Show असाध्य वीणा को कौन साध पाया?अंततः इस असाध्य वीणा को केशकम्बली प्रियंवद नाम का साधक ही इसे साध पाता है।
असाध्य वीणा से आप क्या समझते हैं?वस्तुत : असाध्य वीणा जीवन का प्रतीक है, हर व्यक्ति को अपनी भावना के अनुरूप ही उसकी स्वर लहरी प्रतीत होती है । व्यक्ति को अपनी भावना के अनुरूप ही सत्य की उपलब्धि होती है तथा भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को कला की प्रतीति भिन्न-भिन्न रूप में इसलिए होती है, क्योकि उनकी आन्तरिक भावनाओं में भिन्नता होती है ।
असाध्य वीणा नामक लंबी कविता के रचनाकार कौन है?असाध्य वीणा अज्ञेय की रचना है। असाध्य वीणा कविता आँगन के पार द्वारा (1961) कविता संग्रह में है।
असाध्य वीणा कविता का नायक कौन है?उत्तर - 'असाध्य वीणा' का नायक प्रियवंद है।
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