आम को शुद्ध हिंदी में क्या कहते हैं? - aam ko shuddh hindee mein kya kahate hain?

आम ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ आम्र] एक बढ़ा पेड़ उसका फल । रसाल । विशेष—यह वृक्ष उत्तर पश्चिम प्रांत को छोड़ और सारे भारत वर्ष में होता है । हिमालय पर भूटान से कुमाऊँ तक इसके जंगली पेड़ मिलते है । इसकी पत्तियाँ लंबी गहरे हरे रंग की होती है । फागु के महीने में इसके पेड़ मंजरियों या मौरों से लद जाते है, जिनकी मीठी गंध से दिशाएँ मर जाती हैं । चैत के आरंभ में मौर झड़ने लग जाते हैं ओर 'सरसई' (सरसों के बराबर फल) बैठने लगते हैं । जब कच्चे फल बैर के बराबर हो जाते हैं, तब वे 'टिकोरे' कहलाते है । जब वे पूरे बढ़ जाते हैं और उनमें जाली पड़ने लगती है, तब उन्हे 'अँबियाँ' कहते हैं । फल के भीतर एक बहुत कड़ी गुठली होती है । जिसके ऊपर कुछ रेशेदार गूदा चढ़ा रहता है । कच्चे फल का गूदा सफेद और कड़ा होता है और पक्के फल का गीला और पीला । किसी किसी में तो बिलकुल पतला रस निकलता है । अच्छी जाति के कलमी आमों की गुठली बहुत पतली होती है और उनका गूदा बँधा हुआ, गाढ़ा तथा बिना रेश का होता है । आम का फल खाने में बहुत मीठा होता हे । पक्के आम आषाढ़ से भादों तक बहुतायत से मिलते हैं । केवल बीज से जो आम पैदा किए जाते है उन्हें "बीजू' कहते हैं । ये उतने अच्छे नहीं होते । इसी से अच्छे आम कलम और पैबंद लगाकर उत्पन्न किए जाते हैं, जो 'कलमी' कहलाते हैं । पैबंद लगाने की यह रीति है कि पहले एक गमले में बीज रखकर पौधा उत्नन्न करते हैं । फिर उस पौधे की किसी अच्छे पेड़ के पास ले जाते हैं और उसकी डाल उस अच्छे पेड़ की डाल से बाँध देते हैं । जब दोनों की ड़ाल बिलकुल एक होकर मिल जाती है, तब गमले के पौधे की अलग कर लेते हैं । इस प्रकिया से गमलेवाले पौधे में उस अच्छे पौधे के गुण आ जाते हैं । दूसरी युक्ति यह है कि अच्छे आम की ड़ाल को काटकर बिसी बीजू पौधे के ठुँठे में ले जाकर मिट्टी के साथ बाँध देते हैं । आम के लिये हड़ड़ी की खाद बहुत उपकारी होती है । आम के बहुत भेद है; जैसे मालदह, बंबंइया, दशहरी सकेदा, चौसा, अलफांजो लँगड़ा, सफेदा, कृष्णाभोग,रामकेला इत्यादि । भारतवर्ष में दो स्थान आमों के लिये बहुत प्रसिद्ध हैं—मालदह (बंगाल में) और मझगाँव (बंबई में) । मालदह आम देखने में बहुत बड़ा होता है, पर स्वाद में फीका होता है । बंबइया आम मालदह से छोटा होता है, पर खाने में बहुत मीठा होता है । लँगड़ा आम देखने में लंबा लंबा होता है और सबसे मीठा होता है । बनारस का लँगड़ा प्रसिद्ध है । लखनऊ का सफेदा भी मिठास में अपने ढंग का एक है । इसका छिलका सफेदी लिए होता है, इसी से इसे सफेदा कहते हैं । जितने कलमी और अच्छे आम हैं, वे सब छुरी से काटकर खाए जाते हैं । आम के रस को रोटी की तरह जमाकर अबंसठ य़ा अमावट बनाते है । कच्चे आम का पन्ना लु लगने की अच्छी दवा है । कच्चे आमों की चटनी बनती है तथा अचार और मुरब्बा भी पड़ता है । आम की फाँकों की खटाई के लिये सुखाकर रखते हैं जो अमहर के नाम से बिकती है । इसी अमहर के चूर को अमचूर कहते हैं । आम की लकड़ी के तख्ते, किवाड़ चौखट आदि भी बनते है, पर उतने मजबूत नहीं होते । इसकी छाल और पत्तियों से एक प्रकार का पीला रंग निकलता है । चौपायों को आम की पत्ती खिलाकर फिर उनके मुत्र को इकट्ठा करके प्योरी रंग बनाते है । पर्या॰—चूत । रसाल । अतिसोरभ । सहकार । माकंद । यौ॰—अमचुर । अमहर । मुहा॰—आम के आम, गुठली के दाम= दोहरा लाभ उठाना । आम खाने से काम या पेड़ गिनने से= इस वस्तु से अपना काम निकालो, इसके बिषय में निरर्थक प्रश्न करने से क्या प्रयोजन । बारी में बारह आम सट्टी में अटठारह आम= जहाँ चीज महँगी मिलनी चाहिए, वहाँ उस स्थान से भी सस्ती मिलना जहाँ साधारणत: वह चीज सस्ती बिकती है । (यह ऐसे अवसर पर कहा जाता है जब कोई किसी वस्तु का इतना कम दाम लगाता है जितने पर वह वस्तु जहाँ पैदा हौती है, वहाँ भी नहीं मिल सकती ।)

