पुनर्जन्म अर्थात मरने के बाद फिर से नया जन्म होता है या नहीं, इस बारे में विज्ञान तो किसी एक नतीजे पर पहुंच ही नहीं पाया है, धर्म दर्शन भी एक मत नहीं है। Show भारतीय मूल के सभी धर्म दर्शन पुनर्जन्म को मानते हैं, यहां तक कि आत्मा के अजर अमर अस्तित्व को ले कर मौन रहने वाले बौद्ध और जैन दर्शन भी पुनर्जन्म की संभावना को निश्चित मानते हैं। फिर से जन्म लेने की तकनीक पर भले ही मतभेद हों, पर दोबारा जन्म की बात को किसी न किसी रूप में सभी मान रहे हैं। विज्ञान दूसरी तरह से मानता है कि शरीर या जीवन का अंत नहीं होता। उसका रूप बदलता रहता है क्योंकि पदार्थ और शक्ति का कभी नाश नहीं होता। विभिन्न तत्वों (पंचतत्वों) के संयोग से जो जीव बनते हैं, मृत्यु के समय वे नष्ट होते तो दिखाई देते हैं पर वास्तव में वे मिट नहीं जाते। प्रश्न: पुनर्जन्म किसको कहते हैं? प्रश्न: पुनर्जन्म क्यों होता है? प्रश्न: अच्छे बुरे कर्मों का फल एक ही जन्म में क्यों नहीं मिल जाता? एक में ही सब निपट जाये तो कितना अच्छा हो? प्रश्न: पुनर्जन्म को कैसे समझा जा सकता है? प्रश्न: शरीर के बारे में समझाएँ? शरीर की रचना को दो भागों में बाँटा जाता है ( सूक्ष्म शरीर और स्थूल शरीर ) । प्रश्न: सूक्ष्म शरीर किसको बोलते हैं? प्रश्न: स्थूल शरीर किसको कहते हैं? प्रश्न: जन्म क्या होता है? प्रश्न: मृत्यु क्या होती है? प्रश्न: मृत्यु होती ही क्यों है? प्रश्न: मृत्यु न होती तो क्या होता? प्रश्न: क्या मृत्यु होना बुरी बात है? प्रश्न: यदि मृत्यु होना बुरी बात नहीं है तो लोग इससे इतना डरते क्यों हैं? प्रश्न: तो मृत्यु के समय कैसा लगता है? थोड़ा सा तो बतायें? प्रश्न: मृत्यु के डर को दूर करने के लिए क्या करें? प्रश्न: किन किन कारणों से पुनर्जन्म होता है? प्रश्न: पुनर्जन्म कब कब नहीं होता? प्रश्न: मोक्ष होने पर पुनर्जन्म क्यों नहीं होता? प्रश्न: मोक्ष के बाद क्या कभी भी आत्मा का पुनर्जन्म नहीं होता? प्रश्न: लेकिन मोक्ष तो सदा के लिए होता है, तो फिर मोक्ष की एक निश्चित अवधि कैसे हो सकती है? प्रश्न: मोक्ष की
अवधि कब तक होती है? प्रश्न: मोक्ष की अवस्था में स्थूल शरीर या सूक्ष्म शरीर आत्मा के साथ रहता है या नहीं? प्रश्न: मोक्ष के बाद आत्मा को शरीर कैसे प्राप्त होता है? प्रश्न:
मोक्ष की अवधि पूरी करके आत्मा को मनुष्य शरीर ही मिलता है या जानवर का? प्रश्न: क्यों केवल मनुष्य का ही शरीर क्यों मिलता है? जानवर का क्यों नहीं? प्रश्न: मोक्ष होने से पुनर्जन्म क्यों बन्द हो जाता है? प्रश्न: पुनर्जन्म से छूटने का उपाय क्या है? प्रश्न: पुनर्जन्म में शरीर किस आधार पर मिलता है? प्रश्न: कर्म कितने प्रकार के
होते हैं? और जो कर्म इन तीनों से बाहर हैं वे दिव्य कर्म कलाते हैं, जो कि ऋषियों और योगियों द्वारा किए जाते हैं । इसी कारण उनको हम तीनों गुणों से परे मानते हैं । जो कि ईश्वर के निकट होते हैं और दिव्य कर्म ही करते हैं । प्रश्न: किस प्रकार के कर्म करने से मनुष्य योनि प्राप्त होती है? (प्रश्न: किस प्रकार के कर्म करने से
आत्मा जीव जन्तुओं के शरीर को प्राप्त होता है? (प्रश्न: तो क्या
हमें यह पता लग सकता है कि हम पिछले जन्म में क्या थे? या आगे क्या होंगे? प्रश्न: तो फिर यह किसको पता चल सकता है? प्रश्न: यह बतायें की योगी यह सब कैसे जान लेता है? प्रश्न: क्या पुनर्जन्म के कोई प्रमाण हैं?
