 Savidhan Sabha Mein uddeshy prastav kisne prastut kiya ismein mukhyamandon कौन-कौन the Aazad on 19-06-2022 Bhartiya sansad mein Shamil hai Varun on 19-06-2022 Uddesh prashtaw kon si baithak me diya gya pratham dwitiya tritiya chaturth SHAITAN Singh Meena on 26-04-2022 Uddeshy prastav Ko parit hone mein kitne din laga tha Aaaa on 23-01-2022 संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव को 26 जनवरी को पारित करने का प्रस्ताव किसने रखा था Meena kumawat on 29-12-2021 Udeshy prastav ka virodh kisne kiya Meena Kumawat on 29-12-2021 Uddeshya prastav ka virodh kisne kiya Aarti Chaudhary on 11-11-2021 Bhart ka uddeshya parstav kisne likha tha Priyanka barupal on 07-09-2021 उद्देश्य प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु कौन कौन से हहै? Priyanka barupal on 07-09-2021 उद्देश्य प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु कौन कौन से है Ashok payla Amroli on 16-02-2021 Udesay parstav kab parit kita gya Sonu on 22-01-2021 13
December Ko pandit Jaw pawan on 26-11-2020 uddeshay prastav ka virodh kisne kiya tha. Sadhna on 26-10-2020 Uddeshy prastav ke mahatva bandhuon ko rojgar kijiye Psc jaat roxx on 18-10-2020 According to pradeep chawlaa ji Sneha on 01-10-2020 Udeshya prastaav kisne pesh kiya Sneha on 01-10-2020 Bharat ka savidhan kya gernti deta h Anjali on 07-09-2020 Uddesh prastab Kya tha ruksar on 06-08-2020 Bharat mein kaun se Jile padati Pai Jaati Hai Ramgopal Azad on 14-02-2020 जवाहरलाल नेहरू के उद्देश्य प्रस्ताव का तीसरा विंदु अंग्रेजी टैक्स्ट के अनुरूप सटीक नहीं है। कृपया सही और मूल टैक्स्ट का हिंदी रूपांतर दें। Ashvin patidar on 31-12-2019 13 dec.hi h vandana on 02-07-2019 उद्देश्य प्रस्ताव क्या है? Vinita on 19-04-2019 11prant kon kon se the उद्देश्य प्रस्ताव किसने प्रस्तुत किया on 11-04-2019 जवाहर लाल नेहरू साक्षी शर्मा on 11-04-2019 उद्देश्य प्रस्ताव जवाहर लाल नेहरू ने संविधान मे प्रस्तावित किया vikas on 20-10-2018 Date 13 dec hai na ki 3 dec. in first line उद्देश्य संकल्पमुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
उद्देश्य संकल्प(अंग्रेज़ी: Objectives Resolution, ऑब्जेक्टिव्स् रेज़ोल्यूशन्; उर्दू: قرارداد مقاصد, क़रारदाद ए मक़ासद) एक संकल्प था जिसे पाकिस्तान की संविधान सभा ने 12 मार्च सन 1949 को पारित कर दिया। इस संकल्प 7 मार्च सन 1949 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने क़ौमी असेम्ब्ली(पाकिस्तान की विधायिका) में पेश की। इसे पाकिस्तानी रियासत व हुकूमत के नीती निर्देशक के रूप में पारित किया गया था। इसके अनुसार भविष्य में पाकिस्तान संविधान संरचना यूरोपीय शैली का कतई नहीं होगा, लेकिन इसके आधार इस्लामी लोकतंत्र और सिद्धांतों पर होगी। कहा जाता है कि इस बारे में पाकिस्तानियों ने भारतीयों की पैरवी की थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की संविधान सभा में 13 दिसंबर 1946 में संकल्प लक्ष्य रखा था, जिसे सर्वसम्मति के साथ 22 जनवरी 1947 में स्वीकार कर लिया गया। इसमें दिये गए संकल्प पाकिस्तान को "कुरान और सुन्नत में दिये गए लोकतांत्रिक के आदर्शों" पर विकसित व खड़ा करने का संकल्प लेते हैं। साथ ही इसमें पाकिस्तान में मुसलमानों को कुरान और सुन्नत में दिये गए नियमों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का अवसर देने की एवं अल्पसंख्यकों के धार्मिक, सामाजिक व अन्य वैध अधिकारों की रक्षा की भी बात की गई है। इसे कई माएनों में पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ में मनाआ जाता है। साथ ही इसकी