विराम और गति सफेद पड़ है कैसे? - viraam aur gati saphed pad hai kaise?

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(motion and rest of anything meaning in hindi) विराम अवस्था किसे कहते हैं , परिभाषा गति और विराम अवस्था की संकल्पना या आशय : सामान्यत: हम कह सकते है की जब किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन हो रहा है तो वह वस्तु गति कर रही है।  जब वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन नहीं हो रहा हो तो वस्तु स्थिर अवस्था में कहलाती है।

किसी भी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन का अध्ययन दो प्रकार से किया जा सकता है –

1. निरपेक्ष रूप से

2. सापेक्ष रूप से

1. निरपेक्ष रूप से : जब किसी वस्तु की गति का अध्ययन ऐसे बिन्दु के सापेक्ष किया जाये जो खुले आकाश में सदैव स्थिर अवस्था में हो।

लेकिन प्रायोगिक रूप से ऐसा बिन्दु सम्भव नहीं है , जो हमेशा स्थिर अवस्था में रहे , हर वस्तु या बिन्दु की स्थिति में किसी न किसी रूप में परिवर्तन होता रहता है।

अत: निरपेक्ष रूप से किसी वस्तु की स्थिति का अध्ययन नहीं किया जा सकता है , निरपेक्ष रूप से अध्ययन मात्र एक कल्पना है क्योंकि सदैव स्थिर रहने वाला बिन्दु संभव नहीं है।

2. सापेक्ष रूप से : हम हर वस्तु की स्थिति अर्थात गति या विराम अवस्था का अध्ययन सापेक्ष रूप से ही करते है। सापेक्ष रूप से तात्पर्य है एक वस्तु की स्थिति का अध्ययन किसी अन्य वस्तु की तुलना में या सापेक्ष करना।

अर्थात यदि वस्तु A की स्थिति वस्तु B की तुलना (सापेक्ष) परिवर्तित हो रही है तो वस्तु A , वस्तु B के सापेक्ष गति अवस्था में कही जाती है।

इसी प्रकार यदि वस्तु A की स्थिति वस्तु B के सापेक्ष परिवर्तित नहीं हो रही है तो वस्तु A , वस्तु B के सापेक्ष स्थिर (विराम) अवस्था में कहलाती है।

इसी प्रकार अन्य वस्तुओं की अवस्था का अध्ययन किसी बिंदु , निकाय या वस्तु के सापेक्ष किया जाता है।  इसी को सापेक्ष रूप से अवस्था अध्ययन कहते है।

उदाहरण : जैसे ट्रेन में बैठे यात्री एक दूसरे के सापेक्ष स्थिर अवस्था में क्योंकि समय के साथ उन यात्रियों की स्थिति एक दूसरे के सापेक्ष परिवर्तित नहीं हो रही है।

लेकिन किसी बाहर खड़े आदमी के सापेक्ष वे सभी यात्री गतिशील है क्योंकि बाहर खड़े आदमी के सापेक्ष यात्रियों की स्थिति परिवर्तित हो रही है अत: बाहर खड़े आदमी की तुलना में वे सभी यात्री गति कर रहे है।

इसी को सापेक्ष रूप से अवस्था अध्ययन कहते है।

  • जड़त्व
  • जड़त्व का नियम
    • जड़त्व के प्रकार
    • 1. विराम का जड़त्व
    • 2. गति का जड़त्व
    • 3. दिशा का जड़त्व

जड़त्व

किसी पिंड का वह गुण जिसके कारण पिण्ड विराम की अवस्था में अथवा एकसमान वेग से गति की अवस्था में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का विरोध करता है इसे ही जड़त्व (law of inertia in Hindi) कहते हैं।
हमारे दैनिक जीवन में अनेकों घटनाएं घटित होती हैं। उनमें जड़त्व को आसानी से देखा जा सकता है। किसी वस्तु का भार जितना अधिक होगा वह वस्तु अपने में परिवर्तन का उतना ही अधिक विरोध करती है अतः जड़त्व की परिभाषा स्पष्ट होता है कि उस वस्तु का जड़त्व भी अधिकतम होगा।

