वे आपस में ही सवाल जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे? - ve aapas mein hee savaal javaab karake apane dil ko tasallee kyon de diya karate the?

Solution : केशव और श्यामा के मन में अंडों के बारे में ये सवाल उठते थे कि अण्डों के आकार कैसे होंगे, उनकी संख्या कितनी होगी, रंग कैसा होगा और उनसे बच्चे कैसे निकलेंगे। वे इस विषय में अम्मा और बाबूजी को पूछना चाहते थे, परन्तु उनके पास उनके सवालों का जवाब देने का समय नहीं था। इसलिए केशव और श्यामा आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली देते थे।

अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?

Solution

बालमन जिज्ञासाओं से भरा होता है। उन्होंने पहले कभी अंडे नहीं देखे थे। उनके घरवालों ने भी उनको अंडों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उनको पता नहीं था कि अंडों का आकार कितना बड़ा होता है ? अंडे किस रंग के होते हैं? उनमें बच्चे कैसे पैदा होते हैं? वे क्या खाते हैं? उनका घोसला कैसा होता है ? बच्चों के मन में इस तरह के सवाल स्वाभाविक ही थे।

Concept: गद्य (Prose) (Class 6)

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बच्चे आपस में ही सवाल जवाब करके मन को तसल्ली क्यों दे देते थे?

2. अंडों के बारे में दोनों आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे? उत्तर:- केशव और श्यामा दोनों आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे दिया करते थे क्योंकि उनके प्रश्नों का उत्तर देनेवाला कोई नहीं था। न अम्मा को घर के काम-धंधों से फ़ुरसत थी न बाबू जी को पढने-लिखने से।

अंडों के बारे में कैसे और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे?

Solution : केशव और श्यामा के मन में अंडों के बारे में ये सवाल उठते थे कि अण्डों के आकार कैसे होंगे, उनकी संख्या कितनी होगी, रंग कैसा होगा और उनसे बच्चे कैसे निकलेंगे। वे इस विषय में अम्मा और बाबूजी को पूछना चाहते थे, परन्तु उनके पास उनके सवालों का जवाब देने का समय नहीं था।

अंडों को देखकर केशव और श्यामा के मन में कौन से सवाल उठे?

उत्तर- कार्निस के ऊपर चिड़ियाँ के अंडे थे। केशव और श्यामा ने सोचा कि शायद अब अंडों से बच्चे निकल आए होंगे। अब उन दोनों के मन में ये सवाल उठ रहे थे कि चिड़ियाँ बेचारी इतना दाना कहाँ से पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भर सके। शायद बच्चों को धूप भी लगती होगी और प्यास से भी तड़पते होंगे।

केशव तथा श्यामा की आपस में चिड़िया के अंडों के बारे में क्या बातचीत होती थी?

केशव के घर कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिए थे । केशव और उसकी बहन श्यामा दोनों बड़े ध्यान से चिड़िया को वहाँ आते-जाते देखा करते । सवेरे दोनों आँखें मलते कार्निस के सामने पहुँच जाते और चिड़ा और चिड़िया दोनों को वहाँ बैठा पाते। उनको देखने में दोनों बच्चों को न मालूम क्या मज़ा मिलता, दूध और जलेबी की सुध भी न रहती थी