प्रश्न: क्या इस पुनर्जन्म को सिद्ध करने के लिए कोई उदाहरण हैं? प्रश्न: लेकिन ये सब मनघड़ंत बातें हैं, हम विज्ञान के युग में इसको नहीं मान सकते क्योंकि वैज्ञानिक रूप से ये बातें बेकार सिद्ध होती हैं, क्या कोई तार्किक और वैज्ञानिक आधार है इन बातों को सिद्ध करने का? प्रश्न: तो सिद्ध कीजीए ? तो यहाँ देखने की बात यह है कि इस जन्म में उसे पुरानी घटना के अनुकूल मिलती जुलती परिस्थिति से अपना वह सब याद आया जो कि उसकी गुप्त बुद्धि में दबा हुआ था । यानि की वही पुराने जन्म में उसके साथ जो प्रयोगशाला में हुआ, वैसी ही प्रयोगशाला उस दूसरे जन्म में देखने पर उसे सब याद आया । तो ऐसे ही बहुत सी उदहारणों से आप पुनर्जन्म को वैज्ञानिक रूप से सिद्ध कर सकते हो । प्रश्न: तो ये घटनाएँ भारत में ही क्यों होती हैं ? पूरा विश्व इसको मान्यता क्यों नहीं देता ? प्रश्न: क्या पुनर्जन्म केवल पृथिवी पर ही होता है या किसी और ग्रह पर भी ? प्रश्न: परन्तु यह बड़ा ही अजीब लगता है कि मान लो कोई हाथी मरकर मच्छर बनता है तो इतने बड़े हाथी की आत्मा मच्छर के शरीर में कैसे घुसेगी ? पुनर्जन्म कितने दिन बाद होता है?पुराणों के अनुसार मरने के 3 दिन में व्यक्ति दूसरा शरीर धारण कर लेता है इसीलिए तीजा मनाते हैं। कुछ आत्माएं 10 और कुछ 13 दिन में दूसरा शरीर धारण कर लेती हैं इसीलिए 10वां और 13वां मनाते हैं। कुछ सवा माह में अर्थात लगभग 37 से 40 दिनों में।
क्या एक ही परिवार में पुनर्जन्म संभव है?जन्म लेने के बाद जब बच्चे बड़े होते हैं तब अपने पूर्वजों का नाम लेते हैं और वह कहते हैं कि वह यह काम करते थे और यहां नौकरी करते थे वह सब पूरी जानकारी देता है उसके बाद ही प्रूफ होता है कि हां यह एक ही परिवार में पुनर्जन्म बिल्कुल संभव है।
क्या इंसान पुनर्जन्म ले सकता है?शरीर के मृत्यु के बाद जीवात्मा पुनः जन्म धारण करता है और ये चक्र चलता ही रहता है। पुनर्जन्म का कारण सांसारिक पदार्थों में आसक्ति आदि है। जब व्यक्ति साधना के बल पर सांसारिक दुविधाओं से मुक्त होकर स्वयं को जान लेता है तब जन्म की प्रक्रिया से भी मुक्ति पा लेता है। फिर भी अपनी स्वेच्छा से जन्म धारण कर सकता है।
कैसे जाने कि हम पिछले जन्म में क्या थे?ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पूर्व जन्म जाननें के लिए आपको लग्न और लग्नेश की स्थिति को देखना चाहिए। यदि आपकी कुण्डली में गुरु लग्न यानी पहले घर में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि पूर्वजन्म में आप किसी विद्वान परिवार में जन्मे थे। ... . वैसे ज्योतिषों के मुताबिक आप चाहे तो खुद भी पता लगा सकते हैं कि आप पिछले जन्म में क्या थे।. |