जड़त्व का नियम

इस नियम के अनुसार यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी। अथवा कोई वस्तु एकसमान वेग से एक सीधी सरल रेखा में गतिशील है तो वह गति करती ही रहेगी। जब तक उस वस्तु पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए। इसे जड़त्व का नियम कहते हैं।
Note
जड़त्व के नियम को न्यूटन का गति का प्रथम नियम भी कहा जाता है।

जड़त्व के प्रकार

जड़त्व को तीन भागों में बांटा गया है। अर्थात् किसी वस्तु में जड़त्व को तीन प्रकार से देखा जा सकता है।
(1) विराम का जड़त्व
(2) गति का जड़त्व
(3) दिशा का जड़त्व

1. विराम का जड़त्व

जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण वह वस्तु अपनी विराम की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है। विराम का जड़त्व कहते हैं। उदाहरण द्वारा विराम के जड़त्व को अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
उदाहरण
(i) जब किसी बस के अचानक चलने पर उसमें खड़े यात्री पीछे की ओर गिर जाते हैं।
इसका कारण यह है कि यात्री विराम की अवस्था में होता है एवं बस के चलने पर उसका शरीर बस की गति का विरोध करता है। अतः विराम के जड़त्व के कारण यात्री पीछे की ओर गिर जाते हैं।
(ii) पेड़ को अचानक हिलाने पर उसके फलों का गिरना।
(iii) खिड़की के शीशे में बंदूक की गोली मारने पर शीशे में छेद हो जाना।

2. गति का जड़त्व

इसकी परिभाषा भी नाम से ही स्पष्ट होती है। कि किसी वस्तु का वह गुण जिसमें वस्तु स्वयं अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है। गति का जड़त्व कहलाता है।
उदाहरण
(i) चलती रेलगाड़ी से अचानक उतर जाने पर व्यक्ति आगे की ओर गिर जाता है।
(ii) चलती बस के अचानक रुकने पर यात्री का आगे की ओर झुकना।
(iii) चलती रेल में गेंद को ऊपर फेंकने पर गेंद उछालने वाले के हाथ में ही लौट आती है।

पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi

3. दिशा का जड़त्व

किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण वह वस्तु स्वयं की गति की दिशा में होने वाले परिवर्तन का विरोध करती है। दिशा का जड़त्व कहलाता है।
उदाहरण
(i) जब कोई बस दायीं और मुड़ती है तो दिशा के जड़त्व के कारण उसमें बैठे यात्री बायीं ओर झुक जाती हैं।

विराम और गति सापेक्ष पद है कैसे?

Solution : विराम और गति सापेक्ष पद हैं क्योंकि कोई एक पिण्ड दूसरे पिण्ड की तुलना में स्थान बदलकर गतिमान कहलाता है तो किसी तीसरे पिण्ड की अपेक्षा वह विराम में रहता है।

विराम अवस्था तथा गति अवस्था क्या है?

Solution : विराम-जो बस्तु समय के साथ अपनी आस पास की वस्तुओं की अपेक्षा अपनी स्थिति न बदले, उसे विराम अवस्था कहते हैं। जैसे-सड़क के किनारे खड़ा वृक्ष या खंबा, पहाड़ आदि। <br> गति-जब कोई वस्तु अपने आस-पास की वस्तुओं की अपेक्षा आपना स्थान बदले तो वह वस्तु गति में कहलाती है जैसे सड़क पर दौड़ती कार, उड़ता हुआ हवाई जहाज।

विराम और गति में क्या अंतर है?

Answer: Explanation: विराम की स्थिति से एक ही समय पर चलना शुरू करते हैं और दोनों समान समय में समान दूरी तय करते हैं। ... ऐसी गति जिसमें एक वस्तु समय के समान अंतराल में समान दूरी तय करती है, एकसमान गति कहलाती है जबकि वह गति जिसमें एक वस्तु समय के समान अंतराल में समान दूरी तय नहीं करती है, असमान गति कहलाती है।

विराम या गति अवस्था में परिवर्तन के विरोध की प्रवृत्ति को क्या कहते हैं?

किसी वस्तु की विरामावस्था या गति की स्थिति में परिवर्तन का विरोध करने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहा जाता है।