इस्लाम-प्रोत्साहक चरित्र के लिये, यह हमेशा से ही विवादास्पक भी रहा है और कई बार, गैर-मुसलमालों व कई बुद्धिजीवियों द्वारा इस्का विरोध होता रहा है। पृष्ठभूमी[संपादित करें]पाकिस्तान की स्थापना के समय पाकिस्तान का संविधान नहीं था। उस समय 1935 में पारित भारत सरकार अधिनियम में कुछ संशोधन कर उसे अस्थाई संविधान के रूप में लागू किया गया थ। भारत विभाजन के पश्चात आई तबाही व भारत से पाकिस्तान अए लाखों शरणार्थियों के कारण आई खाद्द, आवास व आन्य व्यवस्थाई असुविधाओं के कारण पाकिस्तानी सरकार अनंत समस्याओं व दबाव में थी। पश्चिमी पाकिस्तान में गैर मुसलमानों की संख्या लगभग 3 प्रतिशत थी, जबकि पूर्वी पाकिस्तान में गैर मुसलमानों की संख्या 22 प्रतिशत थी इसलिए कई ऐसे राजनेता थे जो 25 प्रतिशत गैर मुस्लिम आबादी वाला देश कहते हुए ऐसे संविधान की मांग कर रहे थे जो धर्मनिरपेक्ष हो, बुद्धिजीवियों का एक समूह इस बात पर जोर दे रहा था कि पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर स्थापित हुआ तो पाकिस्तान का सरकारी धर्म इस्लाम होना चाहिये। लियाकत अली खान इन स्थितियों से अवगत और सूचित थे वे भी विद्वानों के विचारों से सहमत थे इसलिए उन्होंने विद्वानों के सहयोग से एक संकल्प तैयार की जिसे संकल्प लक्ष्यों का नाम दिया गया दस्तावेज़ का पृष्ठ[संपादित करें]इस दस्तावेज को मूलतः अंग्रेज़ी में लिखा गया था। नीचे इसकी प्रत्येक बिंदुओं का असल संस्करण व हिन्दी अनुवाद दिया गया है:[1]
विवाद व विरोध[संपादित करें]इस संकल्प की इस्लाम-प्रोत्साहक चरित्र के लिये, यह हमेशा से ही विवादास्पक भी रहा है और कई बार, गैर-मुसलमालों व कई धर्मनिर्पेक्षता-समर्थक बुद्धिजीवियों द्वारा इस्का विरोध होता रहा है। संविधान सभा के गैरमुरलिम सदस्यों ने इसका पुरजोर विरोध किया था, एवं इसके पारित होने के बाद बीच सभा से उठ कर चले गए थे। इसके विरोधियों का यह कहना है की जिन्नाह पाकिस्तान को एक इस्लामिक रियासत नहीं बनाना चाहते थे, बलकी वे इसे एक धर्मनिर्पेक्ष देश बनाना चिहते थे, जिसमें मुसलमान समेत सभी लोग सुरक्षित रह सकें।[2] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
उद्देश्य प्रस्ताव कौन सी बैठक में लाया गया?उद्देश्य प्रस्ताव (Objectives Resolution):
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई। 13 दिसंबर, 1946 को जवाहर लाल नेहरू ने 'उद्देश्य प्रस्ताव' पेश किया, इसमें संवैधानिक संरचना के ढाँचे एवं दर्शन की झलक थी।
उद्देश्य प्रस्ताव कब पढ़ा गया?'उद्देश्य प्रस्ताव' को प्रस्तुत करना और अनुमोदन (13 दिसंबर, 1946)- 'उद्देश्य प्रस्ताव' 13 दिसंबर, 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत किया गया था जिसने संविधान के निर्माण के लिए सटीक दर्शन एवं मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान किए और बाद में 'भारत के संविधान की प्रस्तावना' का रूप ले लिया।
उद्देश्य प्रस्ताव में क्या था?उद्देश्य प्रस्ताव एक ऐसा प्रपत्र था जिसमें भारत के नए संविधान को निर्माण करने के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन किया गया था । इसकी रूपरेखा 13 दिसम्बर , 1946 को पं ० जवाहरलाल नेहरू ने तैयार की तथा यह कांग्रेस द्वारा 22 जनवरी , 1947 को पारित कर दिया गया । ( 1 ) भारत एक स्वतन्त्र , प्रभुतासम्पन्न गणराज्य है ।
उद्देश्य प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु क्या है?1. भारत एक पूर्ण संप्रभुता संपन्न गणराज्य होगा, जो स्वयं अपना संविधान बनाएगा। 2. भारत संघ में ऐसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे, जो इस समय ब्रिटिश भारत में हैं या देशी रियासतों में हैं या इन दोनों से बाहर, ऐसे क्षेत्र हैं, जो प्रभुतासंपन्न भारत संघ में शामिल होना चाहते हैं।
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