आम धारणा के विपरीत, शिशु का मल हरे रंग का इसलिए नहीं होता, क्योंकि उसको सर्दी-जुकाम हो गया है या फिर उसके दांत निकल रहे हैं। Show अनन्य स्तनपान (एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग) करने वाले शिशु का मल आमतौर पर चटक पीले रंग का और अच्छी सुगंध वाला होता है। यह मस्टर्ड पेस्ट के समान गाढ़ा होता है। कई बार शिशु का मल दानेदार और फटे हुए दूध के समान हो सकता है। स्तनपान करने वाले शिशुओं में कभी-कभार हरा मल आना काफी सामान्य है। यदि शिशु का वजन बढ़ रहा है और उसका विकास सही हो रहा है तो चिंता की कोई बात नहीं होती। यदि आप शिशु को अनन्य स्तनपान करवाती हैं और उसका मल हरे रंग का है, तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं:
यदि शिशु का मल लगातार हरा ही बना रहे, तो उसे डॉक्टर को दिखाएं। बेहतर है कि डॉक्टर ही पता लगाएं कि शिशु के हरे मल का कारण क्या है और आप इसके लिए क्या कर सकती हैं। यदि आपका शिशु स्तन को सही तरीके से मुंह में नहीं ले पा रहा है, तो स्तनपान के अंत में आने वाला वसायुक्त गाढ़ा दूध उसे पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा। वसायुक्त यह गाढ़ा दूध शिशु को उसकी जरुरत की अधिकांश कैलोरी प्रदान करता है और उसका पेट भरता है। अगर, उसे केवल कम वसा वाला अग्रदूध ही मिल पा रहा है, तो उसे दोबारा बहुत जल्दी भूख लग जाएगी और वह ज्यादा बार स्तनपान करना चाहेगा। इसका मतलब है कि 24 घंटों में आपका शिशु ज्यादा बार दूध पी रहा होगा, जबकि अगर उसने उचित ढंग से स्तन को मुंह में लिया होता तो ऐसा नहीं होता। हो सकता है, शिशु का शरीर पानीयुक्त दूध से मिलने वाली लैक्टोज (दुग्ध शर्करा) की बढ़ी हुई मात्रा को वहन नहीं कर पा रहा हो। अगर, शिशु उचित प्रकार से लक्टोज की मात्रा नहीं पचा पा रहा, तो उसकी अंतड़ियों में सामान्य से अधिक गैस और पानी होगा। इसकी वजह से उसे ऐंठन वाला दर्द और पतला व हरा (अक्सर तीव्रता से निकलने वाला) मल होगा। अच्छी बात यह है कि इस समस्या का आसानी से समाधान निकाला जा सकता है। आपकी डॉक्टर या स्तनपान सलाहकार यह देख सकती हैं कि आपका शिशु उचित ढंग से स्तन मुंह में ले पा रहा है या नहीं और हर स्तन से पर्याप्त समय तक दूध पी रहा है या नहीं। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि शिशु को जरुरी वसा समृद्ध दूध पूरा मिले। यदि आप शिशु को एक निश्चित समय तक दूध पिलाकर स्तनपान करवाना बंद कर देती हैं, तो भी संभव है कि शिशु को वसा युक्त दूध न मिल पाए। इसलिए एक स्तन से स्तनपान पूरा कर लेने पर शिशु के खुद उस स्तन को छोड़ देने का इंतजार करें। और इसके बाद ही उसे दूसरे स्तन से दूध पिलाएं। यदि आप शिशु को ही इस बात का निर्णय करने दें कि उसे कब स्तन छोड़ना है, तो इससे उसे जरुरी मात्रा में दूध मिल सकेगा। यदि आपका शिशु एक बार में केवल एक स्तन से ही दूध पीता है, तो भी कोई बात नहीं है। अगर, शिशु ने ठोस आहार खाना शुरु कर दिया है, तो जो भोजन वह खाता है, उसका मल उसी भोजन के रंग का हो सकता है। ठोस आहार खाने वाले शिशुओं में हरे मल का मतलब हो सकता है कि शिशु उस विशेष भोजन के प्रति संवेदनशील है। अगर, आपको जरा भी आशंका हो कि शिशु को भोजन से एलर्जी या असहिष्णुता है, तो आपको सीधे अपने शिशु के डॉक्टर से बात करनी चाहिए। अंग्रेजी के इस लेख से अनुवादित: Why are my breastfed baby's stools often green? हमारे लखे पढ़ें:
ReferencesNCT. 2010. What's in a nappy? [pdf file] NHS Choices. 2013. Nappies. Unicef. 2010. Breastfeeding assessment form. [pdf file] West D. 2008. Am I making too much milk? La Leche League International. Neha translates BabyCenter India's English content into Hindi to make it available to a wider audience. बच्चे को हरी पॉटी क्यों आती है?शिशुओं में हरे रंग का मल होना भी आम होता है। हरे रंग का मल होने के प्रमुख कारण बच्चे में सर्दी, पेट में कीड़े, खाद्य एलर्जी या एंटीबायोटिक दवाओं से परहेज आदि हो सकते हैं। शिशु में हरे रंग के मल का एक कारण यह भी होता है कि स्तनपान कराने वाली मां का पीलिया का इलाज चल रहा हो या उसके पाचन तंत्र में कोई समस्या हो गई है।
बच्चों में हरे मल को कैसे रोकें घरेलू उपचार?नारियल पानी में न्यूट्रीएंट्स और मिनरल्स अच्छी मात्रा में होते हैं. इससे शिशु का पतला मल मोटा और कठोर हो जाता है. नारियल पानी में पाए जाने वाला फाइबर कॉन्टेंट बच्चे के दस्त को जल्द ठीक करने में मदद करता है. 2- नमक चीनी का पानी- किसी को भी दस्त लगने की समस्या होने पर नमक-चीनी का घोल पीने की सलाह दी जाती है.
बच्चे झाग वाली लैट्रिन क्यों करते हैं?अगर बच्चे की पॉटी में झाग या बुलबुले नजर आएं तो इसका मतलब ये है कि बच्चे को स्तनपान के दौरान आखिर का या पिछला वाला दूध नहीं मिल पा रहा है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान शुरुआत में जो दूध निकलता है, उसमें कैलोरीज की मात्रा कम होती है और बाद में जो दूध निकलता है वह ज्यादा पौष्टिक होता है और उसी से बच्चे का पेट भरता है।
नवजात शिशु 1 दिन में कितनी बार पॉटी करता है?जब बच्चा माँ का दूध लेता है तो आमतौर बच्चो को Potty दो तरह की होती है। हर बार दूध लेने के बाद Potty होना। यनेके बच्चा १० से २० बार भी Potty करे , पर बच्चा दूध अच्छा ले रहा है , बच्चा ठीक से सो रहा है और urine भी ठीकसे ६-७ बार दिन में पास कर रहा है, तो डरने की बात नहीं है।
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