NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 1 सिल्वर वैडिंग are part of NCERT Solutions for Class 12 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 1 सिल्वर वैडिंग. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. कहानी के अंत में यशोधर के व्यक्तित्व की सारी विशेषता सामने उभरकर आती है। वे जमाने के हिसाब से अप्रासंगिक हो गए हैं। यह पीढ़ियों के अंतराल को दर्शाता है। प्रश्न
4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
बुजुर्ग पीढ़ी इन सभी परिवर्तनों का विरोध करती है। उन्हें लगता है कि ये हमारी संस्कृति के खिलाफ़ हैं। कुछ सुविधाओं को वे स्वास्थ्य की दृष्टि से खराब मानते हैं तो कुछ उनकी परंपरा को खत्म कर रहे हैं। महिलाओं व लड़कियों को अपनी सभ्यता व संस्कृति के अनुसार आचरण करना चाहिए। प्रश्न 8. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. वह कहते हैं कि डेढ़ हजार रुपया तो हमें अब रिटायरमेंट के पास पहुँच कर मिला है, शुरू में ही डेढ़ हजार रुपया देने वाली इस नौकरी में ज़रूर कुछ पेंच होगा। यशोधर जी का दूसरा बेटा दूसरी बार आई.ए.एस. देने की तैयारी कर रहा है। और यशोधर बाबू के लिए यह समझ सकना असंभव है कि जब यह पिछले साल ‘एलाइड सर्विसेज’ की सूची में, माना काफ़ी नीचे आ गया था, तब इसने ज्वाइन करने से इंकार क्यों कर दिया? उनका तीसरा बेटा स्कॉलरशिप लेकर अमेरिका चला गया है और उनकी एकमात्र बेटी न केवल तमाम प्रस्तावित वर अस्वीकार करती चली जा रही है बल्कि डॉक्टरी की उच्चतम शिक्षा के लिए स्वयं भी अमेरिका चले जाने की धमकी दे रही है। यशोधर बाबू जहाँ बच्चों की इस तरक्की से खुश होते हैं वहा ‘समहाउ’ यह भी अनुभव करते हैं कि वह खुशहाली भी कैसी जो अपनों में परायापन पैदा करे। अपने बच्चों द्वारा गरीब रिश्तेदारों की उपेक्षा उन्हें ‘समहाउ’ हुँचती नहीं। प्रश्न 9. प्रश्न 10.
यशोधर बाबू ने रामलीला करवाना आदि भी किशनदा से ही सीखा। वे अंत तक अपने सिद्धांतों पर चिपटे रहे। किशनदा के उत्तराधिकारी होते हुए भी उन्होंने परिवार नामक संस्था को बनाया। प्रश्न 11. प्रश्न 12.
निबंधात्मक प्रश्न प्रश्न 13.
नई पीढ़ी यशोधर पंत के जीवन-मूल्यों को अप्रासंगिक मानती है। उनका लक्ष्य सिर्फ धन कमाना है। वे भौतिक चकाचौंध को ही सब कुछ मानते हैं। इसके अलावा, सामूहिक या संयुक्त परिवार के कष्ट उन्होंने अनुभव किए हैं। उन्हें व्यक्तिगत उन्नति के अवसर नहीं मिलते थे। इन सभी कारणों से नई पीढ़ी पुराने मूल्यों को स्वीकार नहीं करती। प्रश्न 14. यशोधर बाबू परंपरा से जुड़े हुए हैं। वे सादगी का जीवन जीना चाहते हैं। संग्रह वृत्ति, भौतिक चकाचौंध से दूर, वे आत्मीयता, सामूहिकता के बोध से युक्त हैं। इन सबके कारण वे भौतिक संसाधन नहीं एकत्र कर पाते । फलतः वे घर में ही अप्रासांगिक हो जाते हैं। उनकी पत्नी बाहरी आवरण को बदल पाती है, परंतु मूल संस्कारों को नहीं छोड़ पाती। बच्चों की हठ के सम्मुख वह मॉडर्न बन जाती है। समय परिवर्तनशील होता है। जीवन-मूल्य भी अपने रूप को बदल लेते हैं। प्रश्न 15. प्रश्न 16. वे अपने घर में कुमाऊँनी परंपरा से संबंधित आयोजनसालोंसाल तक करवाते रहे। उनकी इच्छा थी कि समाज में उन्हें सम्मानित व्यक्ति समझा जाए। वे भौतिक चकाचौंध को गलत समझते थे। उन्हें अप ने बच्चों की प्रगति अच्छी लगती थी, परंतु उनका वैचारिक दायरा बहुत बड़ा नहीं था। वे अपनी आमदनी के अनुरूप खर्च करना चाहते थे। इन गुणों से उन्हें आदर्श व्यक्तित्व माना जा सकता है। नई पीढ़ी को उनके जीवन के प्रमुख तत्वों को आत्मसात करना चाहिए। प्रश्न 17.
यदि भूषण की जगह हम होते तो हम अपने ‘बब्बा’ के प्रति अच्छा व्यवहार करते। उन्हें पूरा सम्मान दिया जाता। उनकी ज़रूरतों का ध्यान रखा जाता। प्रश्न 18. पुरानी पद्धति पर जीवन जीने वाले अप्रासंगिक माने जाने लगे हैं। आदर्श व्यवहार की कसौटी पर असफल हो रहा है। ऐसे माहौल में यशोधर जैसे व्यक्तियों की इच्छा धराशयी हो जाती है। ये लोग समयानुसार अपने में बदलाव नहीं कर पाते और घर में ही अकेले रह जाते हैं। We hope the given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 1 सिल्वर वैडिंग will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 1 सिल्वर वैडिंग, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. 6 यशोधर बाबू ने किशनदा से जिन जीवन मूल्यों को पाया था वह आपके लिए भी कैसे उपयोगी हो सकते हैं ?`?Expert-Verified Answer
जैसे ऑफिस में काम काज मन लगाकर करना, अपने सहयोगियों के साथ प्रेम व आत्मीयता के संबंध कायम रखना, सुबह-सुबह टहलने की आदत डालना, पहनने-ओढ़ने का शालीन तरीका अपनाना, किराए के मकान में रहना और रिटायर हो जाने पर गाँव वापस चले जाना।
यशोधर बाबू अपने रोल मॉडल किशनदा से क्यों प्रभावित है?किशनदा जैसे दयालु एवं सामाजिक व्यक्ति ने यशोधर जैसे कई लोगों को अपने घर में आसरा दिया था। यशोधर बाबू को सरकारी विभाग में नौकरी भी उन्होंने ही दिलवायी थी। इस तरह जीवन में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले व्यक्ति से प्रभावित होना स्वाभाविक था। यशोधर बाबू तो पूरी तरह किशनदा से प्रभावित हो गए।
यशोधर बाबू ने अपनी सिल्वर वैडिंग का केक क्यों नहीं खाया?इसका कारण यह था कि वे पुराने संस्कारों वाले थे। उन्हें विलायती ढंग से केक काटना पसंद न था। इसके अतिरिक्त उन्हें इस आयोजन के लिए पूछा तक नहीं गया था। वे नए व पुराने के बीच संतुलन नहीं रख या रहे थे।
यशोधर बाबू का पूरा नाम क्या था?यशोधर पंत (वाई. डी. पंत)-: कहानी के प्रमुख पात्र । सेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत । यशोधर बाबू परंपरागत मूल्यों का अनुकरण करने वाले है ।
|