बरेली, जेएनएन। Constitution Day 2021 : भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, लेकिन उससे दो महीने पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाने वाली सभा ने कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद आखिरकार संविधान को अंगीकार किया था। विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान के निर्माण के लिए देश भर से 389 सदस्य चुने गए थे। बरेली के लोगोंं के लिए यह गर्व की बात है कि जिले के भी दो सदस्यों ने संविधान निर्माण में सहयोग किया। Show हैलो! मैं सांसद जी का प्रतिनिधि बोल रहा हूं, सीओ ने जांच कराई तो निकला शराबी यह भी पढ़ेंये हैं आलमगिरिगंज निवासी सतीश चंद्र और शहर के ही सेठ दामोदर राव, दोनों स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। अंग्रेजों ने इन्हें तीन बार सलाखों के पीछे भेजा। सतीश चंद्र दो साल तक भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी रहे, ये वही संविधान सभा थी जिसनेे कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद आखिरकार संविधान को अंगीकार किया था। संविधान की स्वीकृति के बाद सतीश चंद्र वर्ष 1950 से 1952 तक देश की अंतरिम संसद के सदस्य रहे। वर्ष 1952 में बरेली से पहले सांसद भी सतीश चंद्र बने। Bareilly News: जिला जेल अधीक्षक को फोन पर दी गोली मारने की धमकी, खुद को बताया बंदी गैंगस्टर का भाई यह भी पढ़ेंसंविधान सभा के सदस्यों ने तीन साल में 166 बार की थी मुलाकात : कानून के जानकार बताते हैं कि संविधान पूरी तरह अपनाए जाने से पहले संविधान सभा के सदस्यों ने दो साल 11 महीने और 18 दिन के समय में 166 बार मुलाकात की थी।इस दौरान दो महीनों तक संविधान का पाठ किया गया और इसे अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया गया। Bareilly News: होटल के स्टाफ रूम में बिस्तर में मिला बुकिंग मैनेजर का शव, 30 साल से कार्यरत थे लखनऊ के शिवदयाल यह भी पढ़ेंअंग्रेजों के खिलाफ पर्चे चिपकाते थे सेठ दामोदर दास स्वरूप : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संविधान स्थापक सदस्यों में सेठ दामोदर स्वरूप भी थे। हालांकि स्थापित संविधान पर इन्होंने किसी वजह से हस्ताक्षर नहीं किया था। राष्ट्रवादी विचार मंच के सचिव रहे राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि सेठ दामोदर स्वरूप छरहरे बदन के थे, ब्रितानिया हुकूमत के खिलाफ पर्चे चिपकाने के काम इन्हें ही मिलता था। अंग्रेज उन्हें पकड़ने आते तो दुबले-पतले होने की वजह से ये बचकर भाग जाते थे। आजादी के बाद जिले के एक व्यक्ति ने इनकी प्रतिमा बनवाई थी। UP Accident: यूपी के बरेली में घने कोहरे के चलते तीन अगल-अलग सड़क हादसों में महिला सहित तीन की मौत, 4 घायल यह भी पढ़ेंयह प्रतिमा उन्होंने सेठ त्रिलोकचंद्र को पार्क में लगवाने के लिए भेंट की थी। वैचारिक मतभिन्नता के कारण प्रतिमा नहीं लगी, बल्कि कैदखाने में बंद कर दी। बाद में राष्ट्रवादी विचार मंच ने संघर्ष किया। संस्थापक रमेश चंद्र गुप्त के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। तत्कालीन महापौर राजकुमार अग्रवाल ने सेठ दामोदर राव की प्रतिमा को कलेक्ट्रेट के पास पार्क में लगवाया। यह पार्क पहले से ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेठ दामोदर राव के नाम पर ही था। सावधान! अब बैंक में भी नहीं पैसा सुरक्षित, कैशियर ने ही लाखों रुपये कर लिये पार यह भी पढ़ेंवर्ष 1951 में पीएम नेहरू ने बनाया था संसदीय सचिव : सतीश चंद्र की योग्यता, कार्यक्षमता से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने वर्ष 1951 में इन्हें अपना संसदीय सचिव नियुक्त कर लिया। वर्ष 1952 में वह बरेली के पहले सांसद बने। इसके बाद अगले ही चुनाव में फिर सांसद चुने गए। तीसरी बार 1971 में सांसद चुने गए। इस दौरान वह कई मंत्रालयों में डिप्टी मिनिस्टर यानी उपमंत्री भी रहे। पंडित नेहरू के अलावा वह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के भी काफी करीबी थे। चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। भारतीय संविधान कितने देशों से मिलकर बना है भारत का संविधान लगभग 10 देशों से मिलकर 10 देशों से लिया गया है जिन से मिलकर बना है अमेरिका ब्रिटेन कनाडा ऐसे देशों से भारत का संविधान लिया गया है धन्यवाद bharatiya samvidhan kitne deshon se milkar bana hai bharat ka samvidhan lagbhag 10 deshon se milkar 10 deshon se liya gaya hai jin se milkar bana hai america britain canada aise deshon se bharat ka samvidhan liya gaya hai dhanyavad भारतीय संविधान कितने देशों से मिलकर बना है भारत का संविधान लगभग 10 देशों से मिलकर 10 देशों 10 215This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! भारत का संविधान कुल कितने देशों से लिया गया है?भीमराव अंबेडकर ने विश्व के महत्वपूर्ण 60 देशों के संविधानों का अध्ययन कर भारत का संविधान आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को तैयार किया था। जिस पर संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए।
भारत का संविधान कहाँ से लिया गया है?भारत की संसदीय शासन प्रणाली ब्रिटेन से प्रेरित है। साथ ही संविधान में एकल नागरिकता, कानून निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, मंत्रिमंडल प्रणाली, न्यायालय के विशेषाधिकार, संसदीय विशेषाधिकार और द्वि-सदनवाद को ब्रिटिश संविधान से लिया गया है।
संविधान में किन किन देशों से क्या क्या लिया गया है?आइए जानते हैं कि संविधान से जुड़ी किन-किन चीजों को किन-किन देशों से लिया गया है.. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ... . ब्रिटेन (Britain) ... . आयरलैंड (Ireland) ... . ऑस्ट्रेलिया (Australia) ... . जर्मनी (Germany) ... . साउथ अफ्रीका (South Africa) ... . कनाडा (Canada) ... . सोवियत संघ (Soviet Union). भारत का संविधान कितने लोगों ने लिखा था?Constitution Day 2021 भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान के निर्माण के लिए देश भर से 389 सदस्य चुने गए थे। बरेली के लिए यह गर्व की बात है कि जिले के भी दो सदस्यों ने सहयोग किया।
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