अप्रैल में कौन सा त्यौहार आता है - aprail mein kaun sa tyauhaar aata hai

अप्रैल 2022 में कई बड़े त्यौहार पड़ रहे हैं। करीब 3 साल से कोरोना महामारी के चलते त्यौहारों की रौनक फीकी रहने के बाद अब कोरोना के प्रभाव में आई कमी को देखते हुए, माना जा रहा है इस बार अप्रैल 2022 में कई बड़े धार्मिक आयोजन धूमधाम से मनाए जाएंगे।

नई दिल्ली: अप्रैल का महीना शुरू हो गया है और व्रत त्योहार के लिहाज से यह महीना बेहद खास है. इसकी पहली वजह ये है कि यह हिंदू पंचांग (Panchang) का पहला महीना चैत्र का महीना है (Chaitra Month) जिसकी शुरुआत होली के दिन से हुई है. साथ ही इस महीने में चैत्र नवरात्रि का भी पर्व मनाया जाएगा. चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि से ही नवसंवत्सर और हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है. इसके अलावा अप्रैल के महीने (April 2021) में शीतला अष्टमी, बैसाखी और रामनवमी जैसे प्रमुख व्रत त्योहार भी आने वाले हैं. तो यहां देखें इन त्योहारों की पूरी लिस्ट.

2 अप्रैल: रंग पंचमी- अप्रैल के महीने की शुरुआत रंग पंचमी (Rang Panchmi) के त्योहार के साथ हो रही है. होली के पांचवें दिन यानी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन रंग को शरीर पर लगाकर नहीं बल्कि हवा में उड़ाकर त्योहार मनाया जाता है. 

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4 अप्रैल: शीतला अष्टमी- मां दुर्गा के अनेक रूपों में से एक है मां शीतला का रूप जिन्हें बीमारियां दूर करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है. शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami) के दिन माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है इसलिए इस दिन को कई जगहों पर बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है. 

7 अप्रैल: पापमोचिनी एकादशी- पुराणों के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पाप मोचिनी एकादशी (Paapmochni Ekadashi) कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश हो जाता है.

9 अप्रैल: प्रदोष व्रत- हर महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है और इस दिन प्रदोष का व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है. एकादशी की ही तरह हर महीने में 2 बार प्रदोष का व्रत रखा जाता है. चैत्र कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 9 अप्रैल को है. ऐसी मान्यता है कि प्रदोष का व्रत हर प्रकार के दोष को मिटा देता है. 

10 अप्रैल: मासिक शिवरात्रि- हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि के अलावा हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है.

12 अप्रैल: सोमवती अमावस्या- अमावस्या तिथि जब सोमवार को पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है. इस दिन हरिद्वार कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी है. हिंदू पंचांग के अनुसार इसे साल का अंतिम दिन माना जाता है क्योंकि इसके अगले दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. 

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13 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, घट स्थापना, नवसंवत्सर- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत होती है. इसी दिन कलश या घट की स्थापना की जाती है और हर दिन 9 दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. साथ ही 13 अप्रैल से ही हिंदू नववर्ष और नए विक्रम संवत 2078 की भी शुरुआत मानी जाती है. साथ ही इस दिन गुड़ी पड़वा का त्योहार भी मनाया जाता है. 

14 अप्रैल: वैसाखी- वैसाखी (Baisakhi) का त्योहार मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा के साथ उत्तर भारत के कुछ राज्यों में मनाया जाता है. फसल कटने के बाद नए साल के आगमन के रूप में इस त्योहार को मनाया जाता है. इस दिन कुंभ का दूसरा शाही स्नान होगा.

16 अप्रैल: विनायक चतुर्थी- शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) कहते हैं. यह दिन प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश को समर्पित है.

21 अप्रैल: राम नवमी- रामनवमी (Ramnavmi) हिंदू धर्म का एक और पावन त्योहार है जो भगवान श्रीराम को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था. 

22 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि पारण- चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 22 अप्रैल गुरुवार को किया जाएगा. इस दिन विधि पूर्वक व्रत का पारण करना चाहिए.

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23 अप्रैल: कामदा एकादशी- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी (Kamda Ekadashi) कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर श्रीहरि भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

24 अप्रैल: शनि प्रदोष- अप्रैल महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 24 अप्रैल शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh) कहा जाएगा जो बहुत फलदायी है. यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की भी कृपा रहती है और शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनि प्रदोष व्रत को सबसे उत्तम माना जाता है. 

25 अप्रैल: महावीर जयंती- महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे जिनकी जयंती महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) के रूप में 25 अप्रैल को मनायी जाएगी. 12 साल की कठिन तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. 

27 अप्रैल: चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती- इस दिन उपवास रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह चैत्र माह की अंतिम तिथि होती है. इस दिन हरिद्वार कुंभ का तीसरा और आखिरी शाही स्नान भी होगा. साथ ही इस दिन संकट मोचन हनुमान जी की जयंती (Hanuman Jayanti) भी मनाई जाएगी. माना जाता है कि इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था.

अप्रैल महीने में कौन से त्योहार आते हैं?

अप्रैल का महीना सनातन धर्म में बहुत ही खास महत्‍व वाला माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास में नवरात्र, बैशाखी के साथ-साथ हनुमान जयंती जैसे प्रमुख बड़े व्रत त्‍योहार पड़ते हैं और इनका हिंदू धर्म में खास महत्‍व माना जाता है। चैत्र मास का महीना पूजापाठ और धर्म-कर्म के कार्यों के लिए विशेष माना जाता है।

15 अप्रैल को कौन सा त्यौहार है?

कामदा एकादशी (15 अप्रैल, सोमवार) चैत्र शुक्ल एकादशी को कामदा एकादशी के रूप में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान् नारायण का पूजन, अर्चन और स्तवन करने से वे प्रसन्न होते हैं और उपासक को सभी पापों से मुक्त कर देते हैं।

13 अप्रैल को कौन सा त्यौहार पड़ता है?

13 अप्रैल, मदन द्वादशी व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मदन द्वादशी व्रत रखा जाता है। इस साल मदन द्वादशी व्रत 13 अप्रैल को है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करते हैं।

2 अप्रैल को कौन सा त्यौहार था?

2 अप्रैल – झूलेलाल जयंती 2 अप्रैल को ही इस बार झूलेलाल जयंती भी मनाई जाएगी। झूलेलाल भगवान कृष्‍ण के ही एक रूप कहलाए हैं। सिंधी समाज के लोगों में इस त्‍योहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन जगह-जगह मंदिरों में धार्मिक आयोजन और भंडारा किया जाता है।