आम ^२ वि॰ [सं॰] कच्चा । अपक्व । असिद्ध । उ॰—बिगरत मन संन्यास लेत जल नावत आम घरो सो ।-तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ५४५ ।

आम ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. खाए हुए अन्न का कच्चा , न पचा हुआ मल जो सफेद और लसीला होता है । यौ॰. आमातिसार ।

२. वह रोग जिसमें आँव गिरती है । यौ॰.—आमज्वर । आमवात ।

आम ^४ वि॰ [अ॰]

१. साधारण । सामान्य । मामूली । जैसे,— आम आदमियों को वहाँ जाने की आदत नहीं है । उ॰— आम लोग उनकी सोहबत को अच्छा न समझते थे ।— प्रताप॰ ग्रं॰ पृ॰ २७५ । यौ॰.— आमखास=महलों के भीतर का वह भाग जहाँ राजा या बादशाह बैठते हैं । दरबार आम=वह राजसभा जिसमें सब लोग जा सकें । आमफहम=जो सर्वसाधारण की समझ में आवे । उ॰—इबारत वही अच्छी कही जायगी जो आमफहम और खासपसंद हो । —प्रेमघन॰, भा॰, २, पृ॰ ४०९ ।

२. प्रसिद्ध । विख्यात । जैसे,—यह बात अब आम हो गई है, छिपाने से नहीं छिपती । विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग वस्तु के लिये होता है, व्याक्ति के लिये नहीं ।

आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है।

इतिहास

भारतीय उपमहाद्वीप में कई हजार वर्ष पूर्व आम के बारे में लोगों को पता चल गया था और उसकी खेती की जाती थी। चौथी से पाँचवीं शताब्दी पूर्व ही यह एशिया के दक्षिण पूर्व तक पहुँच गया। दसवीं शताब्दी तक पूर्वी अफ्रीका में भी इसकी खेती शुरू हो गई। 14वीं शताब्दी में यह ब्राजील, बरमूडा, वेस्टइंडीज और मेक्सिको तक पहुँच गया।

नाम

संस्कृत भाषा में इसे आम्रः कहा जाता है, इसी से हिन्दी, मराठी, बंगाली, मैथिली आदि भाषाओं में इसका नाम "आम" पड़ गया। मलयालम में इसका नाम मान्न है। वर्ष 1498 में केरल में पुर्तगाली मसाला को अपने देश ले जाते थे। वहीं से आम और इसका नाम भी ले गए। वे लोग इसे मांगा बोलते थे। यूरोपीय भाषाओं में इसका नाम 1510 में पहली बार इटली भाषा में लिया गया। इसके बाद इटली भाषा से अनुवाद के दौरान ही यह फ्रांसीसी भाषा में आया और उससे होते हुए अंग्रेजी में आया, लेकिन अंत में "-ओ" का उच्चारण अभी तक स्पष्ट नहीं है कि यह कैसे आया। अतः यह कहा जा सकता है कि इन सभी भाषाओं ने मलयालम भाषा से इस शब्द को लिया।

उत्पादन

दुनिया का 41 फीसदी आम का उत्पादन भारत करता है। भारत के अलावा चीन और थाईलैंड इसके सबसे बड़े उत्पादक हैं। [2]

आम संशोधन केंद्र भारत में उत्तर प्रदेश के लखनऊ और महाराष्ट्र के वेंगुर्ला में है। आम का पेड़ साधारणरूप से 35 ते 40 मीटर ऊंचा और उसका घेर साधारण रूप से 10 मीटर इतना होता है। आम के पत्ते सदाबहार होते हैं। पत्ते डंगाल पर एक के बाद एक आते हैं। आम के पत्ते 15 ते 35 सेंटिमीटर लंबे तो 6 से 16 सेंटिमीटर चौडे होते हैं। सबसे बड़े आप उत्पादक देशों की सारणी 2019 तक इस प्रकार है- [2]

आम का दूसरा नाम क्या है?

दशहरी, लंगड़ा, सफेदा, चौसा, फजली, मालदा, सिंदूरी, तोतापरी, नीलम, आम्रपाली।

आम को हिंदी में क्या कहते हैं?

आम एक प्रकार का रसीला फल होता है। इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं। इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। ... .

आम के कितने नाम होते हैं?

Varieties Of Mangoes : हमारे देश के अलग अलग हिस्‍सों में करीब 1500 आम की प्रजातियां उपजाई जाती हैं..
दशहरी आम दशहरी आम उत्तर प्रदेश से ताल्‍लुख रखता है. ... .
चौसा आम ... .
तोतापुरी आम ... .
अल्‍फांसो आम ... .
हिमसागर आम ... .
सिंधुरा आम ... .
लंगडा आम ... .
रसपुरी आम.

आम का राजा कौन सा है?

अलफांसो आम देश के सबसे चर्चित आमों में से एक है. इसे आमों का राजा भी कहा जाता है. इसे मुख्य रूप से महाराष्ट्र में उगाया जाता है. वहां इसे हापुस के नाम से जाना जाता है.